डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम Tag: कुण्डलिया 87 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 25 Oct 2024 · 1 min read प्रदूषण बन्धे में घिरती हुयी, नालों में तब्दील. सई, गोमती, घाघरा, होती सबको फील. होती सबको फील,गलत है सबकी नीयत. करें प्रदूषण दूर,न समझें मिली वसीयत. कहें प्रेम कविराय, बन्द हों... Hindi · कुण्डलिया 1 31 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 25 Oct 2024 · 1 min read प्रदूषण यमुना कल कल बह रही, झेल प्रदूषण वार. श्वेत फेन से है भरी, दूषित जल की धार. दूषित जल की धार, शहर के नाले गिरते . शोधित जल हर बार,... Hindi · कुण्डलिया 35 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 25 Oct 2024 · 1 min read प्रदूषण गंगा जल के पान से, खुले स्वर्ग के द्वार. उल्टी दस्त जुलाब से, मिले मोक्ष हर बार. मिले मोक्ष हर बार, कानपुर हो या पटना. बहे प्रदूषित गंग , नित्य... Hindi · कुण्डलिया 33 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 25 Oct 2024 · 1 min read प्रदूषण मलवा सामुद्रिक भरा, दूषित जल संसार. जीव जंतु मरने लगे, करते हाहाकार. करते हाहाकार, लुप्त होते कुछ प्राणी. संरक्षित हो जीव, समय की दुर्लभ वाणी. कहें प्रेम कविराय, कभी मत... Hindi · कुण्डलिया 25 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 25 Oct 2024 · 1 min read प्रदूषण सागर कचरे से भरे, मलवे से बीमार. बायो कचरे से हुए, साहिल अब दुश्वार. साहिल अब दुश्वार, ज्वार भाटा जब आता. कचरे का अम्बार, बहा सागर ले जाता. कहें प्रेम... Hindi · कुण्डलिया 37 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 5 Aug 2024 · 1 min read ओलम्पिक खेल का उद्देश्य प्रतियोगी हों विश्व में, ओलंपिक का खेल. सर्वश्रेष्ठ देकर करें, स्वर्ण पदक से मेल. स्वर्ण पदक से मेल, तेज सबसे कहलाए. सबसे ऊंचा कूद, साहसी जब इतरायें. खेल कराता मेल,... Hindi · कुण्डलिया 78 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 Aug 2024 · 1 min read हास्य कुंडलिया आगे पीछे देखते,मियां मनसुखा लाल. मस्ती में पीते तभी, हो जाते बेहाल. हो जाते बेहाल,,करें मत यारी उससे. हैं बेढब इंसान , लड़ाई लड़ते, सबसे . सवा शेर से रार,... Hindi · कुण्डलिया 86 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 Aug 2024 · 1 min read हास्य कुंडलिया उनका आया फोन जब, पत्नी बैठीं पास, कविता के मीठे वचन, करें हास परिहास। करें हास परिहास , तभी घरवाली बोली, यह कविता है कौन, बड़ी लगती है भोली। हुये... Hindi · कुण्डलिया 85 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 Jul 2024 · 1 min read नेता जी नेता जी की हो रही,कठिन परीक्षा आज | इस चुनाव मैदान में , कौन करेगा राज | कौन करेगा राज, करें जनता की सेवा | स्वस्थ सुखी संपन्न, हुये वो... Hindi · कुण्डलिया 73 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Jul 2024 · 1 min read सेवा निवृत काल जीवन काल रहे सुखी ra, दूर हटे सब भार | दुष्कर पथ के पथिक अब,भूलो पथ की मार | भूलो पथ की मार, किया है निर्मल सेवा | स्वस्थ सुखी... Hindi · कुण्डलिया 72 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Jun 2024 · 1 min read जय हो जनता राज की जय हो जनता राज की, नेता सब है व्यस्त | बस चुनाव के बाद ही, नेता होते मस्त | नेता होते मस्त, भूल जाते सब वादे | जनता होती त्रस्त,सभी... Hindi · कुण्डलिया 1 79 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Jun 2024 · 1 min read गिरमिटिया मजदूर गिरमिटिया मजदूर जो,बने देश की शान । खून पसीना एक कर , करते सृजन महान।। करते सृजन महान,सनातन के रखवाले | भाषा बोली एक, हिंद के थे मतवाले ।। शोषण... Hindi · कुण्डलिया 96 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Jun 2024 · 1 min read ग्रीष्म ऋतु गर्मी मौसम ताप का, त्रस्त हुआ संसार | पौधे आतप से जले , सूखी जल की धार | सूखी जल की धार,नदी की धारा