सुशील कुमार सिंह "प्रभात" Language: Hindi 18 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सुशील कुमार सिंह "प्रभात" 27 Jun 2023 · 1 min read आफ़त ख़ता के खातिर ख़ुदा का सजदा खानुम की आदत सी है ज़ालिम पहले जलिल करती है आज कल जियारत को कहती है। कल आलिमों सा आलाप की मेरा आलम ही... Hindi · कविता 2 1 459 Share सुशील कुमार सिंह "प्रभात" 14 Jun 2023 · 1 min read शिक्षक बचपन के दिनों में सोचा करता कितने महान होते थे शिक्षक, शलिके से हमें संवारकर खुशगवार होते थे शिक्षक उनकी आहटो से डरते थे हम कितनों को सुना था जल्लाद... Hindi 5 1 628 Share सुशील कुमार सिंह "प्रभात" 25 Jan 2023 · 1 min read जोगीरा सारा रारा रा......................... जोगीरा सारा रारा रा.......... मजदूरी में बचपन बीता सपना साहुकार...२ दिन ढले ते उम्र बीत गई बेडौल हुआ आकार जोगीरा सारा रारा रा......२ किस्मत का तो खेल ये देखो... Hindi 2 410 Share सुशील कुमार सिंह "प्रभात" 25 Jan 2023 · 2 min read चुप कर पगली तुम्हें तो प्यार हुआ है प्यार वाले अक्सर टाल दिया करते है मुस्कुरा कर उनका नाम लिया करते हैं सिरफिरे जब आंखें दिखाने लगे फूल की खुशबू तुम तक आने लगे समझो उस दिन कुछ... Hindi 2 696 Share सुशील कुमार सिंह "प्रभात" 12 Jan 2023 · 1 min read फटेहाल में छोड़ा....... ज़िन्दगी की बहार ने मुझे फटेहाल में छोड़ा ।।।।।।।।।। ज़ख्मों की परछाईं ने मुझे किस हाल में छोड़ा ।।।।।।।। मैं बिलखता रहा साथ मेरा बहार ने छोड़ा ।।।।।।।।।।। तुम भी... Hindi 1 325 Share सुशील कुमार सिंह "प्रभात" 11 Jan 2023 · 1 min read गुफ्तगू की अहमियत , अब क्या ख़ाक होगी । गुफ्तगू की अहमियत , अब क्या ख़ाक होगी । अब तो सेहरा में आ गए , लगता है! मेरी बात होगी। जनाब सिलसिला ए इश्क है; ये चलता रहेगा। Hindi 1 216 Share सुशील कुमार सिंह "प्रभात" 11 Jan 2023 · 1 min read रिश्ता वो कहते है अटूट है रिश्ता ज़िन्दगी का दस्तूर है रिश्ता लाखों बंधे हैं इसमें इस कदर औरत का सिन्दूर है रिश्ता ।। लाखों देखें है ज़माने में मिट्टी का... Hindi · कविता 3 2 266 Share सुशील कुमार सिंह "प्रभात" 10 Jan 2023 · 4 min read मुझे मरने की वजह दो मेरा बचपन भी अजीब गुज़रा शुरू के चार वर्ष तो ऐसे बिते जहां मां का सानिध्य प्राप्त हुआ मुझे आज भी भलिभाती याद है मां गेहूं पीसने के क्रम में... Hindi 4 4 266 Share सुशील कुमार सिंह "प्रभात" 9 Jan 2023 · 1 min read मशहूर हो जाऊं आरज़ू है कि मैं मशहूर हो जाऊ केवल अल्फाज़ो के तासीर से उम्मीद,ईशाद,ईशितयाक मुझसे नहीं ये सब कहो भूतपूर्व आजमे वजीर से मेरे वादें, इरादे, मंजीले अब्तर भले जानों फिर... Hindi · कटाक्ष 2 247 Share सुशील कुमार सिंह "प्रभात" 8 Jan 2023 · 1 min read वो सपने सलोने, वो हंसी के फुहारे। वो गेसुओं का झटकना वो सपने सलोने, वो हंसी के फुहारे। वो गेसुओं का झटकना, यूं चलना मटकना। कहो ना कहां रिश्क है, कमबख्त इश्क है।। स्वरचित:-सुशील कुमार सिंह "प्रभात" Hindi · शेर 1 458 Share सुशील कुमार सिंह "प्रभात" 8 Jan 2023 · 2 min read वो मेरी कौन थी ? अहले सुबह कार्यालय के तरफ जाने की आदत ने मुझे कब मेरी आंखों की रौशनी और दिल का शुकून छिन लिया मुझे तो पता ही नहीं लगा। अब लोग तो... Hindi 2 409 Share सुशील कुमार सिंह "प्रभात" 8 Jan 2023 · 1 min read दवा दे गया अहले सुबह, निकल जाता हूं मैं चैन पहले सा नहीं पाता हूं मैं चोट दिल पे लगी बोलो क्या हो गया मेरा मेहबूब मुझसे खफा हो गया..२ ना वो वादे... Hindi · गीत 1 334 Share सुशील कुमार सिंह "प्रभात" 8 Jan 2023 · 1 min read अपने ही शहर में बेगाने हम किसकी नजर लगी, आहिस्ता..2 समझने लगे हैं हम। अपने ही शहर में बेगाने से, रहने लगे हैं हम। रिस्तो का ताना बाना अब कहा,हर पल हर क्षण सिमटने लगे हैं... Hindi · कोरोना 1 320 Share सुशील कुमार सिंह "प्रभात" 8 Jan 2023 · 1 min read मुक्ती ख्वाबो में रहने वाली मेरी जान हो तुम। दुनिया से बेखबर मेरी ईमान हो तुम। चन्द लम्हे भले दूर हुए थे हम, जुबां अगर खोल दूं क़माल हो तुम।। तुम... Hindi 1 163 Share सुशील कुमार सिंह "प्रभात" 7 Jan 2023 · 1 min read गुमनाम उनको तजना नामुमकिन सा पाता हूं कोंपल हूं जिन दरख़्तो का,नाम लिया जाता हूं मूर्ख मिट्टी को तेरे काबिल जो बनाया है निरीह उस जन के नाम दो चार पल... Hindi 2 201 Share सुशील कुमार सिंह "प्रभात" 7 Jan 2023 · 1 min read मेंटल अब मैं इतना भी नादान नही, तुम बनाती रहो और मैं बनता रहुं। अरे पगली, मैं तरस खाता था तुमपे , तुम्हें क्या लगा? मेंटल है साला।। मैं हंसाता रहा... Hindi 1 217 Share सुशील कुमार सिंह "प्रभात" 6 Jan 2023 · 1 min read बेटियां मां तेरे गर्भ का मलवा नहीं हूं मैं, जाने क्यूं मिटाने पर तुले हो। दो चार बूंद भर क्षीर की प्यास मेरी, उसे भी बचाने पर तुले हो।। मां तेरे... Hindi 2 288 Share सुशील कुमार सिंह "प्रभात" 6 Jan 2023 · 1 min read सिलसिला ए इश्क नज़रों की नज़ाकत, मुहब्बत में नसीहत। हमीं से शिकवा, हमीं से शिकायत । जनाब सिलसिला ए इश्क है, ये चलता रहेगा।। वो लवों की घुटन, तनहाईयों का आलम । मेरी... Hindi 1 266 Share