Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 117 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 5 Dec 2023 · 1 min read है जरूरी हो रहे गीत... है जरूरी हो रहे बिखराव को जब रोकना। क्यों नहीं कर पा रहे सब मानने से हैं मना।। खो रहे गुरुता सभी संबंध अब परिवार में। हो रहे बदलाव... Hindi · गीत 91 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 13 Nov 2023 · 1 min read आ गया मौसम सुहाना आ गया मौसम सुहाना... आ गया मौसम सुहाना तुम नही आये मगर। रह गया मन को मनाना तुम नही आये मगर। कर रहे थे हम प्रतीक्षा हो खड़े उस राह... Hindi · गीतिका 89 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 8 Nov 2023 · 1 min read जो भूल गये हैं जो गये हैं भूल.. जो गये हैं भूल अपने साज़ उनको क्या कहें। बेच बैठे हैं यहाँ आवाज़ उनको क्या कहें।। हैं यहाँ दुश्मन सियासी खाल को पहने हुए, मानते... Hindi · गीतिका 2 161 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 28 Oct 2023 · 1 min read माँ तुम्हारे रूप से गीत... माँ तुम्हारे रूप से निर्मित हुआ साकार हूँ। देखती जो तुम रही उस स्वप्न का आकार हूँ।। पूछता हूँ स्वयं से जब मैं धरा पर कौन हूँ। माँ नहीं... Hindi · गीत 80 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 26 Oct 2023 · 1 min read बाबू जी की याद बहुत ही आती है गीत.. बाबू जी की याद बहुत ही आती हैं। स्मृतियों की विपुल राशि संग लाती है।। बचपन की धुंधली तश्वीरें जुड़ करके। जीवन की आपा-धापी से मुड़ करके।। नयनों से... Hindi · गीत 1 137 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 23 Oct 2023 · 1 min read दिखता नही किसी को गीत.. दिखता नही किसी को कुएं में आज पानी। गायब -सी हो गई है पुरखों की निशानी।। रहती चहल-पहल थी चौके पे सुबह-शाम। रखते थे लोग इसका कोई ना कोई... Hindi · गीत 2 101 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 17 Oct 2023 · 1 min read चेहरे पे लगा उनके अभी.. गीत... चेहरे पे लगा उनके अभी वह गुलाल है। पर मन में मेरे उठता रहा इक सवाल है।। वादे वफा भूला के सभी छोड़ वो गये। रिश्ते हमारे दिल से... Hindi · गीत 1 111 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 20 Sep 2023 · 1 min read जीवन की यह झंझावातें गीत.. 125 गीत... जीवन की यह झंझावातें, कर देती हैं यूँ, मजबूर। बन जाते हैं बिखरे पन्ने, पुस्तक के जैसे दस्तूर।। एक कहानी गाथाएं बन, कैसे सदियों से विख्यात। गर्म... Hindi · गीत 1 277 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 10 Sep 2023 · 1 min read मन के भाव हमारे यदि ये... गीत... मन के भाव हमारे यदि ये, होंठों तक ना आये होते। यूँ शब्दों की मणिमाला ले, गीत नहीं यह गाये होते। याद हमें आती है जब भी, बचपन की... Hindi · गीत 2 142 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 29 Aug 2023 · 1 min read गीत.. गीत.. बदली- बदली सी तश्वीरें, आया कैसा दौर। ढूँढ़ रहे हम बाजारों में, रोटी के दो कौर।। घूर रहा बेचैनी लेकर, अब खुद को इंसान। दूर हटाता ही वह जाता,... Hindi · गीत 1 103 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 17 Jun 2023 · 1 min read बात उनकी क्या कहूँ... गीत... बात उनकी क्या कहूँ सुनता कहाँ कोई यहाँ। प्यार हो जिसमें भरा मिलता कहाँ कोई यहाँ।। आइने में झांकते तस्वीर अपनी रोज जो। कर रहे हैं रात- दिन दुश्वारियों... Hindi · गीत 1 144 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 9 Mar 2023 · 1 min read गीत... (आ गया जो भी यहाँ ) गीत.... आ गया जो भी यहाँ श्रीराम जी के है शरण। फिर कभी हनुमान जी होने नहीं देते क्षरण।। हैं जगत के नाथ प्रभु हरते हमारी हर व्यथा। दिव्य पावन... Hindi · गीत 2 266 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 7 Mar 2023 · 1 min read बुनते हैं जो रात-दिन दोहा गीत.. बुनते है जो रात- दिन, षड़यंत्रो का जाल। उठने लगता है तभी, कृत पर कई