Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jan 2018 · 1 min read

प्रीत के धागे नाजुक हैं

मैं हारा तुम जीते, क्या फर्क पड़ता है
छोटी-छोटी बातों से, रिश्ता टूट बिखरता है।

तुम जीत पर इतरा लो, मैं हार का जश्न मना लूंगा
तेरे अधरों से मैं भी, अपनी मुस्कान मिला लूंगा।

तकरार भले ही कर लेना, मुंह मोड़ कभी न लेना तुम
दौर भले ही कैसा हो, बंधन तोड़ कभी न लेना तुम।

प्रीत के धागे नाजुक हैं, मत जोर लगाना तुम इन पर
गर टूट गए इक बार जो ये, गांठ पड़ेगी फिर इन पर।

बीत समय जो जाता है यार, लौट नहीं वो आता है
जो समझ गया वो समझदार, ना समझे वो पछताता है।

Language: Hindi
415 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नारी बिन नर अधूरा✍️
नारी बिन नर अधूरा✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जो माता पिता के आंखों में आसूं लाए,
जो माता पिता के आंखों में आसूं लाए,
ओनिका सेतिया 'अनु '
इसलिए कुछ कह नहीं सका मैं उससे
इसलिए कुछ कह नहीं सका मैं उससे
gurudeenverma198
हम समुंदर का है तेज, वह झरनों का निर्मल स्वर है
हम समुंदर का है तेज, वह झरनों का निर्मल स्वर है
Shubham Pandey (S P)
हंस
हंस
Dr. Seema Varma
वनमाली
वनमाली
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मैं अगर आग में चूल्हे की यूँ जल सकती हूँ
मैं अगर आग में चूल्हे की यूँ जल सकती हूँ
Shweta Soni
मां, तेरी कृपा का आकांक्षी।
मां, तेरी कृपा का आकांक्षी।
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
*जब शिव और शक्ति की कृपा हो जाती है तो जीव आत्मा को मुक्ति म
*जब शिव और शक्ति की कृपा हो जाती है तो जीव आत्मा को मुक्ति म
Shashi kala vyas
किभी भी, किसी भी रूप में, किसी भी वजह से,
किभी भी, किसी भी रूप में, किसी भी वजह से,
शोभा कुमारी
माना सच है वो कमजर्फ कमीन बहुत  है।
माना सच है वो कमजर्फ कमीन बहुत है।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
ग्वालियर की बात
ग्वालियर की बात
पूर्वार्थ
वह दे गई मेरे हिस्से
वह दे गई मेरे हिस्से
श्याम सिंह बिष्ट
"सवाल"
Dr. Kishan tandon kranti
गम के बगैर
गम के बगैर
Swami Ganganiya
मातृशक्ति को नमन
मातृशक्ति को नमन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
धन से जो सम्पन्न उन्हें ,
धन से जो सम्पन्न उन्हें ,
sushil sarna
यादों की किताब बंद करना कठिन है;
यादों की किताब बंद करना कठिन है;
Dr. Upasana Pandey
भीम षोडशी
भीम षोडशी
SHAILESH MOHAN
फ़ितरत को जब से
फ़ितरत को जब से
Dr fauzia Naseem shad
मुझे वो सब दिखाई देता है ,
मुझे वो सब दिखाई देता है ,
Manoj Mahato
वक़्त का सबक़
वक़्त का सबक़
Shekhar Chandra Mitra
जब किसान के बेटे को गोबर में बदबू आने लग जाए
जब किसान के बेटे को गोबर में बदबू आने लग जाए
शेखर सिंह
कहीं भूल मुझसे न हो जो गई है।
कहीं भूल मुझसे न हो जो गई है।
surenderpal vaidya
समीक्षा ,कर्त्तव्य-बोध (कहानी संग्रह)
समीक्षा ,कर्त्तव्य-बोध (कहानी संग्रह)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
2849.*पूर्णिका*
2849.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
समूह
समूह
Neeraj Agarwal
प्रेम एकता भाईचारा, अपने लक्ष्य महान हैँ (मुक्तक)
प्रेम एकता भाईचारा, अपने लक्ष्य महान हैँ (मुक्तक)
Ravi Prakash
मेरे हिसाब से
मेरे हिसाब से
*Author प्रणय प्रभात*
संसाधन का दोहन
संसाधन का दोहन
Buddha Prakash
Loading...