नवल किशोर सिंह Tag: कविता 133 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid नवल किशोर सिंह 5 May 2024 · 1 min read *पंचचामर छंद* *पंचचामर छंद* 16 वर्ण विधान- ज र ज र ज गुरु। पहाड़ विघ्न का मिले, कुघात का प्रहार हो। विरोध में सुयोग के, डरावना विकार हो। रुको नहीं झुको नहीं,... Hindi · कविता · छंद 1 1 129 Share नवल किशोर सिंह 5 May 2024 · 1 min read *श्रमिक* *मुक्तक* कभी गेंती कभी रेती, कभी छेनी चलाता है। अटल गिरिराज को भी वह, सतह तक खींच लाता है। गलाकर हड्डियाँ अपनी, जगत का रूप जो गढ़ता, सजा ऐसी मिली... Hindi · Muktak · कविता 1 1 68 Share नवल किशोर सिंह 5 May 2024 · 1 min read *सम्मान* *मुक्तक* जोर-जोर से चिल्लाना भर, शब्दों में कुछ जान नहीं। बिना तथ्य की मिथ्या बातें, संदर्भों का ज्ञान नहीं। बगुला जैसे श्वेत वसन धर,धीर सभा में हंसों की, बैठ रहे... Hindi · Muktak · कविता · मुक्तक 50 Share नवल किशोर सिंह 5 May 2024 · 1 min read *मतदान करें* *मुक्तक* मातृभूमि उन्नत हो कैसे, आओ इसका संधान करें। सत्ता-लोभी, लंपट जन का, भारत-भू से अवसान करें। मत की कीमत कम मत आँकों, यह तस्वीर बदल देती है, लोकतंत्र का... Hindi · Muktak · कविता · मुक्तक 1 1 75 Share नवल किशोर सिंह 5 May 2024 · 1 min read श्रमजीवी श्रमजीवी बाजू-बल से जीनेवाला। स्वेद-नीर को पीनेवाला। रहता जाने क्यों हतभागी? कोटि कर्म का फल बैरागी। चिंदी चिथड़ी एक लँगोटी। और उदर फाँके की रोटी। एक अँगोछा लेकर काँधे। शीश... Hindi · कविता · चौपाई · श्रमिक दिवस विशेष 1 64 Share नवल किशोर सिंह 30 Oct 2022 · 1 min read वंचक (किरीट सवैया ) किरीट सवैया 8×भगण (24 वर्ण) क्षोभ विलोभ विलेप छली निज गौरव का अपमान करे नित। राज समाज बिराज रहा बन खंजर खाज निशान करे नित। वीर सपूत बिना वनिता अरि... Hindi · कविता · सवैया 194 Share नवल किशोर सिंह 21 Aug 2019 · 1 min read रजनी रजनी मादक नयनों में भरे प्रतीक्षा धैर्य, धधक की पूर्ण परीक्षा अकुलाया पल, बीता दिनमान साँझ सनेही का है प्रतिदान श्याम वसन रंग आई रजनी शोख कजरों में खिली सजनी... Hindi · कविता 1 506 Share नवल किशोर सिंह 19 Aug 2019 · 1 min read जलप्रलय जलप्रलय इंद्र का कोप या वरुण निरुपाय धरा धसक जीव जन असहाय सागर सहन मिलकर एकाकार धरा पर पसरा करुण हाहाकार मैया, गैया दीन दैया की पुकार आर्त्तनाद-त्राहि माम् मंत्रोच्चार... Hindi · कविता 592 Share नवल किशोर सिंह 22 Mar 2019 · 1 min read देशप्रेम की भावना सेना दिवस की शुभकामनाएं सीमा पर खड़े अडिग सीना तान मुस्कान मधु लिए सदा सावधान निशिदिन करें अरिदल का संधान किंचित विचलित न होते बलवान उफनी नदी सी वेग अति... Hindi · कविता 1 1 510 Share नवल किशोर सिंह 19 Mar 2019 · 