ramprasad lilhare Tag: कविता 17 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ramprasad lilhare 19 Oct 2017 · 1 min read "अबकी दिवाली में " विधाता छंद "अबकी दिवाली में " विधाता छंद 1222 1222 1222 1222 जलाकर दीप तम को तुम जरा यारों भगा देना। दिलों में क्लेश जो भी हो जरा उनको मिटा देना। मिटाना... Hindi · कविता 453 Share ramprasad lilhare 1 Oct 2017 · 1 min read "सियासत" सियासत सियासत का असर देखो खान पान भी बदनाम हो गये सब्जी सारी हिन्दू हो गई बकरे सारे मुसलमान हो गये। कहा तो गया था जनाब खाते में आयेंगे पन्द्रह... Hindi · कविता 1 1 448 Share ramprasad lilhare 16 May 2017 · 1 min read "इंसान को यहाँ बाटा किसने "(कविता ") इंसान को यहाँ बाटा किसने (कविता) फिजाओं में जहर घोला किसने। कसौटी पर हमें तोला किसने। हम तो मोहब्बत के व्यापारी हैं। फिर नफरत की दुकान खोला किसने। वजूद अपना... Hindi · कविता 378 Share ramprasad lilhare 20 Apr 2017 · 1 min read "हम पाकिस्तान मिटा देंगे "(कविता) "हम पाकिस्तान मिटा देंगे "(कविता) देख नापाक पाकिस्तानी, हमको पता हैं तेरी कहानी। गर जो तुने बात न मानी, करता रहा यूँ ही मनमानी। तो फिर सुनले पाकिस्तानी,हम हस्ती तेरी... Hindi · कविता 787 Share ramprasad lilhare 26 Mar 2017 · 1 min read मुझे वक्त दे इतना (मुक्तक) मुझे वक्त दे इतना यूँ तो जीने की तमन्ना बहुत हैं मेरे दिल में मगर निभाने भी कुछ वादे हैं ये मेरे दोस्त मौत भी तो सच है न जाने... Hindi · कविता 473 Share ramprasad lilhare 26 Mar 2017 · 1 min read "जनाबेआली "(व्यंग्य कविता) "जनाबेआली"(व्यंग्य कविता) अजीब सी कशमकश हैं जनाबेआली भाभी को सब माँ कहते हैं तो साली क्यूँ आधी घरवाली। अजीब सी कशमकश हैं जनाबेआली भाभी को ननंद पटती नहीं जीजा को... Hindi · कविता 2 730 Share ramprasad lilhare 20 Mar 2017 · 1 min read "नेता हमारे "(व्यंग्य कविता) "नेता हमारे"(व्यंग्य कविता) ईद के चाँद होते हैं झूठ की दुकान होते हैं एक बारी आकर के पाँच वर्षीय मेहमान होते हैं ओढ़े ईमान की चादर सारे ही बेइमान होते... Hindi · कविता 1 1 9k Share ramprasad lilhare 18 Mar 2017 · 1 min read पहली पहली मुलाकात (कविता " "पहली पहली मुलाकात " एक दिवस की थी वो बात उस दिन वो भी थी मेरे साथ कहना था उससे कुछ मुझको पहली पहली थी मुलाकात। मैं जैसे उससे बोलने... Hindi · कविता 1 2 1k Share ramprasad lilhare 18 Mar 2017 · 1 min read "मध्यमवर्ग :-एक प्रश्न?"(कविता " "मध्यमवर्ग :-एक प्रश्न? " (कविता) सागर की गहराई सी शांत,स्तब्ध गंभीर मेरी भावनाओं का क्या? लहरों के श्रृंग गर्तों में फँसकर उलझ सी जाती है। मेरे जीवन के उन बेमिसाल,... Hindi · कविता 823 Share ramprasad lilhare 17 Mar 2017 · 1 min read वीरांगना :-अवन्ती बाई (आल्हा छंद) "वीरांगना :-अवन्ती बाई " (आल्हा छंद 16,15 =31 मात्रा) सुनो संत जन सुन सुन भई साधु, दूँ मैं सबको कथा सुनाय। बड़ी विचित्र कथा हैं उसकी, सब मिल सुन लो... Hindi · कविता 754 Share ramprasad lilhare 16 Mar 2017 · 1 min read शादी के बाद (व्यंग्य) " शादी के बाद " सजेगा मंडप, बजेगा बाजा निकलेगी......... बारात यही सोच सोचकर मुझको नींद न आयी सारी रात! नींद न आयी सारी रात कि हो गया मै बेचैन... Hindi · कविता 1k Share ramprasad lilhare 13 Mar 2017 · 1 min read "असमंजस "(समसामयिक कविता) "असमंजस "(समसामयिक कविता) उत्क्षिप्त,कुण्ठित सी हालत मेरी कैसें करूँ वकालत तेरी तुच्छ,अंतिम पंक्ति का मैं सेवक कैसें बनूँ मैं तेरा खेवट मन में मेरे हैं असमंजस कैसें करूँ मैं सामन्जस।... Hindi · कविता 2k Share ramprasad lilhare 13 Mar 2017 · 1 min read "अरमानों का देहांत "(हास्य व्यंग कविता) "अरमानों का देहांत " (हास्य व्यंग कविता) एक थी लड़की खड़ी अकेली मेरे लिए थी नयी नवेली। मिठी सी थी उसकी बोली उसकी सूरत थी बड़ी भोली। उसका भोलापन मुझे... Hindi · कविता 241 Share ramprasad lilhare 13 Mar 2017 · 1 min read "अरमानों का देहांत "(हास्य व्यंग कविता) "अरमानों का देहांत " (हास्य व्यंग कविता) एक थी लड़की खड़ी अकेली मेरे लिए थी नयी नवेली। मिठी सी थी उसकी बोली उसकी सूरत थी बड़ी भोली। उसका भोलापन मुझे... Hindi · कविता 275 Share ramprasad lilhare 12 Mar 2017 · 1 min read "बाबाजी का ठुल्लू "(हास्य व्यंग) "बाबाजी का ठुल्लू " (हास्य व्यंग " मैने एक भाषण प्रतियोगिता में भाग लिया। और खूब जोर जोर से भाषण दिया। भाषण देते हुए मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।... Hindi · कविता 841 Share ramprasad lilhare 8 Mar 2017 · 1 min read बदलते उपमान और नायिका छरहरी कलगी बाजरे सी न हो छिटकी कली गुलाब सी न हो उन्मुक्त,चंचल,मदमस्त,मदहोश बयार सी हो मेरी नायिका।। बालारूण की किरण सी न हो वृध्दारूण की किरण सी न हो... Hindi · कविता 685 Share ramprasad lilhare 7 Mar 2017 · 2 min read मुझे भारत आजाद मिले हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, हम सब के हो गले मिले, तमस किसी भी घर में ना हो, सब के घर में दिये जले, बाटों इतना प्यार सबमें, मिट जाये सब... Hindi · कविता 470 Share