sushil sarna Language: Hindi 72 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid sushil sarna 14 Oct 2023 · 1 min read दोहा वादों की शतरंज पर, नेता चलते चाल । कौन पूछता जीत कर, जनता का फिर हाल ।। सुशील सरना / 14-10-23 Hindi 187 Share sushil sarna 11 Oct 2023 · 1 min read तन्हा खड़ी हूँ … … तन्हा खड़ी हूँ…. उस दिन जब तुमने मेरे काँधे पर अपना हाथ रखा था कितने ख़ुशनुमा अहसास मेरे ज़हन में उतर आये थे लगा भटकी कश्ती को जैसे साहिलों ने... Hindi 1 105 Share sushil sarna 7 Oct 2023 · 1 min read श्राद्ध पक्ष के दोहे श्राद्ध पक्ष के कुछ दोहे. . . . . घर- घर पूजे श्राद्ध में, पितरों को संतान । श्रद्धा पूरित भाव से, उनको दे सम्मान ।। श्राद्ध सनातन रीत है,... Hindi 174 Share sushil sarna 6 Sep 2021 · 2 min read लौट भी आओ न .... लौट भी आओ न .... लौट भी आओ न देखो ! प्रतीक्षा की सीढ़ियों पर साँझ उतरने लगी है भोर अपने वादे से मुकरने लगी है आँखों की मुट्ठियों से... Hindi · कविता 5 4 453 Share sushil sarna 25 Dec 2017 · 1 min read पीठ के नीचे .. पीठ के नीचे .. बेघरों के घर भी हुआ करते हैं वहां सोते हैं जहां शज़र हुआ करते हैं पीठ के नीचे अक्सर पत्थर हुआ करते हैं ज़िंदगी के रेंगते... Hindi · कविता 429 Share sushil sarna 9 Dec 2017 · 1 min read प्रेम होना चाहिए प्रेम ... अनुपम आभास की अदृश्य शक्ति का चिर जीवित अहसास है प्रेम मौन बंधनों से उन्मुक्त उन्माद की अनबुझ प्यास है प्रेम संवादहीन शब्दों की अव्यक्त अभिव्यक्ति का असीमित... Hindi · कविता 255 Share sushil sarna 12 Nov 2017 · 1 min read प्यास .... प्यास .... होता नहीं है मन .अपना जब ये अपने पास । छलक उठती है नैनों से पिया मिलन की आस। संभव नहीं मधुपलों को स्मृति से विस्मृत करना -... Hindi · मुक्तक 610 Share sushil sarna 9 Nov 2017 · 1 min read इमारत.... इमारत.... शानों पे लिख गया कोई इबारत वो रात की। ...महकती रही हिज़ाब में शरारत वो रात की। ....करते रहे वो जिस्म ..से गुस्ताखियाँ रात भर - ........फिर ढह गयी... Hindi · मुक्तक 223 Share sushil sarna 6 Nov 2017 · 1 min read उनकी यादों की .... उनकी यादों की .... ये कैसे उजाले हैं रात कब की गुजर चुकी दूर तलक आँखों की स्याही बिखेरते तूफ़ां से भरे आरिज़ों पर ठहरे ये कैसे नाले हैं शब्... Hindi · कविता 334 Share sushil sarna 3 Nov 2017 · 1 min read गज़ब ... गज़ब.... आपका आना भी गज़ब ढा गया। ....आपका जाना भी ग़ज़ब ढा गया। ........मार डाले न कहीं सादगी आपकी - ...........यूँ हौले से शरमाना गज़ब ढा गया। सुशील सरना Hindi · मुक्तक 510 Share sushil sarna 30 Oct 2017 · 1 min read जुलाहा ... जुलाहा ... मैं एक जुलाहा बन साँसों के धागों से सपनों को बुनता रहा मगर मेरी चादर किसी के स्वप्न का ओढ़नी न बन सकी जीवन का कैनवास अभिशप्त से... Hindi · कविता 468 Share sushil sarna 26 Oct 2017 · 1 min read ज़रूरी तो नहीं ... ज़रूरी तो नहीं ... हर दर्द पे आह निकले,ये ज़रूरी तो नहीं। हर मोड़ पे राह निकले,ये ज़रूरी तो नहीं। यूँ तो है ग़ज़ल गुलदस्ता शे'रों का फिर भी, हर... Hindi · मुक्तक 184 Share sushil sarna 3 Oct 2017 · 1 min read वरदान ... वरदान ... मृदुल मुस्कान से घावों का निदान हो गया। मधु क्षणों के अमरत्व का सामान .