गाती | दिनकर करते कोप,फटी धरती... Hindi · कुण्डलिया 50 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Jun 2024 · 1 min read नारी और चुप्पी नारी और उसकी चुप्पी को समर्पित कुण्डलिया: नारी जब चुप बैठ कर, साधे रहती मौन| अचरज तब लगता यही, है नारी यह कौन | है नारी यह कौन, ऑन मोबाइल... Hindi · कुण्डलिया 1 126 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 24 May 2024 · 1 min read पत्रकारिता सामाजिक दर्पण दर्पण सामाजिक कहें,लिखते सच है बात | पत्रकार का काम यह,रोचक हो शह- मात | रोचक हो शह -मात,उचित अभिव्यक्ति करेंगे| पीड़ित सँग मजदूर, पत्र आवाज बनेंगे | चाटुकार जो... Hindi · कुण्डलिया 105 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 24 May 2024 · 1 min read रक्तदान पर कुंडलिया दानी बन के नाम का,करते थे जो बात | पंसारी का काम है , जैसे थे जज़्बात | जैसे थे जज़्बात,चाहते दान न करिये | छलते छलिया नित्य, बचाते इनसे... Hindi · कुण्डलिया 167 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 May 2024 · 1 min read जनता जनता से जो मांगते, वोट नोट का प्यार | प्यारी जनता कर रही, जी भर कर दुत्कार | जी भर कर दुत्कार, वोट की खातिर रोते | जाति जाति में... Hindi · कुण्डलिया 1 156 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 3 Aug 2023 · 1 min read नारी सम्मान नारी का सम्मान कर,करता राष्ट्र विकास। अपमानित वह देश जो , करे सभ्यता नाश। करे सभ्यता नाश, दुष्टजन की मनमानी। हुआ कलंकित देश, नीचता की हद जानी। कहें प्रेम कविराय... Hindi · कुण्डलिया 197 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 3 Aug 2023 · 1 min read नसीहत योगी सीएम ने कहा ,न्याय करो भरपूर। भ्रष्टाचारी दांव पर , हो प्रहार सब दूर। हो प्रहार सब दूर, भेद सबमें मत करिए। जातिवाद को त्याग, प्रेम से मिलकर रहिए।... Hindi · कुण्डलिया 233 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Apr 2023 · 1 min read राम अवतार कुंडलियां मित्रों एक नए कांसेप्ट ने इस रचना में जन्म लिया है करने रक्षा धर्म हित, लिया मूर्ति अवतार। कलयुग में श्री राम ने, किया धर्म संचार। किया धर्म संचार,... Hindi · कुण्डलिया 342 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Apr 2023 · 1 min read संचारी रोग दस्तक अभियान संचारी जो रोग पर, दस्तक है अभियान। एप्रिल से ही हो शुरू, करो स्वच्छ जलपान। करो स्वच्छ जलपान, दस्त-उल्टी जो रोके। ओआरएस का घोल, पिला संजीवन हो के। कहें 'प्रेम'... Hindi · कुण्डलिया 1 280 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 13 Mar 2023 · 1 min read जीजा साली जीजा साली कर रहे, हँसी ठिठोली आज। रंगों की बौछार में,खोलो दिल के राज। खोलो दिल के राज, नहीं करना बरजोरी। रंगों की सौगंध, करो मत सीनाजोरी। कहें प्रेम कविराय,आज... Hindi · कुण्डलिया 183 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 13 Mar 2023 · 1 min read होलिका दहन होलिका दहन फागुन पूनम चांदनी, दहन होलिका साथ। जीवित बच प्रहलाद हैं, विष्णु चूमते माथ। विष्णु चूमते माथ, अबीर गुलाल लगाओ। नाचो गाओ संग, संग मिल फगुआ गाओ। कहें प्रेम... Hindi · कुण्डलिया 168 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 13 Mar 2023 · 1 min read होलीकोत्सव होलिकोत्सव पूनम फागुन मास में ,दहन होलिका रात। मिलें गले सब मीत जन, बने बात से बात। बने बात से बात,मीत मिल नाचो गाओ। लगे अबीर गुलाल, संग में गुझिया... Hindi · कुण्डलिया 189 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 Mar 2023 · 1 min read मकर संक्रांति पर्व मकर संक्रांति पर्व सिहरन को अनुभव करें, राजा रंक फकीर। शीत लहर जो चल रही, नारी शक्ति अधीर। नारी शक्ति अधीर, अलाव जलाकर तापो। ऊनी कपड़े पहन, रजाई से तन... Hindi · कुण्डलिया 1 175 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 Mar 2023 · 1 min read शादी शादी शादी बंधन प्रेम का, नहि कोई अनुबंध। सप्तपदी