Ramswaroop Dinkar 27 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ramswaroop Dinkar 25 Aug 2024 · 1 min read मन के मीत , मन के मीत <<<<>>>> मन के मीत रहें -----मन में ही, तब तक तो-- अच्छे लगते हैं ! रहो समर्पित जब तक उन को- तब तक तो --अपने लगते... 45 Share Ramswaroop Dinkar 27 Jan 2024 · 1 min read साहस है तो ! * साहस है तो ! -------------------- हर दिन नया-नया होता है, और शाम तक वही पुराना ! जीवन जीने को कहते हैं, और नहीं तो बस अफसाना !! * कोयल... Poetry Writing Challenge-2 121 Share Ramswaroop Dinkar 27 Jan 2024 · 1 min read प्यार समंदर ** प्यार समंदर ------------------ मैं तो तुम को जी लूँ प्रेयसि, काश ! कि तुम जीवन बन जाओ ! अगली पिछली सभी भुला दूँ , यदि तुम वर्तमान बन जाओ... Poetry Writing Challenge-2 153 Share Ramswaroop Dinkar 27 Jan 2024 · 1 min read रे ! मेरे मन-मीत !! , रे ! मेरे मन-मीत !! ,-------------------------- प्यार से पगली कहूँगा , दण्ड जो दोगी सहूँगा ; किन्तु मन के मीत मेरे- मौन मैं कैसे --- रहूँगा ! जिंदगी हो... Poetry Writing Challenge-2 129 Share Ramswaroop Dinkar 27 Jan 2024 · 1 min read हिंदी - दिवस , हिंदी- दिवस ,,,, ,,,,,,,,, वर्ष पचहत्तर बीत गये हैं , हमको यूँ आजाद हुए - हिंदी - हिंदी चिल्लाते हैं, मन में बड़ी उमंग लिए ! जिस भाषा को... Poetry Writing Challenge-2 111 Share Ramswaroop Dinkar 27 Jan 2024 · 1 min read वो कपटी कहलाते हैं !! , वो कपटी कहलाते हैं !! ----------- दुनियां में कुछ ऐसे भी जो, दिन में दिये जलाते हैं। कहते हैं हम ही वह जन जो, सब को राह दिखाते हैं... Poetry Writing Challenge-2 108 Share Ramswaroop Dinkar 27 Jan 2024 · 1 min read यार ब - नाम - अय्यार , यार ब- नाम अय्यार ------------------------------------ जब अपनापन हो जाता है , मुँह से यार निकल जाता है ! बड़े और छोटे का अंतर - स्वत: सहज ही मिट जाता... Poetry Writing Challenge-2 132 Share Ramswaroop Dinkar 27 Jan 2024 · 1 min read तुम याद आये ! , तुम याद आये ! ----------------------- हुआ सवेरा नींद से जागे , नजर घुमाई इत-उत देखा; कहीं नजर आ जाते तुम तो, मन भर जाता तुम दिखते तो, तुम न... Poetry Writing Challenge-2 123 Share Ramswaroop Dinkar 27 Jan 2024 · 1 min read प्रवासी चाँद , प्रवासी चाँद --------------- ना जाने कब मन मचलेगा , पूछ रहा कवि प्रेयसि से ! पूछ रहा है खुद से भी वह- क्या बोलेगा प्रेयसि -- से !! मन... Poetry Writing Challenge-2 144 Share Ramswaroop Dinkar 27 Jan 2024 · 2 min read नया से भी नया , नया से भी नया ------------------------------------------------------- प्रकृति को मत छेड़िए,ये तो बहुत नायाब है ! है भले भौतिक-अभौतिक किन्तु ये नायाब है!! सुन रहे हैं कुछ दिनों से साल तेइस... Poetry Writing Challenge-2 113 Share Ramswaroop Dinkar 27 Jan 2024 · 1 min read कब तक कौन रहेगा साथी , कब तक कौन रहेगा साथी ------------------------------- जीवन में साथी मिलते हैं साथ निभाने को । लेकिन साथ छोड़ जाते हैं परगति जाने को।। योग-सु-योग मिले ,तब, साथी मिलते हैं... Poetry Writing Challenge-2 137 Share Ramswaroop Dinkar 27 Jan 2024 · 1 min read तेरा - मेरा , तेरा-मेरा ------- जो अच्छा हो वह तो सब का , अगर हानि तो तेरा - मेरा ! बाप बेचारा सोच रहा है - कौन कुसूर कहाँ था मेरा !!... Poetry Writing Challenge-2 142 Share Ramswaroop Dinkar 27 Jan 2024 · 1 min read आज जो कल ना रहेगा आज जो कल ना रहेगा ----------------------------- आज वासंती पवन है, शुष्क कल हो जायेगा; स्याह वो जो कल वही, शाख से झड़ जायेगा ! , जिंदगी संग में सवेरा, संग... Poetry Writing Challenge-2 141 Share Ramswaroop Dinkar 27 Jan 2024 · 1 min read भुक्त - भोगी , भुक्त-भोगी हृदय के कितनी निकट हो, यह हृदय,ही जानता है ! दूर जाते हो जभी भी; मचलता , कब मानता है !! रात में जब आँख खुलती, चाहती तुम्हें... Poetry Writing