SATPAL CHAUHAN 72 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid SATPAL CHAUHAN 24 Mar 2025 · 1 min read कई बार अंधकार इतना गहरा होता है कि खुद जुगनू बनना तो दूर कही कई बार अंधकार इतना गहरा होता है कि खुद जुगनू बनना तो दूर कहीं से आशा की किरन भी नजर नहीं आती सतपाल चौहान Quote Writer 1 24 Share SATPAL CHAUHAN 30 Dec 2024 · 1 min read वांछित व्यवहार एक ऐसा आईना है , वांछित व्यवहार एक ऐसा आईना है , जो इस आईने के साथ आत्मसात करता है। अवांछित व्यवहार करने वालों की नजर में वह खटकता जरूर है। सतपाल चौहान Quote Writer 118 Share SATPAL CHAUHAN 17 Dec 2024 · 1 min read मैं चंद्रमा को सूर्योदय से पूर्व सूर्यास्त के बाद देखता हूं मैं चंद्रमा को सूर्योदय से पूर्व सूर्यास्त के बाद देखता हूं ,क्योंकि सूर्य के कारण लोगों के रंग बदलने लगे है। चंद्रमा चंचल जरूर है मगर ठंडक देता है। सतपाल... Quote Writer 179 Share SATPAL CHAUHAN 12 Dec 2024 · 1 min read थोड़ी सी गुफ्तगू क्या हो गई कि उन्होंने मुझे ही सरफिरा समझ ल थोड़ी सी गुफ्तगू क्या हो गई कि उन्होंने मुझे ही सरफिरा समझ लिया। बहारे क्या कभी पूछ कर आती है क्या तेल के बगैर जलता है दिया।। बस इतनी- सी... Quote Writer 1 189 Share SATPAL CHAUHAN 11 Dec 2024 · 1 min read ना किसी से दुआ सलाम ना किसी से बंदगी । ना किसी से दुआ सलाम ना किसी से बंदगी । हरदम हरपल भागम भाग क्या यही है जिंदगी ।। सतपाल चौहान। Quote Writer 1 123 Share SATPAL CHAUHAN 5 Dec 2024 · 1 min read मैंने गलत को गलत ठहरा दिया । मैंने गलत को गलत ठहरा दिया । इसलिए मुझे ही गलत ने गलत ठहरा दिया।। सतपाल चौहान। Quote Writer 82 Share SATPAL CHAUHAN 5 Dec 2024 · 1 min read यह जो पका पकाया खाते हैं ना । यह जो पका पकाया खाते हैं ना । कभी पका कर देखो हाथ जलते हैं।। Quote Writer 1 123 Share SATPAL CHAUHAN 15 Sep 2024 · 1 min read रो रही है मॉं लाख लाहनता देना तुम सूना हो उसका ज़हां। खुशी के माहौल के अंदर जिसकी रो रही है माॅं।। सारी उम्र खुद दुःख सहकर तुमको मालामाल किया, जिंदगी की भागम भाग... Hindi · कविता 2 2 167 Share SATPAL CHAUHAN 19 Aug 2024 · 1 min read रक्षाबंधन रक्षाबंधन का त्योहार देखिए ,बहन भाई का प्यार देखिए। खूनी रिश्तो का व्यवहार देखिए, प्रेम की मिसाल देखिए।। कच्चे धागे का कमाल देखिए ,तिलक लगा भाल देखिए। बहन हुई खुशहाल... Hindi 178 Share SATPAL CHAUHAN 6 Aug 2024 · 1 min read हरियाली तीज रंग बदला रूप बदला बदल गई हरियाली तीज । अब साथी पास नहीं इसलिए मन में उठी खीज ।। पुराने रीत बदल गई बदल गए पुराने सब रिवाज। पुराना समय... Hindi · कविता 1 176 Share SATPAL CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read कहानी कोई भी हो चांद सी चमक क्षितिज में जाकर भी चमकते रहना। विपरीत परिस्थितियों में यू ही हरदम दमकते रहना ।। कोई देखता क्या कभी मुरझाए हुए फूल की तरफ। खिले हुए फूल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 146 Share SATPAL CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read वाक़िफ़ तेरी नजाकत और उल्फत से वाकिफ हूं, मेरे सब्र का इंतिहान आजमाने की कोशिश ना कर। बिखर जाएगा तेरा गुरूर यूं पतझड़ की तरह तिनका तिनका।। आखिर कब तक छुपा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 147 Share SATPAL CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read नफरत की आग हाँ जरुरत नहीं है मुझे दावानल की तेरी रुसवाई ही काफी है मेरी हस्ती मिटाने को हाँ गैरो ने ही सँभाला है मुझको अँधेरो मे ठोकरे खाता रहा तेरे दीदार... