Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2022 · 1 min read

” SENSE OF HUMOUR”

DrLakshman Jha Parimal
===================
Laughter is like medicine that must be applied with caution. Make sure that you are laughing for yourself without targeting the people. A leader who is always miserable, unhappy, and frustrated is not fit to lead the organization anymore. I always see some of my friends and acquaintances react and write oddly on Facebook. It is found often in learned men also.
They don’t stay on the fence of Decency……and…….Decorum leaves the wrong impression on other friends. That is why I cultivated this gesture. I feel better projecting myself as the clown so that nobody gets hurt. Whatever I write …it is all related to my personal reaction and full of irony.
” हास्य का प्रहार लोगों पर न करना
उचित है अपनो पे हंसके लोगों को हंसाना ! ”
With my best wishes
DrLakshman Jha Parimal

Language: English
Tag: Essay
158 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
राजनीति
राजनीति
Awadhesh Kumar Singh
सुबह, दोपहर, शाम,
सुबह, दोपहर, शाम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अपनी अपनी बहन के घर भी आया जाया करो क्योंकि माता-पिता के बाद
अपनी अपनी बहन के घर भी आया जाया करो क्योंकि माता-पिता के बाद
Ranjeet kumar patre
2968.*पूर्णिका*
2968.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
ओसमणी साहू 'ओश'
निबंध
निबंध
Dhirendra Singh
तुम्हीं हो
तुम्हीं हो
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
वर्दी (कविता)
वर्दी (कविता)
Indu Singh
ज़िंदगी के सौदागर
ज़िंदगी के सौदागर
Shyam Sundar Subramanian
क्षणिका
क्षणिका
sushil sarna
बेलपत्र
बेलपत्र
©️ दामिनी नारायण सिंह
*Near Not Afar*
*Near Not Afar*
Poonam Matia
अब तो आई शरण तिहारी
अब तो आई शरण तिहारी
Dr. Upasana Pandey
मईया का ध्यान लगा
मईया का ध्यान लगा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आजकल के समाज में, लड़कों के सम्मान को उनकी समझदारी से नहीं,
आजकल के समाज में, लड़कों के सम्मान को उनकी समझदारी से नहीं,
पूर्वार्थ
■अपराध-बोध■
■अपराध-बोध■
*प्रणय*
मैं नहीं जानती
मैं नहीं जानती
भगवती पारीक 'मनु'
कुछ लोग कहते है की चलो मामला रफा दफ़ा हुआ।
कुछ लोग कहते है की चलो मामला रफा दफ़ा हुआ।
Ashwini sharma
"कथरी"
Dr. Kishan tandon kranti
गुफ़्तगू आज चारों तरफ हो रही,
गुफ़्तगू आज चारों तरफ हो रही,
पंकज परिंदा
सवाल खुद में, फिर एक
सवाल खुद में, फिर एक
Dr fauzia Naseem shad
International plastic bag free day
International plastic bag free day
Tushar Jagawat
#उलझन
#उलझन
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
जम़ी पर कुछ फुहारें अब अमन की चाहिए।
जम़ी पर कुछ फुहारें अब अमन की चाहिए।
सत्य कुमार प्रेमी
"शुभकामना और बधाई"
DrLakshman Jha Parimal
**कब से बंद पड़ी है गली दुकान की**
**कब से बंद पड़ी है गली दुकान की**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दोहावली
दोहावली
आर.एस. 'प्रीतम'
समय बदलता तो हैं,पर थोड़ी देर से.
समय बदलता तो हैं,पर थोड़ी देर से.
Piyush Goel
हारने से पहले कोई हरा नहीं सकता
हारने से पहले कोई हरा नहीं सकता
कवि दीपक बवेजा
Loading...