शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" Tag: ग़ज़ल/गीतिका 17 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 2 Aug 2020 · 1 min read रेत कह रही है हवाओं को भी ख़बर है कि कोई हवा आई है। जिंदगी को दवा और मौत की मेरे दुआ लाई है। ये बादल बरस रहें इर्द - गिर्द इन रेगिस्तानों के।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 525 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 1 Aug 2020 · 1 min read "वादा है" आ गले लग ए ज़िन्दगी! बहुत हो चुका। वादा है कि तुझे अब कभी और रोने ना दूंगी। रिश्ते बिकते कौड़ियों के भाव सरेबाजार। वादा है तुझे इस भीड़ में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 3 370 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 29 Jul 2020 · 1 min read बारिशें लाई है इन पथ्थरों को भी सिखा दो मुस्कुराना कोई। मुद्दतों से जलने की इन्होनें एक सजा पाई है। दे दे काश इन्हें भी कोई भीगने का बहाना कोई। ये हवा अपने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 435 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 28 Jul 2020 · 1 min read "खोई सी है जिंदगी " खोई सी है जिंदगी इसे खोजने जाना है। वक्त - बेवक्त ही सही पर ढूँढ ही लाना है। जिंदा तो रहते हैं कई साँसो के सहारे पर। मुझे जिंदगी को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 9 10 502 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 28 Jul 2020 · 1 min read वो जीत जाता जिंदगी के इम्तिहान में यूं असफल हो गया। वो जीत जाता गर हराने वाले अपने न होते। कहते हैं ख्वाब देखो आसमानी बुलन्दियों के। वो न टूटके आता गर इतने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 4 458 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 27 Jul 2020 · 1 min read "गले लगाया ही कहाँ" यकीनन गलत है कि उसने कुछ बताया नही। जो कह रहा था वो तुम्हें सुनने आया ही कहाँ? ढूँढ़-ढूँढकर निकाली थी उसमें खामियाँ तुमने। एक एब भी कभी तुमनें खुद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 8 252 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 27 Jul 2020 · 1 min read रात का पैगा़म रात आने के साथ एक पैगा़म लाती है। हर निशा पश्चात सुनहरी सुबह आती है। चाँद का मोल भी तो रात से ही होता है। दिन के उजाले में रौशनी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 6 411 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 29 Jun 2020 · 1 min read मैं सौदागर कच्चा हूँ। क्यों तोलते हो समझदारियां मेरी। अभी भी दिलसे मासूम बच्चा हूँ। बिकता है इमान सरेबजार यहाँ। इस बाजार में मैं सौदागर कच्चा हूँ। शक्ल न देख हूँ बड़ा बदसूरत मैं।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 274 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 21 Jun 2020 · 1 min read "पिता" मेरी एक चीख से उसका हृदय चित्कार उठता है। मेरे आँख से पढकर वो हर एक गम भांप लेता है। यूं तो आदत में है मेरी हरघडी़ मुस्कुराने की। हँसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 3 239 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 20 Jun 2020 · 1 min read अपने ही नज़र में गिराया गया। थोड़ा-थोड़ा शहद के प्याले में रोज ज़हर पिलाया गया। वो मरने की कगार पर पहुँचा तो खुदखुशी बताया गया। सम्मानित था, सम्मानित रहा उसकी नज़रों में हरदम। बात गैरों की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 212 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 20 Jun 2020 · 1 min read गलतियों का जुर्माना आइना सच बोल जाए गर तो वो भी बिखरता है। खुद को असली किरदार में कुबूल कौन करता है। किसी ने अपनी किरदारे-असलियत देखी कब है। गलतियों का जुर्माना खुदसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 4 270 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 10 Jun 2020 · 1 min read "पथ्थर रहूंगा हरदम" लगता है किसी की मन्नत रंग ला रही है। धीरे-धीरे ही सही मौत करीब आ रही है। दुआ बेअसर थी, बेअसर ही रही उनकी। शुकर है कोई बद्दुआ मेरे काम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 3 245 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 3 Jun 2020 · 1 min read अच्छी ख़बर दोगे क्या? मैने देखा है जो कुछ भी वो कम तो नहीं, नज़रंदाज कर सकूं एसी नज़र दोगे क्या? माना है बेहद काँटों से भरी जिंदगी मेरी, सारे काँटे बदलकर फूल कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 1 433 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 31 May 2020 · 1 min read "राह कौन बताए" सुनसान रातें विरान गलियां हर राहें। भटके पथिक को राह कौन बताए। सहमें से बैठे चौबारे और हर चौराहे। है अमा कोई तारा रोशनी तो जलाए। थमा वक्त मंजर दुबक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 381 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 31 May 2020 · 1 min read उँगलियाँ मात्र गिनती हैं। समेटे हुए पल उसने जूड़े में बाधा है। इसलिए वो अब बाल खुले रखती नहीं । बकबक करती घूमती थी जो आंगन में। सिर्फ सुनती है किसी को कुछ कहती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 441 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 30 May 2020 · 1 min read चाँद निकलता नहीं। बड़ी हसरत थी उन्हें राह-ए-सफर चुनने की। रहमते रब सफर में थे, आज भी सफर मे हैं। न था वास्ता जिनका इनकी-उनकी बातों से। सुना है आज कल वो हर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 207 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 4 May 2020 · 1 min read त्याग "शूरवीरों" का क्षमा कर माँ तेरे पुकारने पर भी मैं आ न सका। तेरे आँचल में मेरा सिर सुकून से लिटा न सका। न थामी बापू की लड़खडा़ती कमजोर सी लाठी। है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 225 Share