Shri ram
यदि खून तुम्हारा ना खौले
वो खून नहीं वो पानी है
जो काम ना आए ‘श्री राम’ के
ऐसी बेकार जवानी है
वो गया प्रभु के चरणों में
तुम्हारी मुंह पे कालिख पोत गया
तुम सोते रहे सेकुलर बन के
वो खंजर पीछे से घोप गया
उठो अभी भी वक्त है
तुम भी अब प्रहार करो
वो खंजर मारे पीछे से तुम
सीधा छाती पे वार करो
उठो सिंह के वंसज तुम
अब तुम भी हुंकार भरो
अपनी सोयी तलवारों पे
चलो आज तुम धार करो
जो आए राम के मार्ग में
उसका तुम संहार करो
उठो परशु के वंसज तुम
अपने खड़ग तैयार करो
कब तक कटते रहोगे ऐसे
अब तुम भी प्रतिकार करो
कभी अंकित, कभी तिवारी
अब रिंकू को तुम याद करो
अपने खड़ग संभालो वीरों
अब युद्ध की शंखनाद करो
अनंत