डॉ. शशांक शर्मा "रईस" Tag: कविता 47 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 14 Nov 2024 · 1 min read क़िस्मत अब खोटे सिक्के भी उछाले जा रहे हैं खेल में, हमें यूं बाहर कर दिया, क़िस्मत ने आजमा कर!! शय-मात का सफ़र अमूमन तय कर लिया था, ज़िंदगी ने एक... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 1 17 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 7 Nov 2024 · 1 min read ताल -तलैया रिक्त हैं, जलद हीन आसमान ताल -तलैया रिक्त हैं, जलद हीन आसमान कण्ठ सूखते वनपांखी के, संकट में है प्राण!! ©️🖊️ डॉ. शशांक शर्मा "रईस" Hindi · कविता 24 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 6 Nov 2024 · 2 min read वो तो मां है जो मुझे दूसरों से नौ महीने ज्यादा जानती है न जाने किन-किन तकलीफों से गुजर जाया करती है, नौ महीने दर्द सहकर मां होने का फर्ज़ अदा करती है!! नादां हैं हम जो समझ नहीं पाते हैं क़ीमतें उसकी,... Hindi · कविता · ग़ज़ल · मां ❤️ · मां की ममता 17 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 15 Oct 2024 · 1 min read "लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल" (महान स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी) सरदार वल्लभ का नाम था महान, भारत की आज़ादी का था जिनमें अरमान। लौह पुरुष का दिया उन्हें सम्मान, बने आज़ादी के सच्चे प्रहरि-दान। देश को जोड़ा उन्होंने संजीवनी सा,... Hindi · कविता · ग़ज़ल · सरदार वल्लभ भाई पटेल पर कविता 20 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 15 Oct 2024 · 1 min read "उत्सवों का महत्व" प्रेम और सद्भाव से, हर बंधन को ये बांधती है, रिश्तों में मिठास घोल, हर ग़म को दूर भगाती है!! जीवन की बगिया में, खुशियों के फूल खिलाती है, ये... Hindi · उत्सव · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 33 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 16 Sep 2024 · 1 min read "निज भाषा का गौरव: हमारी मातृभाषा" "निज भाषा का गौरव: हमारी मातृभाषा" ख़ुद के ही रंगों से, सारा घर द्वार सजाती है, भाव निज भाषा के ही संग बाहर आती है!! संस्कृति का दर्पण, भाषा अनमोल... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · निज भाषा · मातृभाषा-हिन्दी · हिंदी कविता 62 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 16 Sep 2024 · 2 min read "हिंदी भाषा है, समाज का गौरव दर्पण" "हिंदी भाषा है, समाज का गौरव दर्पण" हिंदी भाषा है, समाज का गौरव दर्पण, जिसमें झलके संस्कृति का हर अर्पण!! शब्दों में यूं बसती है जन-जन की पीड़ा, रस भावों... Hindi · अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस · कविता · ग़ज़ल · गीतिका · हिंदी 45 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 1 Aug 2024 · 1 min read मुलाकातें वो राज़ की बातें भी ज़रा सी थी, तेरी मेरी मुलाकातें भी ज़रा सी थी!! चांद भी अब क्या कहे तकल्लुफ में, इन लफ़्ज़ों में सियासत भी ज़रा सी थी!!... Hindi · कविता · ग़ज़ल · मुलाकात · शेर 95 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 28 Jul 2024 · 1 min read ज़िंदगी का जंग बेहतर होता कि मोड़ते जाते कोरा कागज़, बोझल पलकें न देंगे ज़िंदगी का हर संग!! यूं लगता है जैसे अधूरा है ज़िंदगी का चेहरा, बस उतर गया कहीं पर्दे से... Hindi · कविता · जिंदगी का सच 31 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 19 Jul 2024 · 1 min read आया सावन मन भावन आया सावन मन भावन, बड़ा ही पावन, आया रे सावन!! चारों ओर हरियाली, झूम रही डाली -डाली, कुहू -कुहू करती, काली कोयलिया मतवाली, लगे बड़ा सुहावन, आया रे सावन!! सुगन्धित... Hindi · कविता · बाल कविता 1 79 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 11 Jun 2024 · 1 min read आओ नववर्ष के पावन पर्व की प्रीती मनाएं आओ नववर्ष के पावन पर्व की प्रीती मनाएं, नयी उमंगों से जीवन को फिर नवीनता दिखाएं!! सबको हंसाएं, दुःखों को दूर भगाएं, प्रेम और शान्ति की राह में प्रगति