नेहा शर्मा 'नेह' 28 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid नेहा शर्मा 'नेह' 14 Feb 2024 · 1 min read 25) मुहब्बत है तुमसे... सही है यह और यकीं भी है मुझे, मेरे हो तुम और चाहते हो तुम मुझे। यह इल्म भी है मगर दिल को, कि दूर हो जाओगे तुम देकर गम... Poetry Writing Challenge-2 3 104 Share नेहा शर्मा 'नेह' 14 Feb 2024 · 1 min read 24) पनाह चल रहे थे अनजानी राह पर कदम, बढ़ते जा रहे थे अँधेरे में जाने कहाँ कि आ गए तुम अचानक मसर्रतों का चिराग ले कर, मेरी बेमायने ज़िंदगी में बहार... Poetry Writing Challenge-2 1 99 Share नेहा शर्मा 'नेह' 14 Feb 2024 · 1 min read 23) मुहब्बत दूर हो कर भी दिल के करीब हो तुम, करुँगी मुहब्बत तुम्हीं से करीब रहो या दूर तुम। इसी पाक मुहब्बत की कसम है तुम्हें मगर, 'गर ताल्लुक है मुझसे... Poetry Writing Challenge-2 1 134 Share नेहा शर्मा 'नेह' 14 Feb 2024 · 1 min read 22) भ्रम राहे-उल्फत में सहनी पड़ेंगी दुश्वारियां भी, पाक मुहब्बत का इक इम्तिहान होगा यह भी। अपनी तो फिक्र नहीं कोई मुझे, बिछुड़ कर भी दिल तुम्हारा ही रहेगा हरदम, तुम्हारा ही... Poetry Writing Challenge-2 1 91 Share नेहा शर्मा 'नेह' 14 Feb 2024 · 1 min read 21) इल्तिजा एक जज़ीरे की मानिंद है यह दिल मेरा, आते हैं लोग चले जाते हैं, छोड़ जाते हैं यहाँ अपनी कड़वी-मीठी याद। औरों की तरह तुमने भी तो यही किया इसके... Poetry Writing Challenge-2 1 123 Share नेहा शर्मा 'नेह' 13 Feb 2024 · 1 min read 20) दिल ऐ दिले-नादान क्यूँ मुज़्तरिब है इस कदर !! क्यूँ ख़ुद भी और मुझे भी सुकून नहीं लेने देता !! खुदा के वास्ते न कर याद उसे, फुरसत नहीं एक लम्हा... Poetry Writing Challenge-2 1 84 Share नेहा शर्मा 'नेह' 13 Feb 2024 · 1 min read 19) एहसास खुशकिस्मत हैं यह चांद तारे, दीदार तेरा नसीब है जिन्हें। दुआ है मेरी मैं भी इक सितारा बन कर, रात की पुरसुकूं फिज़ा में, तन्हाई के उन खामोश लम्हों में,... Poetry Writing Challenge-2 1 139 Share नेहा शर्मा 'नेह' 13 Feb 2024 · 1 min read 18) ख़्वाहिश अक्सर जब दर्दे-मुहब्बत लिए तन्हा तेरे इंतज़ार में बैठी होती हूँ तो तेरी याद गम को साथ लिए तेरे न आने का अंदेशा देती है। उस लम्हा मेरे ज़ेहन में... Poetry Writing Challenge-2 1 149 Share नेहा शर्मा 'नेह' 13 Feb 2024 · 2 min read 17) ऐ मेरी ज़िंदगी... ऐ मेरी ज़िंदगी सुन, सुन तू हाल-ए-दिल मेरा, मुखातिब हूँ आज तुझी से ऐ मेरी ज़िंदगी... सोचा था तुझसे बेहतर, तुझसे बढ़कर, तुझसे प्यारा, सच्चा हमदम नहीं दुनिया में कोई,... Poetry Writing Challenge-2 1 68 Share नेहा शर्मा 'नेह' 13 Feb 2024 · 1 min read 16) अभी बाकी है... किताब-ए-ज़िंदगी में पहला पन्ना तेरे नाम का, अभी तो कहानी लिखना बाकी है। ज़िंदगी की उलझनों में कुछ इस कदर उलझ गए हैं, कि उम्र तो कट गई पर ज़िंदगी... Poetry Writing Challenge-2 1 76 Share नेहा शर्मा 'नेह' 13 Feb 2024 · 1 min read 15) मेरे जीवन का रोशन पहलू मेरे जीवन का रोशन पहलू कौन सा था? कैसा था? याद नहीं। याद है तो इतना ही कि इक रोशनी आई थी ज़िंदगी में मेरी... मुहब्बत की रोशनी मगर खो... Poetry Writing Challenge-2 1 109 Share नेहा शर्मा 'नेह' 13 Feb 2024 · 1 min read 14) अक्सर सोचती हूँ... तन्हाई तड़पाने लगती है जब मुझे, रात काली नागिन सी डसने लगती है जब मुझे, तेरे दीदार की हसरत लिए अक्सर सोचती हूँ मैं.... इक हवा का झौंका होती मैं,... Poetry Writing Challenge-2 1 50 Share नेहा शर्मा 'नेह' 13 Feb 2024 · 1 min read 13) परवाज़ कब कबूल हुआ है ज़माने को, तक़दीर को हमारा मिलन। खौफे-रुस्वाई ने भी तो ज़माने का ही साथ दिया हरदम। किनारा कर सकूँ तुमसे दिल को गवारा न हुआ कभी,... Poetry Writing Challenge-2 1 51 Share नेहा शर्मा 'नेह' 13 Feb 2024 · 1 min read 12) मुमकिन नहीं अक्सर तुम्हारे ख़्यालों में खोया दिल, यह नामुराद दिल सोचता है अक्सर... नामुमकिन तो नहीं मगर मुमकिन भी नहीं कि तुम आओ मिलने हमें मगर न मिलने पर मायूस न... Poetry Writing Challenge-2 