1 min read पुलवामा पुलवामा के अमरशहीदों को शत शत नमन ?????????? कैसे भूलूँ इन वीरों की कुर्बानी को नत नमन अमर शहीद सेनानी को गिरवी जमीर रख मिले खरीदारों से कोई अपना ही... Hindi · कविता 308 Share नवल किशोर सिंह 19 Mar 2019 · 1 min read प्रण प्रण रग रग में विष भरा दुराव पग पग पे छलना स्वभाव विश्वास छलभरी बातों का अहसास हमें उन घातों का खण्डित सदा संकल्प तेरे बचे पास कौन विकल्प मेरे... Hindi · कविता 411 Share नवल किशोर सिंह 19 Mar 2019 · 1 min read वायुनंदन अभिनंदन हे वायुनंदन वीर अभिनंदन कोटि नमन चिर-अभिवंदन अरिपुर में लगा सटीक सेंध हे सुभट आये तुम लक्ष्य बेंध समक्ष रिपु लिये प्रपंच-पाण रहे अविकल खड़े सीना तान सधे शब्द संयमित... Hindi · कविता 326 Share नवल किशोर सिंह 19 Mar 2019 · 1 min read मोह-पिरामिड ये मोह मायावी मतिभ्रम स्वार्थ संधान भ्रष्ट आचरण दृग अंधावरण -©नवल किशोर सिंह Hindi · कविता 323 Share नवल किशोर सिंह 19 Mar 2019 · 1 min read मोह मायामोह एक मकड़जाल सतत उधेड़ बुन मकड़ी है मन ताना बाना में जीवन मोह संबंधों का विविध अनुबंधों का मोह है लक्ष्य का मोह अगम्य का तज कर मोहमाया भरमाए... Hindi · कविता 384 Share नवल किशोर सिंह 5 Mar 2019 · 1 min read मातृत्व मातृत्व- एक सुखद अहसास ममत्व का मधुर विकास निज तन का कर अंश विभक्त लाज-लावण्य सर्वस्व परित्यक्त सहिष्णुता की असीम शक्ति सृजन की अद्भुत अभिव्यक्ति परिपूर्णता का प्रखर धूप प्रकट... Hindi · कविता 307 Share नवल किशोर सिंह 5 Mar 2019 · 1 min read दुष्ट/दुर्जन-पिरामिड 1 वो छली दुर्जन दुःशासन चीरहरण द्रौपदी का नीर नष्ट कुल,जागीर 2 है त्याज्य दुर्जन दुराचार खल विचार ज्ञान भरे दर्प मणि भूषित सर्प -©नवल किशोर सिंह Hindi · कविता 283 Share नवल किशोर सिंह 3 Feb 2019 · 1 min read बेटी-पिरामिड पिरामिड है बेटी सुबास अहसास एक विश्वास पूजा की कलशी आँगन की तुलसी -©नवल किशोर सिंह Hindi · कविता 509 Share नवल किशोर सिंह 3 Feb 2019 · 1 min read तन/काया-तांका 1 निरोगी मन तन एक मंदिर योग व्यायाम सतोगुण आहार जीवन नैया पार 2 काया की माया मन को भरमाया शाम की छाया कुछ हाथ न आया पंचभूत बिलाया -©नवल... Hindi · कविता 1 596 Share नवल किशोर सिंह 2 Feb 2019 · 1 min read इज्जत इज्जत छिटपुट लोगों से भरा रस्ता और हाथों में लिए एक बस्ता चलती भोली-सी लड़की सहसा बिजली सी कड़की कुछ मनचले खड़े सामने जबरन दामन लगे थामने रही वो चीखती,चिल्लाती... Hindi · कविता 271 Share नवल किशोर सिंह 2 Feb 2019 · 1 min read शिक्षा शिक्षा-एक संस्कार सिखलाती- जीवन की रीत सहिष्णुता व प्रीत करती विशुद्ध अन्तर्मन परिष्कृत आचरण मन में उत्पन्न सद्भाव,सदाचार परिवर्तित परिपेक्ष्य मोटी पुस्तकें डिग्री-एक