कवि रमेशराज Tag: लेख 161 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कवि रमेशराज 10 Sep 2019 · 5 min read तेवरी में गीतात्मकता तेवरी में गीतात्मकता योगेन्द्र शर्मा ग़ज़ल के जन्म के समय, लगभग सभी प्रचलित विधाएं, कथ्य पर ही आधारित थीं। ग़ज़ल का कथ्य था, हिरन जैसे नेत्रों वाली ;मृगनयनी से प्रेमपूर्ण... Hindi · लेख 286 Share कवि रमेशराज 10 Sep 2019 · 14 min read तेवरी को विवादास्पद बनाने की मुहिम +रमेशराज ग़ज़ल-फोबिया के शिकार कुछ अतिज्ञानी हिन्दी के ग़ज़लकार तेवरी को लम्बे समय से ग़ज़ल की नकल सिद्ध करने में जी-जान से जुटे हैं। तेवरी ग़ज़ल है अथवा नहीं] यह सवाल... Hindi · लेख 342 Share कवि रमेशराज 10 Sep 2019 · 3 min read ‘घड़ा पाप का भर रहा’ एक विलक्षण तेवर-शतक कविता में ‘तेवरी प्रयोग’ साहित्य के लिए एक सुखद अनुभव *विश्वप्रताप भारती ----------------------------------------------------------------------------------- श्री रमेशराज छंदबद्ध कविता के सशक्त हस्ताक्षर हैं। ‘तेवरी लेखन’ एवं ‘विचार को लेकर रस की निष्पत्ति... Hindi · लेख 426 Share कवि रमेशराज 10 Sep 2019 · 4 min read तेवरी के तेवर को दर्शाती पत्रिका ‘तेवरीपक्ष’ [ ग़ज़ल और तेवरी का विवाद बेकार की कवायद ] -भगवानदास जोपट हिन्दी कविता के क्षेत्र में कविता की अनेक विधाओं के मध्य तेवरी विधा का केंद्रीय स्थान है। अनेक... Hindi · लेख 234 Share कवि रमेशराज 10 Sep 2019 · 3 min read तेवरीकार रमेशराज, राजर्षि जनक की भूमिका में *योगेन्द्र शर्मा कविवर निराला का कथन है-“कविता बहुजीवन की छवि है।“ तेवरी भी माँ सीता की तरह, भूमि से ही जन्मी है, और रमेशराज, राजर्षि जनक की भूमिका में हैं। तेवरीकार, रमेशराज... Hindi · लेख 365 Share कवि रमेशराज 10 Sep 2019 · 6 min read ग़ज़ल एक प्रणय गीत +रमेशराज ग़ज़ल का अतीत एक प्रणय-गीत, महबूबा से प्रेमपूर्ण बातचीत’ के रूप में अपनी उपस्थित दर्ज कराते हुए साहित्य-संसार में सबके सम्मुख आया। ज्यादा भटकने की जरूरत नहीं है, ‘मद्दाह’ का... Hindi · लेख 543 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 3 min read इन रावणों को कौन मारेगा? क्वार सुदी दशमी को बेहद उल्हास के साथ मनाये जाने वाले उत्सव का नाम ‘दशहरा’ है। इसे ‘विजयादशमी’ के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इसी दिन... Hindi · लेख 263 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 2 min read पितरों के सदसंकल्पों की पूर्ति ही श्राद्ध ‘श्राद्ध प्रकाश’ में बृहस्पति कहते हैं कि सच्चे मन और आत्म-पवित्रता के साथ तैयार किये गये शुद्ध पकवान, दूध, दही, घी, तिल, कुश, जल आदि का उचित पात्र को दिया... Hindi · लेख 308 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 2 min read नारी-शक्ति के प्रतीक हैं दुर्गा के नौ रूप ग्रीष्म ऋतु में चैत्रमास की अमावस्या के दूसरे दिन प्रारंभ होकर नौ दिन तक मनाए जाने वाले व्रत नवरात्र नवदुर्गा अर्थात न्यौरता में नारी-शक्ति की उपवास रखकर पूजा-अर्चना की जाती... Hindi · लेख 836 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 3 min read शिव ही बनाते हैं मधुमय जीवन शिव समस्त देवों के देव माने गये हैं, क्योंकि वे मनुष्य ही नहीं, प्राणी जीवन