कवि रमेशराज Tag: कविता 31 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कवि रमेशराज 4 May 2017 · 3 min read माया फील गुड की [ व्यंग्य ] ‘फील गुड’ मुहावरे का इतिहास बहुत पुराना है। आदि देव शिव ने अनेक राक्षसों को इसका अनुभव कराया। भस्मासुर ने तो शिव से वरदान प्राप्तकर इतना फील गुड किया कि... Hindi · कविता 549 Share कवि रमेशराज 4 May 2017 · 5 min read चचा बैठे ट्रेन में [ व्यंग्य ] वैसे मैं न तो बीमा ऐजेन्ट हूँ और न किसी बीमा कम्पनी वाले का रिश्तेदार | फिर भी अपनी सफेद दाड़ी और नकली दांतों के अनुभव के आधार पर इतना... Hindi · कविता 1 842 Share कवि रमेशराज 4 May 2017 · 4 min read दास्ताने-कुर्ता पैजामा [ व्यंग्य ] काफी दिनों से खादी का कुर्ता-पजामा बनवाने की प्रबल इच्छा हो रही है। इसके कुछ विशेष कारण भी है, एक तो भारतीय-बोध से जुड़ना चाहता हूं, दूसरे टेरीकाट के कपड़े... Hindi · कविता 697 Share कवि रमेशराज 4 May 2017 · 4 min read साक्षात्कार एक स्वास्थ्य मंत्री से [ व्यंग्य ] आज हम आपको जिस स्वास्थ्य मंत्री से साक्षात्कार करा रहे हैं, इनका स्वास्थ्य पिछले वर्षों में महाजन के सूद की तरह दिन दूना और रात चौगुना बढ़ा है। इनके स्वास्थ्य... Hindi · कविता 633 Share कवि रमेशराज 4 May 2017 · 3 min read पुलिस बनाम लोकतंत्र (व्यंग्य) +रमेशराज लोकतंत्र में पुलिस की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। अब आप कहेंगे कि लोकतंत्र से पुलिस का क्या वास्ता! है क्यों नहीं साहब! अजी पुलिस का डंडा और लोकतंत्र... Hindi · कविता 332 Share कवि रमेशराज 1 May 2017 · 3 min read रमेशराज की पेड़ विषयक मुक्तछंद कविताएँ -मुक्तछंद- ।। नदी है कितनी महान।। नदी सींचती है / खेत जलती हुई रेत नदी बूंद-बूंद रिसती है पेड़ पौधों की जड़ों में नदी गुजरती है पेड़ों के भीतर से... Hindi · कविता 372 Share कवि रमेशराज 1 May 2017 · 8 min read रमेशराज की पत्नी विषयक मुक्तछंद कविताएँ -मुक्तछंद- ।। मेरे बारे में ।। पत्नी जानती है जानती है पत्नी यही कि- इस अभाव-भरे माहौल में मैंने बहुत चीजों में कटौती कर दी है मसलन अब सिरगेट की... Hindi · कविता 324 Share कवि रमेशराज 1 May 2017 · 3 min read रमेशराज की ‘ गोदान ‘ के पात्रों विषयक मुक्तछंद कविताएँ -मुक्तछंद-।। सच मानो होरीराम।। ------------------------------------------------- युग-युग से पीड़ित और शोषित होरीराम वक्त बहुत बदल चुका है, तुम भी बदलो। भूख, मजबूरी, शोषण, तिरस्कार, पशुओं सी जिन्दगी-- इनके अलावा कुछ और... Hindi · कविता 599 Share कवि रमेशराज 1 May 2017 · 7 min read रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—1. -मुक्तछंद- || सुविधा-विष || कैसी बिडम्बना है कि हम सभी अक्सर व्यवस्था की आदमखोर तोंद पर मुक्का मारने से पहले उन सारी तनी हुई मुटिठ्यां को कुचल देना चाहते हैं... Hindi · कविता 552 Share कवि रमेशराज 1 May 2017 · 7 min read रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—2. -मुक्तछंद- ।। एक शब्द ।। आज यह होना ही चाहिए कि हम सब धीरे-धीरे भूख से विलखते हुए धुआ-धुआ होते हुए लोगों के बीच एक शब्द टटोलें / आग एक... Hindi · कविता 682 Share कवि रमेशराज 1 May 2017 · 5 min read रमेशराज की माँ विषयक मुक्तछंद कविताएँ -मुक्तछंद- ।। बच्चा मांगता है रोटी।। बच्चा मांगता है रोटी मां चूमती है गाल | गाल चूमना रोटी नही हो सकता, बच्चा मागता है रोटी। मां नमक-सी