व्याधि लंबी-लंबी उपाधि उपाधियों का कारोबार शिक्षा-एक... Hindi · कविता 378 Share नवल किशोर सिंह 15 Jan 2019 · 1 min read सेना दिवस सेना दिवस की शुभकामनाएं सीमा पर खड़े अडिग सीना तान मुस्कान मधु लिए सदा सावधान निशिदिन करें अरिदल का संधान किंचित विचलित न होते बलवान उफनी नदी सी वेग अति... Hindi · कविता 1 307 Share नवल किशोर सिंह 11 Jan 2019 · 1 min read शूल शूल एक कवच है महक रहे फूलों का शूल एक हृदय में बेपरवाह भूलों का मीत के प्रवास का प्रीत के उपहास का अधूरी-सी कहानी का ताना भरी वाणी का... Hindi · कविता 1 311 Share नवल किशोर सिंह 3 Jan 2019 · 1 min read नववर्ष मंगलमय हो रिद्धी सिद्धिमय,सर्व शुभमय सुख-शांतिमय,कृपा कांतिमय दिव्य वांगमय,पुलक प्राणमय कुंज गुंजमय, प्रतिभापुंजमय स्नेह सुधामय, हिय हरितमय शुभ्र-धवलमय,नित्य नवलमय मंगलमय हो नववर्ष आपका -©नवल किशोर सिंह Hindi · कविता 256 Share नवल किशोर सिंह 2 Jan 2019 · 1 min read नव वर्ष नव वर्ष- नए संकल्प,नए विकल्प,नव आदर्श नई परिधि,नव सृजन का वर्ष पुरातन में नूतन रंग नव रास-रंग,परिहास संग नई दिशाएँ,नवल आयाम आयामों का प्रतिदर्श मुबारक हो नववर्ष शिथिल पग,बोझिल भार... Hindi · कविता 278 Share नवल किशोर सिंह 31 Dec 2018 · 1 min read यादगार यादगार सीने में दफन यादों की कब्र साँसों में पलती विस्मृतियों को पुरजोर छलती मृत अहसासों की मधु-कटु स्मार्त धड़कने रह गई बनकर यादगार -©नवल किशोर सिंह Hindi · कविता 278 Share नवल किशोर सिंह 31 Dec 2018 · 1 min read बीता कल बीता कल चेहरे वही, कहाँ कोई चाल बदला है बदलते कलेंडर कहते साल बदला है दिसम्बर से जनवरी,पलभर की दूरी है पुनर्मिलन,हा,कितनी लंबी मजबूरी है ये तो बिछड़ेंगे पर फिर... Hindi · कविता 579 Share नवल किशोर सिंह 30 Dec 2018 · 1 min read सौदेबाज़ी सौदेबाज़ी आया फिर देश में ये आम चुनाव छुटभैये निकले लेकर पुरानी नाव बरसों तक चखे बिरियानी पुलाव मौका आया देख बदले अब भाव झूठ-पुट सम्पुट,रूठ,गुटबाजी होगी फिर से सत्ता... Hindi · कविता 287 Share नवल किशोर सिंह 29 Dec 2018 · 1 min read तेरा साथ-सेदोका फूल खिलना दिल का मचलना तुम संग मिलना अंक में माँथ लिए हाथों में हाथ पुलक तेरा साथ -©नवल किशोर सिंह Hindi · कविता 494 Share नवल किशोर सिंह 27 Dec 2018 · 1 min read चंदा-पतंग उड़ता विमान नील गगन में अंदर बैठा मैं, मनन चिंतन में मन रत बाहर,पंख पर नर्तन में पुलक,चाँद पकड़ने के प्रवर्तन में खूब इठलाऊँ,जो पकड़ लूँ चंदा पतंग उड़ाऊँ,डाल नेह... Hindi · कविता 291 Share नवल किशोर सिंह 26 Dec 2018 · 1 min read अभेद विस्तृत नील गगन मलय मदिर मृदु पवन साँसों में प्रवाहित प्रतिक्षण कल-कल बहती नदी की धारा या दूर गगन का वो इकतारा बादलों का