Naresh Pal Language: Hindi 96 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Naresh Pal 10 Feb 2018 · 1 min read वो बीते हुए पल वो बीते हुए पल हमें अब् याद आते हैं गाँव के। वो बचपन के दिन हमें याद आते हैं गाँव के।। आँगन में नीव का पेड़ था एक बड़ा हड़ा... Hindi · कविता 3 1 467 Share Naresh Pal 10 Feb 2018 · 1 min read तपा रहे हो तपा रहे हो इसे जानते हैं कि अटूट होता है। दिखा रहे हो इसे मग़र पानी में बुझने के बाद ही मजबूत होता है।। किन्तु अब छुपा के रख लो... Hindi · कविता 2 1 495 Share Naresh Pal 10 Feb 2018 · 1 min read गरीबी है उसके घर में गऱीबी है उसके घर में ,कौन सा खजाना है। लूट लिया उसे भी दिन में ,वो अनजाना है।। कल झोपडी थी अपनी,जिशम से भी प्यारी जला गया कोई अँधेरे में,सुनो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 462 Share Naresh Pal 10 Feb 2018 · 1 min read तेरे सवालों का जबाब तेरे सवालों का जवाव मुशिक्ल हुआ मुझे। कोशिश ए लगा हूँ ,मत देना वरदुआ मुझे।। दविश बोझों की साकिया,मुझपे वेशुमार है होके टशन में उनकी,मत कर अनछुआ मुझे।। कभी बुरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 329 Share Naresh Pal 26 Jan 2018 · 1 min read खुली रखी है हमारी किताब ऐं जिंदगी की जन्म से खुली रखी हैं। जितना हमें दिया है, हमने वो सब जोड़ बनाके रखी हैं।। हमारे दिल में नहीं है कि ढेरों रकब को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 562 Share Naresh Pal 26 Jan 2018 · 1 min read जंतर लिए बैठे हैं उधर वो हाथ में जंतर लिए। आ रहे हैं इधर वो फिर हाथ में मन्तर लिए।। अग़र की जलती प्यालियाँ हैं भीतर रखी सजी बाहर हैं भिखारी बने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 332 Share Naresh Pal 26 Jan 2018 · 1 min read अकेले में वो यादें आती हैं जब बैठे हो अकेले में । जैसे तड़पता है कोई घुसे जब कबेले में।। कहां डालें हम कल की उन परछाइयों को खिर रही हैं वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 298 Share Naresh Pal 26 Jan 2018 · 1 min read तहजीब निकला विसवास के अंधेरों से मजबूर होके तहजीब निकला। हम सिर सहलाते रहे मनु का ,दोश्त मजीद निकला।। सीख कहाँ मानी शहद समझ के पीते रहे नासमझ नशा उतरा तव समझ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 574 Share Naresh Pal 26 Jan 2018 · 1 min read क्या जानूँ कुदरत क्या है आदमी के वश में रहके में क्या जानूँ कुदरत क्या है। आँखें देखता हूँ शाम तक, क्या जानूँ मैं इशरत क्या है। दिन निकलते ही चौराहे पे होती है हाजिरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 323 Share Naresh Pal 26 Jan 2018 · 1 min read नसीहत कुछ भी नहीं भले आदमी के मुहं पे थुक जाए,नसीहत कुछ भी नहीं। नँगा ग़लीयों में नाचे कूदे,मग़र,फजीहत कुछ भी नहीं।। अजीब चलन है जमाने का शर्म वाकी नहीं रह गयी ग़रीब इंसान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 481 Share Naresh Pal 26 Jan 2018 · 1 min read *बताना क्या है* हमें कितनी मोहब्बत है तुमसे,बताना क्या है। गीत रह जाएंगे गुंन गुनाने के लिए,जताना है।। हमारे बुजुर्गों के हौशले नहीं पढ़े तुमने अभी जिशम ए रंग निछावर कर दिया जाना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 494 Share Naresh Pal 21 Jan 2018 · 1 min read हथकरियां बहुत चाहिए । जरूरत पड़ रही है यकायक हथकरियां बहुत चाहिए।। बीमारों के दिमाग़ में गन्दगी सड़ी मखरियाँ बहुत चाहिए।। चाट लेंगी लिपट के बदबू भरी कुछ भिनभिना भी लेंगी दिनरात वही घुटरघूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 244 Share Naresh Pal 21 Jan 2018 · 1 min read *सरहद के पार कर दो* हटा दो दुश्मनों को दूर उन्है सरहद के पार कर दो । ये दिखें ना काफ़िर इधर मामला आर पार कर दो ।। बक़्त आ गया है पिला दो जूनून... