कई दिन, कई महीने, कई साल गुजर जाते हैं।
लोगों के दिलों में बसना चाहते हैं
ऐसी फूलों की एक दुकान उस गली मैं खोलूंगा,
प्यार अक्सर झूठा ही होता है,
वक्त की कहानी भारतीय साहित्य में एक अमर कहानी है। यह कहानी प
अधिकतर ये जो शिकायत करने व दुःख सुनाने वाला मन होता है यह श
हृदय को भी पीड़ा न पहुंचे किसी के
रमेशराज की कविता विषयक मुक्तछंद कविताएँ
जिंदगी के रंगमंच में हम सभी अकेले हैं।
रहने दें अभी।
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
गीत- कभी हँसकर कभी रोकर...