सवाल।। लेते रहिए हर समय, सावधान हो सीख। कर्म बिना कोई नहीं, बन... Hindi · गीत 235 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 21 Feb 2023 · 1 min read बह रही थी जो हवा गीत.. बह रही थी जो हवा सीधी बहकने लग गई। वादियाँ खुशबू लिए सारी महकने लग गई।। तुम सजाये आ गये जो केसुओं के फूल हो। भा रहा श्रृंगार मंजुल... Hindi · गीत 1 246 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 6 Jan 2023 · 1 min read आदमी को आदमी से गीत.. आदमी को आदमी से प्यार होना चाहिए। भावना से युक्त हर उद्गार होना चाहिए।। कोशिशें ऐसी करें सब आदमी होकर रहें। ये भले हैं वो भले हैं बस यही... Hindi · गीत 3 1 168 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 5 Jan 2023 · 1 min read रह रहे मन में हमारे गीत.. रह रहे मन में हमारे लोकनायक राम हैं। ग्रंथ में वर्णित अनेकों दिव्य उनके नाम हैं।। ये वही हैं जो युगों से कर रहे कल्याण हैं। मानते उनको चराचर... Hindi · गीत 1 143 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 4 Jan 2023 · 1 min read तार वीणा का हृदय में गीत...95 तार वीणा का हृदय में अब बजा तो दीजिए। भावना से युक्त भावों को सजा तो दीजिए।। अक्षरों के नाद से झंकृत सभी ध्वनियाँ करें। आचरण में सत्यता सद्भाव... Hindi · गीत 1 166 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 1 Jan 2023 · 1 min read हो नये इस वर्ष गीत... हो नये इस वर्ष पर... हो नये इस वर्ष पर उत्कर्ष करता कामना। ना करें कोई कभी भी संकटों से सामना।। हर्ष हो उल्लास हो पायें यहाँ मंजिल सभी।... Hindi · गीत 1 161 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 29 Dec 2022 · 1 min read बादलों ने ज्यों लिया है गीत... बादलों ने ज्यों लिया है.. बादलों ने ज्यों लिया है, छीन सारा रंग ही। हो गई है नींद सबकी, आज जैसे भंग ही।। घिर गई पर्वत शिलायें, धुंध गहराते... Hindi · गीत 1 287 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 22 Dec 2022 · 1 min read है प्रशंसा पर जरूरी गीत... हो प्रशंसा पर जरूरी हो प्रशंसा पर जरूरी बिन्दुओं पर ध्यान हो। जो सही उसके लिए ही अंजुमन में गान हो।। वक्त रहता है नहीं हरदम किसी के पास... Hindi · गीत 1 148 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 20 Dec 2022 · 1 min read एक ठोकर क्या लगी.. गीत-87 एक ठोकर क्या लगी वे बिलबिलाने लग गये। याद हमको फिर वही कसमे दिलाने लग गये।। लाख कहता मैं रहा पर सुन नहीं पाये कभी। हो गया बदलाव कैसे... Hindi · गीत 1 231 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 12 Dec 2022 · 1 min read हे! राम गीत... (हरिगीतिका छंद) हे! राम आ जाओ हृदय में, नष्ट हो दुर्भावना। विनती यही दरबार में मैं, कर रहा आराधना।। उत्कर्ष हर इंसान का हो, स्वप्न हों पूरे सभी। बोये... Hindi · गीत 1 223 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 27 Nov 2022 · 1 min read हो नहीं जब पा रहे हैं गीत... ( हो नहीं जब पा रहे हैं..) हो नहीं जब पा रहे हैं ठीक से भू पर खड़े। मान लें कैसे बताओ हो गये हैं अब बड़े।। प्रश्न करती... Hindi · गीत 2 178 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 24 Nov 2022 · 1 min read चलना हमें होगा गीत... (हरिगीतिका छंद) चलना हमें होगा कहीं ये, पाँव रुक जाये नहीं। ये टीस ना मन में रहे हम, ध्येय को पाये नहीं।। जो मानते हैं कर्म को वह, हो... Hindi · गीत 1 151 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 16 Nov 2022 · 1 min read आओ और सराहा जाये गीत... आओ और सराहा जाये, जिनके सपने बोल रहे हैं। जो पथरीली उम्मीदों को, श्रम से अपने रोल रहे हैं।। उस बंधन से नाता तोड़ो, जिनसे हैं सपने मर जाते।... Hindi · गीत 1 171 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 7 Nov 2022 · 1 min read करता यही हूँ कामना माँ हरिगीतिका छंद.. वंदना करता यही हूँ कामना माँ, ज्ञान का भण्डार दो। निर्मल रहे हर