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 444 Share Naresh Pal 20 Jan 2018 · 1 min read *मोहब्बत का दस्तूर ऐसा * मुद्दतों से चला आ रहा है ,मोहब्बत का दस्तूर ऐसा। है आया क्यों दिल में आज,ये गमगीन फितूर ऐसा।। सारा जहां हमारा है यह कहना लाजिमी तो है मग़र कट... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 485 Share Naresh Pal 19 Jan 2018 · 1 min read *उस पार हमें * अपनी किश्ती को ले जाने दो तुम ,उस पार हमें। आ गया है गुजर के जाना,अपनी रफ़्तार पे हमें।। जिकर उन फितरतों का किया है बार बार तुमसे जनाजा खासियतों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 511 Share Naresh Pal 19 Jan 2018 · 1 min read *तुम्हारे सवालों में* उलझ के रह गयी जिंदगी अपनी तुम्हारे सवालों में। यार सब तरफ बो सी रखीं हैं फसादें,हमारे खयालों में।। दिखाया है कोई करिश्मा अब तक,ढंग भरा तुमने दौड़ें जिसमें भरोसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 321 Share Naresh Pal 19 Jan 2018 · 1 min read *दांव आजमाने लगी हैं* दाँव आजमाने लगी हैं सियासतें,गाँव में नगर में। कब तक चुप रहके बैठेंगे अब, कौओं के शहर में।। मिठास दिखती थी हलक में तव ,पहरुओं के वो अब् फ़लक ने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 444 Share Naresh Pal 19 Jan 2018 · 1 min read *मन चाहे जो करिए* कुछ नहीं होता है यहां ,मन चाहे जो करिए । जहां आदमी मालिक हो, कतई मत डरिये ।। यहां पे जिंदगी खराब है, तो बस वेसबूर की ग़लीयों से क्यों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 457 Share Naresh Pal 19 Jan 2018 · 1 min read *रिझाया तो बहुत* रिझाया तो बहुत मग़र ,नहीं पयामों के पाबन्द निकले। बाँहें उठा के दिखाया तो बहुत ,मग़र नहीं पसन्द निकले।। मेरी फुंगाँ को कभी सुना तुमने,यार किस तरह सहा है हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 481 Share Naresh Pal 19 Jan 2018 · 1 min read *करिए कुछ करिए* करिए करिए मुलाज़िम,जमुरियत के लिए कुछ तो करिए। मौक़ा दो संवरने का सरकार, और खुद भी सुधरिये ।। तुम तखत पे आसीन हुए तो कुछ जिम्मेदार भी बनो मालिक़ हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 370 Share Naresh Pal 19 Jan 2018 · 1 min read *धरम भी कहें हम * पलने लगे इंसानियत जिगर में,तो इसे धर्म भी कहें हम। निकल जाए आँखों से नफरत,तो आई शरम भी कहें हम। खंडहर को नज़ाकत दिखाने से ,क्या फायदा होता तुम्हें तारीफ़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 449 Share Naresh Pal 19 Jan 2018 · 1 min read *रोष दिखाने का * तुम्हारी तरह बक़्त कहाँ है, हमें रोष दिखाने का । करते रहो बदतमीजी भर ,हमें खौप से डराने का।। हम जुट जाते हैं काम पे ,तो सर करके छोड़ते हैं,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 263 Share Naresh Pal 19 Jan 2018 · 1 min read *इंद्रधनुष के समय * मन प्रफुल्लित हो छोटी बूंदें, बैठीं -आकर -इंद्रधनुष -पर । तन बेध रहीं रवि की किरणें बन प्रत्यंचा के प्रखर शर ।। कुछ लटकी भटकी बूंदें भी लसे -सतरंगी -श्रंगार-... Hindi · कविता 491 Share Naresh Pal 18 Jan 2018 · 1 min read *प्राप्त तुम्हे यह अधिकार * निर्ममता के निर्मम बन्दों ,प्राप्त तुम्हें यह अधिकार। अपनी थपकी गोद सुलाते , औरों को देते दुत्कार ।। अपनी खुशियां अप में बांटे, में माँगूँ तो जमकर डांटे। मेरी छोटी... Hindi · गीत 252 Share Naresh Pal 18 Jan 2018 · 1 min read *बदला बदला * बदला बदला सा दिखता है मौसम आजकल। हुआ उतारू धोखा