में जो भी व्यवधान, कष्ट या दुःख आते हैं, उनका निराकरण वे सहज भाव से... Hindi · लेख 237 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 4 min read शिव-स्वरूप है मंगलकारी शास्त्रों की मान्यतानुसार पावन गंगा को अपनी लटों में धारण करने वाले, समस्त देवों के देव, अन्यन्त निर्मल, भोलेभाले महादेव शिव जितने उदार, परोपकारी, सौम्य और दयाभाव से भरे हुए... Hindi · लेख 320 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 2 min read लक्ष्मी-पूजन कार्तिक मास की अमावस्या को पूरी धूमधाम से मनाये जाने वाले त्योहार दीपावली का सम्बन्ध भगवान श्री रामचन्द्र जी के वनवास के दौरान अत्याचारी रावण को मारकर अयोध्या लौटने से... Hindi · लेख 310 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 3 min read हर घर में नहीं आती लक्ष्मी दरिद्रता जीवन का सबसे बड़ा अभिशाप है। आदमी यदि दरिद्र हो तो उसे धन-प्राप्ति के लिये दूसरों के समक्ष याचना करनी पड़ती है। भिक्षा का सहारा लेना पड़ता है। धनहीन... Hindi · लेख 414 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 2 min read द्रौपदी ने भी रखा था ‘करवा चौथ’ का व्रत कार्तिक वदी चतुर्थी के दिन रखे जाने वाले व्रत का नाम ‘करवाचौथ’ है। यह भारतीय स्त्रियों का मुख्य त्यौहार है। इस दिन सौभाग्यवती स्त्रियां पति की रक्षार्थ परमपिता परमेश्वर का... Hindi · लेख 282 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 4 min read बड़ी मादक होती है ब्रज की होली तरह-तरह के गीले और सूखे रंगों की बौछार के साथ बड़ी ही धूम-धाम से मनाये जाने वाले त्योहार का नाम ‘होली’ है। होली का सम्बन्ध एक ओर गेंहू-जौ की पकी... Hindi · लेख 298 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 3 min read मस्ती का त्योहार है होली होली शरारत, नटखटपन, मनोविनोद, व्यंग्य-व्यंजना, हँसी-ठठ्ठा, मजाक-ठिठोली, अबीर, रंग, रोली से भरा हुआ एक ऐसा त्योहार है जो रंगों की बौछार के मध्य अद्भुत आनंद प्रदान करता है। कुमकुम और... Hindi · लेख 1 287 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 2 min read लक्ष्मी-पूजन का अर्थ है- विकारों से मुक्ति कार्तिक मास की अमावस्या को पूरी धूमधाम से मनाये जाने वाले त्योहार दीपावली का सम्बन्ध भगवान श्री रामचन्द्रजी का वनवास के दौरान अत्याचारी रावण को मारकर अयोध्या लौटने से है।... Hindi · लेख 338 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 2 min read धनतेरस जुआ कदापि न खेलें कार्तिक बदी त्रयोदसी मनाये जाने वाले त्यौहार ‘धनतेरस’ को ‘धन्वन्तरि जयंती’ के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन ही धन्वन्तरि वैद्य समुन्द्र से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए... Hindi · लेख 271 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 3 min read विष का कलश लिये धन्वन्तरि कार्तिक बदी त्रयोदशी को कृष्ण पक्ष में रात को घर की देहरी पर दीप प्रज्वलित कर अँधियारे पर प्रकाश की जीत का शंखनाद करने वाले त्योहार का नाम धनतेरस है।... Hindi · लेख 434 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 2 min read भगवान ने कहा-“हम नहीं मनुष्य के कर्म बोलेंगे“ नारदजी ने भगवान विष्णु से कहा