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 147 Share SATPAL CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read अकेलेपन का अंधेरा अफसोस नहीं है अकेले जाने का मुझे गम है इस जमाने का कहते हैं गिरगिट रंग बदलता है परंतु उसका यह ढंग है अपने आप को बचाने का अगर पैमाना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 99 Share SATPAL CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read यादें जेहन में रहती है बातें अपनों की अपन्तव से, चाहे हम रहे ना रहे विचारों में जिंदा रहेंगे जरुर। जिंदगी की कसमाकस मे उलझे बेशक है हम, पर आंखों में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 1 152 Share SATPAL CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read साल के आख़िरी किनारे पर नव वर्ष की वेला पर विगत वर्ष हो गया हू, सोचत हूं कब नया था कब पुराना हो गया हू। वक़्त की तासीर यही खुद ही पुराना हो गया, नया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 140 Share SATPAL CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read वक्त रेत सा है खोज ले इन्सान अपने मन रुपी मीर को, क्या तू जानता नहीं है मन की तासीर को। उधेड़ बून लगा रहता कोसता तकदीर को, समय समय का खेल है बनाता... Poetry Writing Challenge-3 2 1 122 Share SATPAL CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read होली होली के रंग अपनों के संग और निखरआते हैं। निश्छल प्रेम और निस्वार्थ भाव से खेले जाते हैं।। दूर देश से आए विहंग जब अपना राग सुनाते हैं। मधुर ताल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 165 Share SATPAL CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read खेत खलियान खेत खलियान की पगडंडी मेढ हो गई विरान । पढ़े लिखे सब हो गए किया शहर को प्रस्थान।। बचपन में जब तुम आते थे करते थे यहां काम । आवाज... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 129 Share SATPAL CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read बिछड़ गए साथी सब बिछड़ गए साथी सब स्कूल रौनकों का मेला था। हंसी- खुशी समय गुजरा आखिर तो यह होना था।। बात-बात पर खिल खिलाना समय को ना गवार था, गुस्सा कभी हो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 136 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read प्रिय किताब मैं शुक्रगुजार हूं आपकी तरफ मैने हाथ बढ़ाएं मैंने हाथो के सहारे गगन को छू लिया मैंने अपने पुरखों का इतिहास पढ़ा मन में बहुत सारे विचारो का अंधकार तुम्हारे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 2 175 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read कागज कागज कागज ही होता है जब तक उस पर अल्फाज नहीं उकेरे जाते कागज का महत्व ही बदल जाता है अल्फ़ालो के बदलने के साथ किसी की अश्नु धारा बहने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 138 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read पिता का प्रेम एक हाथ बच्चे को हाथ में संभालना प्यार वाली दूरदर्शी नजर से निहारना गदगद हो जाता है तन-मन दिल के तार-तार में कंपन पैदा होती है बच्चे का जन्म होने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 127 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read चंचल मोर सा मन चंचल मोर सा मन मेरा पंछी बन ऊड जाता है, आसमान के तारों में। कभी गुम हो जाता है, वादियों के नजारों में । ऊथल पुथल मच जाती, सागर- सी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 149 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read ग़म के सागर में किस्तियो का लहराना खलता है मन रूपी सागर में उथल पुथल मच जाती है दर्द होता है विचारों में यूं ही रैना बीत जाती है विचारों के भवसागर में फंस... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 140 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read बात बढ़ाना ठीक नहीं बात बढ़ाना ठीक नहीं नजरे चुराना ठीक नहीं बात बनाना ठीक नहीं कोई बहाना ठीक नहीं कोई रीत ठीक नहीं क्या प्रीत ठीक नहीं क्या रिझाना ठीक नही यूं चले... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 112 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read खुद से भाग कर कहां जाओगे जाने वाले दिल अपना तड़पाने वाले गमों के दौर यूं ही आते हैं पर क्या यूं भागे जाते हैं देख जरा तो पीछे मुड़कर अपनी धडकन को पकड़कर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 126 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read सही ग़लत का फैसला.... किसी गम्भीर मुद्दे पर तर्कहिन संवाद, बिगाड़ देता है जिव्हा की लय। थरथराते होठ शब्दो की सार्थकता खो बैठते है, कहना कुछ चाहते है उच्चारण गलत कर बैठते है। शब्द... Poetry Writing Challenge-3 132 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read बेरंग सी जिंदगी...... बेरंग सी ज़िंदगी कहां ले जाएगी किस मोड़ पर मुड़ेगी जाकर । समय थोड़ा दूर मंजिल रुक गए थक हार कर।। क्या यूं पार कर पाएंगे अपनो से यू दूर... Poetry Writing Challenge-3 1 171 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read हाँ !भाई हाँ मैं मुखिया हूँ ! भाई हाँ हाँमैं मुखिया हूँ किसी राष्ट्र या सरकारी तंत्र का प्रधान नहीं हूँ , ना ही किसी उच्च निजी संथान का मुखिया हूँ। कमर तोड़ मेहनत कर बाँटता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 194 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read रूप अनेक अनजान राहों मे रूप अनेक अनजान राहों मे जो बार-बार है बदलता । चंचल मन मोर- सा चंचल विचार , बहती हुई सी सरिता।। जीवन है वह नाम इसी का, विचारों का ताना-बाना।... Poetry Writing Challenge-3 119 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read चमचा चमचा ही होता है....... एक चमचा सोने का होता, एक चमचा चांदी का होता है, एक चमचाअद्भुत -सा होता,एक चमचा अमूर्त भी होता है। एक चमचा कीमती होता,एक चमचा कीमती कम होता है। इन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 159 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read घर अंगना वीरान हो गया जिस घर में मां बाप का नहीं साया समझो वह जहां सुनसान हो गया घर अंगना विरान हो गया..... सुबह उठ अंगना मां साफ करती थी आज वह अंगना ही... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 143 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read मेरा दोस्त बड़ा दिलवाला कसम खाता है क्या कोई? दोस्ती के पाक नाम की, मैं बातें करता हूं सिर्फ ,अपने दोस्त के इमान की। हो जाता हूं मैं गर्व वाला।। मेरा दोस्त बड़ा दिलवाला।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 156 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read दुर्घटनाओं के पीछे जन मानस में क्रांति हो... मासूमों को ठूंस -ठूंस कर स्कूलों में ले जाते हैं , ऐसे हादसे हो जाते हैं काल का ग्रास बन जाते हैं। सिर्फ पैसा और पैसा यही तो सारा नाच... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 285 Share SATPAL CHAUHAN 8 Feb 2024 · 1 min read बिगड़ता यहां परिवार देखिए........ बिगड़ता यहां परिवार देखिए, बिगड़ता यहां संस्कार देखिए। बिगड़ता यहां बचपन देखिए, बिगड़ता यहां बड़प्पन देखिए।। बिगड़ता यहां आचार देखिए, बिगड़ता यहां व्यवहार देखिये। बिगड़ता यहां मिलाप देखिए, बिगड़ता यहां... Poetry Writing Challenge-2 3 273 Share SATPAL CHAUHAN 8 Feb 2024 · 1 min read आज लिखने बैठ गया हूं, मैं अपने अतीत को। आज लिखने बैठ गया हूं, मैं अपने अतीत को। स्मृतियां अनगनित है, जिन्दगी के मीत को।। था कभी मुरझाया फूल, आज तरो तर हो गया हूं , लेकिन कांटों में... Poetry Writing Challenge-2 3 1 341 Share SATPAL CHAUHAN 6 Feb 2024 · 1 min read मां से ही तो सीखा है। माला में ये मोती पिरोना, मोती बिखेर कर फिर रोना। मां के आंचल में दुबक कर सोना, मां से ही तो सीखा है।। सुई धागे से फुलकारी