बनाएं!!... Hindi · कविता · नववर्ष · शुभ 82 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 11 Jun 2024 · 1 min read जीवन का सितारा जीवन का सितारा ढूँढ़ते-ढूँढ़ते, मन में एक जगह मिल जिसे बसाते-बसाते!! ख़ुश होते फिरते हैं हम न जाने क्यों, पर कुछ सदाऍं खुशियां बन के दिल में बस जाती हैं!!... Hindi · कविता · जीवन का सितारा · मन · रोशनी 42 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 11 Jun 2024 · 1 min read कहां कहां ढूंढू तुझे मैं गज़लों में, चंद बातें यहां, चंद ख़्वाब हैं हँसते, मैं हूँ एक आवाज़, विचारों के अनंत सागर में!! कविता के गीत, सुरमयी धुन में सजाते, ह्रदय को मन मोह देते, रूह को... Hindi · कविता · ग़ज़ल · रूपक · शगुन 55 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 6 Jun 2024 · 1 min read *कागज पर जिंदगी* जब कुछ लिखा मैंने जीवन की कठिनाई को, उजड़े हुये मण्डप की खामोश शहनाई को!! सपनों के नील गगन में, जज्बातों को बोने लगे, कागज पर लिखी जिंदगी, तो शब्द-शब्द... Hindi · कविता · ग़ज़ल · जिंदगी · बागबान 98 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 6 Jun 2024 · 1 min read बिखरे हुए सपने हैं मेरे बिखरे हुए सपने हैं मेरे, गुमसुम सा दरिया है जहां, अकेलेपन की ठंडी हवा है, खुशियों भरी शांति है यहां!! लगता है बदला किसी से है, हर चीज़ यहां बेज़ार... Hindi · कविता · ग़ज़ल · दरिया · सपने 80 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 6 Jun 2024 · 1 min read बस तुझे अब दुआओं में मांगा करते हैं बस तुझे अब दुआओं में मांगा करते हैं, तुझमें तू नहीं, मुझे ख़ुदा दिखाई देता है!! शौक़-ए-तमन्ना में मुझे वो शख्स ना मिला, मुझे भी वो ख़ुद से जुदा दिखाई... Hindi · कविता · खुदा · ग़ज़ल · दुआ 48 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 6 Jun 2024 · 1 min read ज़िंदगी का जंग बेहतर होता कि मोड़ते जाते कोरा कागज़, बोझल पलकें न देंगे ज़िंदगी का हर संग!! यूं लगता है जैसे अधूरा है ज़िंदगी का चेहरा, बस उतर गया कहीं पर्दे से... Hindi · कविता · ग़ज़ल · जिंदगी · मोहब्बत 39 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 5 Jun 2024 · 1 min read बुन लो सपने रात ढलती चांदनी में हवा चली, चांदनी चमकती जाती है, बादल सजली गुनगुनाती जाती है!! सितारों की रौशनी बढ़ती जाती है, कोरे आकाश में रंग भरती जाती है!! चांदनी रात में महकते सुंदर फूल,... Hindi · कविता · चाँदनी · जिंदगी · मोहब्बत इश्क़ Love Poetry 84 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 5 Jun 2024 · 1 min read गांव का घर गांव के घर में बसी गहरी बातें, सरसराती हवा में उमंग लाते हैं!! खेतों की माटी में बसी वो खुशबू, मेहनत की लम्बी कहानी सुनाते हैं!! चारों ओर हरियाली की... Hindi · कविता · गांव की याद · मेहनत · शांति 51 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 3 Jun 2024 · 1 min read इबादत: एक अलौकिक शक्ति मोमबत्ती की रौशनी की तरह, इबादत आत्मा को जगाती है!! उम्मीद और आशा के संगीत में, जीवन की गहराईयां झलकाती है। इबादत, एक रूहानी संगीत की, जिसमें आत्मा प्रकाशित हो... Hindi · इबादत · उम्मीद · एकता · कविता 73 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 31 May 2024 · 1 min read उलझन है मेरे दिल में, भरी हुई हर पल में उलझन है मेरे दिल में, भरी हुई हर पल में, समय की दौड़ में, बस जीने की ख्वाहिश है!! रास्तों का सफ़र अनंत गहराइयों की याद दिलाते हैं, बस इन... Hindi · कविता · ख्वाब · ग़ज़ल · मंजिल · संघर्ष की दास्तान 74 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 31 May 2024 · 1 min read ज़िंदगी के रंग थे हम, हँसते खेलते थे हम ज़िंदगी के रंग थे हम, हँसते खेलते थे हम, मुसीबतों का सामना किया, और अपनी मुस्कान बनाए रखा!! लेकिन कभी-कभी आती है, इतनी उदासी की लहर लेकर, बहुत रोता है... Hindi · उदासी · कविता · जिंदगी · रंग 49 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 29 May 2024 · 1 min read "गुरु का