Rakesh Pathak Tag: कुण्डलिया 18 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rakesh Pathak 28 May 2021 · 1 min read आतंकी आतंकी के वेश में, आया अत्याचार जोखिम लेकर जान का निर्दोशो को मार निर्दोशो को मार, खून की नदी बहाया कह पाठक कविराय, पकड़ दो फांसी मन की डालो कारागार,... Hindi · कुण्डलिया 330 Share Rakesh Pathak 28 May 2021 · 1 min read सेवक और स्वामी स्वामी हो तो राम सा, सेवक ज्यो हनुमान रामराज साकार तब, गाए सब गुणगान गाए सब गुणगान, धर्म को बल मिलता है सुरभित धरती होय, कुसुम सुख का खिलता है... Hindi · कुण्डलिया 1 429 Share Rakesh Pathak 28 May 2021 · 1 min read दारु दारु पीकर खो दिया, मान और सम्मान निर्धन निर्बल हो रहे, गया नहीं अभिमान गया नहीं अभिमान, व्यर्थ की गाली बकते पीने का है शौक, नहीं पीने में थकते कह... Hindi · कुण्डलिया 1 1 413 Share Rakesh Pathak 26 May 2021 · 1 min read पर्यावरण संरक्षण कभी बाढ़ सूखा कभी, प्रकृति हुई बीमार अभी समय स्वीकार कर, मानव जिम्मेदार मानव जिम्मेदार, स्वार्थ औ अहम है आया पर्वत जंगल काट, ह तूने महल बनाया कह पाठक कविराय,... Hindi · कुण्डलिया 1 523 Share Rakesh Pathak 26 May 2021 · 1 min read शाकाहार भूख मिटाने के लिए, पशुओं को मत मार धरती देती अन्न है, अपना शाकाहार अपना शाकाहार, जीओ औ जीने देना हिंसा है अपराध, प्राण मत पशु के लेना कह पाठक... Hindi · कुण्डलिया 1 307 Share Rakesh Pathak 26 May 2021 · 1 min read पौधारोपण धरती के श्रंगार है, पादप को मत काट पौधारोपण से भरे, खुशियों को घर हाट खुशियों को घर हाट, व पर्यावरण सुधारे होय प्रदूषण दूर, सजाएँ और सवाँरे कह पाठक... Hindi · कुण्डलिया 2 357 Share Rakesh Pathak 24 May 2021 · 1 min read मानवता मानव ही दानव बने, औ बनता भगवान् मानव तन अनमोल है, मानवता है प्राण मानवता है प्राण, धार्मिक झगड़े छोड़ो ईश्वर सागर मान, नदी अवतार है जोडो कह पाठक कविराय,... Hindi · कुण्डलिया 411 Share Rakesh Pathak 24 May 2021 · 1 min read सब धर्मो का सम्मान अपना तो एक धर्म है, पर सबका सम्मान करने में सुख निहित है, भगवन एक समान भगवन एक समान, छोटा बड़ा न कहिए संविधान निरपेक्ष, सदा मर्यादा रहिए कह पाठक... Hindi · कुण्डलिया 1 300 Share Rakesh Pathak 24 May 2021 · 1 min read भारत माता माता भारत कथन है, मिलजुल रहना सीख दुश्मन हमले कर रहा, सुन ले शरहद चीख सुन ले शरहद चीख, देश के वीरो आओ गांधी भगत सुभाष, धरोहर सभी बचाओ कह... Hindi · कुण्डलिया 569 Share Rakesh Pathak 22 May 2021 · 1 min read बूढ़े और बच्चे बच्चे बूढ़े एक से, दोनों को दे प्यार दीपक है परिवार के, करते हैं उपकार करते हैं उपकार, जरूरत इन्हे तुम्हारी रखना सदा प्रसन्न, उठाओ जिम्मेदारी कह पाठक कविराय, ये... Hindi · कुण्डलिया 293 Share Rakesh Pathak 22 May 2021 · 1 min read बेकारी बेकारी उत्पन्न हो, जब जनसंख्या बुद्धि सीमित संसाधन नहीं, सबको सुख समृद्धि. सबको सुख समृद्धि, स्ववलंबी बन जाओ कर दो लज्जा त्याग, नहीं बेकार कहाओ कह पाठक कविराय, जीत हो... Hindi · कुण्डलिया 428 Share Rakesh Pathak 22 May 2021 · 1 min read छोटा परिवार छोटा हो परिवार अब, रखना इसका ध्यान जनसंख्या तलवार सी, निकल रही है म्यान निकल रही है म्यान, समस्या होगी भारी धरती का विस्तार, न होगी मारामारी कह पाठक कविराय,... Hindi · कुण्डलिया 291 Share Rakesh Pathak 21 May 2021 · 1 min read संचार साधन बच्चे बूढ़े युवक सब, ले साधन संचार अपनो से हुए दूर औ, तस्वीरों से प्यार तस्वीरों से प्यार, बढ़ी संवाद हीनता मोबाइल मन लीन, ऊर्जा रहा छीनता कह पाठक कविराय,... Hindi · कुण्डलिया 480 Share Rakesh Pathak 21 May 2021 · 1 min read करो काम करो काम भगवान् का, रखकर हरपल ध्यान सब जीवों के ह्रदय में, बसते हैं भगवान् बसते हैं भगवान्, दिखावा नहीं जरूरी रक्षक बन ईमान, आवश्यकता कर पूरी कह पाठक कविराय,... Hindi · कुण्डलिया 575 Share Rakesh Pathak 21 May 2021 · 1 min read नर नारी में भेद न कर नारी नर मे भेद मत, अब कर हे इंसान समता का अधिकार है, दो आँखो सा जान दो आँखो सा जान, बनो सब रूप पुजारी कन्या पत्नी बहिन, और माता... Hindi · कुण्डलिया 1 602 Share Rakesh Pathak 21 May 2021 · 1 min read नारी वंदना नारी के सब रूप को, वंदन बारंबार जो करती सत्कर्म से, दोनों कुल उजियार दोनों कुल उजियार, सती श्री वीणापाणी ममता करुणा मूर्ति, जगत की है कल्याणी कह पाठक कविराय,... Hindi · कुण्डलिया 3 1 376 Share Rakesh Pathak 20 May 2021 · 1 min read एटम बंब की होड़ दुनिया के सब देश मे, एटम बंब की होड़ शांति संधि सब शर्त को, पल में देती तोड़ पल में देती तोड़, बड़ा खतरा है भाई होगा दुनिया अंत, होड़... Hindi · कुण्डलिया 542 Share Rakesh Pathak 20 May 2021 · 1 min read बरसात गर्मी ऋतु के बाद मे, आती है बरसात धरती उगती घास औ, तरु में आते पात तरु में आते पात, दामिनी चहुँ दिश चमके गिरती जल की बूँद, गगन में... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया 1 1 401 Share