बनाना, बचपन का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 483 Share SATPAL CHAUHAN 6 Feb 2024 · 1 min read आओ कभी स्वप्न में मेरे ,मां मैं दर्शन कर लूं तेरे।। आओ कभी स्वप्न में मेरे, मां मैं दर्शन कर लूं तेरे।। मां तुम्हें पैगाम लिखूं , खत आप के नाम लिखूं । बदहाल मन का हाल लिखूं , आओ कभी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 1 320 Share SATPAL CHAUHAN 6 Feb 2024 · 1 min read खुशी -उदासी एक उपवन के थे हम निवासी, फूल व तितली दो ही साथी। समय भी बदला मौसम भी बदला, कभी खुशी थी कभी उदासी।। फूल व तितली प्यार जताते, इस संसार... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 267 Share SATPAL CHAUHAN 6 Feb 2024 · 1 min read फिर कब आएगी ........... मेरी यादों की कच्ची कली, भरपूर यौवन पर कब आऐगी । आकर अपनी चमक- महक से, इस भंवरे का मन कब बहलाएगी।। फिर कब आएंगी. आ कर कर थाम ले... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 1 250 Share SATPAL CHAUHAN 5 Feb 2024 · 1 min read अनचाहे फूल चल रहा था उधेड़बुन में अकस्मात , यू ही नजर पड़ गई विस्मित फूलो पर। सड़क के दोनों तरफ कैसी विडम्बना , चमन में एक फूल रास्ते के इस ओर।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 184 Share SATPAL CHAUHAN 5 Feb 2024 · 1 min read बेटियां अमृत की बूंद.......... बेटियां अमृत की बूंद...... पैदाइश हुई बेटी की ,मन में उठी हल्की सी तरंग, खुशी से झनझनाहट हुई, जैसे फूलों पर डोले भृंग। हृदय में एक लहर उठी ,मानो नभ... Poetry Writing Challenge-2 3 1 385 Share SATPAL CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read अमूक दोस्त । अमूक दोस्त नादान ना बन, ओ पीड़ा हर्ता, पीड़ा को ना जन । एक दूसरे के दिल में झांका था हमने, थोडा सा आश्वासन दिया था तुमने। शायद आसमान लगा... Poetry Writing Challenge-2 3 255 Share SATPAL CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read मन 4. मन मन मानो मण-मण है वास्तविकता जन-जन है। खोता-पाता रचत -बिगाड़त, सब खेल विधाता का तन-तन में है। सोचत-सोचत तन बन तिनका, मित मिला ना मोहे मनका। निज नयना... Poetry Writing Challenge-2 3 267 Share SATPAL CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read ओ! मेरी प्रेयसी ओ! मेरी प्रेयसी नादान जलवे दिखा रही है। बहार आने से पहले बहार जा रही है।। दब्बु पन में संकट यूं ही बना डाला , समझ कर भी न समझ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 1 276 Share SATPAL CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read अर्थी चली कंगाल की अर्थी चली कंगाल की हाय ! रे बेहाल की चार जन उठाए हुए थे, मंदी मंदी चाल थी। नैनो से आंसू टपक रहे थे, आंखें हो गई लाल थी ।।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 4 226 Share SATPAL CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read बड़ा भाई बोल रहा हूं। हलो हलो हां भाई छोटे तेरा बड़ा भाई बोल रहा हूं। बहुत अर्से बाद में दिल की गहराई से बोल रहा हूं।। याद आए आज मुझे भी तेरे बचपन वाले... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 276 Share SATPAL CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read श्रम दिवस श्रम दिवस पर श्रम करने वालों को करता नमस्कार , जो श्रम पर शर्म करते हैं उनका करता मै तिरस्कार। श्रम करने वालों की कभी भी नहीं होती जग मे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 291 Share SATPAL CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read अध्यापक दिवस अध्यापक दिवस पर सभी गुरुजनों को प्रणाम। हाथ जोड़कर करें विनती जो देते हैं विद्यादान।। गुरु के कारण ही हो जाता है हृदय में प्रकाश, सत्य शील और मानवता की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 204 Share Page 1 Next