ज्ञान" गुरुवर हो गुण के अम्बर, तुम सर्वगुण के निधान!! गुरुवर के मुख सुनकर, उनका वह दिव्य ज्ञान!! गुरु नाम पर चली लेखनी, लिखते थक गए कवि महान!! जग उदित हुआ... Hindi · कविता · गुरु · गुरु का ज्ञान 55 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 28 May 2024 · 1 min read जगमगाते बच्चों की चमक दिल को भाती है, जगमगाते बच्चों की चमक दिल को भाती है, उनकी मस्ती और खुशियों से दिल भर जाती है!! उमंग भरी मुस्कान उनकी हंसी में छा जाती है, महकान सूरज की किरणों... Hindi · कविता 32 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 21 May 2024 · 1 min read जीवन की दास्तां सुनाऊं मिठास के नाम में प्यार की बातें जो लफ्ज़ों में भर दूं, वो रोशनी और ख़ुशियों से तर कर दूं!! चराग़ बन जाऊँ तेरी ज़िंदगी के रास्ते में, हर गम को भगाकर बहुत दूर... Hindi · कविता 51 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 18 May 2024 · 1 min read किसी का साथ देना सीखो किसी का साथ देना सीखो, धोखा तो आजकल सब देते हैं!! बुरा वक्त कभी बताकर नहीं आता, अच्छे वक्त में साथ तो सब देते हैं!! बेवजह किसी होठों की हसीं... Hindi · कविता 53 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 16 May 2024 · 1 min read मेरी बिटिया बड़ी हो गई: मां का निश्चल प्रेम मेरी बेटी बड़ी हो गई, साथ मेरे खड़ी हो गई!! बस डांट देती मुझे ऐसे, मेरी वो सहेली हो गई!! पहन लेती हूं मैं कुछ तो भी, बेतुके कपड़े, गहने,... Hindi · कविता 46 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 16 May 2024 · 1 min read विदा पल कहूं कैसे, बिटिया आती रहना कैसे मैं कह दूं, बेटी है परायी, बड़ी मन्नतों से परी सी है आई!! बेटी है तो घर में, रंगोली है सजती, बेटी है पायल, रूनझुन सी बजती!! मोती है,माला... Hindi · कविता 46 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 12 May 2024 · 1 min read मुझे नाम नहीं चाहिए यूं बेनाम रहने दो मुझे नाम नहीं चाहिए यूं बेनाम रहने दो, मुझे मेरे प्रभु श्रीराम का गुलाम रहने दो!! कुछ भी नहीं चाहिये जीवन में, न धन न दौलत, बस मेरी जिह्वा पर... Hindi · कविता 47 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 12 May 2024 · 1 min read मां तुम्हारे प्यार को कैसे बयां करूँ मां तुम्हारे प्यार को कैसे बयां करूँ, कौन से शब्द कहूँ, कौन सी छंद गढ़ूॅं!! जीवन के प्रथम पाठ सिखाई हो तुम, प्यार और धैर्य से राह दिखाई हो तुम!!... Hindi · कविता 34 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 7 May 2024 · 2 min read मन की संवेदना: अंतर्मन की व्यथा दिल की धड़कनें तेज़ होती हैं, जब मन की संवेदना बढ़ती है!! भावनाओं का तूफान आता है, यूं शब्दों की बौछार बरसती है!! संवेदना बड़ी अनूठी सी राग है, दुःख-सुख... Hindi · कविता 50 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 6 May 2024 · 1 min read ख़ामोशी यूं कुछ कह रही थी मेरे कान में, ख़ामोशी यूं कुछ कह रही थी मेरे कान में, बेबसी झलक रही थी किसी की मुस्कान में! ये अमीर-सेठ तो कमबख़्त कारोबारी ठहरे, थोड़ी हँसी बिक रही थी गरीब की... Hindi · कविता · बाल कविता 63 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 6 May 2024 · 1 min read आकांक्षा की पतंग आकांक्षा की पतंग हो, वास्तविकता की डोर हो!! यूं अपनों का प्यार हो, खुशियों का शोर हो!! सपनों का आकाश हो, समरसता के तिल हो!! आत्मीयता का गुड़ हो, राष्ट्र... Hindi · कविता 38 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 6 May 2024 · 1 min read आरक्षण: एक समीक्षात्मक लेख मैं सोच रहा एक लेख लिखूं, मैं भी लेखक बन जाऊं क्या, आरक्षण की लौ पर जलते, चिताओं की गाथा गाउं क्या!! जब था आरक्षण दिया गया, तब की स्थिति... Hindi · कविता · लेख 45 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 6 May 2024 · 1 min read 🌳पृथ्वी का चंवर🌳 सत्य है! वृक्ष तू धरा का नव श्रृंगार है, हे पृथ्वी का चंवर, तेरी महिमा अपरंपार है!! मनस्वी तपस्वी सा, शीर्षासन किए खड़ा