Tag: बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 काव्य प्रतियोगिता: बेटियाँ 283 posts Sort by: Latest Likes Views Tanishka Chaudhary 31 Jan 2017 · 1 min read हूं मैं कहां... मैं रहती हूं, पर हूं कहाँ। मैं सहती हूँ, पर हूं कहाँ। मैं डरती हूं, पर हूं कहाँ। मैं मरती हूं, पर हूं कहाँ। मैं लड़की हूं, मैं हूँ यहाँ।... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 518 Share मंजूषा मन 31 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ बेटियाँ बेटियाँ, बचपन से ही अपने माता पिता की 'माँ' बन जातीं हैं, नन्ही हथेली से सहलाती हैं पिता का दुखता माथा, छिंतीं हैं माँ के हाथ से चकला बेलन।... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 3 394 Share jyoti rani 31 Jan 2017 · 1 min read संघर्षों से लड़कर जीतती आयीं हैं बेटियां जन्म से पहले, जन्म के बाद, जीवन पर्यंत संघर्षों से लडती ही तो आयीं हैं बेटियां जिस देश में मातृशक्ति की होती है पूजा उसी देश में कोख को पाने... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 561 Share Keerti Verma 31 Jan 2017 · 1 min read बेटी है तो कल है तुम मेरे दिन की शुरुआत तुम हो मेरा कल और आज, तुम मेरी रातों की निंदिया तुम मेरे आंगन की चिड़िया। तुम दैवीय वरदान हो असीमित खुशियों की खान हो,... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 3 2k Share Sangeeta Dewangan 31 Jan 2017 · 1 min read मैं पंछी इस डाल की “मैं पंछी इस डाल की “ “पापा मै पंछी इस डाल की, रोज़ फुदकते रहती हूँ, हर रोज़ चहकते रहती हूँ | थाम लिए उँगली को ऐसे, चोटील होने से... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 286 Share कृष्णकांत गुर्जर 31 Jan 2017 · 1 min read क्यो बेटी मारी जाती है हे माँ बतला इक बात मुझे,क्यो बेटी मारी जाती है| कल माँ भी तो बेटी थी माँ ,फिर क्यो जिंदा रह जाती है|| बेदो मे और कुरानो मे,क्यो बेटी पूँजी... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 458 Share तेजवीर सिंह "तेज" 30 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ बेटा यदि घर-बार है,तो संसार बेटियाँ। मानव जनम में ईश का अवतार बेटियाँ। माता-पिता के प्यार का है सार बेटियाँ। वसुधा पे सीधा मोक्ष का हैं द्वार बेटियाँ। बेटा 'शगुन'... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 212 Share ajay pratap singh Chauhan 30 Jan 2017 · 1 min read कविता और बेटियां कविता और बेटियाँ ----------------- कवितायें और बेटियाँ होती हैं एक जैसी, भावनाओं के समंदर मे जब संवेदनाओं की लहरें, यथार्थ के धरातल से छू जाती हैं तो कविता बन जाती... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 343 Share Jyotsna Misra 30 Jan 2017 · 1 min read तुम्हारी बिटिया नहीं थी सुफल , पूर्व जन्मों की, मंतव्य किसी यज्ञ की. मुझे कभी माँगा नहीं गया, अनगिनत देवताओं से, हाथ उठा कर,सर नवा कर. मगर फिर भी मैं थी. तुम्हारे... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1 689 Share Madhu Nagar 30 Jan 2017 · 1 min read प्रतीक बेटियाँ राष्ट्र की पूँजी हैं बेटियाँ राष्ट्र की प्रतीक ये बेटियाँ , अम्बर को बाँहों मे लेती ये बेटियाँ , एन सी सी मे परिशिक्षित ये बेटियाँ । उन्नत मस्तक आकर्षक... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 361 Share Jamuna Mishra 30 Jan 2017 · 1 min read बिटिया कहत बिटिया धन हौत पराव । दो कुल की मर्यादा बेटिया फिर जो काय दुराव कहत विटिया धन......... मातपिता घर देबी रूपा महा लक्ष्मी पति घर में आदिशक्ति मां अन्नपूर्णा... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 339 Share शैलेन्द्र खरे"सोम" 30 Jan 2017 · 1 min read बेटियां * गीत * (तर्ज- न हम बेवफ़ा हैं न ......) कम बेटियाँ हैं, नम बेटियाँ हैं... ईश्वरका सब पर,करम बेटियाँ हैं... 