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25 Dec 2021 · 1 min read

ਮਾਂ ਪਿਆਰ ਦਾ ਸਘਣਾ ਬੂਟਾ

ਮਾਂ ਪਿਆਰ ਦਾ ਸਘਨਾ ਰੁੱਖ
**********************

ਮਾਂ ਪਿਆਰ ਦਾ ਹੈ ਸਘਨਾ ਰੁੱਖ
ਵੇਖ ਵੇਖ ਨਾ ਕਦੇ ਲੱਗਦੀ ਭੁੱਖ

ਭੁੱਖੀ ਰਹਿ ਕੇ ਔਲਾਦ ਰਜਾਵੇ
ਔਲਾਦ ਮਾਰੇ ਮਾਂ ਨੂੰ ਵਿਚ ਭੁੱਖ

ਮਾਵਾਂ ਠੰਡੀਆਂ ਛਾਵਾਂ ਹੁੰਦੀਆਂ
ਧੀ ਪੁੱਤ ਨੂੰ ਦੇਂਦੀ ਹੈ ਭਰਵਾਂ ਸੁੱਖ

ਮਰਦੀ ਮਰਦੀ ਮੰਗਦੀ ਰੱਬ ਤੋਂ
ਤੱਤੀ ਵਾ ਦਾ ਨਾ ਕੱਦੇ ਆਵੇ ਮੁੱਖ

ਗਿੱਲੀ ਥਾਂ ਆਪ ਰਹਿੰਦੀ ਸੌਂਦੀ
ਸੁੱਕੀ ਥਾਂ ਤੇ ਸਵਾ ਕੇ ਦੇਂਦੀ ਸੁੱਖ

ਸਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਕੱਲੀ ਮਾਂ ਹੈ ਪਾਲੇ
ਸਾਰੇ ਰੱਲ ਨਾ ਪਾਲਦੇ ਮਾਂ ਮੁੱਖ

ਕੱਲੀ ਬਹਿ ਬਹਿ ਹਰ ਰੋਜ ਰੋਵੇ
ਵੱਸਦਾ ਟੱਬਰ ਵੇਖ ਹੋਵੇ ਓ ਖੁਸ਼

ਤੁਰਜੇ ਮਾਂ ਕੱਦੇ ਨਜ਼ਰ ਨਾ ਆਵੇ
ਸੁੱਕ ਜਾਂਵੇ ਹਰਿਆ ਭਰਿਆ ਰੁੱਖ

ਮਨਸੀਰਤ ਮਾਂ ਦਾ ਹਮੇਸ਼ ਰਿਣੀ
ਚੁੱਕਾ ਨੀ ਸਕਦਾ ਮਾਂ ਦਾ ਹੈ ਦੁੱਖ
**********************
ਸੁਖਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਮਨਸੀਰਤ
ਖੇੜੀ ਰਾਓ ਵਾਲੀ (ਕੈਥਲ)ਮ

Language: Punjabi
219 Views
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