सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ Language: Hindi 40 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 30 May 2023 · 1 min read _26_मुझे गम नहीं तार- तार हो चुका है मेरा दामन, राख हो गया है मेरा चमन, सब आकांक्षाएं हो गईं दफ़न, बांधा गया मेरे सिर कफ़न, तोड़ गए वो अपने सारे वचन, छलनी... Poetry Writing Challenge 2 340 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 29 May 2023 · 1 min read _25_मैं यूं ही जिया करता हूं रफ्ता-रफ्ता दिन गुजारता हूं , रोशनी के बिन गुजारता हूं, रंज नहीं करता हालात का, हर गम हस कर गुजारता हूं, जख्मों को छिपाना शौक़ है मेरा, औरों को मरहम... Poetry Writing Challenge 1 177 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 29 May 2023 · 1 min read _24_किसे सुनाऊं वेदना इस मन की आह भरूं अब मै तो हर पल, ह्रदय हो गया मेरा विव्हल, दिवस बीतते कहते कल-कल, अश्रु बहें नयनों से छल-छल, मिला नहीं अब तक कोई हल, व्याकुल रहता हूं... Poetry Writing Challenge 2 202 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 29 May 2023 · 1 min read _23_आरजू आरजू है मेरी एक ख्वाबगाह बनाऊं, सोंचता हूं शायद वह सच हो जाए, तबाही के इस खौफ़नाक मंजर से, कुछ तिनके तो शेष बच पाएं, जलजला है ये तो बहता... Poetry Writing Challenge 1 121 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 28 May 2023 · 1 min read _22_मैं दर्पण हूं टूटा सा कालिख पूरित उन गलियों में, रक्त रंजित उन कलियों में, पथ भ्रमित हो गया हूं, रजनीचरों के मध्य खो गया हूं, भटक गया हूं सुमार्ग पाने को, अपनी किस्मत से... Poetry Writing Challenge 2 90 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 28 May 2023 · 1 min read _21_आख़िरी पड़ाव ख़ाक छानता फिरता हूं हर पल, जाने ये जिन्दगी कहां ले जायेगी, मेरे बंधुओ में नहीं रहा इतना बल, जाने कब निर्वाण की छांव मिल पायेगी, मेरे साथ कब तक... Poetry Writing Challenge 1 85 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 28 May 2023 · 1 min read _20_ऐसा है हमारा वतन जहां मुर्गे की बांग से होता सबेरा, जहां सुरज डालता पहला फेरा, जहां कुसुमों को भौरों ने घेरा, जहां है परिंदो का बसेरा, जहां करवटें बदलती नदियां, जहां स्वप्न से... Poetry Writing Challenge 1 105 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 28 May 2023 · 1 min read _19_मैं मचल रहा हूं निश्छल है उनका प्रेम या सिर्फ़ उनका छलावा, पूछते हैं कुशल क्षेम या सिर्फ़ उनका दिखावा, वहां है कोई हरीफ या सिर्फ़ देते दुहाई, वहां जाने का कोई झरोखा या... Poetry Writing Challenge 2 225 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 28 May 2023 · 1 min read _18_सुप्रभात कली- कली खिल गई गली-गली महक गई, मौसम ने ली अंगड़ाई शायद शुभ घड़ी आई, परिंदो ने छोड़ा आशियां कुछ फासले हैं दर्मियां, हमको हमसे मिलाने देखो सुप्रभात आ गया।।... Poetry Writing Challenge 1 205 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 28 May 2023 · 2 min read _17_इंसान हैवान हुआ जाता है कली -कली मुरझाई जाती है, गुलशन सेहरा हुआ जाता है, जमीं में नहीं है नमी बंजर हुई जाती है, बीज-बीज पत्थर हुआ जाता है, प्रकृति की देवी अंधियारे में खोई... Poetry Writing Challenge 1 196 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 28 May 2023 · 1 min read _16_दहेज़ मैने जाना जब एक राज तो, आश्चर्य का ठिकाना न रहा मेरे, कि अब हर घर में बसते हैं लुटेरे, सुना था वस्तुएं ही बिकती हैं दुकानों में, अब तो... Poetry Writing Challenge 1 242 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 28 May 2023 · 1 min read _15_प्रदूषण का दानव कभी बसन्त से पहले बहार आ जाती थी, आज तो बसंत भी पतझड़ में बदल गया, कभी बादल गहराने पर होती थी फुहार, आज वह बादल भी सूखा निकल गया,... Poetry Writing Challenge 2 145 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 28 May 2023 · 1 min read _14_बस मुस्कुराना ही काफ़ी है रोते को हंसाने के लिए, सोते को जगाने के लिए, रूठे को मनाने के लिए, दिल को बहलाने के लिए, सबको अपना बनाने के लिए, बस मुस्कुराना ही काफ़ी है।।... Poetry Writing