V.k.Viraz Tag: मुक्तक 15 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid V.k.Viraz 24 Apr 2021 · 1 min read दुनिया पूरी क़ायनात को बस ये ही बीमारी है कि दुनिया ही मुसीबतों की जड़ सारी है। ख़ुद को कभी कोई शामिल करता नही, बस बदनाम करने का काम जारी है।... Hindi · मुक्तक 1 2 627 Share V.k.Viraz 24 Mar 2021 · 1 min read *रंग बदलता शहर* रंग बदलते शहर में गुजारा कैसे होगा गैर होकर कोई हमारा कैसे होगा। मुझे उम्मीद नही किसी और से यहाँ टूटते तारे का कोई सहारा कैसे होगा। Hindi · मुक्तक 2 274 Share V.k.Viraz 9 Mar 2021 · 1 min read *ईमान के पहरेदार* हुक़ूमत-ऐ-नफऱत है प्यार कि मिनारों पर ईंटे पड़ रहीं भारी ऊँची दीवारों पर। निकल रहे बचकर काले पाप के ठेकेदार लग रहा इल्ज़ाम ‘ईमान’ के पहरेदारों पर। V.k.Viraz Hindi · मुक्तक 1 2 341 Share V.k.Viraz 13 Feb 2021 · 1 min read ∆■हसीं लम्हों तुम्हें लोटना होगा■∆ कोई अपना तुम्हारा ग़मों की भीड़ से घिरा है। तड़प रही है आत्मा उसकी वो बुरी सी किसी तक़दीर से घिरा है। थक गया है वो चूर हो होकर जी... Hindi · मुक्तक 2 5 294 Share V.k.Viraz 18 Oct 2020 · 1 min read कम में भी ज़िन्दगी चल जाया करती है। चिंगारियों से भी आग जल जाया करती है, छोटेबदलावों सेभी ज़िंदगी बदल जाया करती है। ज़्यादा की तमन्ना हर बार अच्छी नही होती, कम में भी ये ज़िन्दगी चल जाया... Hindi · मुक्तक 2 265 Share V.k.Viraz 1 Oct 2020 · 1 min read \लोग काम नही आते// आदतों से लोग अपनी अब बाज नही आते। इंसानियत वाले लोग लोगों को रास नही आते। गुनगान करते हैं सिर्फ बुरी फ़ितरत वालों के काम आने वालों के भी लोग... Hindi · मुक्तक 2 2 464 Share V.k.Viraz 1 Oct 2020 · 1 min read \जलता नर्क है// दुनिया की हर चीज़ में तर्क है बस सब के समझ मे फ़र्क है। किसी के लिए स्वर्ग है ये धरती तोकिसी केलिए जलता नर्क है। Poet V.k.viraz Hindi · मुक्तक 3 2 270 Share V.k.Viraz 1 Oct 2020 · 1 min read धूल भी कब्र बना देती है// यादों में यार कि अब सारे दिन कटते हैं साँसों के प्यारे गुब्बारे हर रोज़ सिमटते है। मिट्टी कि नन्ही सी धूल भी कब्र बना देती है जिसमे हर रोज... Hindi · मुक्तक 3 2 438 Share V.k.Viraz 1 Oct 2020 · 1 min read \कुछ गहरे घाव// उभर आए हैं कुछ दर्दों के भाव नजऱ आए फिर कुछ गहरे घाव। टूटा है फिर दिल का सन्नाटा मेरे, है इस पर फिर यादों का दबाव। Hindi · मुक्तक 3 2 434 Share V.k.Viraz 27 Sep 2020 · 1 min read \ लोग भी अजीब हैं // ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●● गुनाहों की गठरी सर रखे चलते हैं दूसरों को अच्छे काउपदेश देते हैं। अपनी तो रखते हैंसँभाल करसदा दूसरों की इज़्ज़त को बेच देते हैं। ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●● V.k.Viraz ''''''''''''''"""""""" Hindi · मुक्तक 3 2 297 Share V.k.Viraz 27 Sep 2020 · 1 min read ::(लोग मतलबी):: --------------------------------------------------- केवल धोका है सब यहाँ अपनों के नाम पर देता है ध्यान हर कोई बस अपने काम पर। किसी को क्या किसी की मन्ज़िल की फ़िक्र रखता है नज़र... Hindi · मुक्तक 3 365 Share V.k.Viraz 25 Sep 2020 · 1 min read 【■ हालात ज़िन्दगी के ■】 ------------------------------------------ हालात इस क़दर बिगड़े हैं ज़िंदगी के पत्थर से ज्यादा टुकड़े है ज़िन्दगी के। सँभालना चाहा जिन्हें हर हाल में भी, ख़ुशी केवही पल बिछड़े हैंज़िन्दगी के। ------------------------------------------ By... Hindi · मुक्तक 3 2 306 Share V.k.Viraz 23 Sep 2020 · 1 min read !:::बुरी राहें चलना मत:::! तारीफ़ों की आंच से पिघलना मत चिनगारियों से कभी जलना मत। बुरी राहें मंज़िल तक क्यों न जाएं, साथ उनके कभी तुम चलना मत। By-वि के विराज़ Hindi · मुक्तक 4 498 Share V.k.Viraz 24 May 2020 · 1 min read (ख़्याल तुम्हारा) ख़्याल तुम्हारा आता रहता है मुझे नींदों से जगाता रहता है। रह रह कर मेरे मन के भीतर दर्द सदा ये बढ़ाता रहता है। ख़्याल तुम्हारा आता रहता है पल... Hindi · मुक्तक 2 323 Share V.k.Viraz 20 May 2020 · 1 min read 【【मज़दूर】】 एक सुकून की तलाश में निकले थे अपनों से मिलने की फ़िराक में निकले थे। मालूम न था सफ़र अधूरा रह जाएगा रास्ते भी मज़दूरों के ख़िलाफ़ में निकले थे।... Hindi · मुक्तक 3 6 243 Share