जब मुझको कुछ कहना होता अंतर्मन से कह लेती हूं ,
Anamika Tiwari 'annpurna '
मौत मंजिल है और जिंदगी है सफर
आबाद सर ज़मीं ये, आबाद ही रहेगी ।
जिंदगी बंद दरवाजा की तरह है
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
उदास एक मुझी को तो कर नही जाता
*बीजेपी समर्थक सामांतर ब्रह्मांड में*🪐✨
हुई पावन मेरी कुटिया, पधारे राम रघुराई।
अहंकार और अधंकार दोनों तब बहुत गहरा हो जाता है जब प्राकृतिक