Posts Tag: कविता 60k posts List Grid Surinder blackpen 13 Jan 2025 · 1 min read तुम से मोहब्बत है तुमसे मोहब्बत है मुझे , कैसे बताऊं। कहने वाली बात को मैं,कैसे छुपाऊं। बंधन मां बाबा का प्यार, बना है बेड़ी जन्म का रिश्ता,पल में कैसे मिटाऊं। वो बाप जो... Hindi · कविता 8 Share सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज ' 13 Jan 2025 · 1 min read लगाया दिल बहुत पर दिल लगा नहीं लगाया दिल बहुत पर दिल लगा ही नहीं तेरे जैसा कोई हमको कोई मिला ही नहीं जमाने भर की बातें उनसे कह दीं जो कहना चाहिए था वो कहां ही... Hindi · Kavita Kosh · कविता · कविता_गीत · ग़ज़ल · गीत 25 Share नूरफातिमा खातून नूरी 13 Jan 2025 · 1 min read मेहनत के नतीजे ज़रूर मिलते हैं मुसीबत को अवसर में बदलते हैं मेहनत के नतीजे ज़रूर मिलते हैं। थाली भर भर के खाना खाने से दूसरों का यूं ही मज़ाक उड़ानें से नाशुक्री के बोल बोलकर... Hindi · कविता 8 Share सुरेन्द्र शर्मा 'शिव' 13 Jan 2025 · 2 min read **सपना टूटने से ज़िंदगी ख़त्म नहीं होती** एक सपना टूटने से ज़िंदगी ख़त्म नहीं होती, हार से ही जीत की नई राह खुलती है गिरने के बाद उठने से बड़ा अनुभव मिलता है, जो ठोकरें खाता है,... Hindi · Best Hindi · Best Poetry · कविता · कविता-हिन्दी · ग़ज़ल 2 92 Share Neeraj Agarwal 13 Jan 2025 · 1 min read पंतग डोर शीर्षक - पतंग डोर 🪁 **************** पतंग 🪁 हमको डोर के संग साथ को बताती है। हम हवा में लहराएं गगन छूती हैं। मजबूत हमारी पकड़ जब रहतीं हैं। डर... Hindi · कविता 1 11 Share Anop Bhambu 13 Jan 2025 · 1 min read "पतंग उड़ाओ पर पक्षी बचाओ" "पतंग उड़ाओ पर पक्षी बचाओ" आसमान में पतंग उड़ाओ, लेकिन पक्षियों को बचाओ। उनकी जान कीमती है, उनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। पतंग की डोरी से बचाएं, पक्षियों को अपनी... Hindi · कविता · पतंग 9 Share विक्रम सिंह 13 Jan 2025 · 1 min read साइकिल बिन पानी बिन तेल है चलती ना कोई धुआँ प्रदूषण करती मोटर कार से सस्ती पड़ती हाॅर्न नहीं बस घंटी बजती। पैरों की ताकत से दौड़े हर एक दिल में... Hindi · कविता 2 15 Share Neeraj Agarwal 13 Jan 2025 · 1 min read शीर्षक - बेरोजगार शीर्षक - बेरोजगार *************** हम पढ़े लिखे बेरोजगार हैं। सच तो शायद रोजगार हैं। बस काम के घंटे से बेरोजगार हैं। जिंदगी जीना भी जरूरी होती हैं। समय सुबह ९... Hindi · कविता 1 17 Share Pratibha Pandey 13 Jan 2025 · 1 min read घी दही संग खिचड़ी खाए। #दिनांक:-13/1/2025 #शीर्षक:-घी दही संग खिचड़ी खाए। विष्णु ने काटा असुर सिर, सिर गाड़ दिया मंदराचल पर जीत सभी संक्रान्ति पर्व मनाये, रवि उत्तरार्द्ध होकर मकर जाए । चीनी की पट्टी,... Hindi · कविता 1 10 Share Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan" 13 Jan 2025 · 1 min read गंगा ।।