रेखा कापसे Tag: कविता 62 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid रेखा कापसे 8 Sep 2023 · 1 min read हिंदी दिवस विशेष *मनोरम छंद (मापनी युक्त मात्रिक छंद)* *मापनी-- 2122-2122* *विधान* --14 मात्रा/ पदांत-122 या 22, 3री व 10वीं मात्रा अनिवार्य रूप से लघु। चार चरण, क्रमागत दो-दो या चारों चरण समतुकांत... Hindi · कविता 106 Share रेखा कापसे 26 Dec 2020 · 1 min read विषय पंक्ति- स्वच्छ रहे परिवेश विषय पंक्ति- स्वच्छ रहे परिवेश दिन -शनिवार दिनाँक- 26/12/2020 """"""'"""""""""""""""""""""""""""""" सुंदर स्वच्छ शहर हो अपना! चलो सजाएँ मिल के सपना!! तय करे सब की जिम्मेदारी! जन-जन की हो भागीदारी!! कुड़ा-कचरा... Hindi · कविता 1 1 299 Share रेखा कापसे 16 Dec 2020 · 1 min read मेरी कविता.. *मेरी कविता* ************* मेरी कविता बहुत समझदार है, भावों का मंतव्य विस्तार है मुझ पर हक नहीं जताती है शक में नहीं भरमाती है कभी तंज नहीं कसती है मेरी... Hindi · कविता 4 10 434 Share रेखा कापसे 15 Dec 2020 · 1 min read कोरोना में हाल बुरा है एक विषाणु विदेशी आया, देख संक्रमण मन घबराया! घर में नजरबंद हुए सब, सकल विश्व संकट गहराया!! वक्त मानों थम सा गया है, ये कोरोना जम सा गया है! हर... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 42 77 2k Share रेखा कापसे 8 Dec 2020 · 1 min read किसान... रचनाकार- रेखा कापसे "होशंगाबाद" दिन- मंगलवार दिनाँक- 1/12/2020 विधा - कविता **************************** श्वेत लहु से अवनि को, करता जो लहुलुहान है! स्वेद कण से उपजाता, अन्न वो कनक समान है!!... Hindi · कविता 3 3 502 Share रेखा कापसे 6 Dec 2020 · 1 min read स्मृतियाँ... दिल दिमाग पर असंख्य, रेखाएँ खींच जाती है! चित्त पटल पर जब , स्मृतियाँ बिछ जाती है!! खोल देती है बंद पट, बदले भावों की करवट! रीत गए जो लम्हें... Hindi · कविता 2 4 463 Share रेखा कापसे 6 Dec 2020 · 1 min read नवल किरण दैनिक रचना विषय - नवल किरण दिनाँक- 28/10/2020 दिन-बुधवार ***********"""""""""" एक नवल किरण हरती तमस, बिखेरे पुंज उजियास का! एक आस जगाए चित्त में और, अंश है सकल प्रयास का!!... Hindi · कविता 1 1 541 Share रेखा कापसे 5 Dec 2020 · 1 min read अंतर्द्वन्द रचनाकार:- रेखा कापसे दिन:- शुक्रवार दिनाँक:- 30/10/2020 ******************* एक कशमकश सी सदा बनी रहती हैं मेरे मन में! इतने उतार- चढ़ाव क्यों लिखे हैं रब ने जीवन में!! मूरत गढ़ी... Hindi · कविता 1 320 Share रेखा कापसे 5 Dec 2020 · 1 min read स्मृति,.... जागृति विषय - स्मृति दिन- शुक्रवार दिनाँक - 20/11/2020 रचनाकार- रेखा कापसे ************************ दिल दिमाग पर असंख्य, रेखाएँ खींच जाती है! चित्त पटल पर जब कभी, स्मृतियाँ बीछ जाती