You can’t be in a relationship if you don’t like rules. Stay
"कथा" - व्यथा की लिखना - मुश्किल है
आंसू ना बहने दो
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*सच्चे गोंड और शुभचिंतक लोग...*
एक मुस्कान के साथ फूल ले आते हो तुम,
ମର୍ଯ୍ୟାଦା ପୁରୁଷୋତ୍ତମ ଶ୍ରୀରାମ
मिटे क्लेश,संताप दहन हो ,लगे खुशियों का अंबार।
आदमी उपेक्षा का नही अपेक्षा का शिकार है।
तुम भी तो आजकल हमको चाहते हो
क़िताबों से मुहब्बत कर तुझे ज़न्नत दिखा देंगी
*सरल हृदय श्री सत्य प्रकाश शर्मा जी*
जीवन में दिन चार मिलें है,
कभी-कभी डर लगता है इस दुनिया से यहां कहने को तो सब अपने हैं
नफ़रत सहना भी आसान हैं.....♡
"" *मैंने सोचा इश्क करूँ* ""
पल दो पल की शोहरतें भी तमाशे जैसी है,