है, तेरी कृपा दृष्टि से ही, जलदों... Hindi · कविता 31 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 6 May 2024 · 1 min read पिता एक उम्मीद है, एक आस है पिता एक उम्मीद है, एक आस है, परिवार की हिम्मत और विश्वास है!! बाहर से सख्त अंदर से नर्म है, उसके दिल में दफन कई मर्म हैं!! पिता ज़मीर है... Hindi · कविता · ग़ज़ल 246 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 6 May 2024 · 1 min read मिट्टी का एक घर मिट्टी का एक घर है मेरा, बरसात की चाहत रखता हूं!! कलेजा देख तो मेरा, मैं इसी तरह हर रोज़, मुसीबतों का सामना करता हूं!! आंखें ज़रूर नम हो जाती... Hindi · कविता · ग़ज़ल 46 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 6 May 2024 · 1 min read भगवान शिव शंभू की स्तुति 🌺हर हर महादेव🔱🌺 शिव अमृत की पावन धारा, धो देती है हर कष्ट हमारा!! शिव का पाठ सदा सुखदाई, शिव के बिना है कौन सहाई!! शिव की निशदिन कीजो भक्ति,... Hindi · कविता 41 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 6 May 2024 · 1 min read ज़िंदगी चलती है ज़िंदगी चलती है, एक धड़कन के वास्ते!! घड़ियां चल रही है, अपने समय के रास्ते!! मुद्दतों बाद एक मुस्कान, वो भी लाख शर्तों के साथ!! ये प्यार ना होगा कम,... Hindi · Quote Writer · कविता 164 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 6 May 2024 · 1 min read नर्म वही जाड़े की धूप सूरज कुछ शर्माता, थोड़ा सा सकुचाता, धरती पर देरी से आता, बाहें अधखुली सी खोल कर मुस्काता!! धरती की बैचेनी पर घबराता, बिखरा कर कुछ किरणें अपनी, स्वप्न मृदुल कर... Hindi · कविता 1 33 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 5 May 2024 · 1 min read "मेरे मन की बगिया में" ऐसे उतरता है तेरा ख़्याल, मेरे मन की बगिया में!! चाँदनी ज्यों उतरती है, हौले-से घर के आँगन में!! बस वैसे ही कभी मालती-सा, महक उठता है तन-मन मेरा, जैसे... Hindi · कविता 40 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 5 May 2024 · 1 min read "जिंदगी की बात अब जिंदगी कर रही" जिंदगी की बात अब जिंदगी कर रही, किस कारण हमसे इतनी बंदगी कर रही!! इस क़दर उलझे हैं हम इन भंवर जालों में, अच्छे काम करके भी हमें शर्मिंदगी कर... Hindi · कविता · ग़ज़ल 37 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 5 May 2024 · 1 min read "तितली जैसी प्यारी बिटिया": कविता उड़ती हुई तितली के, जैसी आजाद हो तुम, खिलते हुए फूलों के, जैसी खूबसूरत हो तुम!! घाट की प्यारी हवा की, महकती एहसास हो तुम, पत्तों पर इतरती-इठलाती, वो ओस... Hindi · कविता 37 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 5 May 2024 · 1 min read मुझे पति नहीं अपने लिए एक दोस्त चाहिए: कविता (आज की दौर की लड़कियों को समर्पित) मुझे पति नहीं अपने लिए एक दोस्त चाहिए, जिसके बराबर चल सकूं वो हमसफ़र चाहिए!! अमीर लड़के के सोने की पिंजरे में कैद नहीं होना, ना ही चाभी की जीती... Hindi · कविता · ग़ज़ल 39 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 5 May 2024 · 1 min read धीरे-धीरे सब ठीक नहीं सब ख़त्म हो जाएगा धीरे-धीरे सब ठीक नहीं सब ख़त्म हो जाएगा, जीवन जहां पर रुका, वहीं से शुरू हो जाएगा!! ना तुमको हमराह ज़रूरत होगी हमसफ़र की, ना हमको कोई तलब होगी किसी... Hindi · कविता · ग़ज़ल 141 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 5 May 2024 · 1 min read "वाणी की भाषा": कविता वाणी ही परिचय है हमारा और पहचान बताती है, वाणी ही दर्पण है हमारा और सम्मान दिलाती है!! वाणी मे शीतलता हो तो नम्र बनाती है, वाणी से ही सब... Hindi · कविता 75 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 4 May 2024 · 2 min read "मन की संवेदनाएं: जीवन यात्रा का परिदृश्य" "मन की संवेदनाएं: जीवन यात्रा का परिदृश्य" हाथ में लिए हुए, कलम की बातें थी, मन यूं बेचैन था, शब्दों की रातें थी!! संवेदनाएं उभरी कविता में साज बनके, प्रेम,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 334 Share