Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2018 · 1 min read

*धरम भी कहें हम *

पलने लगे इंसानियत जिगर में,तो इसे धर्म भी कहें हम।
निकल जाए आँखों से नफरत,तो आई शरम भी कहें हम।

खंडहर को नज़ाकत दिखाने से ,क्या फायदा होता तुम्हें
तारीफ़ इसमें है ,जब किसी कमजोर को मरहम बने हम।।

कैसी आदतें पाल रखी हैं वेहुदी सी,कहना बुरा लगता है
फ़िजा तो तव महके,जब अच्छी बातों का जिकर करें हम।।

मर कुचल रहे हैं लोग वेचारे,हंस के चले जाते हैं कितने
दिलों में मोहब्बत जब जाने , उसका हाथ पकड़ मरें हम।।

जानवर भी खाल नहीं नोचते किसी की,वे रहमीं दिख़ाके
थू है मग़र तेरी हैवानियत को,जिंदगी का तो डर करें हम।।

हाय!निकलती है ‘साहब’ जब फुँगां रोकर चिल्लाती है
अपने भी प्राण निकलेंगे कभी,कुछ तो सोच सचर करें हम।।

359 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जिंदगी मौत से बत्तर भी गुज़री मैंने ।
जिंदगी मौत से बत्तर भी गुज़री मैंने ।
Phool gufran
आतंकवाद
आतंकवाद
नेताम आर सी
जीवन एक सफर है, इसे अपने अंतिम रुप में सुंदर बनाने का जिम्मे
जीवन एक सफर है, इसे अपने अंतिम रुप में सुंदर बनाने का जिम्मे
Sidhartha Mishra
* जिंदगी में कब मिला,चाहा हुआ हर बार है【मुक्तक】*
* जिंदगी में कब मिला,चाहा हुआ हर बार है【मुक्तक】*
Ravi Prakash
उठे ली सात बजे अईठे ली ढेर
उठे ली सात बजे अईठे ली ढेर
नूरफातिमा खातून नूरी
वीरबन्धु सरहस-जोधाई
वीरबन्धु सरहस-जोधाई
Dr. Kishan tandon kranti
खुबिया जानकर चाहना आकर्षण है.
खुबिया जानकर चाहना आकर्षण है.
शेखर सिंह
श्री रामचरितमानस में कुछ स्थानों पर घटना एकदम से घटित हो जाती है ऐसे ही एक स्थान पर मैंने यह
श्री रामचरितमानस में कुछ स्थानों पर घटना एकदम से घटित हो जाती है ऐसे ही एक स्थान पर मैंने यह "reading between the lines" लिखा है
SHAILESH MOHAN
दिल के अरमान मायूस पड़े हैं
दिल के अरमान मायूस पड़े हैं
Harminder Kaur
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
Suryakant Dwivedi
मन में मदिरा पाप की,
मन में मदिरा पाप की,
sushil sarna
■ चाहें जब...
■ चाहें जब...
*Author प्रणय प्रभात*
हर मुश्किल से घिरा हुआ था, ना तुमसे कोई दूरी थी
हर मुश्किल से घिरा हुआ था, ना तुमसे कोई दूरी थी
Er.Navaneet R Shandily
तुम शायद मेरे नहीं
तुम शायद मेरे नहीं
Rashmi Ranjan
*तेरे इंतज़ार में*
*तेरे इंतज़ार में*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Never settle for less than you deserve.
Never settle for less than you deserve.
पूर्वार्थ
आज का यथार्थ~
आज का यथार्थ~
दिनेश एल० "जैहिंद"
आज का दौर
आज का दौर
Shyam Sundar Subramanian
ये साल भी इतना FAST गुजरा की
ये साल भी इतना FAST गुजरा की
Ranjeet kumar patre
बरसात...
बरसात...
डॉ.सीमा अग्रवाल
🔘सुविचार🔘
🔘सुविचार🔘
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
सारी तल्ख़ियां गर हम ही से हों तो, बात  ही क्या है,
सारी तल्ख़ियां गर हम ही से हों तो, बात ही क्या है,
Shreedhar
हृदय वीणा हो गया।
हृदय वीणा हो गया।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
बोलो क्या कहना है बोलो !!
बोलो क्या कहना है बोलो !!
Ramswaroop Dinkar
राम कहने से तर जाएगा
राम कहने से तर जाएगा
Vishnu Prasad 'panchotiya'
ऐ ख़ुदा इस साल कुछ नया कर दें
ऐ ख़ुदा इस साल कुछ नया कर दें
Keshav kishor Kumar
मुझे मुझसे हीं अब मांगती है, गुजरे लम्हों की रुसवाईयाँ।
मुझे मुझसे हीं अब मांगती है, गुजरे लम्हों की रुसवाईयाँ।
Manisha Manjari
Ab maine likhna band kar diya h,
Ab maine likhna band kar diya h,
Sakshi Tripathi
सच कहा था किसी ने की आँखें बहुत बड़ी छलिया होती हैं,
सच कहा था किसी ने की आँखें बहुत बड़ी छलिया होती हैं,
Sukoon
💐प्रेम कौतुक-319💐
💐प्रेम कौतुक-319💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...