हो गया। वो यौवन की देहरी पर .भ्रमरों की ..गुंजन - निस्पंद भाव को... Hindi · मुक्तक 308 Share sushil sarna 29 Sep 2017 · 1 min read तृषा ... तृषा ... श्वास श्वास के आलिंगन का थोड़ा तुम अभिमान करो l विरह पलों से मौन सुधा का तुम न यूँ अपमान करो l नैन विलास की मधुर विभावरी लौट... Hindi · मुक्तक 410 Share sushil sarna 29 Sep 2017 · 1 min read तृषा ... तृषा ... श्वास श्वास के आलिंगन का थोड़ा तुम अभिमान करो l विरह पलों से मौन सुधा का तुम न यूँ अपमान करो l नैन विलास की मधुर विभावरी लौट... Hindi · मुक्तक 253 Share sushil sarna 26 Sep 2017 · 1 min read मदिरा नैनों की .... बरखा अम्बर की हल्की हल्की है l ....मदिरा नैनों की नैन से छलकी है l ........मधुपल सिमटे हैं सांझ की बेला में - .............याद पिया की आँसू बन ढलकी है... Hindi · मुक्तक 253 Share sushil sarna 22 Sep 2017 · 1 min read ख़ारे धारे ... ख़ारे धारे ... कुछ गिले हमारे हैं और कुछ गिले तुम्हारे हैं l ...दिलों के इस खेल में हम दोनों ही दिल हारे हैं l .......दोनों ही अब तन्हा हैं,दोनों... Hindi · कविता 244 Share sushil sarna 6 Sep 2017 · 1 min read मेहरबान ... मेहरबान ... ज़मीं बदल जाती है आसमान बदल जाते हैं l ...हवाओं के मिज़ाज़ से बादबान बदल जाते हैं l .....साये उम्र के भी इक मुक़ाम पे छूट ..जाते हैं... Hindi · मुक्तक 277 Share sushil sarna 5 Sep 2017 · 1 min read कश्तियाँ ... कश्तियाँ ... हौसला करते न वो ग़र होती खबर तूफ़ान की l पंखों से कह देते न करना चाहतें आसमान की l पथरीले बहुत हैं ज़िंदगी की हकीकत के रास्ते... Hindi · मुक्तक 431 Share sushil sarna 24 Aug 2017 · 1 min read अंतिम घट ... अंतिम घट ... हर आदि का ..अंत ..है मरघट l हर देह ..का ..मरघट ..पनघट l जिस तट बंधी नाव .श्वासों ..की - प्राणपथिक का वही अंतिम घट l सुशील... Hindi · मुक्तक 1 406 Share sushil sarna 13 Aug 2017 · 1 min read तिनका तिनका.... तिनका तिनका.... तिनका तिनका करके आशियाना बनाया जाता ..है l कतरा कतरा मोहब्बत से दिल को सजाया जाता है l राज दिल के खोल न दे कहीं सावन ये ...आँखों... Hindi · मुक्तक 1 464 Share sushil sarna 10 Aug 2017 · 1 min read ज़िस्मानी घर... ज़िस्मानी घर... एक पल में हर पल बदल जाता है l ज़िंदगी का हर कल बदल जाता है l ये सांसें कुछ समझ ही नहीं ..पाती - ज़िस्मानी घर राख... Hindi · मुक्तक 453 Share sushil sarna 5 Aug 2017 · 1 min read क्षणभंगुर ... क्षणभंगुर ... क्षणभंगुर इस जीवन का कहाँ कोई ठिकाना है l हर कदम पे उलझन में लिपटा एक फ़साना है l हो सका न मुक्त कभी आदि , अंत की... Hindi · मुक्तक 1 574 Share sushil sarna 20 Jul 2017 · 1 min read प्यार के रंग.... प्यार के रंग.... प्यार के रंग अपनी आँखों में लिए आ जाओ l शब-ए-वस्ल को शोलों में बदलने आ जाओ l दूर तलक हो राहे वफ़ा में आहटें रोशनी की... Hindi · मुक्तक 475 Share sushil sarna 15 Jul 2017 · 1 min read नेम प्लेट ... नेम प्लेट ... कुछ देर बाद मिल जाऊंगा मैं मिट्टी में पर देखो हटाई जा रही है निर्जीव काल बेल के साथ लटकी मेरी ज़िंदा मगर उखड़े उखड़े अक्षरों की... Hindi · कविता 238 Share sushil sarna 13 Jul 2017 · 1 min read कस्तूरी.... कस्तूरी.... बीती रात की बात वो l .... बादल की बरसात वो l ...... सांसें कस्तूरी कर गयी , ......... .. होठों की मुलाक़ात वो ll सुशील सरना Hindi · मुक्तक 503 Share sushil sarna 10 Jul 2017 · 1 min read प्रेम ... प्रेम ... अनुपम आभास की अदृश्य शक्ति का चिर जीवित अहसास है प्रेम// मौन बंधनों से उन्मुक्त उन्माद की अनबुझ प्यास है प्रेम// संवादहीन शब्दों की अव्यक्त अभिव्यक्ति का असीमित... Hindi · कविता 318 Share sushil sarna 10 Jul 2017 · 1 min read प्रेम ... प्रेम ... अनुपम आभास की अदृश्य शक्ति का चिर जीवित अहसास है प्रेम// मौन बंधनों से उन्मुक्त उन्माद की अनबुझ प्यास है प्रेम// संवादहीन शब्दों की अव्यक्त अभिव्यक्ति का असीमित... Hindi · कविता 225 Share sushil sarna 5 Jul 2017 · 1 min read यादों के सैलाबों में …. यादों के सैलाबों में …. शराबों में शबाबों में ख़्वाबों की किताबों में ..ज़िंदगी उलझी रही सवालों और जवाबों में ………कैद हूँ मुद्दत से मैं आरज़ूओं के शहर में ……………ज़िन्दा... Hindi · मुक्तक 310 Share sushil sarna 3 Jul 2017 · 1 min read तिलस्म .. तिलस्म .. मेरी दुनिया को सितारो स्याह न करो l ...मेरे गुलिस्तां पे शरारो निग़ाह न करो l ......वाकिफ़ हूँ मैं फ़रेबी अदा से आपकी , ..........हुस्ने तिलस्म से मुझे... Hindi · मुक्तक 223 Share sushil sarna 3 Jul 2017 · 1 min read तिलस्म .. तिलस्म .. मेरी दुनिया को सितारो स्याह न करो l ...मेरे गुलिस्तां पे शरारो निग़ाह न करो l ......वाकिफ़ हूँ मैं फ़रेबी अदा से आपकी , ..........हुस्ने तिलस्म से मुझे... Hindi · मुक्तक 449 Share sushil sarna 29 Jun 2017 · 1 min read मधु क्षण.... मधु क्षण.... मौन भाव ..अभिव्यक्त करो तृषित निशा को तृप्त ..करो करो समर्पण का अभिनंदन मधु क्षण न .अभिशप्त करो सुशील सरना Hindi · मुक्तक 396 Share sushil sarna 27 Jun 2017 · 1 min read ज़िंदगी के सफ़हात ... ज़िंदगी के सफ़हात ... हैरां हूँ बाद मेरे फना होने के किसी ने मेरी लहद को गुलों से नवाज़ा है एक एक गुल में गुल की एक एक पत्ती में... Hindi · कविता 418 Share sushil sarna 24 Jun 2017 · 1 min read पत्थर के ईश ... पत्थर के ईश ... झूठ की झोली में तो विष ही सदा आया .है कड़वा ही सही सच तो सदा ही मुस्काया है छोड़ दिया जब साथ दुःख में सब... Hindi · मुक्तक 608 Share sushil sarna 23 Jun 2017 · 1 min read सुर्ख आरिज़ों पे …. सुर्ख आरिज़ों पे …. सुर्ख आरिज़ों पे गुलाब रखते हैं ...वो चिलमन में शराब रखते हैं .......ले न ले कोई नज़र बोसा उनका ............छुपाके ज़ुल्फ़ों में शबाब रखते हैं सुशील... Hindi · मुक्तक 257 Share sushil sarna 21 Jun 2017 · 1 min read स्पंदन.... स्पंदन.... झुकी नज़र रक्ताभ अधर ...हुए अंतर्मन के भाव प्रखर ......घोर तिमिर में स्पर्श तुम्हारे ............स्वप्न स्पंदन सब गए निखर सुशील सरना Hindi · मुक्तक 529 Share sushil sarna 20 Jun 2017 · 1 min read मुलाक़ात.... मुलाक़ात.... बड़ी हसीन मुलाक़ात हो जाती है .....जब शब् को बरसात हो जाती है तैरती है छुअन लबों पर लबों की .......लाज को लांघती रात हो जाती है सुशील सरना Hindi · मुक्तक 414 Share sushil sarna 16 Jun 2017 · 1 min read तुम्हारी कसम ... तुम्हारी कसम ... सच तुम्हारी कसम उस वक़्त तुम बहुत याद आये थे जब सावन की फुहारों ने मेरे जिस्म को भिगोया था जब सुर्ख़ आरिज़ों से फिसलती हुई कोई... Hindi · कविता 559 Share sushil sarna 15 Jun 2017 · 1 min read सौगातें ... सौगातें ... सावन की रातें हैं सावन की बातें हैं l ...