है!! खोल... Hindi · कविता 1 465 Share रेखा कापसे 5 Dec 2020 · 1 min read "किसान" रचनाकार- रेखा कापसे "होशंगाबाद" दिन- मंगलवार दिनाँक- 1/12/2020 विधा - कविता **************************** श्वेत लहु से अवनि को, करता जो लहुलुहान है! स्वेद कण से उपजाता, अन्न वो कनक समान है!!... Hindi · कविता 1 326 Share रेखा कापसे 5 Dec 2020 · 1 min read हमसफ़र..... दिन- गुरुवार दिनाँक- 5/11/2020 रचनाकार- रेखा कापसे जब से आए हो तुम, हमदम मेरे जीवन में! हसीं ख्वाब पलने लगे हैं, नित मेरे मन में!! लबों की हँसी तुम हो,... Hindi · कविता 2 264 Share रेखा कापसे 5 Dec 2020 · 1 min read "मौसम" यूँ तो पल पल में बदलते रहते है मौसम! नित नव क्रियाओं में, बहते हैं ये मौसम!! रश्मि सुनहरी करती सहर का आगाज! प्रति क्षण गुनीत तपिश, पहर का साज!!... Hindi · कविता 435 Share रेखा कापसे 26 Aug 2020 · 1 min read "प्रेम पथिक " रचना विषय- प्रेम पथिक रचनाकार - रेखा कापसे "रेखा_कमलेश" दिनाँक- 21/08/2020 दिन- शुक्रवार ******************************** भूल के रुख बेरुखी का, एक-दूजे को स्वीकार करे! (1) प्रेम पथिक बन हम दोनो, प्रीत... Hindi · कविता 4 4 486 Share रेखा कापसे 6 Aug 2020 · 1 min read स्त्री दैनिक रचना रचनाकार - रेखा कापसे दिन -गुरुवार दिनाँक - 6/8/2020 ********************************- स्त्री........... छोड़ आती पीहर अपना, तुम्हें अपना बनाती है हर एक कोना घर का, बड़े सलीके से सजाती... Hindi · कविता 4 3 457 Share रेखा कापसे 16 Jul 2020 · 1 min read तब गाँव हमें अपनाता है... रचनाकार - रेखा कापसे दिनाँक -16/07/2020 दिन - गुरुवार ****************** शहरी चकाचौंध से , जब मन घबरा जाता है। चारदीवारी कमरे में, दम घूटने लग जाता है।। अपनत्व की खोज... Hindi · कविता 5 6 272 Share रेखा कापसे 17 May 2020 · 1 min read मुकद्दर की बात है.... हर इंसां कर्मशील है पथ पर अपने आज । कल जिसको जितना मिल जाए, मुकद्दर की बात है।। हाथ में लिए फिरते है, जाम वो इश्क़ का। नशा जिसको जितना... Hindi · कविता 3 488 Share रेखा कापसे 17 May 2020 · 1 min read शायरी वाह जनाब ! बेहद वाज़िब फरमाया है आपने। नायाब लेखन शैली से, शीर्ष कमाया हैं आपने।। ?????✍️ Hindi · कविता 2 376 Share रेखा कापसे 10 May 2020 · 1 min read "माँ " सर्वप्रथम माँ के चरणों में 2 पंक्तियाँ अर्पित करती हूँ.. "हे जन्मदायिनी मात मेरी, मैं तुहिर कण तू पात मेरी। मैं चंचल सरिता वेग लिए, तू मुझको संभाले थात मेरी।।... Hindi · कविता 3 2 476 Share रेखा कापसे 24 Apr 2020 · 1 min read प्रकृति शक्ति सौम्य रूपा विषय - प्रकृति शक्ति सौम्य रूपा असंख्य वीरो की जननी, सृष्टि मानव जीवनदायिनी है। अनेकों संसाधन पूरित, समूचे खजाने की स्वामिनी है।। ममनमोहक रमणीक स्थल, सुन्दर