राजेन्द्र सिंह 14 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid राजेन्द्र सिंह 12 Sep 2018 · 1 min read दिल में आग है यह अश्क़ में भीगी ग़ज़ल,खून में डूबे राग हैं, लबों पर जलते हुए लफ्ज़ यह मेरे दिल की आग है, अब वक्त है जुदाई का,जा इनकार न कर, मेरी शख्शियत... Hindi · कविता 1 435 Share राजेन्द्र सिंह 16 Aug 2018 · 1 min read ।।मैं जिसको पूज रहा हूँ।। मैं जिसको पूज रहा हूँ, वह पत्थर पानी बनता है, घूंट-घूंट में देता जीवन, आशीष भवानी बनता है, कालो में है महाकाल, जिस पर धरती का भार टिका, बना धुरी... Hindi · कविता 1 255 Share राजेन्द्र सिंह 8 Aug 2018 · 1 min read बे-मोल बिके एक बूंद छलक पलकों से आई, मैंने उसे वफ़ा माना। जिसको पूजा दिलने मेरे , मैंने उसे खुदा माना। भेद क्या होता गैरों में, अब तक न मैंने जाना, हर... Hindi · कविता 1 200 Share राजेन्द्र सिंह 6 Aug 2018 · 1 min read ।।कुछ तो कमी रह गई।। ............कुछ तो कमी रह गई होगी तुमको लगता है कि तुम हार गये? बल्कि सच यह है कि सार्थक , प्रयास ही नही किया। एक कलाकार अपनी हर रचना को... Hindi · लेख 1 462 Share राजेन्द्र सिंह 3 Aug 2018 · 1 min read कहीं तो मिलेगी कहीं किस्से, कहीं कहानी, कहीं भीगे हुए, तेरे कदमो. की निशानी, चलो चलते हैं ढूंढने फिर से, वह दिन, कहीं तो मिलेगी, ज़िंदगानी। हर पल छुपे, आगोश में रहना, कितनी... Hindi · कविता 210 Share राजेन्द्र सिंह 30 Jul 2018 · 1 min read संवाद -बहुत काम की बात संवाद -बहुत काम की बात अभी उसको रहने दो, अपने आप में, कुछ भी कहना ठीक नही है। हां, अपने आप सब ठीक हो जाएगा। आंप नॉर्मल व्यवहार ही रखो,हर... Hindi · लेख 224 Share राजेन्द्र सिंह 29 Jul 2018 · 1 min read व्यथा सिमिट रहा आँखों में है, और अश्कों में डूब रहा, आज मोहब्बत की नगरी में, कोई आशिक़ गाता घूम रहा। बेंच रहा हूँ दर्दे मोहब्बत कोई लेकर मुझ पर उपकार... Hindi · कविता 483 Share राजेन्द्र सिंह 26 Jul 2018 · 1 min read ।।कड़वा है....लेकिन सच है।। कटी पतंग जैसे, गिरना है, ठहरना है, पर अब सफर नहीं। मंज़िल है मकाम है, पर घर नही। अब कौन उठाएगा? कौन लूटेगा? कौन छीनेगी किससे ? और कौन बाँधेगा?... Hindi · कविता 410 Share राजेन्द्र सिंह 24 Jul 2018 · 1 min read मेरे साथ..ज़िन्दगी है मेरे साथ ज़िन्दगी है, यह उसमे पल रहे हैं। मेरे साथ मे खुशी है, यह उसमे जल रहे हैं। मेरे साथ साज़िशें , यह रचने में सफल रहे हैं। यह... Hindi · कविता 405 Share राजेन्द्र सिंह 24 Jul 2018 · 1 min read ऐसी हो बरसात शब्द-शब्द में सुर बसे प्रेम सुखद प्रभात, कौआ के मुख मिश्री घुले कोयल गए गीत। सावन बरसे मनवा भीगे,बिछडे मीत मिलें सब साथ, प्रीत की उमंग खिले सब ओर ,ऐसी... Hindi · कविता 440 Share राजेन्द्र सिंह 22 Jul 2018 · 1 min read सच्चा धन खुले ज़िस्म के बाजारों में जिसने बेंचा ज़मीर नहीं, मेरी नज़रों में इस दुनिया में कोई उससे बड़ा अमीर नहीं। गर ऐसा कोई सख्स मिले तो उसकी कीमत तोल नहीं... Hindi · कविता 292 Share राजेन्द्र सिंह 20 Jul 2018 · 1 min read सिद्धांत सिद्ध सकल संकल्प रूप ले, कोई उड़ जाता अम्बर में। पर कोई कदम फूंक -फूंक कर, रखता बीच डगर में।। आभारों का भार चुकाना, मुझको बहुत कठिन था। मैं इंसानो... Hindi · कविता 420 Share राजेन्द्र सिंह 19 Jul 2018 · 3 min read अनुभूति (विचार संकलन) संवाद-: अगर गलत हो तो बताओ? नज़रें एक झलक देखती हैं और दिल पूरी तरह से महसूस कर लेता है ,,, कि सामने बाला कैसा है? उसके बाद शब्दों से... Hindi · लेख 1 582 Share राजेन्द्र सिंह 19 Jul 2018 · 1 min read मन-मंथन एक आकृति एक अनुभूति, भूति-भूति अभि-भूति हुई। मन मंथन माटी और चंदन, मथ-मथ के फली-भूति हुई।। यह कर्म भूमि वीरों की धरती, यहां सागर का मंथन होता है। रण क्षेत्र... Hindi · कविता 295 Share