Challenge-2 182 Share Ramswaroop Dinkar 27 Jan 2024 · 1 min read सिलसिला , सिलसिला बात मैं करता गया ,औ सिल-सिला बढ़ता गया - प्रीत का वह गीत था या , हृदय कुछ गुनता गया ! पास ही हो तुम हमारे , भास... Poetry Writing Challenge-2 157 Share Ramswaroop Dinkar 27 Jan 2024 · 1 min read नये वर्ष का आगम-निर्गम , नये वर्ष का आगम-निर्गम -----------‐------------------- इस तरफ है आगमन तो उस तरफ है निर्गमन! रात का आना भी तय,दिन का जाना भी तय !! आगमन की बे-करारी,हृदय तन-मन उल्लसित,... Poetry Writing Challenge-2 150 Share Ramswaroop Dinkar 27 Jan 2024 · 1 min read दुनियां कहे , कहे कहने दो ! , दुनियां कहे , कहे कहने दो ! •••••••••••••••••••••••••• शुभ्र चाँदनी श्यामल निशि से,मानो बातें करती है ! मौसम-मौसम की महिमा है,करबट रोज बदलती है!! चौदह दिन आने में लगते,उतने... Poetry Writing Challenge-2 175 Share Ramswaroop Dinkar 27 Jan 2024 · 1 min read बोलो क्या कहना है बोलो !! , बोलो क्या कहना है बोलो !! •••••••••••••••••••••••••••• यदि तुम मेरी कविता पढ़ लो , कविता महा-ख्याति पा जाये ! भूले से पुस्तक यदि पढ़ लो, तो वह महा-ग्रंथ कहलाये... Poetry Writing Challenge-2 154 Share Ramswaroop Dinkar 27 Jan 2024 · 1 min read कवि को क्या लेना देना है ! , कवि को क्या लेना-देना है ! --------------------------------- दिन कब हुआ रात कब आई,कवि को क्या लेना-देना है, सुवह शाम से जिसे न नाता,वह ही कवि है वह ही कवि... Poetry Writing Challenge-2 159 Share Ramswaroop Dinkar 27 Jan 2024 · 1 min read पानी से पानी पर लिखना , पानी से पानी पर लिखना ----------------------‐--------------------------------- पानी से पानी पर लिखना,यूँ तो सहज नहीं है ! पर पानी से पानी पर भी, पानी लिख जाता है !! नम औ... Poetry Writing Challenge-2 146 Share Ramswaroop Dinkar 27 Jan 2024 · 1 min read मौन संवाद , [ मौन संवाद ] अंबर ने अवनी से पूछा,कहो तो भू पर आ- जायें ! अवनी के मन में भी यह था,अंबर हृदय समा जायें !! दोनों ने मिलने... Poetry Writing Challenge-2 180 Share Ramswaroop Dinkar 27 Jan 2024 · 1 min read ना जाने क्यों ? , ना जाने क्यों ? ------------------------------------------------------ चंदा सूरज पूछ रहे थे ,ना जाने क्यों ? प्यार तुम्हारा- सच्चा लगता है! चलती राह निहार रहे थे सारे राही - प्यार हमारा... Poetry Writing Challenge-2 200 Share Ramswaroop Dinkar 27 Jan 2024 · 1 min read दिव्य-दोहे मानव तू पगला गया , डारे प्रभु में प्राण । पत्थर भी क्या बोलि हैं,जनता चाहि प्रमाण।। ,--------24-01-2024 ------------------------------------------------------- भारत बहुत महान है, जड़ में डारै प्रान । जीवित कौ... Poetry Writing Challenge-2 144 Share Ramswaroop Dinkar 27 Jan 2024 · 1 min read कर्म-बीज , कर्म-बीज जिजीविषा एक मनोभाव है, जो कि मन: की मनोभूमि है! कर्म-बीज जब रोपित होता- चक्षु हृदय के खुल जाते हैं !! ----------------------------------- आँख के अंधे सब-कुछ कर लें,... Poetry Writing Challenge-2 151 Share Ramswaroop Dinkar 27 Jan 2024 · 1 min read वक्त , वक्त --------------- किसे पुकारें किसे नकारें , वक्त पुकारा करता है ! कोई लौट,लौट जाता है- वक्त नकारा करता है !! वक्त सदा करवट लेता है, समझ सके सो... Poetry Writing Challenge-2 · Article 148 Share Ramswaroop Dinkar 27 Jan 2024 · 1 min read धर्म बनाम धर्मान्ध धर्म बनाम धर्मान्ध -----------------------------‐ धर्म प्रदर्शन कब करता है , धर्म स्वयं इक दर्शन है ! अगर प्रदर्शन हुआ धर्म का, मान इष्ट का मर्दन है !! धैर्य धर्म की... Poetry Writing Challenge-2 3 1 153 Share Ramswaroop Dinkar 10 Jan 2022 · 1 min read मुक्तक , मुक्तक ********* क्या भला होगा तुम्हारा यदि जिये खुद केलिए , क्या भला होगा तुम्हारा यदि मरे खुद के लिए , है अगर जज़वा तो जनहित में गुजारो जिंदगी--... Hindi · मुक्तक 1 274 Share