Posts Tag: ग़ज़ल/गीतिका 15k posts List Grid Previous Page 5 Next डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 9 Jun 2024 · 1 min read ख़्वाहिशें " ख़्वाहिशें " भूलाने की बेइंतहा कोशिशें हुई हैं । खिलाफ़ मिरे कई साज़िशें हुई हैं ।। बहुत रोया जब याद में दिल उनकी । मुझको सताने मुसलसल बारिशें हुई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 116 Share Atul "Krishn" 9 Jun 2024 · 1 min read चाय के प्याले के साथ - तुम्हारे आने के इंतज़ार का होता है सिलसिला शुरू हर रोज की तरह ही सुबह - सुबह चाय के प्याले के साथ तुम्हारे आने के इंतज़ार का होता है सिलसिला शुरू झरोखों से देखा है हमने कभी बर्फ से... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 101 Share भरत कुमार सोलंकी 6 Jun 2024 · 1 min read मेरी भी सुनो . नमन मंच साहित्य पीडिया विषय मेरी भी सुनो दिनांक. ६:६:२०२४ बचपन से जवानी तक बन निकम्मा अपनो की नजर में आज कमल हुआ। खेलने-कुदने की उम्र में खिलौना छुड़ा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 82 Share Taj Mohammad 3 Jun 2024 · 1 min read बेटियां। ईश्वर का वरदान होती है बेटियां। ह्रदय फट जाता है जब रोती है बेटियां।। क्यूं आजादी से ना रहती है बेटियां। कठपुतली बनकर क्यूं जीती है बेटियां।। जन्म से घरों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 125 Share डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD 3 Jun 2024 · 1 min read गजल बहुत रंगीन दुनिया है,बहुत रंगीं नजा़रे हैं। मगर बुझने न पाएगी दिलों में जो शरारे हैं। तमन्ना है मेरे दिल में उसे हम कह ना पाएंगे। समझना तुम अगर चाहो... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 158 Share डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD 3 Jun 2024 · 1 min read महफिले लूट गया शोर शराबे के बगैर। कर गया सबको ही माइल वह तमाशे के बगैर। ❤️ महफिले लूट गया शोर शराबे के बगैर। कर गया सबको ही माइल वह तमाशे के बगैर। ❤️ गैरत मंदी में बहुत लोग नही कहते हैं। ज़रुरत मंदों को नही मिलता... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 143 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 1 min read सरस्वती वंदना नमस्तुभ्यं वीणावादिनी, पुस्तकधारिणी, मां तू धवलवर्णा, तू सर्वसौभाग्यप्रदायिनी। पद्मासिनी तू देवी, सद्गुण वैभव शालिनी, तू चंद्रवदनी, तू अज्ञान तिमिर नाशिनी। देवो सदा वन्दिता, देवी तू शुभकारिणी, मां त्वां अभयदायिनी, बुद्धि... Poetry Writing Challenge-3 · Devotional Poem · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 1 118 Share भरत कुमार सोलंकी 31 May 2024 · 1 min read खुद को पागल मान रहा हु "खुद को पागल' मान रहा हूँ वक्त की बहती धार में आज खुद को सम्भाल रहा हूँ जिन्दगी के निसार में आज तड़पकर खुद को उबाल रहा हूँ, पागलपन के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 116 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 1 min read सियासी वक़्त ज़रूरत पर मुख़ालिफ़ों से भी याराना लगता है, ये जहां अब सियासतदारों का घराना लगता है। गुजर गया वो वक़्त जब सियासत में मोहब्बत थी, अब तो मोहब्बत में सियासत... Poetry Writing Challenge-3 · Best Poem · Best Poetry · Politics · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 3 63 Share Sumangal Singh Sikarwar 30 May 2024 · 1 min read लो फिर बसंत आया है मन पुलकित, है तन पुलकित पुलकित है जग सारा | है वन पुलकित उपवन पुलकित पुलकित है नभ सारा | मस्तिष्क की डालियां कहने लगीं फिर .. लो फिर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 78 Share Sumangal Singh Sikarwar 30 May 2024 · 1 min read न जाने किसकी कमी है फूलों से महकते बाग फिर भी सूनी जमी है न जानें किसकी कमी है , न जानें किसकी कमी है | चहकते हैं पक्षी यहां कोयल भी कूकती है न... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 104 Share Sumangal Singh Sikarwar 30 May 2024 · 1 min read अतीत याद आता है अचानक हवा का कोई झोंका मेरे सामने से गुजर जाता है मुझे मेरी स्मृति को अपने साथ लेकर मेरे अतीत तक की सैर कराता है वह चेहरा जो अब स्मृति... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 106 Share Sumangal Singh Sikarwar 30 May 2024 · 1 min read जानेमन नहीं होती गम की दहलीज पे मुसीबत कम नहीं होती, सफर ए इश्क की कोई मजिल नहीं होती | होकर परेशां जिंदगी से मौत करीब लगती है करीब से देखो जिंदगी भी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 129 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read बदला हूं मैं धूप वो तपती वो जलते पैर मजबूरी और नंगे पांव की सैर | बदला नहीं है कुछ भी सबकुछ है वही वही तपती धूप वही है रहगुजर | रहगुजर मुश्किल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका 91 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read कविता शब्द अनन्य भावों का बोध कराते प्रथक प्रथक स्थान लिए स्मृति पटल पर अंकित हो जाते हैं | यही शब्द संचित होकर विचार बन जाते हैं विचार होते हैं कभी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 91 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read पलक कल ये जो उठी तो चांद नजर आया , और जब ये झपकीं तो धुंध अंधेरा छाया काश झपकना इनकी फितरत में न होता हम इक टक उस चांद को... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 98 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read मौसम तपती धूप में नंगे पैर चलते हैं , मजबूरी में इन बादलों का जुल्म सहते हैं , भीगना चाहते नहीं मगर भीगते हैं वो , ठंड की ठिठुरन को भी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 114 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read आवाज न जानें क्यूं कहा हमसे उन्होंने आज उनकी आवाज से मिलादें अपनी आवाज काश कि वो हमें अब चाहने लगे हैं, शायद तभी थी उनकी ये आरजू भरी आवाज |... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 57 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read इशारा आंखें ये उनकी क्या कह रही हैं यूं पलकों को उठा और झपका रहीं हैं कभी तिरछी होकर हमें निहारती हैं कभी मुस्कुराकर जलवा दिखाती हैं हम समझ नहीं पाते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 103 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read वो चेहरा सुमन सा सुंदर , मोह सा मोहक प्रेम सा प्रिय, भाव सा भावुक स्पंदन सा कंपित , रूदन सा पीड़ित स्मृति सा स्मारक वो चेहरा ... मुझे देख छुप जाता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 56 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read आंगन आंगन खुशियों से महकता सा आंगन ... दस्तकों से दमकता सा | कभी उनकी आहट का सुकून देता कभी उनके आने का सबूत देता | अगले ही क्षण यूं कहने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 70 Share Taj Mohammad 29 May 2024 · 1 min read हर जमीं का आसमां होता है। हर जमीं का आसमां होता है। परेशानी में क्यूं परेशां होता है।। दर्दे दिल्लगी है कैसे छुपाओगे। ये तो खुद ब खुद बयां होता है।। वो न थे नसीब में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 203 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read ये जिंदगी कभी खुशी कभी गम अजीब सी ये लगती है न जाने क्यूं ये जिंदगी एक पहेली सी लगती है | सब कुछ भी पाकर ख़ाव अधूरा सा रहता है मिले... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 75 Share krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर 29 May 2024 · 1 min read बिन माली बाग नहीं खिलता #बिन माली बाग नहीं खिलता बिन माली बाग नहीं खिलता है। बिन माँ - बाप घर घर नहीं होता है।। माली दिन रात पौधे की देखभाल करता है । माँ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · दोहा · लघु कथा 185 Share krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर 28 May 2024 · 1 min read राम कृष्ण हरि #राम कृष्ण हरि देते हरि हर दम_हारे हुए का साथ। राम कृष्ण हरि धरती पर विशाल बात। मै भी जमाने से हार गया_हरि थाम ले मेरा हाथ। रो रही आँखें... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 147 Share krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर 28 May 2024 · 1 min read कान्हा तेरी मुरली है जादूभरी #कान्हा तेरी मुरली है जादूभरी ________कान्हा तेरी मुरली है जादूभरी, ______धरती गगन मधुर तान जादू हुई । _______________कान्हा तेरे मुरली ने, _________लुटा चैन मेरी निंदिया उडाई। _________तब तक चैन ना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 127 Share Dinesh Kumar Gangwar 28 May 2024 · 1 min read कैसा फसाना है *** कैसा फसाना है *** ज़िन्दगी कैसा नगमा है ना किसी ने यह जाना है है कौन यहाँ किसका यह कोई ना जाना है। कुछ भी नही है अपना सबकुछ... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 3 112 Share भरत कुमार सोलंकी 28 May 2024 · 1 min read अंगड़ाई अंगडाई ये बेचैन मन को अपनी अनुभुति से आराम करने की सोगात रखती है। तरुणाई से घबराकर अपनी बुती से वो आलस्य पर ओकात रखती है गलती क्यों की जनाव... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 105 Share Sumangal Singh Sikarwar 28 May 2024 · 1 min read खत लो फिर किसी की बात किसी तक पहुंच गई यूं लगा कि किसी की आरजू पूरी हो गई | वो तो गुदगुदा गए मन ही मन अनंत कि उनकी निगाह... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 62 Share Sumangal Singh Sikarwar 28 May 2024 · 1 min read रात नहीं कहता कोई किसी से हर बात नही कहता अपने दिल के हर जज़्बात नहीं कहता | कभी कुछ तो कभी कुछ छुपाता है दिन तो कहता है मगर रात नहीं कहता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 66 Share Sumangal Singh Sikarwar 28 May 2024 · 1 min read माँ ठिठुरती ठंड में निठुरती अंध में चूल्हे पर तवे चिमटे हाथ सिमटे... आग की लपटों से बचती, रोटियां सेंकती माँ | बरतनों का ढेर देर सबेर बच्चो का शोर क्रोध... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 93 Share Sumangal Singh Sikarwar 27 May 2024 · 1 min read इंतजार एक इंतजार अजीब सा है ये इकरार अजीब सा है मुझे मेरे मन को एतबार अजीब सा है इंतजार कि खुशी चली आएगी गमों की धूप ये ढली चली आएगी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका 94 Share Sumangal Singh Sikarwar 27 May 2024 · 1 min read प्यार एक मीठा अहसास है प्यार एक मीठा अहसास है जीवन की प्यास है कृष्ण की बंसी है प्यार राधा की आस है | प्यार एक मीठा अहसास है जीवन की आस हैं | मन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 126 Share भरत कुमार सोलंकी 27 May 2024 · 1 min read भावो को पिरोता हु भावों को पिरोता हूं मेरे हिसाब की डायरी शब्दो का जुगाड नही मैने लिखी थी शायरी भावो का जुगाड़ नहीं महसूस करता मैं उसे शब्दों में पिरोता हूँ कर महसुस... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 119 Share भरत कुमार सोलंकी 27 May 2024 · 1 min read नारी शक्ति नारी शक्ति जन्म संसार को उसने दिया। मां का स्थान उसे सबने दिया । सहन शीलता की बन वो मुरत ताप तपोमय से तनी तो सुरत । संसार इसकी निष्पक्षता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 154 Share भरत कुमार सोलंकी 27 May 2024 · 1 min read नारी शक्ति नारी शक्ति जन्म संसार को उसने दिया। मां का स्थान उसे सबने दिया । सहन शीलता की बन वो मुरत ताप तपोमय से तनी तो सुरत । संसार इसकी निष्पक्षता... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 130 Share Mangilal 713 27 May 2024 · 1 min read कृष्ण की राधा बावरी कृष्ण की राधा बावरी, मुझे मिला दे श्याम । ढुंढ रही मैरी नैनन री, कहां मिलेंगे घनश्याम ।। वो मुरलीधर चीत चोर री, हिय बसे मेरे श्याम । कहां दिखेंगे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कृष्ण वंदना · ग़ज़ल/गीतिका · राधा कृष्ण भजन 6 239 Share Neeraj Mishra " नीर " 27 May 2024 · 1 min read कहर कुदरत का जारी है गर्म हवाओं का कहते है कहर चल रहा है लुटेरे बन यहाँ लुटे गए जंगल ,कहर कुदरत का जारी है काँटे पेड़ यहाँ बनाए आशियान-ए-जहा तूने जल रहे है आशियान-ए-जहा... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · संस्मरण 101 Share Sumangal Singh Sikarwar 27 May 2024 · 1 min read ऐसी तो कोई जिद न थी मुझको ऐसी उम्मीद न थी ऐसी तो कोई जिद न थी | थी एक छोटी सी गुदगुदी भी तुम्हे हंसाने की कोशिश भी मेरे मन में कोई खोट न थी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका 89 Share Sumangal Singh Sikarwar 27 May 2024 · 1 min read चेहरा चेहरा.. न जाने कब..कैसे ... अपनी मोहक छवि का परिचय देता कितनी ही आंखों का आकर्षण बन जाता है न जाने कब कैसे .. उन अपरिचित....अनभिज्ञ सी आंखों की पहली... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · दोहा 2 78 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 26 May 2024 · 1 min read आँखों में अँधियारा छाया... आँखों में अँधियारा छाया, मन पर घोर कुहासा है। दुख को क्या कहना अब सबसे, दुख तो बारह मासा है। कौन हितैषी यहाँ हमारा, किससे कुछ उम्मीद करें ? भाग्य... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 147 Share Taj Mohammad 26 May 2024 · 1 min read मरने के बाद। ज़िंदा में ना समझें आज मैय्यत पर आके रो रहे हो। मरने के बाद मैं कैसे अच्छा हो गया जो कह रहें हो।। तुम्हारा हर अश्क जो नजरो से तुम्हारी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 108 Share Sumangal Singh Sikarwar 25 May 2024 · 1 min read आइना हूं कभी लवों को तो कभी मुस्कुराहट बयान करता हूं, कभी जुल्फों को तो कभी नैन नक्श बयां करता हूं| कभी हंस देता हूं उनकी हंसी को देखकर कभी उनके खूबसूरत... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · हिंदी कविता 1 104 Share Dipak Kumar "Girja" 25 May 2024 · 1 min read पछतावा दिल जाने का करे ना तो फिर लौट आइए ठुकरा के यूं मोहब्बत ना दूर जाइए जाना भी क्या जरूरी है,यूं छोड़ के तुम्हें मुड़ मुड़ के आंखों से ना... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 99 Share Taj Mohammad 24 May 2024 · 1 min read कुछ परिंदें। कुछ परिंदें आपस में चह चहा रहें हैं। शायद वो इंसानों के बारें में बतला रहें हैं।। बड़ी मुश्किल से मिला है इक शजर उन्हें। जिस पर वो अपना आशियां... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 120 Share Taj Mohammad 24 May 2024 · 1 min read फूल अब शबनम चाहते है। जख्मों का मरहम चाहते है। तुमसा इक हमदम चाहते है।। बहुत जी लिए यूं कफस में। परिन्दे खुला अंबर चाहते है।। प्यासे आब से बड़े परेशां हैं। सेहरा में समन्दर... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 147 Share Taj Mohammad 24 May 2024 · 1 min read उम्मीद का दामन। उम्मीद का दामन थामे थामे तमाम उम्र काट दी। पर जिंदगी की दुश्वारियां है कि जाती ही नहीं है।। हम अपने जख्मों को किसी को दिखाते नही है। पर ये... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 116 Share भरत कुमार सोलंकी 23 May 2024 · 2 min read किस बात का गुमान है किस बात का गुमान है। हां! तुम्हे किस बात का गुमान है। क्या बोलने खातिर तेरे मुंह में जुवान है ! तेरी तरह हमने अपनी किताबों का हिसाब नहीं लगाया... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 116 Share भरत कुमार सोलंकी 23 May 2024 · 2 min read तुझे किस बात ला गुमान है किस बात का गुमान है। हां! तुम्हे किस बात का गुमान है। क्या बोलने खातिर तेरे मुंह में जुवान है ! तेरी तरह हमने अपनी किताबों का हिसाब नहीं लगाया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 114 Share Taj Mohammad 23 May 2024 · 1 min read हमारा दिल। हमारा दिल हमारा साथ देता नही है। समझाया बहुत पर उनसे नफरत करता नही है।। पहले तो इसने सीने में अरमां जगायें। पर अब ये ज़ालिम उनको ही पूरा करता... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 121 Share Previous Page 5 Next