Challenge 2 229 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 28 May 2023 · 1 min read _13_एक तिनका डूबते हुए मांझी के लिए काफ़ी है, साहिल का एक तिनका। मरते हुए काजी के लिए काफ़ी है, नूर का एक तिनका।। मायूसी की परछाइयों के लिए काफ़ी है, मयूख... Poetry Writing Challenge 1 341 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 28 May 2023 · 1 min read _12_आपका शुक्रिया हम भटक रहे थे अंधेरी गलियों में, रोशनी की किरण दिखाई आपने, आपका शुक्रिया।। जीने की तमन्ना लूट ली ज़माने ने, हमको जीना सिखाया आपने, आपका शुक्रिया।। झूंठ का राज़... Poetry Writing Challenge 1 209 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 28 May 2023 · 1 min read _11_शायद देश का नक्शा ही बदल गया खादी का कुर्ता रेशम बन गया, झूठ बैठा गद्दी में सच पहरेदार बन गया, इन्सान नहीं इन्सान हैवान बन गया, नेता नहीं है नेता भगवान बन गया, शायद देश का... Poetry Writing Challenge 1 212 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 28 May 2023 · 1 min read _10_क्या सच है?क्या धोखा? जन मानस है पल- पल रोता, गरीब चैन की नींद में सोता , अनपढ़ चोर यहां कुछ नेता, सबकुछ लेकर कुछ ना देता, भरा हुआ या खाली खोखा, क्या सच... Poetry Writing Challenge 1 220 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 28 May 2023 · 1 min read __9__उफ! कैसी विडम्बना है ? कोई दिल लगाए तो दिल लगाना मना है, कोई दिल चुराए तो दिल चुराना मना है, कोई राज छुपाए तो राज छिपाना मना है, कोई भेद बताए तो भेद बताना... Poetry Writing Challenge 1 175 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 28 May 2023 · 1 min read __8__मैने नहीं देखा चकोर को बिछुड़ते हुए बागों को उजड़ते हुए, वादियों को घिरते हुए माला को बिखरते हुए, बुतों को खिसकते वा लोगों को सिसकते हुए, मैने नहीं देखा।। भोर के लुटेरों... Poetry Writing Challenge 1 51 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 28 May 2023 · 1 min read __7_भूल जाओ थक चुका हूं सुनते-सुनते ख़्वाब टूटे बुनते-बुनते, तूफानों से लड़ते-लड़ते तिनके सारे चुनते-चुनते, ऐ लम्हों कुछ ठहर जाओ, अब ना यूं मुझको सताओ, भूल जाओ।। मीत को प्रीत अब रीति... Poetry Writing Challenge 1 110 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 28 May 2023 · 1 min read __6__पालनहार किसे सुनाऊं व्यथा तुम्हारी तुमसे पली हैं सदियां सारी, चाहे नर हो या फ़िर नारी सब जाएं यह तुम पर वारी, तुम देते सबको आहार , तुम हो जग के... Poetry Writing Challenge 165 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 28 May 2023 · 1 min read __5__कोई मज़हब ऐसा बनाओ दूरियां हो जाएं कम ना होने पाए कोई आंख नम, मिट जाएं हमारे गम मैं और तू नहीं बन जाय हम, अद्वितीयता की धुन बनाओ, कोई मज़हब ऐसा बनाओ ।।... Poetry Writing Challenge 1 230 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 28 May 2023 · 1 min read __4__भीख नहीं मांगूंगा जीवन वृत्त पर लाख परेशानियां हों, हर क्षण नई कहानियां हों, भले भाग्य में लिखी गुमनामियां हों, कभी नहीं भरे वो खाइयां हों, स्वभाग्य को ख़ुद से रच लूंगा, पर... Poetry Writing Challenge 1 179 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 27 May 2023 · 1 min read __3__शिक्षा व्यवस्था कब बदल गया तरीका पढ़ लिखकर ना आया सलीका, उम्र की दहलीज पर ही कदम रख पाता है बच्चा, कि लद जाता है पीठ पर बोझ खासा अच्छा, पैंट शर्ट... Poetry Writing Challenge 1 213 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 27 May 2023 · 1 min read ___2___किसे अपना कहूं? हर तरफ़ एक ही फ़साना है, हमारा दिल उनका दीवाना है। ये जहां हमारे काबिल नहीं, इन्हें अलग दुनियां बसाना है। टूटा तारा नहीं है किस्मत में, घर उनको कांटों... Poetry Writing Challenge 1 295 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 27 May 2023 · 1 min read _1_ हाल बुरे हैं शिक्षक के एम ए बीएड बीटीसी, ये डिग्री बनी दिखाने को। क ख ग ज्ञान नहीं पर ,साहब चले पढ़ाने को । क्या बयां करें हम नुस्खे इनके। हाल बुरे हैं शिक्षक... Poetry Writing Challenge 1 70 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 4 Apr 2023 · 1 min read मुझे भुला दो बेशक लेकिन,मैं तो भूल न पाऊंगा। मुझे भुला दो बेशक लेकिन,मैं तो भूल न पाऊंगा। भले दूर तुम जाओ लेकिन ,मैं तो इश्क निभाऊंगा।।