को जो निभा, जन्म सात तक बंध। जन्म सात तक बंध,दहेज कलंक समाना। अबलाएं जल रहीं , नहीं न्यायोचित माना। कहें... Hindi · कुण्डलिया 195 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 20 Jan 2023 · 1 min read चित्र गुप्त पूजा पूजा कलम दवात की,यम दुतिया के साथ। चित्रगुप्त महाराज की, जय जयकार सनाथ। जय जयकार सनाथ, शुरू शुचि लेखा जोखा। कर्मों की गति मान,करें मत सबसे धोखा। कहें प्रेम कवि... Hindi · कुण्डलिया 2 271 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Jan 2023 · 1 min read चाय की आदत आदत हो जब चाय की, पीते रहिये चाय। आदर मिलता है जहां ,करते रहिये आय। करते रहिए आय,चाय का अद्भुत वादा। पीलो जितनी चाय ,आय उतनी हो ज्यादा। कहें प्रेम... Hindi · कुण्डलिया 1 1 194 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Jan 2023 · 1 min read मकर संक्रांति शुभ मकर संक्रांति पर्व मेला में जमघट लगा, दे कर प्रभु को अर्ध्य। उत्तरायण प्रभु भास्कर ,पुण्य कर्म अब सध्य। पुण्य कर्म अब सध्य, नौग्रह भाव के स्वामी। सब कुछ... Hindi · कुण्डलिया 1 244 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Jan 2023 · 1 min read पूनम का चांद सपने में चांद सपने में है चांदनी ,सपने का है चांद । सुंदरता अद्भुत निरख, पगडण्डी को फांद। पगडण्डी को फांद, हृदय कुलांचे मारे। प्रिय प्रियतम की भाँति,प्रिये तुमको पुकारे।... Hindi · कुण्डलिया 1 266 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Jan 2023 · 1 min read भोली बाला भोली बाला भोली बाला ले चली, कर पूजा का थाल। सुंदर श्यामल तन लिये, नागिन जैसे बाल । नागिन जैसे बाल, कोकिला जैसी बोली। प्रिये ,दन्तिका धवल,नासिका है हमजोली। कहें... Hindi · कुण्डलिया 220 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Jan 2023 · 1 min read गणतंत्र दिवस पावन छब्बिस जनवरी ,उन्निस सौ पाचास। संविधान लागू हुआ, सबकी पूरण आस। सब की पूरण आस,शुचि गणतंत्र को मानो। नहि लिंग- जाति भेद ,बराबर सबको ंजानो।ं सबका है सम्मान, हमेशा... Hindi · कुण्डलिया 1 236 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Jan 2023 · 1 min read कोरोना लेना दूभर हो गया, कोरोना से श्वास। मास्क जरूरी है हुआ ,छोड़ें जब प्रश्वास। छोड़ें जब प्रश्वास, फैलता है कोरोना। दम घोटूं यह रोग, यही जग का है रोना। कहें... Hindi · कुण्डलिया 179 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Jan 2023 · 1 min read गुरुवर गुरुवर के निर्मल चरण, करते ह्रदय प्रकाश । श्रुतियों की वाणी सुना, करते विमल विकास। करते विमल विकास, नयन कमलों को खोलें। गुरुवर भानु समान,शारदा माता बोलें। कहें प्रेम कविराय,... Hindi · कुण्डलिया 185 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Jan 2023 · 1 min read संगीत तन मन झंकृत हो गया, सुन करके संगीत। गीतों का संगम हुआ,संग मनोहर मीत। संग मनोहर मीत, जगत जीवन संचारे। भाव अनोखे गूंज, गगन गूँजे गुंजारे। कहे प्रेम कविराय, मगन... Hindi · कुण्डलिया 121 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Jan 2023 · 1 min read बसंत ऋतु शोभित हैं ऋतुराज के, बासंती परिधान। ऋतुओं के सरताज हैं,ऋषियों में सम्मान। ऋषियों में सम्मान,आम राजा बौराया। कोकिल की सुन कूक, पुष्प टेसू हरषाया। कहें प्रेम कविराय, भ्रमर उपवन में... Hindi · कुण्डलिया 461 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Jan 2023 · 1 min read वर्षा ऋतु वर्षा ऋतु रिमझिम वर्षा हो रही ,नूतन किसलय चूम। हरित तृणों की नोक पर ,बारिश बूंदे झूम। बारिश बूंदे झूम, मेघ गरजे घनघोरा। नर्तन करें मयूर,मोरनी का चितचोरा। कहें प्रेम... Hindi · कुण्डलिया 236 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Jan 2023 · 1 min read शीत ऋतु आया मौसम शीत का ,गर्मी दूर भगाय। जाड़े से बचना सभी, जब मौसम अति भाय। जब मौसम अति भाय,कटे रातें सब प्यारी। पहनें हों परिधान ,धूप की महिमा न्यारी। कहें... Hindi · कुण्डलिया 289 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Jan 2023 · 1 min read नारी नारी की जो गोद है, ममता का ही रूप। माँ की ममता के लिए, महिला का प्रारूप। महिला का प्रारूप, ऋचा की अद्भुत रचना। शोभित मोहित भाव , मातु अद्भुत... Hindi · कुण्डलिया 318 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 4 Aug 2022 · 1 min read पानी बरसे मेघ से पानी बरसे मेघ से,बिजली चमके पार । जल प्लावन सब ओर है,त्राहि त्राहि करतार। त्राहि त्राहि करतार, झमाझम पानी बरसे। जन मानस हो त्रस्त,जल व विद्युत को तरसे। पर्यावरण स्वदोष,... Hindi · कुण्डलिया 1 364 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Jun 2022 · 1 min read करके शठ शठता चले मित्रों, सादर समर्पित है कुण्डलिया विषय-विश्वेश्वर महादेव करके शठता शठ चले, जैसे कोई भूल। महाकाल के सामने, सत्य वचन ही मूल। सत्य वचन ही मूल, सत्य ही बोलो मौला। छल... Hindi · कुण्डलिया 337 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 5 Jun 2022 · 1 min read विश्वेश्वर महादेव शठ करके शठता चलें, जैसे कोई भूल। महाकाल के सामने, सत्य वचन ही मूल। सत्य वचन ही मूल, सत्य ही बोलो मौला। छल करके क्या मिला, कपट को जबसे तौला।... Hindi · कुण्डलिया 3 2 691 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Apr 2022 · 1 min read साल गिरह भैया प्यारे आ गये, घर में बाजे साज। मैया आशीर्वाद दे, साल गिरह पर नाज। साल गिरह पर नाज,केक सबने हैं काटा। फेश वेश पर लगा, केक सबने हैं बाँटा।... Hindi · कुण्डलिया 313 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Jan 2022 · 1 min read मिथ्या यह संसार। मानों भ्रम जग का नहीं, मिथ्या यह संसार। झूठी जग की नौकरी, जीवन का शुचि सार। जीवन का शुचि सार,किरायेदार ठिकाना। अब सत को पहचान ,बोध यह सबने जाना। कहें... Hindi · कुण्डलिया 1 258 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 May 2021 · 1 min read अति हर्षित होकर चले, सब बारिश में स्कूल। अति हर्षित होकर चले , सब बारिश में स्कूल । शिक्षक बच्चे कह रहे , मौसम है प्रतिकूल । मौसम है प्रतिकूल , सभी वाहन अब गायब। बिन बस कैसे... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया 3 5 373 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 May 2021 · 1 min read सावन बरसे झूम के,ननदी झूला झूल। सावन बरसे झूम के , ननदी झूला झूल । रोके भौजी बाग में , रोके रुके न शूल । रोके रुके न शूल , टपाटप अमिया टपके , करें न... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया 3 5 321 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 May 2021 · 1 min read छायी है बदरी घनी,बारिश है चहुँ ओर। कुण्डलिया। छायी बदरी है घनी,बारिश है चहुँओर। घोर घटा घन बीच है , चपला चमके जोर। चपला चमके जोर, चाँदनी चमके जैसे। करके घन की ओट,शर्म से दमके वैसे। कहें... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया 2 6 307 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 7 May 2021 · 1 min read छायी बदरी है घनी, कुण्डलिया। छायी बदरी है घनी,बारिश है चहुँओर। घोर घटा घन बीच है , चपला चमके जोर। चपला चमके जोर, चाँदनी चमके जैसे। करके घन की ओट,शर्म से दमके वैसे। कहें... Hindi · कुण्डलिया 1 645 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 6 May 2021 · 1 min read मेरा जीवन है प्रिये, कुण्डलिया। मेरा जीवन है प्रिये, प्रिय सब के आधीन। परहित निज जीवन करुँ,सुख सपने स्वाधीन। सुख सपने स्वाधीन,चंचला धन की छाया मन चंचल ही करे, छलेगी सबको माया। कहें प्रेम... Hindi · कुण्डलिया 3 7 316 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 5 May 2021 · 1 min read मेरा जीवन है ऋणी, मेरा जीवन है ऋणी ,कर सेवा का भाव। मात पिता आशीष दें,उनका जीवन छाव। उनका जीवन छाव,कर्म का बनकर योगी । कंटक पथ पर बढा, योग व्रत लेकर भोगी। कहें... Hindi · कुण्डलिया 3 2 292 Share Page 1 Next