मुक्तिदायिनी पावन गंगा।। गंगा गं गं गच्छति इति गंगा गं गं का नाद करती नित्य प्रवाहमान यह गंगा अणहद सा उच्चार कर रही ग- गतिमान रहो सदा ही ं- लक्ष्य... Hindi · कविता 1 10 Share अवध किशोर 'अवधू' 13 Jan 2025 · 1 min read परधानी चुनाव के मजा , दोसर कवनो चुनाव में ना मिली परधानी चुनाव के मजा , दोसर कवनो चुनाव में ना मिली बड् चुनाव में बड़के लोगवा लोकि लोकि के खाला परधानी में छोटका बड़का सगरी लोग अँघाला भरल रहेला पेट... Bhojpuri · कविता 9 Share मनोज कर्ण 13 Jan 2025 · 1 min read संत बनाम कालनेमि *संत बनाम कालनेमि* सुलभ सत्संग सुखद फलदाई कलियुग कल्प सत्यपि दुखदाई.. भेद परख नहिं ज्य़ौं संत कालनेमि पहचान करत है अति कठिनाई.. राम-रहीम अविमुक्त कभी ईश्वर न पाई ज्ञान-वैराग्य किछु... Hindi · कविता 3 33 Share DrLakshman Jha Parimal 12 Jan 2025 · 1 min read "मेरी उड़ान " डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================= चाहतों की उड़ानों में मैं भी उड़ता हूँ क्षितिज के छोर को मैं भी छूना चाहता हूँ सही में मेरे पंख होते मैं भी पंक्षियों... Hindi · कविता 1 9 Share DrLakshman Jha Parimal 12 Jan 2025 · 1 min read “हमें नहीं चुप रहना होगा” डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================== चुप रहना नहीं चाहता कुछ न कुछ कहना चाहता हूँ मैं मानता हूँ मेरे बोलने से कुछ नहीं होगा पर एक आध लोगों का मन... Hindi · कविता 1 25 Share Surinder blackpen 12 Jan 2025 · 1 min read मेरे चाहने से मेरे चाहने से क्या होता है। हक किस्मत का भी होता है। जो जगाता रहा था लोगों को आज कब्र के नीचे सोता है। तमाम उम्र बुरा न किया जिसने... Hindi · कविता 2 9 Share विजय कुमार अग्रवाल 12 Jan 2025 · 1 min read बस ख़ुद को याद दिलाना तुम जीवन एक संघर्ष है बन्दे बस इसको भूल ना जाना तुम। जब जब लगे कि तू है अकेला बस खुद को याद दिलाना तुम।। यह तो तेरी अपनी बगिया है... Hindi · कविता 1 10 Share Rajeev Dutta 12 Jan 2025 · 1 min read 35. शहर पुराना जो हाथ पकड़कर चलते थे कभी वो आज नज़रे चुराते हैं, शायद उनके शाम का सूरज अब कहीं और ढलता होगा । वो एक बार को देखते थे हम देखते... Hindi · कविता 11 Share Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan" 12 Jan 2025 · 2 min read व्यथा कथा ///व्यथा कथा/// बीती कितनी यह रातें गीली, अश्रु-तर नयनों की रंगीली। जीवन का उत्साह अभिमुख, आज बना दो दुल्हन सजीली।। रंग भरा अवगाह पथ पर, मधु सौरभ पुष्प बिछे हैं।... Hindi · कविता 1 12 Share Utsaw Sagar Modi 11 Jan 2025 · 2 min read Mohabbat Milne Aai Thi...... Ki kal raat, mohabbat milne aayi thi, Sard nisha me, shayad jalne aayi thi!! Fir kaha usne, ki sath rehna hai..... Maine kaha, accha mere sath khelna hai !! Btaya... Hindi · कविता · ग़ज़ल 12 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jan 