1 बहुत मुसाफिर राह मिलेंगे, चाहत मिले मुबारक हो। बिना तुम्हारे सनम बता... Hindi 100 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 4 Apr 2023 · 1 min read दोष उनका कहां जो पढ़े कुछ नहीं, दोष उनका कहां जो पढ़े कुछ नहीं, किसने उनको पढ़ाया बताओ ज़रा। नाम फीका प्रखर झूंठी शोहरत रही , किसने हमसे छिपाया बताओ ज़रा। दुःख के बादल छटेंगे बताए थे... Hindi · Quote Writer · ग़ज़ल 1 563 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 13 May 2022 · 2 min read पापा जी पापा जी ------------------- पापा जी आदर्श हमारे सचमुच जग से न्यारे थे। ख़ूब दिलाते मौसम के फ़ल लगते हमको प्यारे थे। रात समय नौ बजते सोना सुबह उठाते जल्दी से।... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 9 4 1k Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 6 Jan 2021 · 1 min read दोहरा चरित्र छिपकली बन रात को जो, मस्त कीड़े खा रहे हैं । वह सुबह से राष्ट्र हित के, गीत सरगम गा रहे हैं । जातियाँ उन्माद भारत ,धर्म पथ आतंक अब... Hindi · मुक्तक 3 2 541 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 28 Dec 2020 · 1 min read कोरोना -दोहे अगर कॅरोना हो गया,क्या होगा परिवार । हृदय निवेदन है प्रखर,कर लो आप विचार ।। क्यों आख़िर ताबूत में, ठोंक रहे हो कील। कोरोना ने कब प्रखर ,दिया तुम्हें ये... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 28 694 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 8 Jun 2019 · 1 min read माँ का अनादर माँ तो इतना चाहती , बेटा बने महान । कभी प्यार से डाँट से ,कभी पकड़ती कान ।। कभी पकड़ती कान ,कभी पकवान बनाती । कभी खेलती साथ ,साथ में... Hindi · कुण्डलिया 622 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 12 May 2019 · 1 min read माँ (कविता) माँ तेरी वो थपकी लोरी , भूल नहीं क्यों पाती है । बचपन वाली प्यारी बोली,याद मुझे फिर आती है।। मेरा बेटा राजा बेटा ,कहकर मुझे बुलाती थी। मुझको सूखा... Hindi · कविता 341 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 7 Dec 2018 · 1 min read दोहे कभी गाय के नाम में,कभी धर्म के नाम । नेता साधू दे रहे ,भाँति- भाँति पैग़ाम ।। राजनीति में है बहुत ,आज ग़ज़ब का स्वाद । जिधर देख लो आप... Hindi · दोहा 317 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 2 Dec 2018 · 1 min read भाषा की मर्यादा(दोहे) आज ‘प्रखर’यह देखकर, अब आता आवेश । राजनीति में दे रहे , भाँति-भाँति उपदेश ।। उनको पप्पू कह रहे , बिना ठोस आधार । ऐसे भी गप्पू मिलें , मुझको... Hindi · दोहा 732 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 17 Nov 2018 · 1 min read कविता (माँ) माँ तेरा वह लालन पालन, तेरा वह दुलराना । थपकी,लोरी,तुतली बोली,आँचल दूध पिलाना । याद बहुत आता है सब ,तुझको बहुत सताना । माँ तेरा वह लालन पालन, तेरा वह... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 18 73 3k Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 13 Nov 2018 · 1 min read कविता (माँ) माँ तेरा वह लालन पालन, तेरा वह दुलराना । थपकी,लोरी,तुतली बोली,आँचल दूध पिलाना । याद बहुत आता है सब ,तुझको बहुत सताना । माँ तेरा वह लालन पालन, तेरा वह... Hindi · कविता 5 3 507 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 7 Oct 2018 · 1 min read प्रखर देख हैरान भारतवासी एक हो, मान रहे क्यूँ हार । लोकतंत्र के राज में, तुम ही हो सरकार।। दान और मतदान में, केवल दे लो ध्यान । सारे कष्टों की वजह,जान सको... Hindi · दोहा 2 296 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 7 Oct 2018 · 1 min read प्रखर देख हैरान भारतवासी एक हो, मान रहे क्यूँ हार । लोकतंत्र के राज में, तुम ही हो सरकार।। दान और मतदान में, केवल दे लो ध्यान । सारे कष्टों की वजह,जान सको... Hindi · कविता 297 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 25 Sep 2018 · 1 min read दोहा आज हमें लगते नहीं, मात पिता भगवान । इधर उधर हैं खोजते, ‘प्रखर’देख हैरान ।। Hindi · दोहा 1 385 Share