सुरेश कुमार चतुर्वेदी Tag: कविता 1191 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सुरेश कुमार चतुर्वेदी 12 Oct 2024 · 1 min read विजया दशमी की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं 🙏 हे जन जन के राम प्रकटो मेरे भी मन में क्यों सूना मेरा मन मंदिर जब आप विराजे कण-कण में आज धरा आतंकित है मानवता घबराई मार रहा है काफिर... Hindi · कविता 2 58 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 11 Oct 2024 · 1 min read मां सिद्धिदात्री नवरात्रि के नवम दिवस, मां सिद्धिदात्री को नमन करें करें प्रार्थना हम सब माता, सबके कार्य सिद्ध करें अष्ट सिद्धि मां के चरणों में, नित सेवा में रहती है पाते... Hindi · कविता 1 44 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 9 Oct 2024 · 1 min read मां कालरात्रि मां कालरात्रि करुणा बरसाओ सारे अनिष्ट शमन कर जाओ बढ़ रही हैं वृत्तियां आसुरी मां जगदंबे दमन कर जाओ मां भक्तों को भयमुक्त करो संसार को निर्भय कर जाओ छाया... Hindi · कविता 35 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 9 Oct 2024 · 1 min read मां कात्यायनी माता कात्यायनी आज्ञा चक्र में आओ रोग शोक संताप नशाओ धर्म अर्थ और काम मोक्ष भक्तों को दे जाओ मां कात्यायनी आज्ञा चक्र में आओ कात्यायन ऋषि की पुत्री हुई... Hindi · कविता 42 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 Oct 2024 · 1 min read मां स्कंदमाता नवरात्रि के पंचम दिन, मां स्कंदमाता तुम्हें ध्याऊं आन विराजो चेतन मन में, चेतना शक्ति जगाऊं बिखर गई है चेतना मेरी, लगी हुई है विषयन में मां ऐसी चेतन शक्ति... Hindi · कविता 42 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 6 Oct 2024 · 1 min read मां कूष्मांडा आदि शक्ति आदि स्वरूपा, अष्टभुजा महारानी अंधकार को दूर भगाती, मंद मंद मुस्कानी ईषत हास्य से ब्रह्मांड बनाया, प्रकट हुईं भवानी दैदीप्यमान प्रभामंडल से, दसो दिशा चमकाईं सूर्य लोक में... Hindi · कविता 53 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 5 Oct 2024 · 1 min read मां चंद्रघंटा अर्धचंद्र धारणी मैया, कृपा सब पर बरसाओ तृप्त हो जाएं सभी मां, शीतलता बरसाओ मां जग का कल्याण करो सुख शांति धरा पर बरसाओ लोक और परलोक सुधारो, मन में... Hindi · कविता 36 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 4 Oct 2024 · 1 min read नव दुर्गा का ब़म्हचारणी स्वरूप ब़म्हचारणी स्वरूप मां , त्याग तपस्या का प्रतीक है संघर्ष और तपबल से, मनचाहा मिलता अभीष्ट है मां ब़म्हचारणी ने तपोबल से,अपना अभीष्ट पाया था संघर्ष और तप है मनुज... Hindi · कविता 2 49 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 25 Sep 2024 · 1 min read क्या जनता दाग धोएगी? सेवा या भ्रष्टाचार घूम रहे द्वार द्वार गले गले तक डकार गए जनता के सामने नकार गए कट्टर ईमानदार अब जेल से निकल पड़े हैं चोर उचक्के बेईमान सब समर्थन... Hindi · कविता 64 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 14 Sep 2024 · 1 min read दुनिया की हर वोली भाषा को मेरा नमस्कार 🙏🎉 नमस्कार मैं हिंदी हूं, मैं पूरब से आई हूं प्रेम और शुभ संदेशों को, मैं भारत से लाई हूं मेरे देश में बोली जातीं, कई बोली भाषाएं प्रेम और विश्वास... Hindi · कविता 1 1 89 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 12 Sep 2024 · 1 min read श्री गणेश जी का उदर एवं चार हाथ श्री गणेश जी का विशाल उदर सामाजिकता का प्रतीक है समाज की हर छोटी बड़ी बातें पचाने की सीख है गणपति के हाथ का अंकुश मन को नियंत्रित करने की... Hindi · कविता 56 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 9 Sep 2024 · 1 min read शून्य हो रही संवेदना को धरती पर फैलाओ हे देवाधिदेव देव गजानन, श्री चरणों में बंदन है आतंक से पीड़ित मानवता का, तुमसे करुण निवेदन है हे रिद्धि सिद्धि के दाता भगवन, हे सद्बुद्धि के दाता हे लंबोदर... Hindi · कविता 2 95 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 Sep 2024 · 3 min read श्री गणेश भगवान की जन्म कथा शिव शंकर माता पार्वती, कैलाश पर सुख से रहते थे विश्वकर्मा के बनाए महल में, गृहस्थ धर्म में दोनों रत थे सुखद दांपत्य चला दोनों का, पुत्र कार्तिकेय उत्पन्न हुए... Hindi · कविता 1 1 71 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 28 Aug 2024 · 1 min read लिख दो ऐसा गीत प्रेम का, हर बाला राधा हो जाए लिख दो ऐसा गीत प्रेम का, हर बाला राधा हो जाए हर बालक बन जाए कृष्ण, दुनिया प्रेममयी हो जाए हर मन बन जाए वृंदावन, राग-द्वेष समन हो जाए शांति... Hindi · कविता 61 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 28 Aug 2024 · 1 min read भोर सुनहरी जब भोर सुनहरी आती है स्वर्णिम किरणें ले आती है आसमान और धरती की शोभा कही ना जाती है खिल जाते हैं सुमन धरा पर कायनात मुस्काती है शिखर सरोवर... Hindi · कविता 59 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 26 Aug 2024 · 1 min read आ जाओ अब कृष्ण कन्हाई,डरा रही है तन्हाई है आ जाओ अब कृष्ण कन्हाई,डरा रही है तन्हाई अंतर्मन में घना अंधेरा , दिखता नहीं सबेरा लोभ मोह और काम क्रोध ने, मेरी दुनिया को घेरा ढेर कंस है कृष्ण... Hindi · कविता 2 95 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 20 Aug 2024 · 1 min read कजलियों की राम राम जी 🙏🙏🎉🎉 दशों दिशाएं हरी रहें, खुशियां ही खुशियां भरी रहें। भुजरियों की राम राम पहुंचे, कजलियों सा जीवन हरा रहे। प्रेम और सदभाव रहे, जीवन खुशियों से भरा रहे।। अंतस खुशियों... Hindi · कविता 1 121 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 14 Aug 2024 · 1 min read विभाजन की विभीषिका मजहबी उन्माद ने ऐसा,मेरे भारत में जहर भरा भारत पाकिस्तान बना ,टुकड़ों में बंट गई धरा टूट गया गांधी का सपना, लाशों से मेरा देश पटा गहरे घाव दे गई... Hindi · कविता 1 90 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 11 Aug 2024 · 1 min read मुग़ल काल में सनातन संस्कृति,मिटाने का प्रयास हुआ मुग़ल काल में सनातन संस्कृति,मिटाने का प्रयास हुआ संकट गहराया समाज में, जीवन मूल्यों का ह्रास हुआ कठिन समय में महाकवि, तुलसी का आविर्भाव हुआ राम नाम की संजीवनी, सनातनी... Hindi · कविता 2 2 115 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 Jul 2024 · 1 min read भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा हे जगदीश्वर जगन्नाथ, हे जगत नियंता त्रिपुरारी जीवन नैया डोल रही है, हे करुणाकर करना रखवारी माया मोह देह लिप्त, जीव भटकता अविनाशी हे सत चित आनंद स्वरूप, जीवन की... Hindi · कविता 1 2 93 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 22 May 2024 · 1 min read नरसिंह अवतार विष्णु जी हिरणाकश्यप ने मृत्युंजय बनने के, सारे जतन जुटाए घोर तपस्या के बल पर,ब़म्हा से वरदान बहुत ही पाए न दिन में मरूं, न रात में,न घर में न बाहर न... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 135 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 12 May 2024 · 1 min read आदि गुरु शंकराचार्य जयंती धर्म और संप्रदायों पर जब था, अंधकार का साया 84 संप्रदायों का जब, आपस में मत टकराया बौद्ध जैन अन्य सभी में, पड़ा तंत्र का साया धर्म सनातन के उत्थान... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 93 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 May 2024 · 1 min read प्रभु गुण कहे न जाएं तिहारे प्रभु गुण कहे न जाएं तुम्हारे,प्रभु गुण कहे न जाएं तुम्हारे शेष शारदा कवि कोविद गण, वर्णित वर्णित हारे।। प्रभु ... देव दनुज नर नाग और किन्नर ,यक्ष ऋषि मुनि... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 45 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 May 2024 · 1 min read मैंने दी थीं मस्त बहारें हैं मैंने दी थीं मस्त बहारें, तुमने आग लगा डाली जन्नत से धरती सौंपी थी, तुमने मैली कर डाली मैंने दी थीं मस्त बहारें, तुमने आग लगा डाली मैंने बांटी प्रेम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 49 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 May 2024 · 1 min read प्यार का ऐसा सर संधान रे प्यार का ऐसा सर संधान बीज नष्ट नफरत का हो सुरभित हो सकल जहांन मिट जाए आतंक जगत से हिंसा और अज्ञान प्यार का ऐसा सर संधान प्रेम पले नफरत... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 61 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 May 2024 · 1 min read सोच समझ कर वोलो वाणी रे शब्द ब्रह्म संसार है वाणी सरस्वती का वरदान है वाणी वीणा का संगीत है वाणी ज्ञान और विज्ञान है वाणी अमृत वचनों का सार है वाणी ईश्वर का वरदान है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 77 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 May 2024 · 1 min read धरती बोली प्रेम से जग में सुंदर एक है, एक ईश्वर का नाम कोई अल्लाह कहत है, कोई कहता है राम धरती बोली प्रेम से, सुन मानस के हंस सकल जगत में बस रहा,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 60 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 May 2024 · 1 min read नहीं अन्न और जल होगा आने वाला कल दुनिया में, मुसीबतों का कल होगा जीवन पर संकट के बादल, संघर्ष यहां पल पल होगा नहीं मिलेगा पीने पानी , नहीं अन्न और फल होगा पर्यावरण... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 49 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 May 2024 · 1 min read नित नई तलाश में छोड़ कर पल सुहाने, ढूंढ रहा कल सोच कर पल पुराने, हो रहा विकल पा न सका शांति, जीवन गया निकल संतोष बिना सुख के, मिलते नहीं हैं पल तृष्णा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 70 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2024 · 1 min read प्रेम महाशक्ति ईश्वर की प्रेम है महाशक्ति ईश्वर की जो ब्रह्मांड चलाती है आकर्षण की डोर है यह रिश्तो में गूंथी जाती है प्रेम के हैं सब रिश्ते नाते प्रेम ही सदा निभाता है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 71 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2024 · 1 min read हे मात जीवन दायिनी नर्मदे मैया हे मात जीवनदायिनी, तेरी करूं मैं बंदगी तेरे तटों पर ना हो मुझसे, भूलकर भी गंदगी नित्य सेवन दर्शन तुम्हारे, मैं सदा करता रहूं मैं सदा घाटों को तेरे, साफ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 68 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2024 · 1 min read भिगो रहा जमकर सावन भिगो रहा जमकर सावन भीग रहा मन का आंगन मदमस्त फुहारें सावन की रितु ना आवन जावन की गीत पिया के प्रेम भरे मन मोह रहे श्रंगार हरे चहूंओर भरी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 44 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2024 · 1 min read बदहवास सा भाग रहा बदहवास सा भाग रहा, हर कोई दिखा वेताब यहां कोई धन के पीछे भाग रहा,कोई तन के पीछे भाग रहा कोई मन के पीछे रहा, कोई तन मन धन मांग... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 39 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2024 · 1 min read माटी के पुतले और न कर मनमानी माटी के पुतले और न कर नादानी माटी के पुतले और न कर मनमानी जल जंगल जमीन बचाओ, जिसमें सांस समानी माटी के पुतले और न कर नादानी घुट घुट... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 37 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2024 · 1 min read प्रेम बसा कण कण में मातृशक्ति का सौंदर्य धरा , प्रेम वसा कण कण में सृजन पालन पोषण करती ,मां वसी हुई जीवन में संभव नहीं प्रकृति विन जीवन, सौंदर्य नहीं जन मन में पोर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 70 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2024 · 1 min read एक पेड़ का दर्द धूप सहकर मैं कड़ी, शीतल छांव देता हूं ठंड वर्षा के थपेड़े, सब झेल लेता हूं लेता हूं तेरी हर बला, जीवन प्राण देता हूं देता हूं फल फूल मीठे,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 47 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2024 · 1 min read जिस डाली पर बैठो हो,काट न बंधु डाल रे जिस डाली पर बैठो हो, काट न बंधु डाल रे टूट रही सांसों की डोरी, पर्यावरण हुआ बेहाल रे जल जंगल जमीन बचाओ, धरती का रखो ख्याल रे काट दिए... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 49 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2024 · 1 min read उज्जैयिनी मोक्षदायिनी उज्जैयिनी, जहां शिवमय कण कण है तीनों लोकों के अधिपति, जहां महाकाल हर क्षण हैं मोक्षदायिनी क्षिप्रा गंगा,वहती जनगण मन में सत्य सनातन संस्कृति,लोक कल्याण जीवन में वैभवशाली भारत... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 55 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2024 · 1 min read कृतज्ञता दिए गए अवदानों पर किए गए उपकारों पर कृतज्ञयता ज्ञापित की जाती है कृतज्ञ रहना ही दुनिया में मनुज को मनुज बनाती है ईश्वर मात पिता गुरु सृष्टि के मनुज... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 39 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2024 · 1 min read हर हाल में रहना सीखो मन हर हाल में रहना सीखो मन हर हाल में रहना सीखो मन, कब सदा बहारें रहती हैं सुख दुख और शांति अशांति, जीवन में आती रहतीं हैं ऋतुओं जैसे जीवन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 40 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 6 May 2024 · 1 min read सावन का मेला आया सावन का मेला है, त्यौहार बड़ा अलबेला है हर हर बम बम गूंज रहा, जन- दर्शन को उमड़ रहा बादल अभिषेक को आए हैं, घनघोर घटाएं लाए हैं सावन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 35 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 6 May 2024 · 1 min read मौत मंजिल है और जिंदगी है सफर मौत मंजिल है और जिंदगी है सफर में मौत मंजिल है, और जिंदगी है सफर इस सफर का, जहां में मजा लीजिए कब आएगी मंजिल, किसको पता लुफ्त हर घड़ी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 41 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 6 May 2024 · 1 min read चार कंधों पर जब, वे जान जा रहा था चार कंधों पर जब, वे जान जा रहा था मन ही मन में अपने, पश्चाताप आ रहा था राम नाम सत्य है संवेद स्वर आ रहा था सत्य बोलो गत्य... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 3 53 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 6 May 2024 · 1 min read मातृशक्ति को नमन त्याग तपस्या की मूरत,सूरत प्रेम और बलिदान की नारी है धरती की पुत्री, जननी सकल जहान की सारी धरती गोद है उसकी, और आंचल है नीलगगन विश्व उसके वात्सल्य में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 103 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 6 May 2024 · 1 min read पूंछ टूटी तो आदमी हो जाओगे पेड़ पर उछलते कूदते बंदर की पूंछ, जब डालियों में फंसी तो बंदरिया जोर से हंसी ओ मेरे हमजोली अपनी पूंछ बचाओ ये टूटी तो आदमी हो जाओगे अपने साथ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 72 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 5 May 2024 · 1 min read वादी ए भोपाल हूं बादी ए भोपाल हूं, मैं बादी ए भोपाल हूं भोर हूं स्वप्निल सुनहरी, और सजीली शाम हूं बादी ए भोपाल हूं, मैं वादी ए भोपाल हूं शैल शिखरों से घिरी,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 114 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 4 May 2024 · 1 min read माता पिता के श्री चरणों में बारंबार प्रणाम है मात-पिता के श्री चरणों में, बारंबार प्रणाम है मात पिता ही इस धरती पर, साक्षात भगवान हैं लख-लख कष्ट सहें जीवन में, करते नहीं बखान हैं मात पिता ही इस... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 130 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 4 May 2024 · 2 min read जलियांवाला बाग जलियांवाला बाग की घटना, दहला देने वाली थी अंग्रेजी शासन की क़ूरता, बर्बर से बर्बर काली थी निहत्थे लोगों पर गोलीबारी, शर्मसार करने वाली थी मानवता पर दाग थी ये,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 104 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 4 May 2024 · 1 min read वेचैन आदमी एक दिन एक बेचैन आदमी मंदिर मेरे आया सोने को ही था मैं उसने घंटे पर हाथ जमाया बोला भगवन बढ़ा दुखी हूं नींद नहीं आती है ब्लड प्रेशर शुगर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 3 66 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 3 May 2024 · 1 min read भीड़ ने की एक निर्मम हत्या मावलीचिंग भीड़ ने की एक निर्मम हत्या, एक दुख भरी कहानी है भीड़तंत्र के भेड़ चाल की, एक जीवंत निशानी है एक गरीब दंपत्ति बच्चे का, इलाज कराने आए थके थकाए... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 59 Share Page 1 Next