सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) Tag: मुक्तक 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 22 Dec 2021 · 1 min read कुछ आजाद मुक्तक ना बर्दास्त कर मुझे, जीने के लिए, मैं ना-बर्दास्त हूँ, जीवन के लिए..। ना उम्मीद हो गया है, जीवन मुझसे, मैं बुझा चिराज हूँ, तेरे अंधेरों के लिए..। दाग समझ... Hindi · मुक्तक 3 3 329 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 10 Oct 2021 · 1 min read SUV कार यमराज का नया वाहन डर लगता है, बड़ी कारो के इश्क़ से। इनमें आदमी नही, यमराज चलते है ..!! आगे बढ़ती है, कुचल कर इंसानियत को । इनमें यम दूत नही, हैवान चलते है... Hindi · मुक्तक 3 2 464 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 30 Aug 2021 · 1 min read साकी, शराब और मैं.. साकी तुझे कैसे बताऊँ मैं क्यो शराब पीता हूँ.? जब भी तेरी गली से गुजरता हूँ तो वस पीता हूँ । तेरी मोहब्बत मुझे खींच लाती है साकी, मेरी मोहब्बत... Hindi · मुक्तक 1 541 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 29 Aug 2021 · 1 min read वर्तमान अभिलाषा(हास्य व्यंग्य) दोस्त चाहिए अय्यास और बीबी चाहिए संस्कारी , बाप चाहिए मस्त मौला और माँ चाहिए बटुए बाली , बेटा चाहिए आज्ञाकारी और पुत्री चाहिए प्यारी, घर भरा हो दौलत से... Hindi · मुक्तक 5 4 212 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 27 Feb 2021 · 1 min read नेताओं की शान एकलव्य का लेकर अंगूठा, अर्जुन को महान बना दिया । देश का लेकर अंगूठा, देश को कुरुक्षेत्र बना दिया ।। ये गाडी ये घोड़े ये महकमे, सब तुमने दिया है... Hindi · मुक्तक 4 384 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 27 Feb 2021 · 1 min read रात के 8 बज गये तू भरोसा भी दिलाता है तो ऊँगली दिखाता है , जुमले भी उड़ाता है तो ऊँगली दिखाता है, यक़ीन किस पर करूँ, तू हर बात पर ऊँगली दिखता है ।... Hindi · मुक्तक 3 4 295 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 26 Feb 2021 · 1 min read साक़ी साक़ी, ना पिला इतना कि हम रास्ता बहक जाये। होश में आएं और खुद को ख़ुद ही भूल जायें ।। मेरा गम मुझे गिलास में पानी मिलाकर पिला दें ।... Hindi · मुक्तक 2 4 411 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 25 Feb 2021 · 1 min read तेरा वादा अस्पतालों में मरीजों की कतार है, शमशानों में मुर्दों की बुकिंग है, देवालयों में फरियादों की चीखें बड़ी है, मैं परेशान हूँ देखकर, सोचकर, ए ख़ुदा, तेरी कारीगरी से ना... Hindi · मुक्तक 4 4 470 Share