सावन में भीगी सी चंद मुलाकातें हैं l ......इक दूजे में सिमटे वो भीगे से लम्हे , .........साँसों की... Hindi · मुक्तक 259 Share sushil sarna 14 Jun 2017 · 1 min read अमर कलम ... अमर कलम ... चलो आओ अब सो जाएँ अश्रु के सीमित कणों में खो जाएँ घन सी वेदना के तिमिर को कोई आस किरण न भेद पाएगी पाषाणों से संवेदहीन... Hindi · कविता 1 2 267 Share sushil sarna 7 Jun 2017 · 1 min read खूंटी पर टंगी कमीज़ को .... खूंटी पर टंगी कमीज़ को .... जब जब मैं छूती हूँ खूंटी पर टंगी कमीज़ को मेरा समूचा अस्तित्व रेंगने लगता है उस स्पर्शबंध के आवरण में जहां मेरा शैशव... Hindi · कविता 489 Share sushil sarna 1 Jun 2017 · 1 min read स्पर्श .... स्पर्श .... क्षण भर के आलिंगन का संसार मुझे तुम लौटा दो रजनी के एकांत पलों की झंकार मुझे तुम लौटा दो नैन पटों में नयनों का अनुरोध जो अब... Hindi · मुक्तक 1 250 Share sushil sarna 28 May 2017 · 1 min read नज़र... नज़र... मैं पीता नहीं तू पिलाने .लगी है क्यूँ चेहरे से पर्दा हटाने लगी .है रोकूं मैं कैसे बहकने से ख़ुद को अब ये नज़र लड़खड़ाने लगी है सुशील सरना Hindi · मुक्तक 399 Share sushil sarna 27 May 2017 · 1 min read प्रणय गान ... प्रणय गान ... कौन मेरी हथेलियों पे एक आसमान लिख गया। स्मृति मेघ की बूंदों में भीगी पहचान लिख गया। क्षितिज़ चूमते जलधि में,मैं देर तक खोई रही , चुपके... Hindi · कविता 230 Share sushil sarna 27 May 2017 · 1 min read विश्वास .... विश्वास .... क्या है विश्वास क्या वो आभास जिसे हम केवल महसूस कर सकते हैं और गुजार देते हैं ज़िंदगी सिर्फ़ इस यकीन पर कि एक दिन तो उसे हम... Hindi · कविता 472 Share sushil sarna 25 May 2017 · 1 min read शृंगार .... शृंगार .... बीतता है क्षण जो प्रतीक्षा के अंगार में ...बदल जाता है क्षण वो अनमोल प्यार में ......अवगुंठन में लाज के टूटते अनुबंध सभी .........डूबते हैं अधर फिर अधरों... Hindi · मुक्तक 470 Share sushil sarna 24 May 2017 · 1 min read लम्हा... लम्हा.... न ज़िस्म रखता हूँ मैं न पर रखता हूँ ...मैं कहाँ कभी दिल में ज़ह्र रखता हूँ .....एक नन्हा सा लम्हा हूँ वक्त का मग़र .......मैं सीने में सदियों... Hindi · मुक्तक 564 Share sushil sarna 23 May 2017 · 1 min read नकली परतें... अर्श पर नकली परतें नहीं होती फ़र्श सी वहां नफ़रतें नहीं होती उफ़क तक बस उन्स होती है कहीं वहशी फ़ितरतें नहीं होती अर्श=आसमान , फ़र्श=ज़मीन , उफ़क = क्षितिज़... Hindi · मुक्तक 431 Share sushil sarna 22 May 2017 · 1 min read दीदार... इस दीद को हुआ फिर दीदार आपका आया संग कयामत के ख़्वाब आपका मुंतज़िर जिसकी रही आंखें तमाम शब दे गयी तन्हा सहर, हमें जवाब आपका सुशील सरना Hindi · मुक्तक 333 Share sushil sarna 20 May 2017 · 1 min read 1.विहग ..,, 2.रोटी ... 1.विहग .. ले अरमान मधुर से मन ..में ...उड़े जा रहे विहग ..गगन में .......स्मृति घट पर तुम यूँ ....बैठी ............जैसे कोई अभिलाष नयन में सुशील सरना 2.रोटी ... हर... Hindi · मुक्तक 285 Share Page 1 Next