Preshan zindagi
जिंदगी वीरान हो गई है
कुछ परेशान हो गई है
ना चाह कर मन के काम कर सकते
ना अपने लिए वक्त निकाल सकते
हर पल परेशान,एक इम्तिहान हो गई है
जिंदगी वीरान हो गई है
एक पल चैन की नींद नहीं
ना चैन की सुबह ना शाम हो गई है
जिंदगी बहुत हैरान परेशान हो गई है
शौक तो मरते जा रहे,जीने की चाह भी गुमनाम हो गई है
ना अच्छे लगते जिंदगी के पल
ना सिलसिला मुश्किलों का क्योंकि जिंदगी बेईमान जो हो गई है
जिंदगी हर पल हैरान परेशान जो हो गई है…
जिंदगी हर पल हैरान परेशान जो हो गई है…
रुचि✍️