1-बेटी तो रौनक होती है घर की। रंगत है... Hindi · गीत · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 380 Share डॉ गरिमा संजय दुबे 29 Jan 2017 · 2 min read सुनो बेटियों सुनो बेटियों डॉ . गरिमा संजय दुबे तुम हिमालय सी उत्तंग किंतू तुम्हारा कद , तुम्हारे स्कर्ट के छोटे होने पर निर्भर क्यों रहे ? तुम हीरे सी प्रकाशवान किंतू... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 428 Share Priyadarshini Agnihotri 29 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ घर की फुलवारी का सबसे सुंदर फूल होती बेटियाँ अपनेपन का आँगन होती बेटियाँ मिश्री सी मीठी डली होती बेटियाँ घर की ताजा सुबह होती बेटियाँ दूज का पतला चाँद... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 399 Share Shobha Kiran 29 Jan 2017 · 2 min read मैं बेटी मैं बेटी दो घरों की शान। फिरभी अपनी नहीं पहचान। माँ ,तुमने कितनी कोशिश की, मैं इस दुनिया में ना आऊँ। न जाने कितनी साजिश की, मैं कली,न फूल बन... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 904 Share Rashmi Singh 29 Jan 2017 · 1 min read क्यू तुमने मुँह फेर लिया सर्द रात जब तुम असहाय पीड़ा में थी मेरी किलकारी ने तुम्हारे सारे दर्द को भुला दिया था और तुम मुस्कुराते हुए बोली थी तुम मेरा अक्स हो और मैं... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1 374 Share आकाश अरोरा 29 Jan 2017 · 1 min read बेटियां कहते हैं, खानदान का ताज होती हैं बेटियां। फिर क्यूँ अपनों के ही प्यार को मोहताज होती है बेटियां। नहीं देते हम उन्हें हक़ थोडा सा भी जीने के लिए।... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1 506 Share रामबन्धु वत्स 29 Jan 2017 · 1 min read आज किस बेटी की बारी है हर माँ-बाप का मन भारी है, आज किस बेटी की बारी है I घर से निकली प्यारी अपने सपनों के साथ, पता नहीं कब क्या होगा उसके साथ I कानों... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 339 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 29 Jan 2017 · 2 min read मॉ की कोख मैं मुझे न मारो पापा मेरे प्यारे पापा, मुझे अपना लो पापा जी । मां की कोख में मुझे न मारो, मुझे बचा लो पापा जी ।। मुझको तुम दुनिया दिखला दो, मेरे प्यारे... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 1 2k Share Dr Narendra Kumar Tiwary 29 Jan 2017 · 1 min read ज़िन्दगी एक झोंके ने कुछ बातें पुरानी, ताज़ा बना गई । मोतियों की चमक, साँसों की गुलाबी महक छा गई । कुछ परतें जमी थी जिल्दों पर, पन्ने फड़फड़ा उठे रंग-बिरंगी... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 258 Share Anil Sharma 29 Jan 2017 · 1 min read पापा जल्दी घर आ जाना एक बाल कविता, और एक पिता की मजबूरी:- पापा जल्दी घर आ जाना, चार मिठाई लेकर आना, मुझको भूख बहुत लगती है, टाफी की इच्छा जगती है, पप्पू, मुन्नी, डोली,... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 355 Share राजेश बन्छोर 29 Jan 2017 · 1 min read आखिर ऐसा क्यों ? बढ़ रहे बलात्कारी ! चीख रही भारत की नारी !! आज के मायावी राक्षसों से भगवान भी घबराता है ! इसलिए द्रोपदी की लाज बचाने कोई कृष्ण नहीं आता है... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 1 750 Share Pradipkumar Sackheray 29 Jan 2017 · 1 min read "बिटियाँ . . ." रब का अनमोल वरदान बिटियाँ हैं | ज़ैसे की, तुफ़ान से टकराता दिया हैं | रिश्तों के ध़ागें तो अक़्सर बिख़र ज़ाते, मगर, दो परिवारों को ज़िसने सिया हैं |... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 551 Share ब्रजेश शर्मा "विफल" 29 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ हैं नसीब ??बेटियाँ?? बेटियाँ हैं नसीब बेटियाँ प्रीत हैं, ये अयाचित ख़ुशी हर कहीं जीत हैं ।। बेटा पैदा हुआ तो बधाई हुई, बेटी पैदा हुई जग हँसाई हुई , अपनी होके... Hindi · गीत · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 372 Share Mukesh Kumar Badgaiyan, 28 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ:जीवन में प्राण बेटियाँ जीवन में प्राण हैं प्रभु की प्रतिकृति सरस्वती ,दुर्गा, लक्ष्मी --- वेदों से अवतरित ऋचाएँ हैं बेटियाँ वर्षा की रिमझिम तारों की टिमटिम पावन गंगा सी बहती सरिताएँ हैं... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1 543 Share Archana Singh 28 Jan 2017 · 1 min read "मेरी बिटिया" "मेरी बिटियाँ" तुमको पाया जब आँचल में, नव स्वप्न नयन पलते देखा...... वह अद्भुत सी अनुभूति थी, जब महकीं तुम इस आँगन में। यह ह्रदय हुआ कुसुमित-पुलकित, नवरंग भरा इस... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1 382 Share विमला महरिया मौज 28 Jan 2017 · 2 min read नन्हीं का संदेश * नन्हीं का संदेश* ऐ ढलते सूरज जा, संदेश दे मेरी मां को । अंधियारों से डरती हूं , भेज दे मेरी मां को ।। देखूं उसका मुखड़ा , वो... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 319 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 28 Jan 2017 · 1 min read बेटी की व्यथा "बेटी की व्यथा " """"""""""""""""""""" माँ ! तेरी इन बाहों में....... तेरी स्नेहिल निगाहों में , तेरे आँचल की पनाहों में , एक बार तो ! ले ले तू मुझको... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 573 Share urmila shukl 28 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ बेटियाँ ******** जिस घर में जन्म लेती हैं बेटियाँ वो घर गमक उठता है उनके सुवास से रजनी गंधा ,मौलश्री मधुमालती ,मोंगरा से भी गहरी होती है उनके प्रेम की... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 453 Share प्रदीप तिवारी 'धवल' 28 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ बेटियाँ हर कोख कौम देश का अभिमान बेटियाँ कर रही हैं राष्ट्र का निर्मान बेटियाँ प्रकृति प्रदत्त प्रेम की संतान बेटियाँ प्रभू ने खुद रचा हो जो बखान बेटियाँ पुरुषों... Hindi · गीत · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share अजय अज्ञात 28 Jan 2017 · 1 min read बेटी इज़्ज़त से इसे देखिये बेटी है किसी की ये प्यारी सी गुड़िया है दुलारी है किसी की नज़रों में हवस भर के इसे घूरने वालो इस ज़िस्म में इक रूह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 463 Share Aruna Aggarwal 28 Jan 2017 · 2 min read सोनपरी सोनपरी मैं सोनपरी, परियों के महल में रहती हूं, अम्बर छूने की आशा में बस पंख फैलाये उड़ती हूं सोनपरी मैं सोनपरी..... आूँखें सूरज सी चमकीली, गालों पर सूरज की... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 637 Share Poonam Sharma 28 Jan 2017 · 1 min read कविता: बेटियाँ बेटी है घर की शान। होने न दो इसे तुम परेशान। करने दो इसको जो चाहे, बने डाॅक्टर या पहलवान। पढ़ो पढ़ाओ बेटी के साथ। पढ़े और बढ़े हमारे परिवार... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 487 Share priti surana 28 Jan 2017 · 1 min read जियो जी भर के,.. हां!!!! मुझे बहुत खुशी होती जब कोई ये कहता मेरी बेटी मेरा ही प्रतिरूप है मैं भी देना चाहती थी ये दुआ अपनी लाडली को मेरी तरह ही वह भी... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 2 403 Share अनिल मिश्र 28 Jan 2017 · 1 min read बेटी बेटी है आधार जगत का बेटी से है सार जगत का बेटी देवी,बेटी सीता बेटी बाइबल,कुरान और गीता। बेटी में संसार छिपा है जग का सारा सार छिपा है बेटी... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1 458 Share राजेन्द्र कुमार शर्मा 28 Jan 2017 · 2 min read बेटी ताटंक छंद में 1 बेटी नहीं किसी से कम हैं बेटी जग की माया है बेटा यदि है धूप घरों की बेटी घर की छाया हैं बेटा यदि कुल का... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 435 Share शालिनी सिंह 27 Jan 2017 · 1 min read कब तक कभी सती बना चिता में जला दिया कभी जौहर के कुंड मे कूदा दिया छीन ली साँसें कोख में ही कभी कभी आँख खुलते ही सुला दिया छीनकर नन्हें हाथों... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1k Share Shweta trivedi 27 Jan 2017 · 1 min read मेरी प्यारी बेटी मेरी प्यारी सोना बेटी है जग से प्यारी न्यारी बेटी है तुझमे मेरी सारी दुनिया समायी तु है जग की राज दुलारी तु है लक्ष्मी काली भवानी है तु ही... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 2 959 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 27 Jan 2017 · 1 min read बेटी घर का है उजियारा चलो साथियो, मिल के घर-घर, इक अभियान चलाएँँ। बेटी घर का है उजियारा, यह संज्ञान करायें।। माँँ की गोद हरी हो जब बेटी से, सब कहते हैं। लक्ष्मी सुख-समृद्धि लेकर... Hindi · गीत · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 449 Share मोनिका Sharma 27 Jan 2017 · 1 min read मैं हूँ ज़िंदा तुझे एहसास कराऊं कैसे धङकनें मैं तेरे कानों को सुनाऊं कैसे बंदिशें तोङ तेरे सामने आऊं कैसे मुझको बेजान समझ दूर करे क्यों तन से मैं हूँ ज़िंदा तुझे एहसास कराऊं कैसे बाग़बाँ अनखिला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 276 Share गायक और लेखक अजीत कुमार तलवार 27 Jan 2017 · 1 min read बेटी माँ से कहे@@ हाथ पीले कर दो न माँ @@@@@ ओ माँ, यह हाथ पीले सुना है बहुत क्या बता सकती है तू , होता है यह क्या कल रात शादी में पड़ोस में सब कह रही थी अच्छा हुआ... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share DrRaghunath Mishr 27 Jan 2017 · 1 min read बेटी है श्रिष्टा का आधार बेटी है श्रिष्टि का आधार। बेटी स्वयम् है अथाह प्यार। बेटी का अनादर पाप। अनदेखी घोर अभिशाप। अभागे हैं वे यकीनन, जो मारते हैं चुपचाप। भ्रूण हत्या पशुवत व्यवहार। बेटी... Hindi · गीत · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 328 Share शालिनी कौशिक 27 Jan 2017 · 1 min read बेटी के भाग्य में प्रभु कांटे ही भर गया. पैदा हुई है बेटी खबर माँ-बाप ने सुनी , खुशियों का बवंडर पल भर में थम गया . चाहत थी बेटा आकर इस वंश को बढ़ाये , रखवाई का ही... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 290 Share Rajshree Gaur 27 Jan 2017 · 1 min read मेरी बेटी---मेरीदुनिया मेरी बेटी---मेरी दुनिया तुम कल भी मेरी दुनिया थी, तुम आज भी मेरी दुनिया हो। जब जन्मी तुम मेरे आँगन में, मेरा सूना जीवन चहक उठा । तेरी बाल- सुलभ... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share सुषमा दुबे 26 Jan 2017 · 1 min read नन्ही चिड़िया मैं तेरी नन्ही चिड़िया हूं आसमान में मुझे उड़ा दे बेकरार हूं उड़ने को मां मुझको इक पंख लगा दे बादल के हाथी और घोड़े मैं भैया के संग खेलूंगी... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1 704 Share Reena Bharti 26 Jan 2017 · 2 min read शोर क्यों ? शोर क्यों है ? बेटी बचाओ, बेटी बचाओ | क्या बीमार हैं हम ? या लाचार हैं हम ? जब लाचार हम नहीं, बीमार हम नहीं ! तो बचाओ-बचाओ का... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1 817 Share Akhilesh Chandra 26 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ माँ बाप का बड़ा अरमान होती हैं बेटियाँ हमारे घरों की अनोखी शान होती हैं बेटियाँ हमारे गोद में डालता जब परमात्मा है इन्हें हर घर को खुशहाल बनातीं है... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 716 Share Satya Parkash 26 Jan 2017 · 1 min read बेटी का खत मैं तेरे आंगन की तुलसी मेरी आँखें बरस रही प्यार के मीठे बोलो को मैं तो कब से तरस रही मां की गोद मिली न मुझको न बाबुल का प्यार... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 370 Share सरस्वती कुमारी 26 Jan 2017 · 2 min read माँ गूँजने दो मेरी भी किलकारी माँ तेरी बगिया की हूँ नाजुक सी कली क्यों चढ़ाती हो बार-बार मेरी ही बलि बेटों को हमेशा तूने मुझसे ज्यादा ही चाहा पढ़ाया -लिखाया, सर पर खूब चढ़ाया मुझे... Hindi · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 4k Share Anmol Tiwari 25 Jan 2017 · 1 min read बेटी (विदाई गीत) लीजिए प्रस्तुत है विदाई गीत गूँज उठी शहनाईयाँ कितने दिनों के बाद। हुई पराई लाड़ली बस रह गई है याद।। जाओ मेरी लाड़ली सज सोलह श्रृंगार। बेटी को कहे बाप... Hindi · गीत · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 3k Share Previous Posts