2025 · 1 min read सजा का प्रश्न / मुसाफिर बैठा खुदा जैसा तो कुछ होता नहीं मगर कल्पनाओं से खुदी में अनेरे जहरीले घास सा पैदा खुदा के से तुम खुदा हो खुदा के कैरेक्टर में होने से तुम सबके... Hindi · कविता 9 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 11 Jan 2025 · 1 min read कंधे पर किताब सूट-बूट में लोग झोले में किताब पीठ पीछे लादे खूब मिलते हैं। सूट-बूट में लोग सड़कों पर पहली दफा कंधे पर किताब लादे मिले हैं। सूट-बूट में लोग अपनी धरातल... Hindi · Poem · कविता 2 17 Share शक्ति राव मणि 11 Jan 2025 · 1 min read मैं राग पुराना बिस्मिल का l मैं राग पुराना बिस्मिल का l ये जग जवानी क्या जाने l l मैं फूल महकता गुडहल का l ये गुलाब बागानी क्या जाने l l मैं कोमल समीर बसंत... Hindi · Shakti Rao Mani · कविता · ग़ज़ल · शक्ति राव मणि 1 16 Share Paras Nath Jha 11 Jan 2025 · 1 min read शब्द मत चलाओ कभी ऐसा शब्द वाण जो सीने को भी छलनी कर जाये लाख जतन करने के बाद भी मन नहीं कभी पीड़ा से उबर पाये बातें कह लो तुम... Hindi · Poem · कविता 1 13 Share Sudhir srivastava 10 Jan 2025 · 1 min read अपना वतन अपना वतन, अपनी जन्मभूमि अपनी माँ सबको भाती है, यही तो हमारी थाती है। पर कहने मानने से भला क्या होता है? धरातल पर भी दिखना चाहिए, माँ को माँ... Hindi · कविता 1 10 Share Sudhir srivastava 10 Jan 2025 · 1 min read मृत्यु पीड़ा मृत्यु पीड़ा का वर्णन करना नामुमकिन है, क्योंकि अपनों को खोने की पीड़ा हम सब मिलकर शोक जताकर एक दूसरे को ढाँढस बँधाकर सह लेते हैं, यही नियम और प्रकृति... Hindi · कविता 13 Share Sudhir srivastava 10 Jan 2025 · 1 min read मित्र और मित्रता मित्रता का अपना अपना उसूल होता है, मित्रता के अनुभव भी,बहुत खट्टे मीठे होते हैं। सच तो यह है कि मित्र बनाये नहीं जाते, बन जाते हैं, हम चाहें या... Hindi · कविता 13 Share Surinder blackpen 10 Jan 2025 · 1 min read तुम्हारी शरारतें तुम्हारी शरारतें, मन को भा जाती है बहुत बार नया कुछ सिखला जाती है मेरे सोते ही तुम्हारा बिस्तर से उतरना छोटे हाथों से खिलौनों का बिखरना। खाने को देख... Hindi · कविता 11 Share Neeraj Agarwal 10 Jan 2025 · 1 min read प्यार मोहब्बत चाहत शीर्षक -प्यार मोहब्बत चाहत ***************** प्यार मोहब्बत चाहत...... हम आजकल कहां समझते हैं। शब्दों का सच हम...... भाव और भावनाओं को न पहचानते हैं छल फरेब स्वार्थ...... हम आधुनिक समय... Hindi · कविता 23 Share Pratibha Pandey 10 Jan 2025 · 1 min read युवा है हम #विधा:-मुक्त छंद #दिनांक:-10/1/2025 #शीर्षक:- युवा हैं हम हम युवा हिन्दी से हिन्दुस्तान का गौरव बढायेंगे, तन मन धन से निजभाषा उन्नति का नारा लगायेंगे | अभिनंदन संस्कृति का, अभिलाषा जन-गण-मन... Hindi · कविता 12 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 10 Jan 2025 · 1 min read !! वैश्विक हिंदी !! रख शिरोरेखा लगा चंद्रबिंदु बिंदी! सज-धज संवर कर हमारी हिंदी!! जग के सारे देशों को है चलदी! बोल-बोल के फैल रही है जल्दी!! हिंद बढ़ रहा है जयहिंद गा रहा!... Hindi · कविता 17 Share ।।"