Comments (4)
17 May 2022 12:30 AM
सराहनीय सृजन आदरणीय….
मेरी कविता “पिता महज एक व्यक्ति नहीं है” पर पहुंचकर अपनी समालोचनात्मक प्रतिक्रिया के रूप में Like व Comment कर मुझ अकिंचन को निज स्नेहाशीष प्रदान करें ।।
पुनः सार्थक सृजन हेतु आभार ….!!
14 May 2022 11:25 PM
अद्वितीय सृजन संग सुन्दर भावाभिव्यक्ति
14 May 2022 06:08 AM
बेहद ख़ूबसूरत रचना है,प्रखर जी।
यदि समय मिले तो कृपया मेरी रचना ” पिता का साया” का भी अवलोकन करने का कष्ट कीजिएगा।
साभार।
बहुत खुबसूरत रचना।
कृपा”मेरा गुरूर है पिता”रचना पढकर कृतार्थ करें।