सिद्धार्थ गोरखपुरी Tag: ग़ज़ल/गीतिका 61 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सिद्धार्थ गोरखपुरी 11 Sep 2024 · 1 min read घर का न पूछ हमसे रास्ता घर का जरूरतें दें गईं हैं वास्ता घर का शहर से जरूरतन मोहब्बत है और दिल में है राब्ता घर का उड़ने आसमां में ... आ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 109 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 7 Aug 2024 · 1 min read कर लेगा दिल तो पागल है गुनाह कर लेगा खुद को हौले से तबाह कर लेगा गम से राब्ता है अब उसका ऐसा इक दिन उससे निकाह कर लेगा सुफ़ेद रंग का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 59 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 7 Jul 2024 · 1 min read देखेगा ज़ब वो मेरी आँख की तरफ देखेगा समझ लो ख़ाक की तरफ देखेगा जिसे जलते समय कोई परवाह न थी, वो भला राख़ की तरफ देखेगा?? मुझे मयस्सर है बस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 80 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 2 Mar 2024 · 1 min read आया हूँ मैं ऊपरी मंजिल से उतर आया हूँ के ख्वाब के हर पर कुतर आया हूँ होश है के मैं हूँ किसकी जद में उम्मीद को ताज्जुब है के किधर आया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 682 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 1 Nov 2023 · 1 min read ऐ थाना - ए - गुमशुदा ऐ थाना - ए - गुमशुदा जरा लिख तहरीर मेरी खो गया हैं सुकून और अच्छी वाली तक़दीर मेरी स्याह रातों में मैं होता हूं खुद के हवाले बेजान से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 167 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 25 Aug 2023 · 1 min read वो अक्सर वो अक्सर मैंकदें में मिलता है फिर भी कायदे से मिलता है नशे में था सच बता ही दिया के रिश्ता फायदे से मिलता होश के वायदे से मुकर जाता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 210 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 6 Apr 2023 · 1 min read पवनसुत सिया-राम के असीम स्नेह की पुत्रवत प्रेम की धार पवनसुत भक्त वत्सल करुणानिधान के करुणा के मुक्ताहार पवनसुत शत्रु समक्ष... युद्ध कौशल में दक्ष रघुपति की ललकार पवनसुत भक्ति के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 391 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 1 Mar 2023 · 1 min read असासा तेरा अब भी मेरे पास कीमती असासा है के तूँ अब भी मुझमें बच गया जरा सा है चाहा तुझको मुकम्मल निकाल फेंके तूँ मेरे लिए महज एक....हादसा है आखिर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 186 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 24 Jul 2022 · 1 min read नहीं समझता वक्त कभी हालात नहीं समझता इश्क! मजहब, उमर, जात नहीं समझता खुदा की नजर में तो सब हैं एक जैसे वो खुद के आगे किसी की औकात नहीं समझता जिन्दगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 214 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 16 Jul 2022 · 1 min read और भी है मेरे बारे में तेरा खयाल कुछ और भी है यानि तेरे जेहन में सवाल और भी है रफ्ता - रफ्ता खा रहा है मुझे गम मेरा तेरे वास्ते मुझमें बवाल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 193 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 3 Jun 2022 · 1 min read बचपन पुराना रे ढूंढ़ के ला दो कोई बचपन पुराना रे पुराना जमाना हाँ पुराना जमाना रे बड़ी - बड़ी बातें हम खूब बतियाते थे दोस्तों से मार खाते उनको भी लतियाते थे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 617 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 31 May 2022 · 1 min read शिवाला जाएगा भले ही मुझे मेरे मन से निकाला जाएगा जुबान - जुबान है हमसे न टाला जाएगा आदतन मजबूर हूँ के कोई भूखा न रहे फिर कैसे मेरे मुँह में निवाला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 309 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 27 May 2022 · 1 min read हार जाता है गुरुर बड़ा होने का है मगर ये जान लो यारों प्यास की बात आती है तो समंदर हार जाता है जिसे था गुमां ये के दुनियाँ जीत ली उसने फिर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 162 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 25 May 2022 · 1 min read सावन बना दो किसने तुमसे कह दिया के आँख को सावन बना दो हो छटा बस तेरी सम्मुख इतना बस पावन बना दो साँवरी सूरत तुम्हारी मन को रह - रह छू रही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 274 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 23 May 2022 · 1 min read राशन कार्ड राशन वाले दिन अब लद गए गाँव के लैंड लार्ड के सरकार ने मानक बदल डाले जबसे राशन कार्ड के सरकार श्री का राशन खजाना मुफ्त में अब ना जायेगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 214 