sp126 कहते हैं हम
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कहते हैं हम साठ छू रहे लगते हैं चालीस बरस के
कर गये याद पुरानी ताजा सुधियों के बादल भी बरस के
हर्षित है अपना मन कानन देता है आशीष आपको
शिखर चढ़े आकाश को छू ले आशीर्वचन निकलते मन से
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नन्हा सा एक दिया हूं मैं जलकर उजियारा करता हूं
चहूं दिश प्रकाश फैलाने को तम को ललकारा करता हूं
जब तक है तेल दीप मन में बाती है स्वाभिमान वाली
अपनी चादर की क्षमता से मैं पैर पसारा करता हूं
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पूत पिता से बड़े हो गए अपने पैरों खड़े हो गए
युग बदला बदली परिभाषा कुछ तो चिकने घड़े हो गए
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छोटी सी बात होती वहम की लड़ाई है
और लोग समझ लेते अहम की लड़ाई है
अपनी कमी न देखें बस फ़ेकते हैं पासे
खुद से कभी ना होती स्वयं की लड़ाई है
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पूत पिता से बड़े हो गए अपने पैरों खड़े हो गए
युग बदला बदली परिभाषा कुछ तो चिकने घड़े हो गए
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छोटी सी बात होती वहम की लड़ाई है
और लोग समझ लेते अहम की लड़ाई है
अपनी कमी न देखें बस फ़ेकते हैं पासे
खुद से कभी ना होती स्वयं की लड़ाई है
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गुड मॉर्निंग गुड इवनिंग छोड़ो गुड नाईट से नाता तोड़ो
सुंदर सुखद और शुभ बोलो हैप्पी हैप्पी का रुख मोडो
हैप्पी शब्द आंग्ल भाषा का घुट्टी अंग्रेजों ने पिलाई
हैप्पी होली और दिवाली हम सब ने उनसे है पाई
आया समय बदलने का है अपनी मातृभाषा मत छोड़ो
गुड मॉर्निंग गुड इवनिंग छोड़ो हैप्पी हैप्पी का रुख मोडो
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डॉक्टर //इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव
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