प्रकृति की शान है।... Hindi · कविता 2 465 Share रेखा कापसे 20 Mar 2020 · 1 min read अब गले से लगा लो मुझकों बहुत कराया, इंतज़ार दिल को अब गले से लगा लो मुझकों बेचैन कर रहा, प्यार तेरा जहां से तुम, चुरा लो मुझकों यूँ न खेलो, जज्बातों से तुम अश्कों में... Hindi · कविता 4 3 304 Share रेखा कापसे 20 Mar 2020 · 1 min read मैं और मेरी कलम स्वच्छंद विचारों वाली, स्वास्थ्य की मैं शाखी हूँ! नाम मेरा रेखा, बैतूल मध्यप्रदेश की वासी हूँ!! अस्वस्थ काया मनोरोग की, पीड़ा हर जाती हूँ! परिवार दोस्तों संग, जीवन में रंग... Hindi · कविता 2 1 330 Share रेखा कापसे 17 Mar 2020 · 1 min read व्यथित मन की जुबानी... मशगूल है हर कोई खुद में, मतलब के साथी लगते हैं! रिश्तों से मतलब नहीं बस, मतलब से रिश्ता रखते है!! कौन चाहे किसको जाने, मतलब से सब पहचाने! मन... Hindi · कविता 3 254 Share रेखा कापसे 17 Feb 2020 · 1 min read तेरी चाहत का असर मोहब्बत,बेइंतहा हैं तुमसे चाहतों का रंग, गहरा है दिल में भी तुम हो, और बाहर तेरा ही पहरा है भूला नहीं पाई,अबतक तुम्हें, इस दिल से, तेरी बातों का असर... Hindi · कविता 4 308 Share रेखा कापसे 28 Jan 2020 · 1 min read "जय गणतंत्र, जय संविधान " एक राष्ट्र, एक विधि-विधान । रचा बाबा साहब, ने संविधान।। दिए अनिवार्य मौलिक अधिकार। सबकी सुरक्षा, सबका सम्मान।। स्वतंत्र देश, धार्मिक स्वतंत्रता।। मौलिक कर्तव्य,स्वेच्छिक मतदान।। जाति-धर्म सभी,जहाँ एक समान। ऐसा... Hindi · कविता 7 228 Share रेखा कापसे 28 Jan 2020 · 1 min read इतना मुश्किल भी नहीं .... इतना मुश्किल भी नहीं हैं ख्वाबों का पलना सूरज का ढलना चांद तारो का निकलना एक एक कर तोड़ लाओ फलक से तारे तुम रोशनाईं रहे जहां में चांद को... Hindi · कविता 6 1 336 Share रेखा कापसे 22 Jan 2020 · 1 min read दुरियाँ सोचा न था,दुरियाँ होगी,संग तेरे जज्बातों की। वो लम्हें रीत गये,यादों से उन मुलाकातों की।। रेखा"कमलेश " होशंगाबाद मप्र Hindi · कविता 4 2 298 Share रेखा कापसे 22 Jan 2020 · 1 min read 4243 रेखा"कमलेश "आती वक्त बे वक्त तेरी याद समझाये कैसे,किससे करे दिल अपनी फरियाद रेखा " कमलेश " होशंगाबाद मप्र Hindi · कविता 3 635 Share रेखा कापसे 22 Jan 2020 · 1 min read शायरी हर लम्हा मुझे, तू इस तरह हर पल में, न महसूस कर बेचैन सी ये हिचकियाँ,लेती हैं जां खामोशियाँ मेरी, कुछ तो मकसूद कर रेखा "कमलेश " होशंगाबाद मप्र Hindi · कविता 2 420 Share रेखा कापसे 22 Jan 2020 · 1 min read कविता मन तो नादान परिंदा है, ख्वाहिशें इसकी, कभी खत्म नहीं होती उल्फ़त बहुत हैं राहों में, तू कभी ये न कहना हसरतों की जुस्तजू,हर वक़्त पूरी नहीं होती कभी यादें... Hindi · कविता 2 2 443 Share रेखा कापसे 21 Jan 2020 · 1 min read "नारी तू