Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Sep 2022 · 1 min read

हिन्दी भाषा

गीत…

विश्व की भाषा बने हिन्दी हमारी शान यह।
एकता सद्भाव की है देश में पहचान यह।।

शब्द में इसकी मधुरता है भरी हम जानते।
भावनाएं व्यक्त होती है सहज यह मानते।।
वर्णमाला वर्तनी की दृष्टि से गुणवान यह।
विश्व की भाषा बने हिन्दी हमारी शान यह।।

है नहीं कहना उचित इसमें नहीं सामर्थ्य है।
अक्षरों का मेल अनुपम प्रेरणाप्रद अर्थ है।।
लेखनी संवाद शैली ग्राह्यता की खान यह।
विश्व की भाषा बने हिन्दी हमारी शान यह।।

घूम लेना हर दिशाओं में टहल करके यहाँ।
देश में हर ओर पावोगे निहारोगे जहाँ।।
है बनी स्वाधीनता संग्राम में वरदान यह।
विश्व की भाषा बने हिन्दी हमारी शान यह।।

कौन है हमको बताओ देश भाषा से रहित।
आपसी टकराव से होगा हमेशा ही अहित।।
राष्ट्रभाषा पद मिले गौरव बढ़े सम्मान यह।
विश्व की भाषा बने हिन्दी हमारी शान यह।।

नित बढ़े वैभव गुणों से पूर्ण है हिन्दी धरा।
पर जरूरी है हमारी कोशिशें भी हो जरा।।
देश के ऊँचे पदों को भी लगे आसान यह।
विश्व की भाषा बने हिन्दी हमारी शान यह।।

विश्व की भाषा बने हिन्दी हमारी शान यह।
एकता सद्भाव की है देश में पहचान यह।।

डाॅ. राजेन्द्र सिंह “राही”
(बस्ती उ. प्र.)

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 1 Comment · 159 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बहुत ऊँची नही होती है उड़ान दूसरों के आसमाँ की
बहुत ऊँची नही होती है उड़ान दूसरों के आसमाँ की
'अशांत' शेखर
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Harish Chandra Pande
सन् २०२३ में,जो घटनाएं पहली बार हुईं
सन् २०२३ में,जो घटनाएं पहली बार हुईं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
23/34.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/34.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"परिवार एक सुखद यात्रा"
Ekta chitrangini
वसंत पंचमी
वसंत पंचमी
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
आओ न! बचपन की छुट्टी मनाएं
आओ न! बचपन की छुट्टी मनाएं
डॉ० रोहित कौशिक
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आसमाँ के परिंदे
आसमाँ के परिंदे
VINOD CHAUHAN
वह कौन सा नगर है ?
वह कौन सा नगर है ?
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
उम्र निकलती है जिसके होने में
उम्र निकलती है जिसके होने में
Anil Mishra Prahari
प्रश्न –उत्तर
प्रश्न –उत्तर
Dr.Priya Soni Khare
जिस समय से हमारा मन,
जिस समय से हमारा मन,
नेताम आर सी
*मृत्यु  (कुंडलिया)*
*मृत्यु (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अनुभव
अनुभव
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सिन्धु घाटी की लिपि : क्यों अंग्रेज़ और कम्युनिस्ट इतिहासकार
सिन्धु घाटी की लिपि : क्यों अंग्रेज़ और कम्युनिस्ट इतिहासकार
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
इतना घुमाया मुझे
इतना घुमाया मुझे
कवि दीपक बवेजा
गंणतंत्रदिवस
गंणतंत्रदिवस
Bodhisatva kastooriya
अंधेरों में मुझे धकेलकर छीन ली रौशनी मेरी,
अंधेरों में मुझे धकेलकर छीन ली रौशनी मेरी,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
अब भी वही तेरा इंतजार करते है
अब भी वही तेरा इंतजार करते है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-139 शब्द-दांद
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-139 शब्द-दांद
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
🤔कौन हो तुम.....🤔
🤔कौन हो तुम.....🤔
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
धरती का बेटा
धरती का बेटा
Prakash Chandra
पिय
पिय
Dr.Pratibha Prakash
सुख दुःख मनुष्य का मानस पुत्र।
सुख दुःख मनुष्य का मानस पुत्र।
लक्ष्मी सिंह
■ यूज़ कर सकते हैं, स्टोरेज़ नहीं। मज़ा लें पूरी तरह हर पल का।
■ यूज़ कर सकते हैं, स्टोरेज़ नहीं। मज़ा लें पूरी तरह हर पल का।
*Author प्रणय प्रभात*
किसी नौजवान से
किसी नौजवान से
Shekhar Chandra Mitra
खुद पर ही
खुद पर ही
Dr fauzia Naseem shad
स्वप्न बेचकर  सभी का
स्वप्न बेचकर सभी का
महेश चन्द्र त्रिपाठी
स्त्री एक कविता है
स्त्री एक कविता है
SATPAL CHAUHAN
Loading...