sushil sarna 508 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid sushil sarna 28 Apr 2024 · 1 min read पंख पतंगे के मिले, पंख पतंगे के मिले, बुझी शमा के पास । था यह उनके वस्ल का, अंतिम चरम प्रयास ।। सुशील सरना / 28-4-24 Quote Writer 8 Share sushil sarna 28 Apr 2024 · 1 min read काकी से काका कहे, करके थोड़ा रोष । काकी से काका कहे, करके थोड़ा रोष । व्यर्थ खर्च को रोकिए , बीता संचित कोष। बीता संचित कोष , व्यर्थ के रोको खर्चे । देखो मेरी जेब , भरे... 8 Share sushil sarna 27 Apr 2024 · 1 min read साहिलों पर .... (लघु रचना ) साहिलों पर .... (लघु रचना ) गुफ़्तगू बेआवाज़ हुई अफ़लाक से बरसात हुई तारीकियों में शोर हुआ सन्नाटे ने दम तोड़ा तड़प गयी इक मौज़ बह्र-ए-सुकूत में और डूब गए... 6 Share sushil sarna 27 Apr 2024 · 1 min read दलदल.............. दलदल.............. लोभ,लालच,प्रलोभन एक ही भाव के अलग अलग परिधान ये तीनों अंतस गर्भ में कुंडली मारे हमारे कर्मों में व्यवधान डालते हैं आँख खुलते ही जीने का मोह सताता है... 5 Share sushil sarna 27 Apr 2024 · 1 min read उलझी रही नजरें नजरों से रात भर, उलझी रही नजरें नजरों से रात भर, इक हादसा हुआ और सहर हो गई । सुशील सरना / 27-4-24 Quote Writer 7 Share sushil sarna 27 Apr 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलि दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलि गंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे डोर ।। अलिकुल की गुंजार से, सुमन हुए... 5 Share sushil sarna 26 Apr 2024 · 1 min read देख स्वप्न सी उर्वशी, देख स्वप्न सी उर्वशी, बेकल बहके भाव । मन की नटखट कामना, लगी चलाने नाव ।। सुशील सरना / 26424 Quote Writer 12 Share sushil sarna 26 Apr 2024 · 1 min read पुष्प रुष्ट सब हो गये, पुष्प रुष्ट सब हो गये, देख पवन का रोष । बिना गंध उद्यान में , सूना लगे प्रदोष ।। सुशील सरना / 26424 Quote Writer 13 Share sushil sarna 26 Apr 2024 · 1 min read कभी लगे इस ओर है, कभी लगे इस ओर है, कभी लगे उस ओर । जाने मन के गाँव की, प्रीत छाँव किस छोर ।। सुशील सरना / 26424 Quote Writer 12 Share sushil sarna 25 Apr 2024 · 1 min read जाने क्या-क्या कह गई, उनकी झुकी निग़ाह। जाने क्या-क्या कह गई, उनकी झुकी निग़ाह। स्याह रात में हो गया, दिल से हसीं गुनाह। आफ़ताब ने खोल दिए, शब् के सारे राज़ - बंद पलक में शर्म को,... Quote Writer 15 Share sushil sarna 25 Apr 2024 · 1 min read क्षणिका ... क्षणिका ... उतारना पड़ता चश्मा आँखों से पौंछ्ने के लिए अन्तस की वेदना को गालों पर लिखी किसी कहानी को सूखने से पहले सुशील सरना / 25424 Quote Writer 19 Share sushil sarna 25 Apr 2024 · 1 min read पाप पंक पर बैठ कर , पाप पंक पर बैठ कर , करें पुण्य की बात । ढोंगी लोगों से मिलेेें, सदा यहाँ आघात ।। सुशील सरना / 25424 Quote Writer 15 