कब तक देगी परीक्षा " नारी तू कब तक देगी परीक्षा सुनेगी, कब तलक सबकी इच्छा। कर खुद, खुद ही की समीक्षा दे कोख में ही, संतति को दीक्षा।। ले प्रण,करेगी स्वयं ही संरक्षण भक्षक... Hindi · कविता 4 2 233 Share रेखा कापसे 21 Jan 2020 · 1 min read बहुत भगा लिया...... बहुत भगा लिया, तूने ए जिंदगी! कुछ पल का, अब तो ठहराव दे!! होंगे गिले-शिकवे तुझे भी, मुझसे! सबब से पार पाने,पतवार ए नाव दे!! कठपुतली हैं हर इंसां,रब तेरे... Hindi · कविता 3 1 452 Share रेखा कापसे 22 Sep 2019 · 1 min read आज फिर यादों में खोने का मन... आज फिर यादों में खोने का मन करता है गोद में उनकी,सुकून से सोने का मन करता हैं पलटे पन्नो से ,धूल हटाने का मन करता है सोए हुए मन... Hindi · कविता 3 2 253 Share रेखा कापसे 14 Sep 2019 · 2 min read "हिंदी" देश का गौरव चार लाईन:-- गौरव है हमारा, हमारी राष्ट्रभाषा,सबसे सरल है, हिंदी की परिभाषा इसमें ही राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत है,हिंदी ही तो, कवियों के मन का मीत है कविता:---- हिंदी गीत है,... Hindi · कविता 2 1k Share रेखा कापसे 4 Sep 2019 · 1 min read वो वक्त भी क्या वक्त था बचपन की गलियों में,सदा मन यूँ ही खोया रहता है सपना जो देखा था कभी,वो मन में संजोये रहता है गिल्ली-डंडे,छूप्पम-छूपाई,कंचो पर, वक्त का पहरा सख्त था वो वक्त भी... Hindi · कविता 3 4 332 Share रेखा कापसे 19 Aug 2019 · 1 min read मायका और जायका न फीका होता हैं कभी जायका जब भी आओ, खुशहाल कर देता हैं, मायका माँ की ममता,खुब बरसती पापा के मन में खुशियाँ लहरती भाई हर बात का रखता ध्यान... Hindi · कविता 2 432 Share रेखा कापसे 18 Jul 2019 · 1 min read "मैं " वो उसके "मैं " में रहता था ना,मेरे "मैं" को कुछ कहता था फिर एक दिन, उसका अहं टूट गया मुझसे, मेरा भीं वहम, रूठ गया उसका "मैं" और मेरा... Hindi · कविता 2 2 285 Share रेखा कापसे 15 Jul 2019 · 1 min read जन्मदिन हम फुले नहीं समाये थें मेरी कोख में,जब तुम आए थें लम्हा वो, खुशी का फंडा था बाहर मौसम,बहुत ही ठंडा था जैसे-जैसे फिर, तुम बड़े हुए थे अरमा बहुत,... Hindi · कविता 3 232 Share रेखा कापसे 15 Jul 2019 · 2 min read अज्ञात, नन्हें बच्चे के मन से वो कमसीन, कली होगी, शायद, पर मैं तो था,उसका ही फूल बिना रजामंदी सा था,मैं, या, थी कोई, अनचाही उसकी भूल मैं कतरा, उसके खून का था, ना मांग थीं,... Hindi · कविता 2 403 Share रेखा कापसे 1 Jul 2019 · 1 min read वक्त वक्त की जादूगरी का यूँ हिसाब न लगाओ.... यें ठहरता नहीं.. मगर कईं मुखड़ों सें वाकिफ़ करा देता हैं छुपाना चाहें जमाना, कितना हीं कुछ यें वक्त हैं जनाब, सब... Hindi · कविता 2 2 470 Share रेखा कापसे 23 Jun 2019 · 1 min read बारिश और मन की यादें बारिश की