2 68 Share नेहा शर्मा 'नेह' 13 Feb 2024 · 1 min read 11) मगर तुम नहीं आते... याद आती है तुम्हारी, मगर तुम नहीं आते। डस जाती है तन्हाई, मगर तुम नहीं आते। भर आती हैं आँखें, मगर तुम नहीं आते। तड़प उठता है दिल, मगर तुम... Poetry Writing Challenge-2 1 92 Share नेहा शर्मा 'नेह' 13 Feb 2024 · 1 min read 10) पैगाम वो दो परिंदे देखे थे जो सुबह-सवेरे, हम दोनों ही थे वो, हमारा ही अक्स था उनमें। कितनी देर बैठे रहे यूँ ही दोनों, शायद कुछ गुफ्तगू कर रहे थे... Poetry Writing Challenge-2 1 89 Share नेहा शर्मा 'नेह' 13 Feb 2024 · 1 min read 9) दिल कहता है... दिल कहता है तू दीया मैं बाती बन जाऊँ, पर प्यार कहता है नहीं बाती तो जल जाती है दीये को तन्हा छोड़ कर। दिल कहता है तू शमा मैं... Poetry Writing Challenge-2 1 108 Share नेहा शर्मा 'नेह' 12 Feb 2024 · 1 min read 8) वो मैं ही थी.... गुज़री शाम देखा हो 'गर आसमां की जानिब तुमने, इक अकेला पंछी उड़ता नज़र आया होगा तुम्हें। नज़रअंदाज़ कर दिया होगा जिसे तुमने मगर, याद करो तो मेरा अक्स नज़र... Poetry Writing Challenge-2 1 56 Share नेहा शर्मा 'नेह' 12 Feb 2024 · 1 min read 7) तुम्हारी रातों का जुगनू बनूँगी... कब तक बाँटोगे दुःख-दर्द मेरे, सहोगे कब तक यह सब तुम मेरे लिए ? जुदा ही हो जाना है हमें एक दिन, एहसास है मुझे और जानते हो तुम भी... Poetry Writing Challenge-2 2 121 Share नेहा शर्मा 'नेह' 12 Feb 2024 · 1 min read 6) इंतज़ार आज शाम भीनी-भीनी फ़िज़ा में, निगाह जो उठ गई खुले आसमां की जानिब, आँसू आ गए यकायक इन आँखों में, हर आँसू तुम्हारा ही अक्स लिए था। तुम्हारी जुस्तजू में... Poetry Writing Challenge-2 1 115 Share नेहा शर्मा 'नेह' 12 Feb 2024 · 1 min read 5) दुआ तुमसे मुहब्बत और फिर जुदाई का एहसास दिल में लिए, तड़प कर दुआ की है खुदा से अक्सर, सब कुछ दिया तूने इस जन्म में। दिल दिया तूने दिलदार दिया,... Poetry Writing Challenge-2 1 120 Share नेहा शर्मा 'नेह' 12 Feb 2024 · 1 min read 4) इल्तिजा सुबह की भीनी-भीनी फ़िज़ा में, गूँजता है सिर्फ तेरा ही नाम। रात के बेकरां सन्नाटे में, गूँजता है सिर्फ तेरा ही नाम। और यह दिल, यह नादान दिल पुकारता है... Poetry Writing Challenge-2 1 137 Share नेहा शर्मा 'नेह' 12 Feb 2024 · 1 min read 3) बारिश और दास्ताँ आज बारिश जो आ गई, आ गई याद मुझे माज़ी की हर बात। पहली दफा लुत्फ़ लिया था बारिश का तेरी ही बज़्म में, हर बारिश तब लुत्फ़ दे जाती... Poetry Writing Challenge-2 1 106 Share नेहा शर्मा 'नेह' 12 Feb 2024 · 1 min read 2) इक तेरे न आने से... इक तेरे न आने से शाम भी न आई हो, ऐसा भी नहीं... हाँ, आई थी शाम, मगर रंगीन नहीं थी वह। शाम तो थी मगर, वो चाय की प्याली... Poetry Writing Challenge-2 1 90 Share नेहा शर्मा 'नेह' 12 Feb 2024 · 2 min read 1) जी चाहता है... याद आती है जब कभी बेवफाई तुम्हारी, तुमसे मुँह फेर लेने को जी चाहता है। लेकिन फिर तुम्हारी मासूमियत पर तभी, तुम्हारी भूल को नादानी कह देने को जी चाहता... Poetry Writing Challenge-2 1 79 Share नेहा शर्मा 'नेह' 23 May 2022 · 1 min read पिता “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह "पिता" जिंदगी की धूप में पीपल की घनी छांव है पिता, गम के अंधेरों में उम्मीद की रोशनी है पिता, डोलती है जब... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · मुक्तक 10 5 380 Share नेहा शर्मा 'नेह' 23 May 2022 · 1 min read पिता “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह "पिता" पिता वो शिव है जो जीवन का मंथन कर परिवार के कष्टों का विष स्वयं धारण कर सुख वैभव रूपी अमृत अपनी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 3 5 363 Share नेहा शर्मा 'नेह' 1 Nov 2018 · 1 min read माँ अपने चेहरे में दिखती है मुझे तेरी सूरत मां, देखूं जहां भी दिखती हो तुम ही तुम हर सू मां। मेरी सांसों में घुली है तेरी ममता की गरमाहट, मेरी... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 23 1k Share