विनय कुमार करुणे Tag: ग़ज़ल/गीतिका 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid विनय कुमार करुणे 14 Sep 2020 · 1 min read चोट लगी नही अभी चोट लगी नही अभी, और हम मरहम ढूँढने लगे, सबने कहा इश्क़ है, और इसकी हरम ढूंढने लगे, गली में उनकी जाने की बात हुई, और हम सनम ढूंढने लगे,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 516 Share विनय कुमार करुणे 27 Feb 2020 · 1 min read शहर-ए-इश्क़ शहर-ए-इश्क़ में हर शक़्स हैरान सा लगता है, कड़वी किसी की बात,दर्द मुस्कान सा लगता है, इश्क़-ए-दरिया में गोते खाता है कोई, तन्हाई में दिल किसी का बियाबान सा लगता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 377 Share विनय कुमार करुणे 21 Feb 2020 · 1 min read इंसान की फ़ितरत गलतियां तमाम देखता है दुनिया के, खुद के लाखों ऐब छिपाता है, जहाँ भी दिखे नफ़ा अपना, आपस में करना बैर बताता है, खुद के दिल मे भले न हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 484 Share