फुहार सरस रसधार प्राची से प्रस्फुटित... Hindi · कविता 311 Share नवल किशोर सिंह 26 Dec 2018 · 1 min read लेखन लेखन संवेदी मन में कुछ चुभन सार्थक मनन कुछ घुटन गहन चिंतन विचारों का मंथन ढुलकते बन भावों के मोती- झर झर लेखनी के आँसू जज्बात है लेखन मौन मुख... Hindi · कविता 383 Share नवल किशोर सिंह 25 Dec 2018 · 1 min read सांता 1 ख़्वाहिशों की फेहरिस्त लिए भटकता ढूंढता- सांता कहाँ हो? 2 ख़्वाहिशों की फैली है कितनी झोलियाँ कहाँ आसान है सांता होना भी? -©नवल किशोर सिंह Hindi · कविता 337 Share नवल किशोर सिंह 25 Dec 2018 · 1 min read अटल अटल अवतरित भू पर एक युगऋषि अरिष्टनेमि मानव-धर्मी,राष्ट्रप्रेमी साहित्य का मनस्वी राजनीति का तपस्वी एक अटल- जो सिद्धांतों पर बरसों तक अटल रहा धरती पर आजकल वो अटल न रहा... Hindi · कविता 272 Share नवल किशोर सिंह 23 Dec 2018 · 1 min read नारी शक्ति को नमन नारी शक्ति को नमन रीति-नीति छल,ढंभ,कुरीति पग-पग प्रताड़न,प्रहार बहु बाधा-विघ्न का कलुषित अंबार आत्मबल का उन्नयन हौसलों का संचयन विजित हुआ विघ्नों का ये शैल शिखर अबला नारी का तेज... Hindi · कविता 352 Share नवल किशोर सिंह 22 Dec 2018 · 1 min read देशप्रेम देशप्रेम- भावना के संग डाल गलबाहें मिलता चौक चौराहे चाय की दुकान में नन्हें मुन्नों की मुस्कान में रिक्शे वाले की लगन में माताओ के कंगन में ललनाओ की चूड़ियों... Hindi · कविता 1 304 Share नवल किशोर सिंह 22 Dec 2018 · 1 min read पुकार-क्षणिका 1 विलुप्त बंशी लिये हाथों में गिटार मगन कृष्ण मनाता है जश्न संग दुःशासन, लाचार द्रौपदी की व्यर्थ पुकार 2 दुम्दुभि वादन सदावर्त की लम्बी कतार अंत में एक कृशकाय... Hindi · कविता 352 Share नवल किशोर सिंह 22 Dec 2018 · 1 min read पायल पायल हुई सयानी माता की आँखों में पानी अंग-रंग में निखार कोई साज न सिंगार अबकी बछिया बेचकर कुछ रुपये सहेजकर ला देते एक जोड़ी पायल छनक छनक चलती छमछम... Hindi · कविता 1 288 Share नवल किशोर सिंह 21 Dec 2018 · 1 min read पायल-चुगलखोर साँझ ढले दबे पांव तेरा छत पे आना हौले से आंखों में मुस्कुराना धड़कनों की बेताब धौंकनी मन विभोर पर, छनक ही जाती पायल तेरी चुगलखोर पकड़े जाते दो चोर... Hindi · कविता 1 384 Share नवल किशोर सिंह 21 Dec 2018 · 1 min read दस्तक पायल की रुनझुन तेरे आने की दस्तक आज लगा अमावस की रात है चाँद- मेरे छत पे उतरा है। -©नवल किशोर सिंह Hindi · कविता 1 294 Share नवल किशोर सिंह 21 Dec 2018 · 1 min read कविता कविता भावनाओं की प्रसव से गुजरकर होती कविता की उत्पत्ति कविता संवेदनशील हृदय की व्युत्पत्ति आस-पास परिवेश को पढ़ना मन में भावों को गढ़ना विविध विचारों के दग्ध-दाघ से द्रवित... Hindi · कविता 1 494 Share