विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’ Tag: मुक्तक 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’ 27 Dec 2021 · 1 min read नेकी की दीवार नेकी की दीवार से, नाता कर लो यार। संतोषी बनकर रहो, छोड़ो पापाचार। भला करे आशीष मिले, उपजे मन आमोद। संतों की वाणी यही, गीता का है गोद। Hindi · मुक्तक 355 Share विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’ 14 Jan 2018 · 1 min read आज का अभिमन्यु आज फिर अभिमन्यु चक्रव्यूह में घिर गया, परंतु यह चक्रव्यूह कौरवों द्वारा नहीं रचा गया वरन् नैतिक मूल्यों के ह्रास ने खुद ब खुद उसे अपने मोहपाश में उलझा लिया।... Hindi · मुक्तक 424 Share विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’ 9 Jan 2018 · 1 min read शीतलहर की हुई विदाई दिनकर ने ली अंगड़ाई शीतलहर की हुई विदाई। खुल गई हैं फिर से शाला पैक हो गए स्वेटर और दुशाला। धुंध-कोहरा अब न कंपकपाएं रफ्तार फिर से बढती जाए। गली-कूचे... Hindi · मुक्तक 410 Share विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’ 6 Jan 2018 · 1 min read प्रीत के धागे नाजुक हैं मैं हारा तुम जीते, क्या फर्क पड़ता है छोटी-छोटी बातों से, रिश्ता टूट बिखरता है। तुम जीत पर इतरा लो, मैं हार का जश्न मना लूंगा तेरे अधरों से मैं... Hindi · मुक्तक 419 Share