Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Sep 2023 · 1 min read

Sari bandisho ko nibha ke dekha,

Sari bandisho ko nibha ke dekha,
Maine apne sawalo ko daba ke dekha,
Har jakham chhupai apno se,
Gairo ko sath nibhate dekha.
Mai tut gayi har bar jab bhi,
Maine apno se aas lagake dekha.
Meri khamoshi andar hi andar rah gayi,
Khuch na kaha kbhi kisi se,
Fir bhi apni kami khud me nikalte dekha.
Khuch jamane ne to nhi kaha kbhi,
Bus apno se kadwahat barsate dekha.
Socha dhal jayega ye din bhi, aur
Ek suhane safar ki shuruat hogi,
Par har dafa maine khuda se magi
Har duwa ko khali jate dekha.

1 Like · 337 Views

You may also like these posts

*वो है खफ़ा  मेरी किसी बात पर*
*वो है खफ़ा मेरी किसी बात पर*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जो व्यक्ति आपको पसंद नहीं है, उसके विषय में सोच विचार कर एक
जो व्यक्ति आपको पसंद नहीं है, उसके विषय में सोच विचार कर एक
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
बांग्लादेश हिंसा पर ...
बांग्लादेश हिंसा पर ...
SURYA PRAKASH SHARMA
दिल के इक कोने में तुम्हारी यादों को महफूज रक्खा है।
दिल के इक कोने में तुम्हारी यादों को महफूज रक्खा है।
शिव प्रताप लोधी
परेशां सोच से
परेशां सोच से
Dr fauzia Naseem shad
बंध निर्बंध सब हुए,
बंध निर्बंध सब हुए,
sushil sarna
*इश्क़ की दुनिया*
*इश्क़ की दुनिया*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*संवेदना*
*संवेदना*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
शीर्षक:-मित्र वही है
शीर्षक:-मित्र वही है
राधेश्याम "रागी"
हरसिंगार झर गए
हरसिंगार झर गए
Shweta Soni
उम्मीद अगर बहुत ज़्यादा होती है
उम्मीद अगर बहुत ज़्यादा होती है
Ajit Kumar "Karn"
भूल
भूल
Khajan Singh Nain
अँधियारे में जीने दो
अँधियारे में जीने दो
Buddha Prakash
अब दिल्ली में कौन सी दीवाली मन रही है जो लोगों का दम और हवा
अब दिल्ली में कौन सी दीवाली मन रही है जो लोगों का दम और हवा
*प्रणय*
दीपावली पर केन्द्रित कुछ बुंदेली हाइकु कविता
दीपावली पर केन्द्रित कुछ बुंदेली हाइकु कविता
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
I think she had lost herself
I think she had lost herself
VINOD CHAUHAN
शिक्षा पद्धति और भारत
शिक्षा पद्धति और भारत
विजय कुमार अग्रवाल
#रचनाकार:- राधेश्याम खटीक
#रचनाकार:- राधेश्याम खटीक
Radheshyam Khatik
ये कलयुग है ,साहब यहां कसम खाने
ये कलयुग है ,साहब यहां कसम खाने
Ranjeet kumar patre
"अर्धांगिनी"
Dr. Kishan tandon kranti
किसी और के संग ऐसा मत करना
किसी और के संग ऐसा मत करना
gurudeenverma198
उसका प्रेम
उसका प्रेम
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
गुजरते लम्हों से कुछ पल तुम्हारे लिए चुरा लिए हमने,
गुजरते लम्हों से कुछ पल तुम्हारे लिए चुरा लिए हमने,
Hanuman Ramawat
8. My. Wish
8. My. Wish
Santosh Khanna (world record holder)
ओशो रजनीश ~ रविकेश झा
ओशो रजनीश ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
“दीपावली की शुभकामना”
“दीपावली की शुभकामना”
DrLakshman Jha Parimal
2668.*पूर्णिका*
2668.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कैसे भूले हिंदुस्तान ?
कैसे भूले हिंदुस्तान ?
Mukta Rashmi
प्रीतम  तोड़ी  प्रीतड़ी, कर  परदेसा  वास।
प्रीतम तोड़ी प्रीतड़ी, कर परदेसा वास।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
Preshan zindagi
Preshan zindagi
रुचि शर्मा
Loading...