Kushagra Tag: कविता 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kushagra 14 Jun 2021 · 1 min read जिंदगी सवाल करती है जिंदगी मुझ से पूछती है क्यों रोता है मजे लुट मेरे क्यूँ घुट घुट के जीता है एक ही बार तो आई हूं मैं, क्यों रोता है बार बार नहीं... Hindi · कविता 6 2 315 Share Kushagra 14 Jun 2021 · 1 min read बाल-श्रम का दाग़ क्या मजबूरी है लोगों की जो करवाते नन्हें बालकों से काम दाग़ बाल-श्रम है पढ़े लिखे समाज पर ! शर्म करो जो करवाते बाल-श्रम पढ़ने की अपेक्षा करवाते उनसे काम... Hindi · कविता 4 2 291 Share Kushagra 14 Jun 2021 · 1 min read आज की पीढ़ी बुरा है आज की पीढ़ी का हाल नासमझ अनजान हैं ये मान-अपमान का ना जाने अन्तर, करते माता पिता की अवहेलना पहुँचाते उन्हें दुख घनघोर बुरा है आज की पीढ़ी... Hindi · कविता 4 2 250 Share