Posts Tag: उर्दू हिंदी ग़ज़ल 12 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid SURYA PRAKASH SHARMA 14 Aug 2024 · 1 min read अज़ीम हिन्दुस्तान ... *अज़ीम हिन्दोस्ताँ !* बता कैसे कहूँ आख़िर – 'है हिन्दुस्ताँ अज़ीम', यहाँ बे-ईमान लोगों की क़तारें हैं बहुत । सभी की इक़्तिज़ा है मुल्क में हमको मिले हक़, मग़र बे-फर्ज़... Hindi · 15 August · आजादी · उर्दू हिंदी ग़ज़ल · कविता गीत शायरी गजल · ग़ज़ल शायरी 1 76 Share Kirtika Namdev 17 May 2024 · 1 min read तुम गए हो यूँ तुम गए हो यूं, ये मुझे क्या हो रहा है। तुम गए हो यूं, आज आसमान भी रो रहा है।। कल तक तो साथ मेरे, आज क्यूँ बेदिली सी है।... Poetry Writing Challenge-3 · उर्दू हिंदी ग़ज़ल 65 Share दीपक झा रुद्रा 27 Mar 2024 · 1 min read मैं मुहब्बत के काबिल नहीं हूं। मैं हूं पतझड़ से गिरता महज पर्ण सा,तेरे ख्वाबों का साहिल नहीं हूं । मेरी मंज़िल है आगों से लिपटी हुई मैं मुहब्बत के काबिल नहीं हूं। मिन्नते आरजू छोड़... Hindi · उर्दू हिंदी ग़ज़ल 67 Share Arvind trivedi 22 Feb 2024 · 1 min read किसलिए चेहरे पर ये इताब किसलिए | ज़िन्दगी हमसे हिसाब किसलिए | भोर की प्यारी चमक सी तू दिखे, शाम तक गम का ख़िताब किसलिए | पूछतें हाल ओ ख़बर अमीर... Poetry Writing Challenge-2 · Gazal ग़ज़ल · उर्दू हिंदी ग़ज़ल · ग़ज़ल 1 95 Share Arvind trivedi 22 Feb 2024 · 1 min read हौंसलों की उड़ान हौंसलों की उड़ानें हुईं कम नहीं | कट गये पर मिरे ऐ खुदा ग़म नहीं | कश्तियों को लिए मैं चला जा रहा, रोक ले राह, तूफ़ान में दम नहीं... Poetry Writing Challenge-2 · Gazal ग़ज़ल · उर्दू हिंदी ग़ज़ल · ग़ज़ल 109 Share Arvind trivedi 22 Feb 2024 · 1 min read और हो जाती जफ़ाओं में वफा की ग़र तिजारत और हो जाती | सनम तुझको यहाँ मुझसे मुहब्बत और हो जाती | ज़रा सा मुस्कुराकर फिर पलक क्यों झुक गई आखिर ? पलक... Poetry Writing Challenge-2 · Gazal ग़ज़ल · उर्दू हिंदी ग़ज़ल 131 Share Arvind trivedi 22 Feb 2024 · 1 min read खुली तस्वीर को घूरती आँखें यहाँ जब हुस्न की तासीर को | इश्क बैठा हारकर फिर कोसता तकदीर को | है कहाँ मासूमियत अब दिल फ़रेबी से सभी, ज़हर की इन प्यालियों में... Poetry Writing Challenge-2 · Gazal ग़ज़ल · उर्दू हिंदी ग़ज़ल 1 2 73 Share *प्रणय प्रभात* 10 Dec 2023 · 1 min read #हिंदी_ग़ज़ल #हिंदी_ग़ज़ल ■ पर खोल रहा है वर्तमान।। 【प्रणय प्रभात】 ★ मुँह खोल रहा है वर्तमान। कुछ बोल रहा है वर्तमान।। ★ कितना खोया कितना पाया। यह तोल रहा है वर्तमान।।... Hindi · उर्दू हिंदी ग़ज़ल · प्रणय की ग़ज़ल 1 131 Share Chandan sharma 25 Jan 2023 · 1 min read ग़ज़ल समझ लेते हो जब तुम अपनों का दुख समझते क्यों नहीं फिर औरों का दुख मेरा दुख था कि मैं उस को खो दूँगा उसे था मेरे जैसे कितनों का... Hindi · Ghazal · Urduhindipoetryghazal · उर्दू हिंदी ग़ज़ल · ग़ज़ल 214 Share himanshu mittra 28 Oct 2022 · 1 min read ग़ज़ल बेसबब ये अंधेरे जल क्यों रहे हैं। शहर दोज़ख़ उजाले जल क्यों रहे हैं। हमने तो कोई तरक़्क़ी हासिल नहीं की। हमसे सारे के सारे जल क्यों रहे हैं। हर... Hindi · उर्दू हिंदी ग़ज़ल · कविता · गज़ल 116 Share Harinarayan Tanha 13 Oct 2022 · 1 min read नयी पुरानी उजरत में मारा जाएगा नयी पुरानी उजरत में मारा जाएगा नही तो बुरी नियत में मारा जाएगा झूठ ने बलवा मचा रखा है दुनियां में सच तो इसी दहशत में मारा जाएगा ज़िंदा रहने... Hindi · उर्दू हिंदी ग़ज़ल · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मेरी ग़ज़ल 163 Share डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD 10 Jul 2022 · 1 min read झुकी नज़रों से महफिल में सदा दीदार करता है। झुकी नज़रों से महफिल में सदा दीदार करता है। बड़ा मासूम दिलबर है, नहीं इकरार करता है! छुपा के दिल में अपने बेतहाशा प्यार करता है। मगर जब सामने आता... Hindi · उर्दू हिंदी ग़ज़ल · डॉ सिद्दीकी ग़ज़ल खैरा बाजार · डॉक्टर सगीर अहमद गजल · डॉक्टर सगीर अहमद सिद्दीकी 2 373 Share