RASHMI SHUKLA Tag: कविता 23 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid RASHMI SHUKLA 28 May 2017 · 1 min read तनहा हुए हैं आज वो तनहा हुए हैं आज वो महफ़िल, की जिन्हे आदत थी, शौके मज़बूरी बन गया वो वक़्त, जिससे उन्हें बगावत थी, आज फैसला होगा वहीं उनके गुनाहों का, जो कभी उनकी... Hindi · कविता 1 1 415 Share RASHMI SHUKLA 20 May 2017 · 1 min read मुझे तो बस तेरी खामियों से ही प्यार है, सुधर भी जाये ये जमाना तो मेरे किस काम का, मुझे तो बस तेरी खामियों से ही प्यार है, बिखर जाये टूट कर आईने की तरह चाहे दिल, मुझे तो... Hindi · कविता 614 Share RASHMI SHUKLA 18 May 2017 · 1 min read तेरी याद में जिंदगी रही है संवर धीरे धीरे तेरी याद में जिंदगी रही है संवर धीरे धीरे, सौबत का तेरी हो रहा है असर धीरे धीरे, बिना तेरे मेरी तो दुनिया रही है बिखर धीरे धीरे, तेरी याद... Hindi · कविता 1 438 Share RASHMI SHUKLA 16 May 2017 · 1 min read किताब हूँ जैसे मै किताब हूँ जैसे मै कोई खोलकर वो मुझे पढता ही गया, हम थे ठहरे जहाँ आज भी खड़े हैं वहीँ पर नूरेनजर, वो तो जैसे वक़्त की रफ़्तार की तरह... Hindi · कविता 1 691 Share RASHMI SHUKLA 10 May 2017 · 1 min read जब से छोड़ा है तूने साथ जब से छोड़ा है तूने साथ हमने संभलना सीख लिया है, मौसम के जैसा अब हमने भी बदलना सीख लिया है, जिसको देखकर तुम ओझल करते थे हमे अक्सर, हमने... Hindi · कविता 1 2 755 Share RASHMI SHUKLA 8 May 2017 · 1 min read कहीं तो महफूज रखो कहीं तो महफूज रखो मुझे अपने घराने में, कहीं उम्र न बीत जाए खुद को बचाने में, एक तो वैसे ही बदनाम हैं हम तेरी चाहत में, कहीं पकड़े न... Hindi · कविता 1 1 473 Share RASHMI SHUKLA 4 May 2017 · 1 min read जीते तो हम आज भी हैं जीते तो हम आज भी हैं तेरे बिना मगर कोई कमी सी खलती है, सारे जहाँ की दौलत है फिर भी कोई दुआ इस दिल में पलती है, दूर रह... Hindi · कविता 1 356 Share RASHMI SHUKLA 22 Apr 2017 · 1 min read बेवफाई वफ़ा में बदलेगी जरूर बेवफाई वफ़ा में बदलेगी जरूर एक बार उन्हें मेरे करीब आने तो दो, वो खुद ही संभालेंगे मुझे एक बार मुझे टूट कर बिखर जाने तो दो, इतनी नाजुक नहीं... Hindi · कविता 1 571 Share RASHMI SHUKLA 18 Apr 2017 · 1 min read उनकी आजमाइश वक़्त की आजमाइश में वो खुद की नुमाइश कर बैठे, जिसको पाने की हम दिन रात तमन्ना किये हुए थे, वो उसी आफताब को पाने की ख्वाहिश कर बैठे, बहुत... Hindi · कविता 511 Share RASHMI SHUKLA 9 Apr 2017 · 1 min read हमारा अंदाज हम कोई बड़ा आसमां नहीं जो तुम हमे छूने को भी मोहताज़ हो, बस खुद को थोड़ा बदल कर देखो, हम कोई तेज़ धूप का झुलझुलाता सावन नहीं जो तुम्हे... Hindi · कविता 358 Share RASHMI SHUKLA 7 Apr 2017 · 1 min read किस्सा लड़ते नहीं हम तुमसे यू ही दानिश्ता, ये भी हमारी मोहब्बत का एक हिस्सा है, यादे तो बहुत है खुशियों की मेरे हमदम, मगर ये लड़ना भी एक यादगार किस्सा... Hindi · कविता 857 Share RASHMI SHUKLA 4 Apr 2017 · 