देना ,मौसम---- आजकल। बरसाती मांसों के बादल ,हुए ----ठंड से पीले । लगे वरसने ताराओं के, सपने ---होकर-- गीले ।... Hindi · कविता 257 Share Naresh Pal 18 Jan 2018 · 1 min read *फिर भी है समझाना * माना तू ग्यानी है मानव ,फिर भी है समझाना । अभी चेत जा समय शेष है ,फिर होगा पछतांना। बच कर कहाँ जाएगा प्यारे, मौत डाल गयी डेरा । उठ... Hindi · कविता 391 Share Naresh Pal 18 Jan 2018 · 1 min read *चुप बैठें * तुम बहरे हो तो क्या ? हम सुनके भी चुप बैठें । वेदम समझते हो तो क्या ,हम पिटके झुक बैठें।। हमारा सलाद बनाने की जोखिम मत लो मिंया जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 502 Share Naresh Pal 18 Jan 2018 · 1 min read *तुमने पढ़ा नहीं* दिल ए अखबार पे छ्पा है क्या ? तुमने पढ़ा नहीं । मेरी कशिश को क्यों ?अपनी दिले परत में गढा नहीं।। हरेक वरक़ पे मेरी ,अनगिनत लकीरें कूँड़ सी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 340 Share Naresh Pal 17 Jan 2018 · 1 min read *काले * तन के काले मन के काले । एंडी से चोटी तक काले।। फिर भी कहते 'पुरषोत्तम,। कहो नीच हो,याकि उत्तम । हंस नहीं बन सकते अप्रिये, चाहे चोंच अपनी मांज... Hindi · गीत 553 Share Naresh Pal 17 Jan 2018 · 1 min read *नेक है जो आज भी * नेक है जो आज भी, वो ख़ाक छानता है । तरेरता है आँख जो , वो पाग छानता है ।। हैं सत्यता की रेखियां , विसवास कीजिये वे ना जाने... Hindi · कविता 540 Share Naresh Pal 17 Jan 2018 · 1 min read *जिंदगी से प्यारा है* गुरु का भजन करना ,हमें जिंदगी से प्यारा है। भूल कैसे जाऊं जिसने,ये जीवन सँवारा है ।। बालक में अबोध था ,जब धरती पे आया । रहना है किस विधि... Hindi · गीत 540 Share Naresh Pal 9 Jan 2018 · 1 min read *बोटी बोटी ले जा रे* किंचित भी ना मुझे छोड़ना, बोटी बोटी ले जा रे । मेरी क्या है ?मैं तुच्छ तुम्हें,शब्द और थुक जा रे ।। ढक लूंगा चीथड़ों से शर्म, ले लूंगा आड़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 268 Share Naresh Pal 8 Jan 2018 · 1 min read *हैं अपनी आशाएं* अपने हाथों और क्या है ?हैं अपनी आशाएं । होंगी या ना होंगी पूरी, वस बैठे हम पछताएं।। सहम रहे हैं सभी रास्ते ,गलियाँ डरीं हुयी हैं । थर थर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 543 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read *उड़ना संभल संभल के* उड़ना संभल संभल के पंछी,उड़ना संभल संभल के। अपलक दृष्टि डाल दूर तक,तव कदम उठाना तल के।। जाना है जिस ओर दिशा में ,तुम उस पर दृष्टि डालो । कच्चा... Hindi · कविता 559 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read *काम पर जाए * वेचारा रोज वह, मेहनत के काम पर जाए । मस्त होके करता है शाम तक,मन लगाये।। डाँटता है वो भरी दुपहरी में,आके बीच में वजन थोड़ा उठाता है ,तुझे शरम... Hindi · कविता 252 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read *शान्ति मिलती रहे* जहां भी हो वो आत्मा,वस शान्ति मिलती रहे। जन्नत में उनकी हमेशा,वो कान्ति खिलती रहे।। मैं अकिंचन हूँ ,खुश रहें वो अपनी ठौर पे वहां खबर मेरी भी उन्हें ये,... Hindi · कविता 613 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read *मछलने लगे* वो तोड़ने को चाँद हैं,हंसके मन्छलने लगे । जब से दादी की गोद में हैं, सम्भलने लगे ।। हौशला देखके मासूम का आँखें हंसती हैं दूध के दांत भी अब्... Hindi · कविता 295 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read *हाथ से निकल जाएगा* ये बक़्त है , फिर हाथ से निकल जाएगा । पता नहीं ये चाँद फिर, कहाँ ढल जाएगा।। ले लो ना उजाला अभी तुम , इसी हाल में पता नहीं... Hindi · कविता 733 