Share sushil sarna 25 Apr 2024 · 1 min read अजब प्रेम की बस्तियाँ, अजब प्रेम की बस्तियाँ, जहाँ विरह के गीत । अखियाँ हरदम ढूँढती, परदेसी मन मीत ।। सुशील सरना / 25424 Quote Writer 15 Share sushil sarna 25 Apr 2024 · 1 min read धवल चाँदनी में हरित, धवल चाँदनी में हरित, हुए हृदय के घाव । खारे जल के नैन से, छलके अविरल स्राव ।। सुशील सरना / 25424 Quote Writer 15 Share sushil sarna 25 Apr 2024 · 1 min read आज अचानक फिर वही, आज अचानक फिर वही, आया दिल के गाँव । मिली मिलन की आग की , जैसे शीतल छाँव ।। सुशील सरना / 25424 Quote Writer 14 Share sushil sarna 25 Apr 2024 · 1 min read छल छल छलके आँख से, छल छल छलके आँख से, अश्कों के सैलाब । पन्ने फड़के याद की, तड़पी बंद किताब ।। सुशील सरना / 25424 Quote Writer 15 Share sushil sarna 24 Apr 2024 · 1 min read बेशर्मी से ... (क्षणिका ) बेशर्मी से ... (क्षणिका ) अन्धकार चीख उठा स्पर्शों के चरम धधक उठे जब पवन की थपकी से इक दिया बुझते बुझते बेशर्मी से जल उठा सुशील सरना Quote Writer 17 Share sushil sarna 24 Apr 2024 · 1 min read जिन्दगी .... जिन्दगी .... जिन्दगी फिर जीने लगी जिन्दगी जिन्दगी के बाद जिन्दगी से ऊपर सुशील सरना / 24-4-24 Quote Writer 20 Share sushil sarna 24 Apr 2024 · 1 min read जाल .... जाल .... बहती रहती है एक नदी सी मेरे हाथों की अनगिनित अबोली रेखाओं में मैं डाले रहता हूँ एक जाल न जाने क्या पकड़ने के लिए हाथ आती हैं... 15 Share sushil sarna 24 Apr 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . . . दोहा त्रयी. . . . . टूटे प्यालों में नहीं, रुकती कभी शराब । कब जुड़ते है भोर में, पलक सलोने ख्वाब ।। मयखाने सा नूर है, बदन अब्र की... Quote Writer 15 Share sushil sarna 23 Apr 2024 · 1 min read अधूरा पृष्ठ ..... अधूरा पृष्ठ ..... बिजली आसमानों में पलटती रही मेघों के पृष्ठ बेनकाब हो गया आखिर अंतिम पृष्ठ हमारी अदेह प्रेमाभिव्यक्ति के अबोले उन्माद के चरमोत्कर्ष का तीक्ष्ण शूल की वेदना... 13 Share sushil sarna 22 Apr 2024 · 1 min read चाय की प्याली ...... चाय की प्याली ...... सर्द सवेरा चाय की प्याली उठती भाप अहसासों के टोस्ट नज़रों की चुस्कियाँ उम्र के ठहराव पर काँपते हाथों सी ठिठुरती यादें देर तक टहलती रहीं... 13 Share sushil sarna 22 Apr 2024 · 1 min read वाणी में शालीनता , वाणी में शालीनता , निर्मल हो व्यवहार । उस पर शोभित नम्रता, करे सौम्य शृंगार ।। सुशील सरना / 22-4-24 Quote Writer 1 14 Share sushil sarna 22 Apr 2024 · 1 min read मनमर्जी की जिंदगी, मनमर्जी की जिंदगी, मनमर्जी का प्यार । मर्यादा दूषित हुई, पनप रहा व्यभिचार ।। सुशील सरना / 22-4-24 Quote Writer 1 15 Share sushil sarna 21 Apr 2024 · 1 min read छल ...... छल ...... कल फिर एक कल होगा भूख के साथ छल होगा आशाओं के प्रासाद होंगे तृष्णा की नाद होगी उदर की