Shriyansh Gupta Tag: कविता 40 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shriyansh Gupta 24 Apr 2024 · 1 min read वैसा न रहा जैसा था जो, अब वैसा न रहा हर बात का अब एक अर्थ न रहा। हर बात का मतलब अलग हर किसी के लिए, रिश्तों के भी मायने अलग हर... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 2 31 Share Shriyansh Gupta 2 Apr 2024 · 1 min read जो पास है जो पास है वो सिर्फ़ आज है भूत भविष्य तो बस मन का एक ख़्वाब हैं। आज में ही जीना है तुम्हें कुछ और नहीं सोचना है तुम्हें। अभी के... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 43 Share Shriyansh Gupta 20 Mar 2024 · 1 min read होली का त्यौहार माहौल पूरा रंगीन है बंट रहा मीठा और नमकीन है। गुलाल और गुब्बारों से सजा बाज़ार है देखो आया होली का त्यौहार है। गिले-शिकवो को तुम आज भूल जाओ हंसी... Hindi · कविता 1 35 Share Shriyansh Gupta 7 Mar 2024 · 1 min read आज की नारी आज की नारी बड़ी सयानी जो बोलो वो कर पाएंगी। तुम जितना उसे कम समझोगे वो उतना ही तुम्हें चौंकाएंगी। आज की नारी सब पर भारी। बस मौके की वो... Hindi · कविता 1 67 Share Shriyansh Gupta 22 Feb 2024 · 1 min read रुकना नहीं चाहता कोई रुकना नहीं चाहता कोई थमना नहीं चाहता कोई। बस भागना चाहते हैं सब आगे निकलना चाहते हैं सब। वक्त नहीं है किसी के पास भी परिवार के लिए यारी दोस्ती... Hindi · कविता 3 45 Share Shriyansh Gupta 25 Jan 2024 · 1 min read मेरा भारत देश मेरे भारत देश की बात ही कुछ निराली है उगती यहां पर महकते फूलों की क्यारी है। खेत सींचती यहां पर गंगा माई है, शिव की जटाओं में जगह जिंहोने... Hindi · कविता 1 98 Share Shriyansh Gupta 9 Jan 2024 · 1 min read बात करोगे तो बात बनेगी बात करोगे तो बात बनेगी बिना बात के यहां दाल नहीं गलेगी। क्योंकि यहां खेल ही सारा बातों का है यहां मोल नहीं कोई जज़्बातों का है। जो तुम कह... Hindi · कविता 2 1 64 Share Shriyansh Gupta 12 Sep 2023 · 1 min read मेहरबान यह ख़ुदा कुछ ज़्यादा ही मेहरबान है मुझ पे मेरी हर एक ख़्वाहिश पर तथास्तु कहा उसने। - श्रीयांश गुप्ता Hindi · कविता 2 2 152 Share Shriyansh Gupta 26 Aug 2023 · 1 min read भारत मां की पुकार मुझको होती बड़ी हैरानी देखकर तुम्हारी हर शैतानी। तुमने जो अबतक काम किए कुछ ठीक किए, कुछ ख़राब किए। काम ठीक जो किए हैं तुमने तो जग में मेरा नाम... Hindi · कविता 4 1 131 Share Shriyansh Gupta 27 Jul 2023 · 1 min read वैसा न रहा जैसा था जो, अब वैसा न रहा हर बात का अब एक अर्थ न रहा। हर बात का मतलब अलग हर किसी के लिए, रिश्तों के भी मायने अलग हर... Hindi · कविता 3 2 161 Share Shriyansh Gupta 13 May 2023 · 1 min read अकेलापन यह अकेलापन काटने को दौड़ता है मुझे न जाने क्यों लोग मुझसे शर्माते हैं। मुझसे बात करने से कतराते हैं। हमेशा अकेलापन महसूस होता है मुझे। हर जगह मैं अनजाना-सा... Poetry Writing Challenge · कविता 1 93 Share Shriyansh Gupta 14 Jan 2023 · 1 min read मंजूर हो अगर रिश्ता बनाना हो अगर मुझसे तो निभाना पड़ेगा मेरी जिंदगी में आना है अगर तो रहना पड़ेगा। हर दिन की सारी बाते न सही पर ज़िन्दगी के जरूरी लम्हों को... Hindi · कविता 2 98 Share Shriyansh Gupta 19 Dec 2022 · 1 min read समय देकर तो देखो समय देकर तो देखो शायद सब कुछ ठीक हो जाए पुराने-कड़वे रिश्तों में शायद थोड़ी-सी मिठास भर आए। दुश्मनी की मशालों में आग शायद थोड़ी कम हो जाए। भटके हुए... Hindi · कविता 4 1 290 Share Shriyansh Gupta 11 Nov 2022 · 1 min read संघर्ष बिना कुछ नहीं मिलता बिना संघर्ष व्यर्थ है जीवन तेरा बिना संघर्ष व्यर्थ हे जीवन मेरा। बिना संघर्ष इस दुनिया में मिलता नहीं कुछ खास। बिना संघर्ष हर का जीवन है निराकार और बकवास।... Hindi · कविता 4 2 274 Share Shriyansh Gupta 12 Oct 2022 · 1 min read सर्द चांदनी रात इस सर्द चांदनी रात में कोई नहीं है मेरे पास में । जिसको मैं कुछ भी कह सकूं अपने मन की हर बात कह सकूं । बता सकूं जिसे कि... Hindi · Daily Writing Challenge · कविता · सर्दी 3 397 Share Shriyansh Gupta 29 Sep 2022 · 1 min read बेटियां दुर्गा, लक्ष्मी का रुप कहलाती, सबके दिलो को यह है भाँति, सबको बढ़ावा देती है। फिर क्यों नकारते हो बेटियां? लडके भी अब इनसे हार जाते, सबका सम्मान करती हैं,... Hindi · कविता 1 187 Share Shriyansh Gupta 8 May 2022 · 1 min read हमारी प्यारी मां ममता का एक घड़ा है माँ। देवी का स्वरूप है माँ। हमारी हर एक मुस्कान में बसी हुई है हमारी प्यारी माँ। इंद्रधनुष के सात रंगों जैसे खूबसूरती का भंडार... Hindi · कविता 2 448 Share Shriyansh Gupta 22 Apr 2022 · 1 min read असली जानवर कौन है? असली जानवर कौन है? आज मुझे कोई बता दे। मानवता का सही मतलब, आज मुझे कोई सिखा दे। पेड़ काटे बार बार बचाने की बात तुमने टाल दी हर बार।... Hindi · कविता 3 1 187 Share Shriyansh Gupta 2 Dec 2021 · 1 min read भोपाल गैस काण्ड दिसंबर का महीना ठंडी - चांदनी रात जिसके आगोश में सोने वाला था भोपाल। अपना काम निपटा कर सोने को बेकरार था हर इंसान। पर अनजान थे वह कि आने... Hindi · कविता 3 575 Share Shriyansh Gupta 20 Nov 2021 · 1 min read किसान पारस जैसे उसके हाथ है बंजर जमीन को भी बना देता वह मूल्यवान है। हरियाली होती जब उसके खेत में खुशहाली आती तब उसके घर में। हर मौसम को वह... Hindi · कविता 1 561 Share Shriyansh Gupta 16 Nov 2021 · 1 min read जलियांवाला बाग अपनी सत्ता बचाने को, विद्रोह का डर मिटाने को, उठती आवाजें दबाने को हुआ था जलियांवाला बाग। कोई न बच सका था जो भी था उस मैदान में। कोई न... Hindi · कविता 4 598 Share Shriyansh Gupta 13 Nov 2021 · 1 min read थक चुकी हूं मैं थक चुकी हूं मैं घुट-घुट के यूं जीने से, डर-डर के बाहर निकलने से, समाज के आरोपों से, तानों से। लोगों की गन्दी नज़रों से घर-दफ्तर के हैवानों से झुठे... Hindi · कविता 5 4 724 Share Shriyansh Gupta 21 Aug 2021 · 1 min read राम राज्य राम राज्य चाहिए सबको पर राम किसी को नहीं बनना। सुखी संसार चाहिए सबको पर दूसरों को कोई सुख नहीं देना। राम राज्य चाहिए अगर तुमको तो पहले राम जैसे... Hindi · कविता 1 687 Share Shriyansh Gupta 26 Jul 2021 · 1 min read सलाम कभी न यह रुके है कभी न यह रुकेंगे कभी न यह थके है कभी न यह थकेंगे भारत मां के सपूत है यह तिरंगा फहराए बिना नहीं मानेंगे। ठंडी-... Hindi · कविता 2 1k Share Shriyansh Gupta 3 Jul 2021 · 1 min read खो गया है बचपन खो गया है बचपन सड़क के किनारों में, चाय की दुकानों में, बड़े बड़े मकानों में। खो गया है बचपन। गरीबी के हालातों में, जुर्म की जंजीरों में, नामी गिरामी... Hindi · कविता 3 4 603 Share Shriyansh Gupta 24 Jun 2021 · 1 min read आपातकाल लोकतंत्र से लोक हटा था एक काली रात में। आपातकाल का स्वाद चखा था मेरे शांत भारत देश ने। एक लोक सेविका बन बैठी थी महारानी और करने लगी थी... Hindi · कविता 2 376 Share Shriyansh Gupta 4 Jun 2021 · 1 min read सांसें कम पड़ गई सांसें कम पड़ गई ज़िन्दगी रेत सी फिसल गई। अपनों के सामने अपने यूं ही चले गए। बस हाथों में हाथ ही रह गए। बिना कहे हालात सब कुछ कह... Hindi · कविता 3 1 436 Share Shriyansh Gupta 31 May 2021 · 1 min read बारिश की बौछार बारिश की बूंदे जब धरती से मिल जाती हैं तवे सी गर्म धरती पर तब सुकून की बौछार हो जाती हैं। सूखे पत्तों में भी हरियाली सी छा जाती है।... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता · बारिश 8 4 1k Share Shriyansh Gupta 24 May 2021 · 1 min read ऐ जिंदगी ऐ जिंदगी यह बता दें तू मुझे कितने दुख और झेलने हैं मुझे। तेरे दिए हर दुख को मैं सहता रहा जिंदगी जीने की कोशिश करता रहा। बस अब और... Hindi · कविता 2 299 Share Shriyansh Gupta 6 Feb 2021 · 1 min read बॉर्डर पर किसान बॉर्डर पर पहुंचा किसान यह देखकर चौक गया हर इंसान। शक नहीं है उसे किसी भी बात पर लेकर रहेगा वह अपना हक हर हाल पर। सहारे की इस बार... Hindi · कविता 5 3 429 Share Shriyansh Gupta 31 Jan 2021 · 1 min read रंगभेद आधुनिक विश्व के हम हैं निवासी फिर भी रह गए गवार हम क्योंकि चाँद-मंगल पर पहुंच गए हम पर रंगों से बीमार है हम। रंग देखकर मूड बदलते बदलते अपना... Hindi · कविता 3 336 Share Shriyansh Gupta 20 Nov 2020 · 1 min read जो पास है जो पास है वो सिर्फ़ आज है भूत भविष्य तो बस मन का एक ख़्वाब हैं। आज में ही जीना है तुम्हें कुछ और नहीं सोचना है तुम्हें। अभी के... Hindi · कविता 2 369 Share Shriyansh Gupta 15 Aug 2020 · 1 min read बँटवारा आज़ादी का हाथ थाम कर आया बटँवारा इस देश में। तहस नहस कर दिया सब कुछ जिसने पूरे भारत देश में। जो दोस्त थे कभी वो लड़ने लगे थे भाई... Hindi · कविता 4 528 Share Shriyansh Gupta 19 Jul 2020 · 1 min read सियासी हिंदुस्तान हर पल, हर घड़ी घुट-घुटकर जीते लोग यहाँ। सूखा, बाढ़, भुखमरी से हर साल जूझते लोग यहाँ। देश की बेटियों की सुरक्षा है बहुत बड़ा सवाल यहाँ। कर्ज़ के भारी... Hindi · कविता 7 3 255 Share Shriyansh Gupta 7 Jul 2020 · 1 min read सौगंध नहीं जानती तुम मां भारती मैं तुमको कितना चाहता हूँ इसीलिए तुम्हारी रक्षा की सौगंध आज मैं खाता हूँ। आँच नहीं आने दूंगा मैं तुम्हारी आन-बान और शान पर मै।... Hindi · कविता 1 4 787 Share Shriyansh Gupta 20 Jun 2020 · 1 min read नमन! नमन! नमन! नमन! वीर तुमको मेरा नमन तुम्हारे बलिदान पर रो रहा है यह गगन। देश सुरक्षा की खातिर सब कुछ तुमने त्यागा था, भारत मां के प्यार की खातिर... Hindi · कविता 4 5 481 Share Shriyansh Gupta 10 Jun 2020 · 1 min read ज़िंदगी एक हसीन तोहफा है जिंदगी। फूल बनकर मुस्कुराना, मुस्कुरा कर गम भुलाना है जिंदगी। माँ का प्यार, यारो की यारी है जिंदगी। हार को जीत मे बदलना या नामुमकिन को... Hindi · कविता 3 4 255 Share Shriyansh Gupta 5 Jun 2020 · 1 min read एक आवाज़ पर्यावरण की मुझ पर एक अहसान जताओ मुझ पर तुम कोई जुर्म न ढ़हाओ मेरे इस अस्तित्व को कृपया कर तुम ही बचाओ। मै नहीं तो तुम भी नहीं अपने लिए तो... Hindi · कविता 2 2 411 Share Shriyansh Gupta 3 Jun 2020 · 1 min read हम ज़िंदा कब थे ? हम ज़िंदा कब थे ? अगर हम जिंदा होते तो. किसी औरत का बलात्कार नही सहते, किसी व्यक्ति की निंदा नही करते, भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाते, न कि उसमें... Hindi · कविता 4 5 287 Share Shriyansh Gupta 29 May 2020 · 1 min read प्रलयंकारी कोरोना हाहाकार मचा आज इस धरती पर भूचाल आया आज इस धरती पर। इंसान को अपने कद का आभास हुआ काल की शक्ति का उसे अहसास हुआ। बलशाली से बलशाली भी... Hindi · कविता 4 2 477 Share