कि, ‘‘प्रभु आज कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी है। आज के दिन पृथ्वी लोकवासी साक्षात स्वर्ग प्राप्ति के लिये क्या-क्या उपाय कर रहे हैं,... Hindi · लेख 300 Share कवि रमेशराज 15 Apr 2017 · 3 min read जब ‘नानक’ काबा की तरफ पैर करके सोये अपने-अपने धर्म और अलग-अलग ईश्वरों दैव-शक्तियों को लेकर भेद उन्हें ही जान पड़ता है, जो वास्तविकता से परे, अपने अधूरे ज्ञान के बेूते फूले नहीं समाते हैं। सच्चे संत के... Hindi · लेख 508 Share कवि रमेशराज 15 Apr 2017 · 3 min read भाईचारे का प्रतीक पर्व: लोहड़ी ‘लोहड़ी’, ‘तिल’ तथा ‘रोड़ी’ शब्दों के मेल से बना है, जो शुरू में ‘तिलोड़ी’ के रूप में प्रचलन में आया और आगे चलकर यह ‘लोहड़ी’ के नाम से रूढ़ हो... Hindi · लेख 320 Share कवि रमेशराज 15 Apr 2017 · 3 min read कश्मीरी पण्डितों की रक्षा में कुर्बान हुए गुरु तेगबहादुर सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर सरल-सौम्य और संत स्वभाव के थे। वे सामाजिक बुराइयों को दूर करने में सदैव तत्पर रहते थे। गुरुजी ने राजा भीमसिंह के सहयोग से... Hindi · लेख 471 Share कवि रमेशराज 15 Apr 2017 · 3 min read गुरु तेगबहादुर की शहादत का साक्षी है शीशगंज गुरुद्वारा मुगल बादशाह औरंगजेब महत्वाकांक्षी, क्रूर और अत्याचारी बादशाह था। दिल्ली के तख्त पर आसीन होने के लिए उसने अपने पिता शाहजहाँ को तो जेल में डाला ही, अपने तीन सगे... Hindi · लेख 570 Share कवि रमेशराज 15 Apr 2017 · 2 min read गुरु रामदास गुरु रामदास जी अपने विचारो से दृढ़, अद्भुत संगठनकर्ता और पारखी महापुरुष थे। वह छूआछूत, भेदभाव ऊंच-नीच, जाति-पांत में विश्वास नहीं रखते थे। गुरु रामदास ने ही अमृतसर की स्थापना... Hindi · लेख 667 Share कवि रमेशराज 15 Apr 2017 · 4 min read उस गुरु के प्रति ही श्रद्धानत होना चाहिए जो अंधकार से लड़ना सिखाता है पर्व ‘गुरु पूर्णिमा’ ऐसे सच्चे गुरुओं के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने वाला दिन है, जिन्होंने धर्म के रथ पर सवार होकर श्री कृष्ण की तरह अर्जुन रूपी जनता से सामाजिक... Hindi · लेख 498 Share कवि रमेशराज 15 Apr 2017 · 3 min read बिन काया के हो गये ‘नानक’ आखिरकार साक्षात ईश्वर के समान, असीम अलौकिक शक्तियों के पुंज, जातिपांत-भेदभाव के विनाशक, मानवता के पावन संदेश को समस्त जगत में पुष्प-सुगंध की तरह फैलाने वाले गुरु नानक सिख-धर्म के संस्थापक... Hindi · लेख 242 Share कवि रमेशराज 15 Apr 2017 · 2 min read गुरु अंगद देव सिखों के दूसरे गुरु अंगददेव साहित्य-प्रेमी ही नहीं, ढोंग और आडम्बर के घोर विरोधी थे। अपने जन्म के नाम लहनासिंह के रूप में गुरुजी ने गुरुनानक की इतनी सेवा-सुश्रषा की... Hindi · लेख 301 Share कवि रमेशराज 15 Apr 2017 · 3 min read गुरु अमरदास के रुमाल का कमाल केवल डेढ़ वर्ष तक गुरुपद को सम्हालने वाले गुरु अमरदास गोईंदवाल नगर और 84 सीढि़यों वाली पवित्र बावली के निर्माणकर्ता तो रहे ही हैं, गुरुजी ने गुरु रामदास को नया... Hindi · लेख 444 Share कवि रमेशराज 15 Apr 2017 · 3 min read सिखों का बैसाखी पर्व जिस बैसाखी पर्व को सिख लोग नाचते-गाते, तलवारबाजी का कौशल दिखाते, ढोल बजाते बड़ी धूमधाम और उत्साह के साथ मनाते हैं, इसी