प्रकाश" पंकज।। 10 Jan 2025 · 1 min read "आशा मन की" सर्वत्र सुमंगल हो जाए, कोई ऐसा जादूगर आए। बहे शीतल मंद पवन ऐसे, मन पुलकित- पुलकित हो जाए। सर्वत्र सुमंगल हो जाए, कोई ऐसा जादूगर आए। माँ वसुंधरा का मान... Hindi · कविता 20 Share Manisha Manjari 10 Jan 2025 · 1 min read खिड़की पर बैठा मृदु हृदय, बाहर के शोर को भांप रहा, खिड़की पर बैठा मृदु हृदय, बाहर के शोर को भांप रहा, या अवसाद के दलदल में फंसा, अंदर के कोलाहल से भाग रहा। आँखों की तन्मयता से ईश्वरीय कृतियों को,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 16 Share चेतन घणावत स.मा. 10 Jan 2025 · 1 min read हिंदी से है पहचान हमारी विश्व हिंदी दिवस की शुभकामनाएं सबसे न्यारी सबसे प्यारी हिंदी से है पहचान हमारी, हेलो–हाय को छोड़ कर अ, आ से जोड़े दुनियां सारी। हिंदी से ही हिंदुस्तान है हिंदी... Hindi · कविता 1 15 Share सुरेन्द्र शर्मा 'शिव' 10 Jan 2025 · 2 min read *मां से अनकही बातें* है ये चाहत मेरी कि इस बार की छुट्टियों में, जब मैं घर जाऊँ तो कह दूं अपनी मां से, जो मैं कभी कह नहीं पाया उनसे। कह दूं उनसे... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · Mothersday · कविता · प्यारी मां · हिंदी 3 2 268 Share Sudhir srivastava 9 Jan 2025 · 1 min read हमें शांति चाहिए कुछ नया नहीं है ये सोचना हमें ही नहीं, सबको चाहिए शांति, व्यक्ति, परिवार, समाज या राष्ट्र ही नहीं संसार को भी चाहिए शाँति। पर चाहने से क्या मिल जायेगी... Hindi · कविता 14 Share Sudhir srivastava 9 Jan 2025 · 1 min read सबके राम न राम कल सबके थे, न आज हैं फिर यह कहने का मतलब क्या है कि राम जी तो सबके हैं, ये तो सदियों से होता आ रहा है कि... Hindi · कविता 15 Share Surinder blackpen 9 Jan 2025 · 1 min read पहली बार तो नहीं है पहली बार तो नहीं है जो तुम चीखें हो मुझ पर। लेकिन इस बार बात अलग है, क्योंकि आज मैं भी चुप नहीं रही। और तुम आवाक, स्तब्ध,जलती आंखों से... Hindi · कविता 8 Share Sudhir srivastava 9 Jan 2025 · 1 min read राम जीवन मंत्र है राम सिर्फ नाम नहीं राम को जानिए, राम सिर्फ पूज्य नहीं राम कहा मानिए। राम सिर्फ सृजनहार नहीं, राम पालनहार भी हैं और खेवनहार भी हैं राम सिर्फ जीवन सार... Hindi · कविता 7 Share विक्रम सिंह 9 Jan 2025 · 1 min read माॅं माॅं, माँ होती है कभी प्यार का सागर लुटाती कभी ममता की मूरत बन जाती माॅं, माँ होती है जो हर कदम पर हमारी ढ़ाल बन जाती है। कभी वो... Hindi · कविता 1 34 Share विक्रम सिंह 9 Jan 2025 · 1 min read सपनें सपने हजार होते हैं