पसीजती है बच्चे... Hindi · कविता 1 430 Share कवि रमेशराज 1 May 2017 · 4 min read रमेशराज की बच्चा विषयक मुक्तछंद कविताएँ -मुक्तछंद- ।। जूता और बच्चा ।। जूते को लगातार चमकाता है उसे आईना बनाता है रंग और क्रीम के साथ जूते पर पालिश करता हुआ बच्चा। बच्चा गुनगुनाता है मीठी... Hindi · कविता 438 Share कवि रमेशराज 1 May 2017 · 4 min read रमेशराज की पिता विषयक मुक्तछंद कविताएँ -मुक्तछंद- ।। ओ पिता ।। मैं तुमसे पूछना चाहता हूँ ओ पिता ओ पिता मैं तुमसे पूछना चाहता हूं मेरे इन निष्कंलक हाथों में अहिंसा का हनुमान चालीसा थमाकर इस... Hindi · कविता 311 Share कवि रमेशराज 1 May 2017 · 4 min read रमेशराज की चिड़िया विषयक मुक्तछंद कविताएँ -मुक्तछंद- ।। बहरहाल ।। चिडि़या अब साफ पहचानने लगी है कि हर पेड़ के पीछे चिड़ीमार बहेलिया है बन्दूक या गुलेल के साथ। चिडि़या अब साफ जानने लगी हैं कि... Hindi · कविता 603 Share कवि रमेशराज 1 May 2017 · 11 min read रमेशराज की कविता विषयक मुक्तछंद कविताएँ ।। बोखलाई हुई कुर्सी की भाषा ।। संविधान की ठीक नाक पर एक खूबसूरत चेहरा गिद्ध की तरह चुपचाप बैठ जाता है और फिर नोचने लगता है प्रजातन्त्र की मवाद... Hindi · कविता 569 Share कवि रमेशराज 30 Apr 2017 · 1 min read रमेशराज की कहमुकरियां || कहमुकरी|| होठों से मुस्कान ग़ुम , मन के भीतर टीस सखी क्या पास न प्रियतम? नहीं ये टीसे सिस्टम | +रमेशराज || कहमुकरी|| हो जातीं हैं आंख नम ,... Hindi · कविता 302 Share कवि रमेशराज 21 Feb 2017 · 6 min read (साक्षात्कार) प्रमुख तेवरीकार रमेशराज से प्रसिद्ध ग़ज़लकार मधुर नज़्मी की अनौपचारिक बातचीत तेवरी जन-जन की उस भाषा की अभिव्यक्ति है, जो सारे भारतीयों की ज़ुबान है ---------------------------------------------------------- [ प्रमुख तेवरीकार रमेशराज से प्रसिद्ध ग़ज़लकार मधुर नज़्मी की अनौपचारिक बातचीत ] --------------------------------------------------------- रमेशराज,... Hindi · कविता 680 Share कवि रमेशराज 15 Feb 2017 · 12 min read रमेशराज के मौसमविशेष के बालगीत || जाड़ा || ------------------------------- अब जर्सी स्वेटर की बातें होती हैं मफलर की बातें। सबको चाँटे जड़ती जातीं अब तो शीत-लहर की बातें। घर-घर में चर्चा कम्बल की चाय और... Hindi · कविता 467 Share कवि रमेशराज 15 Feb 2017 · 6 min read रमेशराज के बालगीत ।। बल्ला।। -------------------------- करतब खूब दिखाता बल्ला हाथों में जब आता बल्ला। हंसते-हंसते क्रिकिट खेले जमकर गेंद घुमाता बल्ला। कपिल देव के साथ अगर हो छक्के खूब लगाता बल्ला। गावस्कर... Hindi · कविता 1 474 Share कवि रमेशराज 15 Feb 2017 · 3 min read रमेशराज के हास्य बालगीत || रामलीला || ---------------------- बंदर काका हनुमान थे बने रामलीला में दिखा रहे थे वहां दहन के खुब काम लीला में। जलती हुई पूंछ से उनकी छूटा एक पटाखा चारों... Hindi · कविता 1k Share कवि रमेशराज 14 Feb 2017 · 5 min read रमेशराज के बालमन पर आधारित बालगीत || अब मम्मी सौगन्ध तुम्हारी || --------------------------------------- हम हाथों में पत्थर लेकर और न बन्दर के मारेंगे, समझ गये हम तभी जीत है लूले-लँगड़ों से हारेंगे। चाहे कुत्ता भैंस गाय... Hindi · कविता 352 Share कवि रमेशराज 13 Feb 2017 · 4 min read रमेशराज के पर्यावरण-सुरक्षा सम्बन्धी बालगीत ।। खुशबू भरी कथाएँ पेड़ ।। -------------------------------------- रंग-विरंगे