भावना माँ, सत्य का आधार दो।। अन्तर प्रकाशित हो सवेरा, ही सवेरा मन लगे। तम... Hindi · गीत 4 207 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 2 Nov 2022 · 1 min read देख करके फूल उनको गीत.... देख करके फूल उनको मुस्कराने लग गये। यूँ लगा जैसे सुबह हम गुनगुनाने लग गये।। लालिमा छूने लगी जब हाथ अपने पंखुड़ी। एक तितली पंखुड़ी पर बैठ करके यूँ... Hindi · गीत 2 173 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 27 Oct 2022 · 1 min read मांग रहा हूँ जिनसे उत्तर... गीत... मांग रहा हूँ जिनसे उत्तर, वो बिल्कुल ही मौन खड़े हैं। जाने कितने प्रश्न हमारे, यूँ ही उनके पास पड़े हैं।। कहते थे अक्सर मिलने पर, भूल नहीं हमको... Hindi · गीत 2 2 157 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 5 Oct 2022 · 1 min read बात क्या है जो नयन बहने लगे गीत.... बात क्या है जो नयन बहने लगे दर्द मन का वह वही कहने लगे रुक गए हैं कोर में वो इस तरह ज्यों बनाकर घर वहाँ रहने लगे बात... Hindi · गीत 1 152 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 26 Sep 2022 · 1 min read हिन्दी भाषा गीत... विश्व की भाषा बने हिन्दी हमारी शान यह। एकता सद्भाव की है देश में पहचान यह।। शब्द में इसकी मधुरता है भरी हम जानते। भावनाएं व्यक्त होती है सहज... Hindi · गीत 1 1 170 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 19 Sep 2022 · 1 min read दूर निकल आया हूँ खुद से गीत... दूर निकल आया हूँ खुद से, अब वापस है जाना मुश्किल। सम्बन्धों का वह अपनापन, ज्ञात हमें है पाना मुश्किल।। जान गया हूँ प्यार हृदय का, कैसे पत्थर हो... Hindi · गीत 1 213 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 16 Sep 2022 · 1 min read पूछ रहा है मन का दर्पण गीत.... पूछ रहा है मन का दर्पण, पहले वाला गाँव कहाँ है। पगडंडी पर पदचिह्नों को, लिखने वाला पाँव कहाँ है।। जीवन की यह आपाधापी, हमको हर पल मोड़ रही... Hindi · कुण्डलिया 3 188 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 14 Sep 2022 · 1 min read बोली समझी जा रही कुंडलिया छंद... बोली समझी जा रही, हिन्दी अब संसार। तकनीकी व्यापार ने, इसका किया प्रसार।। इसका किया प्रसार, विदेशी हिन्दी पढ़ते। उपयोगी संचार, कदम दुनियां में बढ़ते।। भरे शब्द भंडार,... Hindi · कुण्डलिया 1 208 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 11 Sep 2022 · 1 min read भोजन की थाली लगे कुंडलिया छंद... भोजन थाली से लगे, यदि करने आकृष्ट। लक्षण यह सबसे बड़ा, होने का स्वादिष्ट।। होने का स्वादिष्ट, भाव अन्तर्मन आता। व्यंजन देख सनेह, हृदय गद्गद हो गाता।। पाते... Hindi · कुण्डलिया 1 219 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 9 Sep 2022 · 1 min read पोहा पर हूँ लिख रहा कुंडलिया छंद... पोहा पर हूँ लिख रहा, मैं कुंडलिया छंद। कारण मिलता है सदा, खाने से आनन्द।। खाने से आनन्द, बनाती हो तुम ऐसे। भर देती हो भाव, प्रेम का... Hindi · कुण्डलिया 1 241 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 4 Sep 2022 · 1 min read बन जायेगा जल्द ही कुंडलिया छंद... बन जायेगा जल्द ही, मंदिर प्रभु श्री राम। ख्याति बढ़ेगी विश्व में, और अयोध्या धाम।। और अयोध्या धाम, देवगण होंगे हर्षित। भक्त करेंगे भाव, चरण में प्रभु के... Hindi · कुण्डलिया 1 217 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 4 Sep 2022 · 1 min read अंकित है जो सत्य शिला पर गीत... अंकित है जो सत्य शिला पर, पढ़ता हूँ उसको वैसा, जीवन में सुचि सम्बन्धों का, मोल नहीं होता पैसा। छोड़ दिया जब से लोगों ने, अपनो का पन्ना पढ़ना।... Hindi · गीत 2 141 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 25 Aug 2022 · 1 min read सक्षम को दोषी कहाँ कुंडलिया छंद... सक्षम को दोषी कहाँ, कह पाता कानून। मुक्त हुए सुख भोगते, करके कितने खून।। करके कितने खून, हानि दुर्बल का होता। लिए हृदय उम्मीद, न्याय में