ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी Tag: कविता 21 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी 26 May 2024 · 1 min read बाहर निकलने से डर रहे हैं लोग बाहर निकलने से डर रहे हैं लोग!! हर तरफ फैली है करोना की महामारी बहुत इस वबा में मर रहे हैं लोग !! इंसानी मुहब्बत में सरहद के पार से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 81 Share ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी 26 May 2024 · 1 min read आओ मृत्यु का आव्हान करें। आओ मृत्यु का आव्हान करें, नित नवीन स्वांग करें, आओ मृत्यु का आव्हान करें। ये जो दृष्टिगत, वह सत्य नहीं, इस तरह असत्य का प्रचार करें, आओ मृत्यु का आव्हान... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 90 Share ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी 26 May 2024 · 1 min read टीस टीस सदैव दिल में तेरे रहना है मुझे , ऐसी ललक जाग रही है तेरे लिए बहुत कुछ लिखना है पर उंगली मेरी कांप रही है, त्रुटिवश लिखा जाए जो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 100 Share ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी 25 May 2024 · 1 min read बिरसा मुंडा भारत की क्रांति का आगाज है बिरसा मुंडा, जंगल पहाड़ों के बीच बसे गांवों से निकल कर आज़ादी लिखने वाला वो नौजवान है बिरसा मुंडा, आत्मसम्मान की स्याही से पुरूषार्थ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 114 Share ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी 25 May 2024 · 1 min read किसी की याद मे आँखे नम होना, किसी की याद मे आँखे नम होना, खाना - पीना बिल्कुल कम होना, मै मैं नही बल्कि हम होना, उससे मिलने के लिए अक्सर तङपना लेकिन नही मिल पाने का... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 115 Share ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी 25 May 2024 · 1 min read संघर्षों को लिखने में वक्त लगता है नहीं कठिन एक कविता लिखना संघर्षों को लिखने में वक्त लगता है नहीं कठिन है एक गीत पढ़ना गहराई में उतरने में वक्त लगता है नहीं कठिन कागज़ पर नज़्म... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 117 Share ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी 25 May 2024 · 1 min read आधुनिक टंट्या कहूं या आधुनिक बिरसा कहूं, क्रांतिकारी युवा महेंद्र सिंह कन्नौज को समर्पित: आधुनिक टंट्या कहूं या आधुनिक बिरसा कहूं, तुझे कम पड़ेगा। मुझे विश्वास है मेरे भाई, तु मरते दम तक आदिवासी समाज के लिए... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 111 Share ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी 25 May 2024 · 1 min read इंसान भी बड़ी अजीब चीज है।। इंसान भी बड़ी अजीब चीज है लोभ लालच भरा गुब्बारा है, काम क्रोध भरा कटोरा है, मोह माया में डूबा जहाज है, वह नश्वर खिलौना है, इंसान भी बड़ी अजीब... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 122 Share ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी 25 May 2024 · 1 min read हां अब भी वह मेरा इंतजार करती होगी। हां अब भी वह मेरा इंतजार करती होगी, वहीं सफेद सूट और कानों में बाली पहनती होगी हां अब भी वह मेरा इंतजार करती होगी। बिखरी बिखरी जुल्फें, लाल लाल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 89 Share ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी 25 May 2024 · 1 min read टूट जाता कमजोर, लड़ता है हिम्मतवाला मौत की गोद में रहकर पैसे कमाने वाला, सलामत रहे घर का चूल्हा जलाने वाला, संघर्षशील जिंदगी का खेल है निराला, टूट जाते हैं कमजोर, लड़ता है हिम्मतवाला, अपना कमाओ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 91 Share ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी 22 May 2024 · 1 min read बदलती हवाओं का स्पर्श पाकर कहीं विकराल ना हो जाए। बदलती हवाओं का स्पर्श पाकर कहीं विकराल ना हो जाए। कथित गुण ज्ञानियों के प्रलाप से उपजा, खिसियायी ढी़ठ मुस्कानों से आबद्ध वैभव, किसी खूनी क्रांति का सूत्रधार ना हो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 83 Share ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी 22 May 2024 · 1 min read ओ मैना चली जा चली जा विशाल नदी में बाढ़ आई है आसमान में धूल भरी आंधी उमड़ घूमड़ रही है, ओ मैना चली जा चली जा, जंगल में आग और धुआं जोरों से उठ रहा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 112 Share ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी 22 May 2024 · 1 min read आ लौट के आजा टंट्या भील आ लौट के आजा टंट्या भील, तुझे तेरे लोग बुलाते हैं तेरा सुना पड़ा रे नभ नील तुझे सारे लोग बुलाते हैं, तरसे हैं मन मेरे बरसे नयन यह तो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 118 Share ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी 22 May 2024 · 1 min read बहुत गहरी थी रात बहुत गहरी थी रात लेकिन हम अब तक सोए नहीं, किसी की याद आ रही है दूसरे खयालों में कोई नहीं, दर्द बहुत था दिल में लेकिन हम अभी तक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 75 Share ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी 22 May 2024 · 1 min read बस मुझे मेरा प्यार चाहिए बस मुझे मेरा प्यार चाहिए जो बनी हो मेरे लिए जिसके लिए मैं जी रहा हूं जो कहे हम साथ है तेरे जिसे देखने के लिए तड़प रहा हूं एक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 87 Share ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी 22 May 2024 · 1 min read मुर्दा यह शाम हुई मुर्दा यह शाम हुई उखड़े से लगते हैं लोग टूटा टूटा सा परिवेश बर्फ हुआ जाता आवेश हिचकी सी लेती उपभोग चौराहे पर अपनी धड़कन नीलाम हुई बारूदी गंध अब... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 37 Share ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी 22 May 2024 · 1 min read बहुत दाम हो गए बहुत दाम हो गए बौनेजी ने पाई कुर्सी उनके उचे दाम हो गए, भाषा पर बढ़ गई चाशनी शब्द रसीले आम हो गए। गांजा छोड़ा छोड़ी ताड़ी अब वे संत... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 112 Share ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी 22 May 2024 · 1 min read मेरी घरवाली मेरी घरवाली दुनिया भर में नई निराली आंख मूंद कर देखी भाली मेरी घरवाली... ब्यूटी पार्लर वाला भभका, देखा देखी मैं मन अटका सूंघ सांघकर यह हीरामन पिंजड़े में ही... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 132 Share ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी 22 May 2024 · 1 min read मुझे आदिवासी होने पर गर्व है मुझे आदिवासी होने पर गर्व है हर किसान पिता आदिवासी है, जंगल में रहते थे हम कुंदमुले खाते थे और अपनी जमीन जोतते थे हम प्रकृति को अपने देवताओं में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 96 Share ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी 22 May 2024 · 1 min read या सरकारी बन्दूक की गोलियाँ कौन है अधिक मृत्युदायी आदिवासी का फर्सा, तीर या सरकारी बन्दूक की गोलियाँ ? भूख तो भूख, सिर्फ हताशा अधिक निर्मम और भयंकर है किसका कष्ट अधिक गम्भीर है किसान... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 72 Share ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी 18 May 2024 · 1 min read वासना है तुम्हारी नजर ही में तो मैं क्या क्या ढकूं, वासना है तुम्हारी नजर ही में तो मैं क्या क्या ढकूं, तू ही बता क्या करूं के चैन की जिंदगी जी सकूं।। साडी पहनती हूं तो तुझे मेरी कमर दिखती... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 98 Share