फूलों वाली ले आयें कविताएँ पेड़। गाओ-गाओ गीत वसंती हम सबको बतलाएँ पेड़। डाल-डाल पर कूके कोयल सबका मन हरषाती है पात-पात... Hindi · कविता 415 Share कवि रमेशराज 11 Feb 2017 · 6 min read रमेशराज के पशु-पक्षियों से सम्बधित बाल-गीत || बन्दर मामा || ------------------------- बन्दर मामा पहन पजामा इन्टरब्यू को आये इन्टरब्यू में सारे उत्तर गलत-गलत बतलाये। ऑफीसर भालू ने पूछा क्या होती ‘हैरानी’ बन्दर बोला- मैं हूँ ‘राजा’... Hindi · कविता 668 Share कवि रमेशराज 24 Jan 2017 · 6 min read रमेशराज के शिक्षाप्रद बालगीत || हमको कहते तितली रानी || -------------------------------------- नाजुक-नाजुक पंख हमारे रंग-विरंगे प्यारे-प्यारे। इन्द्रधनु ष-सी छटा निराली हम डोलें फूलों की डाली। फूलों-सी मुस्कान हमारी हम से ऋतुएँ शोख- सुहानी हमको... Hindi · कविता 433 Share कवि रमेशराज 31 Dec 2016 · 20 min read लोककवि रामचरन गुप्त के रसिया और भजन ++कवि रमेशराज के पिता स्व. श्री ‘लोक कवि रामचरन गुप्त’ का विगत भारत-पाक युद्ध पर एक चर्चित ‘लोकगीत’ ।। कशमीर न मिले किसी को ।। अय्यूब काटत रंग है अमरीका... Hindi · कविता 1k Share कवि रमेशराज 6 Nov 2016 · 3 min read ‘लोक कवि रामचरन गुप्त’ के 6 यथार्थवादी ‘लोकगीत’ ।। कपड़ा लै गये चोर ।।---1. ----------------------------------------- ध्यान गजानन कौ करूं गौरी पुत्र महान जगदम्बा मां सरस्वती देउ ज्ञान को दान। जा आजादी की गंगा नहाबे जनता मन हरषायी है।।... Hindi · कविता 475 Share कवि रमेशराज 27 Oct 2016 · 5 min read 'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के व्यवस्था-विरोध के गीत || 'नव कुंडलिया 'राज' छंद'-1 || ------------------------------------- दिन अच्छे सुन बच्चे आये आये लेकर बढ़े किराये , बढ़े किराए , डीजल मंहगा डीजल मंहगा , हर फल मंहगा , हर... Hindi · कविता 433 Share कवि रमेशराज 27 Oct 2016 · 5 min read 'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के विरोधरस के गीत || 'नव कुंडलिया 'राज' छंद'-1 || ------------------------------------- " जन के बदले नेता को ले नेता को ले , कवि अब बोले कवि अब बोले , खल की भाषा खल की... Hindi · कविता 382 Share कवि रमेशराज 27 Oct 2016 · 1 min read 'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के 4 प्रणय गीत 'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में प्रणय गीत-1 ----------------------------------- जब वो बोले मिसरी घोले मिसरी घोले हौले-हौले हौले-हौले प्रिय मुसकाये प्रिय मुसकाये मन को भाये मन को भाये, मादक चितवन मादक... Hindi · कविता 403 Share कवि रमेशराज 26 Oct 2016 · 3 min read रमेशराज के 'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में 7 बालगीत क्या है 'नव कुंडलिया 'राज' छंद' ? ----------------------------------------- मित्रो ! 'नव कुंडलिया 'राज' छंद' , छंद शास्त्र और साहित्य-क्षेत्र में मेरा एक अभिनव प्रयोग है | इस छंद की रचना... Hindi · कविता 307 Share कवि रमेशराज 14 Sep 2016 · 5 min read विमोचन एक हिन्दी पुस्तक का [व्यंग्य] +रमेशराज [व्यंग्य ] विमोचन एक हिन्दी पुस्तक का +रमेशराज ------------------------------------------------------------ यूं तो हमारे देश में कई हिन्दी पुस्तकों के भव्य और विशाल विमोचन पांचतारा होटलों से लेकर महाविद्यालयों के सुसज्जित प्रांगणों... Hindi · कविता 301 Share