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read *अंधता कब दूर होगी* चाहता हूँ मैं पूंछना ,यह अंधता कब दूर होगी। छलती रही इस तरह तो,कब यह मजबूर होगी।। थमा गया कौन उनको, भेद क्यों खुलता नहीं है शाप किस दोष का... Hindi · कविता 1 255 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read *उदास आये * पत्थर उठाके फेंके ,लौटे तो उदास आये । सियासत के प्यारे को ,उन्माद रास आये ।। जब भी पूंछो तो यार ,मजबूरी ही बतावे है तिजारत का तजुर्वेकार है क्योँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 493 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read *बोला नहीं करते* समझदार कभी ज्यादा, बोला नहीं करते । तिजारत बाले कभी ,वाट तोला नहीं करते।। तोते बोलते हैं ,रटाई गई तहजीब हमेंशा तकदीर बेचने वाले,भेद खोला नहीं करते।। सीधे रास्ते से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 276 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read *नहीं बता पा रहे हैं हम * अपना दर्द किसी को नहीं बता पा रहे हैं हम। यों ही सहने का हुँनर नहीं बता पा रहे हैं हम ।। कभी बारहबी में हुआ था दर्द ठूंठ का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 247 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read *बेटियों के बाप* बेटियों के बाप हैं तो क्या प्राणों की सांस उनमें बसती हैं।। पाके गोद हंसती है वो जैसे आंगन में किरण हंसती है।। हमें कितना वेशुमार प्यार दिया हमारी इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 488 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read *मिलने वाला नहीं है * उनकी फ़रियाद में कुछ ,मिलने वाला नहीं है । जाना वेजान पत्थर वो पिघलने वाला नहीं है ।। हमें याद है अगरबत्तियां जलाने का शौक वो धुँआ उड़ते देखा समझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 237 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read *एकांत नहीं मिलता* एक पल अमन हो , वो एकांत नहीं मिलता। हर कोई वजह में उलझा शांत नहीं मिलता।। याद है मुझे बहुत पहले की,वो सुबह आ जाते थे अब् इस दुनिया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 276 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read *गमों का खजाना* विरासत में मिला है ,गमों का खजाना। मुझे रास आ गया है , इनको निभाना ।। आ और आ मजबूर हो जाए तो कहना बड़ा मजबूत है यार , तेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 552 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read * कंगूरे पे बैठे हैं* कंगूरे पे बैठे हैं यह देखिए करिश्मा हम रास्ते के फलक में खड़े,यह है नसीव अपना।। हमें डर है कि रुखसत ही सलामत रहे तुम समेंट लो मुल्क सारा ,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 271 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read *शांत लहरों को मत छेड़ो* शांत लहरों को मत छेड़ो,आँखें लाल हो जाएंगी। ग़र तासीर गरम हो उठी,तो फिर काल हो जाएंगी।। बो बात अलग है कि हमें आग उगलना नहीं आता आंधियां बनीं तो,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 265 Share Naresh Pal 3 Jan 2018 · 1 min read *अब् तो घूम लिया है * अब् तो घूम लिया है तुमने, पूरा यह संसार। बन्द करो अब् नयना नर्तन,पथ के यायावार।। दो छोड़ लकीरें महा घिनौनी दूर हटा दो खंजर फेंको । अपनी अश्मत सबको... Hindi · गीत 196 Share Naresh Pal 3 Jan 2018 · 1 min read * समय * दौड़ रहा है पकड़ो इसको,कदापि व्यर्थ मत जाने दो। खाली मस्तक के मंदिर में,एक नई किरण तो आने दो।। जीवन में कब हो जाए उजाला, भला पता रहता किसको ।... Hindi · कविता 1 391 Share Page 1 Next