कहानी होगी छल से छली जवानी होगी एक... 1 13 Share sushil sarna 21 Apr 2024 · 1 min read तोड़ सको तो तोड़ दो , तोड़ सको तो तोड़ दो , जिद की यह दीवार । दे दो इंकार को, अलबेला अभिसार ।। सुशील सरना / 21-4-24 Quote Writer 9 Share sushil sarna 21 Apr 2024 · 1 min read पता पुष्प का दे रहे, पता पुष्प का दे रहे, राहों के कुछ शूल । निगल गया जिनको यहाँ, निर्मम काल समूल ।। सुशील सरना / 21-4-24 Quote Writer 12 Share sushil sarna 21 Apr 2024 · 1 min read वृद्धों को मिलता नहीं, वृद्धों को मिलता नहीं, सन्तानों से प्यार । कितना सूना हो गया, वृद्धों का संसार ।। सुशील सरना / 21-4-24 Quote Writer 13 Share sushil sarna 20 Apr 2024 · 1 min read अधूरी सी ज़िंदगी .... अधूरी सी ज़िंदगी .... कुछ अधूरी सी रही ज़िंदगी कुछ प्यासी सी रही ज़िंदगी चलते रहे सीने से लगाए एक उदास भरी ज़िंदगी जीते रहे मगर अनमने से जाने कैसे... 13 Share sushil sarna 20 Apr 2024 · 1 min read कब तक कब तक हम ढोंग करते रहेंगे स्वयं को मर्यादित साबित करने का हर रोज हर पल हम मर्यादा के खोल में अमर्यादित कार्यों को अंजाम देते हैं कभी सरे आम... 15 Share sushil sarna 20 Apr 2024 · 1 min read घृणा …… घृणा …… रिश्तों को जंगल बनाती है घृणा मुहब्बत को पल में मिटाती है घृणा घृणा की माचिस में पलते हैं शोले जख्मों से दिलों को सजाती है घृणा पनपता... 13 Share sushil sarna 20 Apr 2024 · 1 min read दोहावली दोहावली द्रवित हुए दृग द्वार से, अंतस के उद्गार । दर्द अनेकों दे गए, छलिया के अभिसार ।। मन में मौसम प्यार का, छोड़ो भी इंकार । समझो अंतस मौन... 12 Share sushil sarna 19 Apr 2024 · 1 min read दोहा सप्तक. . . . . . रोटी दोहा सप्तक. . . . . . रोटी कैसे- कैसे रोटियाँ, दिखलाती हैं रंग । रोटी से बढ़कर नहीं,इस जीवन में जंग ।। रोटी के संघर्ष में, जीवन जाता बीत... 15 Share sushil sarna 18 Apr 2024 · 1 min read उदास हो गयी धूप ...... उदास हो गयी धूप ...... धूप सही स्वयं ने मगर पेड़ों की छाया ने धरा को जलने न दिया देख त्याग पेड़ों का उदास हो गयी धूप शज़र काट दिए... 17 Share sushil sarna 18 Apr 2024 · 1 min read शोख़ दोहे : शोख़ दोहे : कातिल हसीन शोखियाँ, मयखाने सा नूर । दिल बहके तो जानिए, सब आपका कुसूर ।। साँसें दे हर साँस को, साँसों का उपहार । साँसों को अच्छा... 15 Share sushil sarna 17 Apr 2024 · 1 min read प्रपात..... प्रपात..... मौन बोलता रहा शोर खामोश रहा भाव अबोध से बालू रेत में घर बनाते रहे न तुम पढ़ सकी न मैं पढ़ सका भाषा प्रणय स्पंदनों की आँखों में... 