कुछ अच्छे होते हैं तो कुछ बुरे होते हैं कुछ खट्टे होते हैं तो कुछ मीठे होते हैं कुछ डरावने होते हैं भूतों की परछाई बन... Hindi · कविता 1 30 Share gurudeenverma198 9 Jan 2025 · 1 min read सोचा था कि नववर्ष में सोचा था कि नववर्ष में-----------------, बदलेगी हवाएँ पर्यावरण की, फिजाओं में रौनक होगी, बहारों में खुशबू होगी, रात को होगी नई रोशनी, और कल को नई सुबह होगी। सोचा था... Hindi · कविता 9 Share Anil Mishra Prahari 9 Jan 2025 · 1 min read रोटी पहले रोटी गोल बनायी जाती है फिर जनता के बीच लायी जाती है। कुछ मुद्दे यूँ ही नहीं उछाले जाते रोटी वहीं तो पकायी जाती है । भूख है जो... Hindi · कविता 21 Share विजय कुमार अग्रवाल 9 Jan 2025 · 1 min read एक रहोगे तो सेफ रहोगे एक रहोगे तो सेफ रहोगे पर क्यों बवाल तुम मचा रहे हो। देशहित में जारी स्लोगन को क्यों तुम पचा नहीं पा रहे हो।। एकता के पथ पर चल कर... Hindi · कविता 16 Share Neeraj Agarwal 9 Jan 2025 · 1 min read शीर्षक - मौसम शीर्षक - मौसम ************ कुदरत के मौसम होते हैं। जिंदगी हमारी कहते हैं। सच न फरेब मौसम रखते हैं। रंगमंच के साथ हमें सिखाते हैं। हम मानव न जाने क्या... Hindi · कविता 24 Share Shashi Mahajan 9 Jan 2025 · 1 min read स्वतंत्र कभी जब हम खुले आकाश के नीचे यूँ हीं सहज खिलखिला उठे या किसी की नम आंखों के गम में अपनी पलकें भिगो बैठे किसी सूनी रात के अँधियारे में... Hindi · Https://youtu.be/qNqq386pSmU · कविता 14 Share Dr. Akhilesh Baghel "Akhil" 9 Jan 2025 · 1 min read रिश्वत का खेल रिश्वत के केस में, रिश्वत देकर छूट जाते हैं । रिश्वत लेना अन्याय है, कुछ लोगों के लिए रिश्वत एक अन्य आय है । हर जगह इसका खेल है, वैसे... Hindi · कविता · कहानी 18 Share Shutisha Rajput 8 Jan 2025 · 1 min read हकीकत इंसान जब तक पास है, तब तक उसकी कोई कीमत नहीं। ये जिंदगी की सच्ची हकीकत है। कद्र तब तक है बंदे, जब तक तेरी जरूरत है। मुताबिक हालातों के।... Hindi · कविता 11 Share Sudhir srivastava 8 Jan 2025 · 3 min read हे राम जी! मेरी पुकार सुनो हे राम जी! मेरी पुकार सुनो एक बार फिर धरा पर आ जाओ धनुष उठाओ प्रत्यँचा चढ़ाओ कलयुग के अपराधियों आतताइयों, भ्रष्टाचारियों पर एक बार फिर से प्रहार करो। उस... Hindi · कविता 17 Share Sudhir srivastava 8 Jan 2025 · 1 min read मेरे राम दशरथ कौशल्या सुत राम अयोध्याधाम के राजा राम केकई के वनवासी राम हनुमान के सब कुछ राम। असुरों, राक्षसों के संहारक राम रावण, बालि बध कर तारे राम। सुग्रीव विभीषण... Hindi · कविता 15 Share Sudhir srivastava 8 Jan 2025 · 2 min read नववर्ष की खुशियां यह विडंबना नहीं तो और क्या है कि हम आंग्ल नववर्ष के स्वागत में पलक पाँवड़े बिछा देते हैं, हफ्तों पूर्व योजनाएँ बनाने लगते हैं तरह तरह के दिखावटी आयोजन... Hindi · कविता 15 Share Page 1 Next