बैसाखी के दिन बालपन से ही युद्ध में... Hindi · लेख 480 Share कवि रमेशराज 14 Apr 2017 · 3 min read अमर स्वाधीनता सैनानी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस अब सीमेंट, यूरिया, आदर्श सोसायटी, 2 जी स्पेक्ट्रम, कामन वेल्थ गेम घोटालों के लिये विख्यात हो चुकी है। काली करतूतों जैसे तस्करी, घोटालों और देशद्रोह में लिप्त... Hindi · लेख 276 Share कवि रमेशराज 14 Apr 2017 · 4 min read ‘निराला’ का व्यवस्था से विद्रोह क्रान्तिकारी, फक्कड़ और निर्भीक महात्मा कबीर के बाद यदि कोई कवि उनके समतुल्य, व्यवस्था-विरोधी, साहसी और नैतिक मूल्यों को सर्वोपरि मानकर, उनकी स्थापनार्थ संघर्षरत रहा है तो वह नाम है-महाप्राण... Hindi · लेख 548 Share कवि रमेशराज 14 Apr 2017 · 3 min read नारी कब होगी अत्याचारों से मुक्त? धीरे-धीरे जिस पाश्चात्य अपसंस्कृति का शिकार हमारा समाज होता जा रहा है, उसके दुष्परिणाम स्त्री जाति पर अत्याचारों की बढ़ोत्तरी के रूप में सर्वत्र दृष्टिगोचर हो रहे हैं। शहर ही... Hindi · लेख 427 Share कवि रमेशराज 14 Apr 2017 · 4 min read गृहस्थ-योगियों की आत्मा में बसे हैं गुरु गोरखनाथ भक्ति-आन्दोलन से पूर्व योगमार्ग द्वारा धार्मिक आन्दोलन के प्रणेता, अपने युग के सबसे बड़े धार्मिक नेता, महान गुरु गोरखनाथ का आविर्भाव विक्रम संवत की दसवीं शताब्दी में माना जाता है।... Hindi · लेख 886 Share कवि रमेशराज 14 Apr 2017 · 3 min read डॉ. अम्बेडकर ने ऐसे लड़ा प्रथम चुनाव डॉ. अम्बेडकर ‘हिन्दू कोड बिल’ को सन् 1952 के सामान्य चुनाव होने से पहले ही संसद में पारित कराने को बेताब थे। जब उनकी इस इच्छा की पूर्ति में कांग्रेस... Hindi · लेख 210 Share कवि रमेशराज 14 Apr 2017 · 3 min read एक परोपकारी साहूकार: ‘ संत तुकाराम ’ वे भाग्यशाली लोग होते हैं, जिनके पास धन-दौलत होती है। लेकिन ऐसा धन किसी काम का नहीं होता, जो परोपकारी कार्यो और जरूरतमंदों में न लगे। ऐसा धनी बनने से... Hindi · लेख 422 Share कवि रमेशराज 14 Apr 2017 · 3 min read क्या ईसा भारत आये थे? ईसा तीस वर्ष की आयु में एक महान धर्मापदेशक बनकर उभरे और उन्होंने अपनी जाति के मध्य जो धार्मिक दर्शन रखा, उसने जन-जन के बीच एक नयी वैचारिक क्रान्ति के... Hindi · लेख 360 Share कवि रमेशराज 14 Apr 2017 · 2 min read जीवन के अंतिम दिनों में गौतम बुद्ध सत्य और धर्म के वास्तविक स्वरूप को समझाने के लिये समाजिक अंधविश्वासों, मान्यताओं, रुढ़ियों, परम्पराओं का अनवरत विरोध करने वाले महात्मा बुद्ध अपने सुधारवादी, प्रगतिशील, कल्याणकारी दृष्टिकोण के कारण जितनी... Hindi · लेख 416 Share कवि रमेशराज 12 Apr 2017 · 3 min read कांग्रेस के नेताओं ने ही किया ‘तिलक’ का विरोध बंगाल के कांग्रेस नेता विपिनचन्द्र पाल, पंजाब के स्वतंत्रता संग्राम के नायक लाला लाजपतराय और महाराष्ट्र में जन्मे राष्ट्रीय नेता बाल गंगाधार ‘तिलक’ कांग्रेस के नरमपंथी बुद्धिजीवी लेखकों, समाजसेवियों, विचारकों... Hindi · लेख 241 Share कवि रमेशराज 12 Apr 2017 · 3 min read गांधीजी की नीतियों के विरोधी थे ‘ सुभाष ’ नेताजी सुभाषचन्द्र बोस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक ऐसे चमकते सितारे थे, जिसमें सच्ची देशभक्ति का ओज था। इस सितारे की आभा