वह है... Hindi · कुण्डलिया 1 76 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 23 Aug 2022 · 1 min read ढलती जाती ज़िन्दगी कुंडलिया छंद... ढलती जाती ज़िन्दगी, धीरे- धीरे नित्य। तत्परता से हम करें, चलो सुनहरे कृत्य।। चलो सुनहरे कृत्य, साथ वह ही जायेगा। कर्मों के अनुसार, हाथ में फल आयेगा।। वशीभूत... Hindi · कुण्डलिया 1 190 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 19 Aug 2022 · 1 min read बंधन बाधा हर हरो कुंडलिया छंद.... बंधन बाधा हर हरो, हे! माधव अव्यक्त। बोल रहे हैं हर तरफ, राधे- राधे भक्त।। राधे-राधे भक्त, धरा पर फिर आ जाओ। मानव मन में प्रेम, द्वंद्व संताप... Hindi · कुण्डलिया 2 152 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 7 Aug 2022 · 1 min read हाथ तिरंगा ले चलो कुंडलिया छंद... हाथ तिरंगा ले चलो, करते जय- जयगान। अक्षुण्ण सदियों तक रहे, वीरों का सम्मान।। वीरों का सम्मान, देख दुनियां सुख पाये। देशभक्ति अनुराग, हृदय भारत जन छाये।। दिव्य... Hindi · कुण्डलिया 1 97 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 7 Aug 2022 · 1 min read मैली हो यदि भावना कुंडलिया छंद... मैली हो यदि भावना, फिर मैली हर चीज। जमती है तन पर नहीं, कोई एक कमीज।। कोई एक कमीज, दाग दिख ही है जाता। सुन्दर सत्य विचार, नहीं... Hindi · कुण्डलिया 1 125 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 31 Jul 2022 · 1 min read तलवे जो हैं चाटते कुंडलिया छंद... तलवे धोकर पी रहे, जो साहब दिन रात। करना तुम देखो नहीं, उनकी कोई बात।। उनकी कोई बात, बड़े प्रिय यह है होते। करते अपना काम, बोझ साहब... Hindi · कुण्डलिया 2 150 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 31 Jul 2022 · 1 min read छाती पर है... कुंडलिया छंद... छाती पर है लोटता, जिसके कोई साँप। देख उन्नति और का, वह जाता है काँप।। वह जाता है काँप, यही है कारण पीड़ा। अन्तर्मन दुर्भाव, बना लेता घर... Hindi · कुण्डलिया 1 203 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 31 Jul 2022 · 1 min read लोटन मट्ठा दूध कुंडलिया छंद... लोटन मट्ठा दूध ले, पीट रहे सिर आप। महँगाई से बढ़ रहा, भाग्यवती का ताप।। भाग्यवती का ताप, सँभालें कैसे खर्चा। संसद में खिलवाड़, बंद है इस पर... Hindi · कुण्डलिया 1 169 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 29 Jul 2022 · 1 min read होता झूठे का नही कुंडलिया छंद... होता झूठे का नही, सच में कोई पाँव। व्यर्थ ढूँढ़ना मानिए, भाई उसका ठाँव।। भाई उसका ठाँव, लोभ से होता नाता। बातों का व्यापार, देख मुँह गाने गाता।।... Hindi · कुण्डलिया 1 137 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 28 Jul 2022 · 1 min read जैसा जो हैं सोचते कुंडलिया छंद... जैसा जो हैं सोचते, करते वैसा काम। सत्कर्मों से नाम है, बद से है बदनाम।। बद से है बदनाम, जानते जो सच्चाई। दुर्गुण रखते दूर, बसाते मन अच्छाई।।... Hindi · कुण्डलिया 1 99 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 26 Jul 2022 · 1 min read ढकते मीठी बात से कुंडलिया छंद... ढकते मीठी बात से, जो अन्तर्मन खोट। अवसर पाते ही वही, देते अक्सर चोट।। देते अक्सर चोट, जाल बुनते कुछ ऐसा। होता वह ही कार्य, चाहते वे हैं... Hindi · कुण्डलिया 1 110 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 26 Jul 2022 · 1 min read निष्फल हो जाये कुंडलिया छंद... निष्फल हो जाये नहीं, जीवन का मंतव्य। इसीलिए हो ध्यान यह, क्या कैसा गंतव्य।। क्या कैसा गंतव्य, बढ़े पग उन्मुख तत्पर। दृढ़ता ध्येय विचार, नष्ट संशय गुरुता हर।।... Hindi · कुण्डलिया 1 168 Share Dr. Rajendra Singh 'Rahi' 17 Jul 2022 · 1 min read काल कलौती कुंडलिया छंद... काल कलौती खेलते, बच्चे अपने गाँव। गर्म धरा से जल रहे, उनके नंगे पाँव।। उनके नंगे पाँव, द्वार सबके वह जाते। पानी दे दो मेघ, पंक्तियां दर- दर... Hindi · कुण्डलिया 2 180 Share Page 1 Next