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Tag: मुक्तक
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नशीली उसकी आंखो में__ मुक्कत
नशीली उसकी आंखो में__ मुक्कत
Rajesh vyas
कोई ओर मिला
कोई ओर मिला
R.K. Sharma
दूजा नहीं रहता
दूजा नहीं रहता
अरशद रसूल बदायूंनी
वाणी
वाणी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मेरा वजूद
मेरा वजूद
वीर कुमार जैन 'अकेला'
फर्क
फर्क
वीर कुमार जैन 'अकेला'
लेखनी मेरी
लेखनी मेरी
Anil Kewat
नमक
नमक
Umender kumar
श्रद्धा बिन श्राद्ध किस काम का ?
श्रद्धा बिन श्राद्ध किस काम का ?
ओनिका सेतिया 'अनु '
जिंदगी रेत जैसे फिसलती गयी
जिंदगी रेत जैसे फिसलती गयी
सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य'
जीत का जश्न
जीत का जश्न
अशोक मिश्र
श्रद्धा
श्रद्धा
अशोक मिश्र
सर्दी रानी जल्दी आओ
सर्दी रानी जल्दी आओ
ओनिका सेतिया 'अनु '
अपना साथ
अपना साथ
इंजी. संजय श्रीवास्तव
श्राद्ध
श्राद्ध
Godambari Negi Pundir
मुक्तक
मुक्तक
Shilpi Singh
"ईश्वर को याद करते जा"
पंकज कुमार कर्ण
प्रेम हमें भी है प्रेम तुम्हें भी है
प्रेम हमें भी है प्रेम तुम्हें भी है
Anil Kewat
वृद्धाश्रम और श्राद्ध
वृद्धाश्रम और श्राद्ध
ओनिका सेतिया 'अनु '
मुक्तक
मुक्तक
jyoti jwala
मुक्तक
मुक्तक
jyoti jwala
मुक्तक
मुक्तक
jyoti jwala
मुक्तक
मुक्तक
jyoti jwala
मुक्तक
मुक्तक
jyoti jwala
मुक्तक
मुक्तक
jyoti jwala
मुक्तक
मुक्तक
jyoti jwala
मुक्तक
मुक्तक
jyoti jwala
मुक्तक
मुक्तक
jyoti jwala
जिलेबी का दिवाना है कभी मधुमेह ना देखे
जिलेबी का दिवाना है कभी मधुमेह ना देखे
सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य'
तथाकथित बुद्धिजीवी
तथाकथित बुद्धिजीवी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मानवता झूठ है, अप्राकृतिक है l
मानवता झूठ है, अप्राकृतिक है l
अरविन्द व्यास
जुदाई है, जुदाई है
जुदाई है, जुदाई है
सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य'
लातों के भूत बातों से नहीं मानते ...
लातों के भूत बातों से नहीं मानते ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
जब तुम्हारी सरकार
जब तुम्हारी सरकार
Mahender Singh
करो कुछ काम ऐसा कि जिंदगी को नाज हो,
करो कुछ काम ऐसा कि जिंदगी को नाज हो,
निकेश कुमार ठाकुर
ओ री जवां मस्ती, चुस्ती, प्रीत बस्ती, प्रीत कश्ती l
ओ री जवां मस्ती, चुस्ती, प्रीत बस्ती, प्रीत कश्ती l
अरविन्द व्यास
कमरा किराए का है खाली तो करना होगा
कमरा किराए का है खाली तो करना होगा
सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य'
"ईश्वर का खिलौना"
चंदा भूपेंद्र 'चेतना'
नसीहत
नसीहत
पंकज कुमार कर्ण
अश्क पीकर आइए अब खिलखिलाएँ
अश्क पीकर आइए अब खिलखिलाएँ
सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य'
मुक्तक
मुक्तक
jyoti jwala
मेरे इस देश में अब तो ___ मुक्तक
मेरे इस देश में अब तो ___ मुक्तक
Rajesh vyas
"रिश्ते की डोर "
DrLakshman Jha Parimal
"सौगात "
DrLakshman Jha Parimal
न भूख न प्यास थी ____ मुक्तक
न भूख न प्यास थी ____ मुक्तक
Rajesh vyas
"स्वर्णिम युग आया हम लोगों का "
DrLakshman Jha Parimal
" हमारे लोग ...हमारी जमीन "
DrLakshman Jha Parimal
"ढोल "
DrLakshman Jha Parimal
तेरी याद...
तेरी याद...
DEVSHREE PAREEK 'ARPITA'
तनहाई का मौसम भी शायद सुहाना लगता है
तनहाई का मौसम भी शायद सुहाना लगता है
Ravi Singh Bharati
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