15 Share sushil sarna 17 Apr 2024 · 1 min read दोहा त्रयी . . . . दोहा त्रयी . . . . नयन मिले मन मीत से, जागी मन में प्यास । मुदित नयन में यूँ लगा, जैसे हो मधुमास ।। कोई शायर बन गया, कोई... Quote Writer 21 Share sushil sarna 17 Apr 2024 · 1 min read आडम्बर के दौर में, आडम्बर के दौर में, चले झूठ का राज। सच्चाई रुसवा हुई, मिला न उसको ताज ।। सुशील सरना / 17-4-24 Quote Writer 20 Share sushil sarna 17 Apr 2024 · 1 min read समय के हाथ पर ... समय के हाथ पर ... मैं समय के हाथ पर चलता हुआ गहन और निस्पंद एकांत में तुम्हारे संकेत को हृदय की गहन कंदराओं में अपने अंतर् के चक्षुओं में... 21 Share sushil sarna 16 Apr 2024 · 1 min read तन पर तन के रंग का, तन पर तन के रंग का, जब पहना परिधान । मदन भाव उन्नत हुए, म चल उठे अरमान ।। सुशील सरना / 16-4-24 Quote Writer 22 Share sushil sarna 16 Apr 2024 · 1 min read जब कोई शब् मेहरबाँ होती है । जब कोई शब् मेहरबाँ होती है । तो हया वस्ल में कहाँ होती है । सिर्फ सांसें ही बात करती हैं - और धड़कन बेज़ुबाँ होती है । सुशील सरना Quote Writer 21 Share sushil sarna 16 Apr 2024 · 1 min read सतत् प्रयासों से करें, सतत् प्रयासों से करें, मुश्किल का संधान । लक्ष्य प्राप्ति के सभी, फिर मिटते व्यवधान ।। सुशील सरना / 16-4-24 Quote Writer 19 Share sushil sarna 15 Apr 2024 · 1 min read चाँद पूछेगा तो जवाब क्या देंगे । चाँद पूछेगा तो जवाब क्या देंगे । तन्हा लम्हों का हिसाब क्या देंगे । हर करवट तेरी याद ने दम तोड़ा है - रूठी नींदों को तेरा ख्वाब क्या देंगे... Quote Writer 20 Share sushil sarna 14 Apr 2024 · 1 min read कहे महावर हाथ की, कहे महावर हाथ की, दुल्हन से यह बात । मौन समर्पण आज का, करे सुहागन रात ।। सुशील सरना / 14-4-24 Quote Writer 24 Share sushil sarna 13 Apr 2024 · 1 min read जख्म हरे सब हो गए, जख्म हरे सब हो गए, आई उनकी याद । ख्वाबों से करता रहा, पागल दिल संवाद ।। सुशील सरना / 13-4-24 Quote Writer 21 Share sushil sarna 13 Apr 2024 · 1 min read अस्तित्व को .... अस्तित्व को .... जगाते हैं सारी -सारी रात तेरे प्रेम में भीगे वो शब्द जो तेरे उँगलियों ने अपने स्पर्श से मेरे ज़िस्म पर छोड़े थे ढूंढती हूँ तब से... 17 Share sushil sarna 13 Apr 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . . दोहा त्रयी. . . . बदल- बदल कर जी रहे, लोग यहाँ किरदार । थाली के अनुरूप ही, करते वो व्यवहार ।। नेक विचारों से करो, अंतस का शृंगार ।... 15 Share sushil sarna 12 Apr 2024 · 1 min read बिन बोले ही प्यार में, बिन बोले ही प्यार में, जब हो जाती बात । रैन ज्वार को तोड़ता, बैरी मौन प्रभात ।। सुशील सरना / 12-4-24 Quote Writer 16 Share sushil sarna 12 Apr 2024 · 1 min read मैं चुप रही .... मैं चुप रही .... रात के पिछले पहर पलकों की शाखाओं पर कुछ कोपलें ख़्वाबों की उग आई थीं याद है तुम्हें तुम ने चुपके से मेरे ख्वाबों की कुछ... 16 Share sushil sarna 12 Apr 2024 · 1 min read ज़िक्र-ए-वफ़ा हो या बात हो बेवफ़ाई की , ज़िक्र-ए-वफ़ा हो या बात हो बेवफ़ाई की , मेरे हर शे'र में बस तेरी ही बात होती है । सुशील सरना Quote Writer 17 Share Page 1 Next