Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Rajeev kumar
12 Followers
Follow
Report this post
29 Jul 2021 · 1 min read
Self Helf
विधाता ने भाग पड़ोसे
फिर काहे इसको कोसे
करम रथ पे आरूढ़ चल
संघरष के भरोषे ।
Language:
Hindi
Tag:
शेर
Like
Share
1 Comment
· 310 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
Books from Rajeev kumar
View all
अनुभूति गुंजन
Rajeev Kumar
You may also like:
4390.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
६४बां बसंत
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हिंदी दोहे-पुरवाई
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मसला ये नहीं कि लोग परवाह क्यों नहीं करते,
पूर्वार्थ
कभी-कभी मुझे यूं ख़ुद से जलन होने लगती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
भीगे अरमाॅ॑ भीगी पलकें
VINOD CHAUHAN
"अगली राखी आऊंगा"
Lohit Tamta
"" *श्री गीता है एक महाकाव्य* ""
सुनीलानंद महंत
कांटें हों कैक्टस के
Atul "Krishn"
प्यासा पानी जानता,.
Vijay kumar Pandey
Maine "Takdeer" ko,
SPK Sachin Lodhi
लौटेगी ना फिर कभी,
sushil sarna
संवेदना...2
Neeraj Agarwal
"दीया और तूफान"
Dr. Kishan tandon kranti
आँखों की कुछ तो नमी से डरते हैं
अंसार एटवी
सावन बीत गया
Suryakant Dwivedi
*सब देशों को अपना निर्मम, हुक्म सुनाता अमरीका (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
अजब-गजब
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
हर्षित आभा रंगों में समेट कर, फ़ाल्गुन लो फिर आया है,
Manisha Manjari
विपरीत परिस्थितियों में भी तुरंत फैसला लेने की क्षमता ही सफल
Paras Nath Jha
जब तक देती थी गाय दूध।
Rj Anand Prajapati
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जिंदगी है तो तकलीफ तो होगी ही
Ranjeet kumar patre
टूटे नहीं
हिमांशु Kulshrestha
सफ़र ज़िंदगी का आसान कीजिए
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
■ आज का सवाल
*प्रणय*
मर्यादा पुरुषोत्तम राम
Ramji Tiwari
भाग्य मे जो नहीं होता है उसके लिए आप कितना भी कोशिश कर लो वो
रुपेश कुमार
उनसे कहना वो मेरे ख्वाब में आते क्यों हैं।
Phool gufran
शिक्षा
इंजी. संजय श्रीवास्तव
Loading...