के सम्मुख न नेहरू टिक पाते थे और... Hindi · लेख 270 Share कवि रमेशराज 12 Apr 2017 · 3 min read हिटलर ने भी माना सुभाष को महान अपने समय के सर्वोच्च क्रान्तिकारी सुभाषचन्द्र बोस ने फ्रांसीसी विद्वान रोम्यारोलां से सन् 1935 में कहा था - ‘‘भारत में एक ऐसा राजनीतिक दल होना चाहिए जो किसानों और मजदूरों... Hindi · लेख 354 Share कवि रमेशराज 12 Apr 2017 · 3 min read अमर शहीद स्वामी श्रद्धानंद क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि एक व्यक्ति जो रईसों के बिगडै़ल बेटे की तरह अहंकारी, उन्मादी, भोगविलास की समस्त रंगीनियों का आनंद लेने वाला रहा हो, उसके सम्पर्क... Hindi · लेख 533 Share कवि रमेशराज 12 Apr 2017 · 3 min read स्वामी श्रद्धानंद का हत्यारा, गांधीजी को प्यारा इस बात से कोई भी इन्कार नहीं कर सकता कि सबसे अधिक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आर्य समाज के राष्ट्रवादी चिन्तन की तप्त विचारधारा से तपकर सोने की भाँति चमके। रानी... Hindi · लेख 542 Share कवि रमेशराज 12 Apr 2017 · 3 min read सावरकर ने लिखा 1857 की क्रान्ति का इतिहास भारत माता के वीर समूतों ने अंग्रेजों की दासता की बेडि़याँ काटने के लिए हिन्दुस्तान से बाहर रहकर भी गोरी सरकार के विरुद्ध क्रान्ति का शंखदान किया। गदर पार्टी के... Hindi · लेख 290 Share कवि रमेशराज 12 Apr 2017 · 3 min read अमर क्रन्तिकारी भगत सिंह युग-युग से पंजाब वीरता, पौरुष और शौर्य का प्रतीक रहा है। सिखों के समस्त दस गुरु अपनी आन पर मर मिटने, पराधीनता न स्वीकार करने और अत्याचारी मुगलों से टक्कर... Hindi · लेख 212 Share कवि रमेशराज 12 Apr 2017 · 5 min read ‘1857 के विद्रोह’ की नायिका रानी लक्ष्मीबाई दूसरों की जूठन खाने वाले कौआ, गिद्ध या श्वान सौ नहीं पांच सौं वर्ष जीवित रहें लेकिन वह शौर्य, प्रशंसा और श्रेष्ठ वस्तुओं के अधिकारी नहीं हो सकते और न... Hindi · लेख 489 Share कवि रमेशराज 12 Apr 2017 · 4 min read आज़ादी की जंग में यूं कूदा पंजाब गुलामी की जंजीरों में जकड़े हिन्दुस्तान को आजाद कराने में अपने प्राणों को संकट में डालकर लड़ने वाले रणबांकुरों में एक तरफ जहां पं. चन्द्रशेखर आजाद, अशफाक उल्ला खान, गणेश... Hindi · लेख 509 Share कवि रमेशराज 12 Apr 2017 · 3 min read सत्तावन की क्रांति का ‘ एक और मंगल पांडेय ’ 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ सैन्य विद्रोह करने वालों में मंगल पांडेय का नाम ही अब तक सुर्खियों में आता रहा है, जबकि मंगल पांडे के अलावा भी ऐसे कई... Hindi · लेख 428 Share कवि रमेशराज 12 Apr 2017 · 3 min read अदालत में क्रन्तिकारी मदनलाल धींगरा की सिंह-गर्जना अमृतसर जिले के खत्री कुल में धनी परिवार में जन्म लेने वाले क्रान्तिकारी मदनलाल धींगरा पंजाब विश्वविद्यालय से बी.ए. पास कर आगे की शिक्षा ग्रहण करने के लिए जब इंग्लैंड... Hindi · लेख 456 Share कवि रमेशराज 12 Apr 2017 · 3 min read सच्चे देशभक्त ‘ लाला लाजपत राय ’ देश को अंग्रेजों की दासता से मुक्त कराने वाले भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अनेक वीरों में से लाला लाजपतराय का नाम भी स्वर्णाक्षरों में अंकित है। उच्चकोटि के शिक्षित और... Hindi · लेख 264 Share Page 1 Next