भारत
हे तरुण वतन मैं कैसे आमाती के आगे झुक जाऊ ,
मन करता मैं उठा खड़ग नर शीश तेरे सन्मुख लाऊ,
जब अखिल विश्व उद्विग्न होकर,आर्यवर्त को नमन करे,
तब मैं कैसे हे विश्व गुरु इस घोर दृश्य को झुठ लाऊ,
मन करता मैं उठा खड़ग नर शीश तेरे संमुख लाऊ।
@राज सेजवार