नवल किशोर सिंह 20 Dec 2018 · 1 min read कोहरा कोहरा सरपट जीवन और तीव्र गति से भागते वाहन अचानक एक विराम द्रूतगति पर लगाम वो सामने सघन सी एक धुँध नमी लिए कुछ बूंद प्रकाश का कर अपहरण बिछा... Hindi · कविता 1 381 Share नवल किशोर सिंह 20 Dec 2018 · 1 min read भूख-क्षणिका चाँदनी रात में खुले नभ तले भूख के बिछौने पर जागती आँखों से सोना आँतों का रोना चाँद कोई रोटी नहीं -©नवल किशोर सिंह Hindi · कविता 1 285 Share नवल किशोर सिंह 20 Dec 2018 · 1 min read भूख-चोका भूख-विधा-चोका एक बुढ़िया जबरन चलती आती इधर गिरती संभलती डग से मानो जिंदगी को छलती चिंदी पहने चिथड़े ही गहने आँखों में झाँई आंते कुलबुलाई सूखी ठठरी हाथ लिए गठरी... Hindi · कविता 1 515 Share नवल किशोर सिंह 20 Dec 2018 · 1 min read निशा निशा बियाबान रेत में मृगतृष्णा-सा मन भटकता,मचलता है सूरज भी छलिया है उजालों से छलता है प्रखर उजालों से चौंधियाई आँखें उद्भ्रांत मन सांझ ढलने तक क्लांत मन तलाशता,एक छाँव... Hindi · कविता 2 314 Share नवल किशोर सिंह 19 Dec 2018 · 1 min read हाथ-क्षणिकाएं क्षणिकाएं हाथ/कर 1 कर से कर काम पा गए मुकाम अजब संयोग कर जोड़कर भाग्य बांचते कुछ लोग। 2 हाथों में हाथ लिए चलता रहा ताउम्र वही छलता रहा आज... Hindi · कविता 1 491 Share नवल किशोर सिंह 19 Dec 2018 · 1 min read पनघट-चोका पनघट-विधा-चोका आर्द्र है आँखे पनिहारिन ताके घूँघट-पट भंगिमा नटखट बिखरी लट हाथ पिपासु घट कहाँ है बाँके वो आकर तो झाँके विलुप्त घटा परिवर्तित छटा मन के पीर सिमट रहा... Hindi · कविता 1 478 Share नवल किशोर सिंह 18 Dec 2018 · 1 min read चाँद-क्षणिकाएं 1 आसमान का चाँद चितकबरा है पर,उसमें अमृत भरा है तो क्या? कितने बेदाग चाँद लिये हमारी धरा है। 2 कल देखा नितदिन रूपांतरित होता शून्य-सा चाँद एक मृगछौने-सा बड़ा... Hindi · कविता 1 1 571 Share नवल किशोर सिंह 18 Dec 2018 · 1 min read साया-क्षणिकाएं साया-क्षणिकाएं 1 कर जतन थक हारे भरी दुपहरी हाथ न आया मेरा साया। 2 कद को बेहद करने की तमाम उम्र जद्दोजहद कुछ काम न आया पल-पल सिमटता ही गया... Hindi · कविता 1 283 Share नवल किशोर सिंह 17 Dec 2018 · 1 min read मधुयामिनी मधुयामिनी सुहानी सी ये चाँदनी रात पुष्प से खिले मन के जज्बात नीले गगन तले,तारों के छाँव संग जलता है मन ,जलते अलाव संग सिद्धहस्त हाथों का मृदुल मंद थाप... Hindi · कविता 1 269 Share नवल किशोर सिंह 16 Dec 2018 · 1 min read लीला-तांका विधा-तांका वर्णक्रम-5/7/5/7/7 1 मूकदर्शक प्रतिज्ञाबद्ध भीष्म बाणों की शैय्या छल का समर्थन महाभारत-लीला 2 भाग्य की लीला रावण-गतिरोध पंछी जटायु नारी की लाज रक्षा प्राप्त प्रभु की गोद -©नवल किशोर... Hindi · कविता 1 248 Share Page 1 Next