1 min read मेरा गुमान छिन गया वो इख़्तियार मुझसे जिसपे कभी हुआ करता था गुमान, गवारा न था मुझे तुझसे दूर रहना पलक झुकने से उठने तक भी, मगर आज चुराते क्यों हो नजरें... Hindi · कविता 367 Share RASHMI SHUKLA 2 Apr 2017 · 1 min read जुदाई ए मेरे मालिक एक ऐसा भी आइना बना दे, जिसमे सूरत के साथ इंसान की सीरत भी दिखा दे, ऐसे तो हर तरफ ही अपनों का मेला है, मगर हक़ीक़त... Hindi · कविता 1 364 Share RASHMI SHUKLA 31 Mar 2017 · 1 min read हम दोनों की पाक मोहब्बत वो कहते हैं हमे मोहब्बत का अंदाजे बयां नहीं आता है, मगर मेरे सिवा उनकी तस्वीर ख्यालों में कौन बनाता है, फर्क इतना ही है उनकी और मेरी मोहब्बत में... Hindi · कविता 520 Share RASHMI SHUKLA 30 Mar 2017 · 1 min read बेबस क्या फर्क पड़ता है वो हँसे या रोये, उन्हें तो बस उसके जिस्म से प्यार है, वो कहाँ पहचान पाते हैं उसके आसुओं को बारिश में, न जाने वो कौन... Hindi · कविता 743 Share RASHMI SHUKLA 29 Mar 2017 · 1 min read प्यार अभी बाकी है गर आज भी उनकी बातों में जिक्र हो मेरी फ़िक्र का, तो समझ लेना की प्यार अभी बाकी है, गर सुनाई न दे हमारी गुफ्तगू और अल्फाजो में थोड़ा लिहाज... Hindi · कविता 890 Share RASHMI SHUKLA 25 Mar 2017 · 1 min read जिक्रे उल्फत जिक्रे उल्फत का कुछ ऐसा नजारा था, मेरा सारा वक़्त उनका और उनका सारा वक़्त हमारा था, कभी लड़खड़ाते ही न थे कदम मेरे उनकी मौजूदगी में, ऐसा मेरे हमदम... Hindi · कविता 531 Share RASHMI SHUKLA 20 Mar 2017 · 1 min read उनका दखल दानिश्ता (जानबूझकर) ही वो मेरी जिंदगी में दखल देते हैं, मेरे रुखसारों की मुस्कान को मायूसी में बदल देते हैं, जब हम लगाना चाहते हैं उन पर इलज़ाम कोई, वो... Hindi · कविता 337 Share RASHMI SHUKLA 16 Mar 2017 · 1 min read तुम्हारा साथ बिखर जाना ही पड़ेगा गर छोड़ा तुमने मेरा साथ, दूर जाकर देख लो नहीं मिलेगा हमसा कोई ख़ास, एक रात जो बीतेगी तुम्हारी आसुओं में, खुद ही थाम लोगे आकर... Hindi · कविता 563 Share RASHMI SHUKLA 15 Mar 2017 · 1 min read उनकी अब्र सी नफरत उनकी नफरत भी मुझे अब्र सी लगती है, उनकी बेरुखी मुझे मीठा सब्र सी लगती है, वो कितना भी छुपाये मुझसे अपना राज़ेदिल, उनकी फ़िक्र मेरे लिए आज भी मुझे... Hindi · कविता 626 Share RASHMI SHUKLA 11 Mar 2017 · 1 min read दुनियां का आइना तशरीफ़ को अपनी तकलीफ न दो मेरे आशियाने तक आने के लिए, मैंने तो जिंदगी को छोड़ रखा है तुम जैसो के आजमाने के लिए, अब तो सबकी ही हद... Hindi · कविता 530 Share RASHMI SHUKLA 5 Mar 2017 · 1 min read जिंदगी का अजीब सफर जिंदगी का भी अजीब सफर है, न है वक़्त का पता न ही कोई सीधी डगर है, पता ही नहीं कितनी दूर तक चलते जाना है, कहाँ होगी मंजिल कहाँ... Hindi · कविता 631 Share RASHMI SHUKLA 5 Mar 2017 · 1 min read उनकी जिद समझ आया ही नहीं कभी हमे उनका शौके मिजाज, और वो बने रहे बस खुद में ही नबाब, कई बार कोशिस की हमने उन्हें जानने की, मगर वो जिद लिए... Hindi · कविता 453 Share