बूंदे ज्यों-ज्यों ,तन को भींंगा रहीं थीं। अंतर्मन में उसकी याँदे,अपनी कसक जगा रहीं थीं।। मैंने पूछा, रे मन! तू बाँवला हो गया क्या? जों बचपन की यादों,... Hindi · कविता 2 459 Share रेखा कापसे 21 Jun 2019 · 1 min read योग दिवस गर रोज़ सुबह शाम तुम योग को करते जाओगे स्वस्थ मन और निर्मल काया यह ,ताउम्र तुम पाओगे रोगो को ये दूर भगाए स्फूर्ति ताकत, हरदम आए आलस्य त्याग, जो... Hindi · कविता 3 348 Share रेखा कापसे 16 Jun 2019 · 1 min read एक पिता का साया महसुस किया,बिन कहे, अपना धर्म निभाया हैं मेरी परछाईं संग छुपा, एक पिता का साया हैं जब नौ महीने, माँ के गर्भ में, हलचल होती रही मस्तिष्क को तब पिता... Hindi · कविता 5 1 437 Share रेखा कापसे 14 Jun 2019 · 1 min read हाँ, मैं एक हाऊस वाईफ हूँ घर में हर दिल की फरमाईश हूँ हाँ, मैं एक हाऊस वाईफ हूँ अर्द्धांगिनी जिसकी बन के आई वो कहते मुझको वाईफ हैं बिन कहे, मैं उनके मन को जानूँ... Hindi · कविता 6 3 532 Share रेखा कापसे 11 Jun 2019 · 1 min read बेटियों का मन बच्चो की एक कविता है मछली की कहानी कहती है मछली जल की रानी है जीवन उसका पानी है हाथ लगाओ तो डर जाएगी बाहर निकालो तो मर जाएगी ये... Hindi · कविता 3 448 Share रेखा कापसे 10 Jun 2019 · 1 min read एक बेटियां होती सब एक सी, जाति धर्म की खटास इन पर क्यों आजमाते हो क्या इतने नामर्द हो गये जो इन पर दरिंदगी अपनी, दिखलाते हो Hindi · कविता 3 461 Share रेखा कापसे 10 Jun 2019 · 1 min read मुक्तक कर बद्ध सभी से वंदन है रोकना अब बेटियों का कृंदन है ऐसी सजा हो, हैवानियत की, जो कांप जाए, दरिंदो का, तन मन है Hindi · कविता 3 200 Share रेखा कापसे 10 Jun 2019 · 1 min read पापियों का संसार मानव वहसी बन गया, कुत्ते रहे वफादार कालिख मन मे छुपा रखी, मुखड़े है ईमानदार सुनी सड़के,जंगल, झाड़ियाँ, नाले हो गये है भौचक्के,शर्मशार देख करतुत मानव की करते प्रकृति से... Hindi · कविता 3 301 Share रेखा कापसे 8 Jun 2019 · 1 min read कैसी विडंबना ख्यालों से कब तक चीख दबी रहेगी, हैवानो के हाथो से कब तलक तड़पेगी नारी, जुल्मी, विक्षिप्त, विचारों से कहने को,ब्रह्मांड की शक्ति है, करते सब उसकी भक्ति है ये कैसा मुखौटा... Hindi · कविता 3 292 Share रेखा कापसे 1 Jun 2019 · 1 min read आधुनिक जगत मे, नारी आधुनिकता का मुखौटा लिए हम आज भी, वही खड़े है नारी जब , चाहे आगे बढ़ना उसे अड़ाने पर अड़े है परनार को हौसला दे बात आजादी की करे घर... Hindi · कविता 4 1 294 Share रेखा कापसे 28 May 2019 · 1 min read तू नहीं तो.. तेरी आस सही प्यार नहीं तो तकरार सही इकरार नहीं तो इनकार सही जी ले जिंदगी, हो हर हाल मे खुश तु पास नहीं तो, तेरी आस सही तेरी बातों मे मेरा जिक्र,नहीं... Hindi · कविता 3 288 Share Page 1 Next