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 3 Feb 2022 · 1 min read ख़्वाब दिखाने वाले दुनियाँ की बदल में सब बदल गया जब फिर खुदगर्ज हो गए सारे ज़माने वाले जिंदगी निःरस हो गई दुनियादारी में जब खो गए ख़्वाब देखने वाले और ख़्वाब दिखाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 255 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 12 Jan 2022 · 1 min read शिकायत है तुझे मुझसे शिकायत है,मुझे तुझसे शिकायत है जाने कौन सा माजरा है, नहीं कोई अदावत है रूठे हुए हैं दोनों, किसी बात को लेकर के दिल से तो हुआ है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 214 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 4 Jan 2022 · 1 min read रात भर क्रोध अंतस में उपजे रहे रात भर हम किसी बात में उलझें रहे रात भर क्रोध आया था क्यों जानते हम नहीं इस पहेली के किस्से न सुलझे रात भर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 205 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 25 Dec 2021 · 1 min read कहाँ -कहाँ रखते मेरी जुबान पर अरसे से पाबंदी थी आपकी हमारी चाह थी अपनी बात को खामखा रख दें आपके सामने बोलने पर जुर्म हो जाता आप ही बताइये अपनी बात को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 529 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 25 Dec 2021 · 1 min read चैन की आरज़ू चैन की आरजू थी, तो दवा का कई खुराक लिया-2 क़म्बख्त जिंदगी की खुराक बनते जा रहे हैं शायद हम खाक ही होने को पैदा थे हुए-2 इसलिए खाक पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 553 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 22 Dec 2021 · 1 min read तुम्हारे बस की बात नहीं मैं गुमसुम हूँ यहीं इर्द गिर्द अपने लिए अनेकों अपूर्ण सपने खुद को पाने की तमन्ना बहुत है मेरा जूनून चौकन्ना बहुत है मेरी हो पाई है खुदसे कभी मुलाक़ात... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 420 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 26 Nov 2021 · 1 min read ऐ उम्मीद ऐ उम्मीद! मैं तुमसे छुटकारा चाहता हूँ। क्योंकि मैं खुश रहना ढेर सारा चाहता हूँ। तुम न होती तो भावनाएं आहत न होतीं। किसी से कभी भी कोई चाहत न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 6 728 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 16 Nov 2021 · 1 min read क्या ख़ाक ढूंढे हम तुम्हें ढूंढे या तुम्हारे दिए गुलाब ढूंढें। या तुम्हारे बेतरतीब सवालों के जवाब ढूंढें। तुमको और तुम्हारी दी हुई चीज़ों को ढूंढने में, हम बर्बाद हो गए हैं अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 429 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 2 Nov 2021 · 1 min read आखरी पन्ने कहानी लिखते-लिखते आखरी पन्ने पर आ पहुँचें। हमें ही मालूमात है ये के हम कहाँ-कहाँ पहुँचें। जैसे तैसे कहानी लिख डाली हमने, अब इस कहानी को रुख़सत कर दें। चलो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 323 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 28 Oct 2021 · 1 min read चांदनी रात चांदनी रात और सूनी राहों के बीच। आदमी खड़ा है खुद के गुनाहों के बीच। गुनाह कुछ और नहीं बस मोहब्बत है, के आदमी दिख गया भवनाओं के बीच। वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 455 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 28 Oct 2021 · 1 min read तेरे मेरे दरमियाँ तेरे मेरे दरमियाँ एक रिश्ता है जाना पहचाना सा। जिसमें प्रेम है, विश्वास है ,भरोसा है और न जाने क्या-क्या। प्रेम से ओत-प्रोत मन है ,आत्मा है ,एहसास है। मेरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 206 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 26 Oct 2021 · 1 min read ख़्वाब जो पैदा हुआ ख़्वाब जो पैदा हुआ है मन में ,उसकी परवरिश कर रहा हूँ। वो काबिल हो ,भगवान से ये सिफारिश कर रहा हूँ। जो उम्मीदें सूख चुकीं है हर तरह से,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 361 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 8 Oct 2021 · 1 min read चिंतन मनन कर रहा हूँ अपनी जिंदगी का सृजन कर रहा हूँ। कि अब मैं चिंतन- मनन कर रहा हूँ। कभी सबका जतन कर रहा था मैं, अब बस खुद का जतन कर रहा हूँ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 316 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 26 Sep 2021 · 1 min read बिंदी मखमली सफेद साड़ी और ऊपर से लाल बिंदी। न जाने क्या - क्या करती रहती है कमाल बिंदी। एम्बुलेंस के माफ़िक घायल-ए-दिल ले जाती है, दवा, दुआ बन रखती है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 471 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 11 Sep 2021 · 1 min read होश - ओ- हवास मैं कहाँ अब होश -ओ-हवास में रहा। मैं तो बस अपनी ही तलाश में रहा। काट लिया है भूलने का कीड़ा अबतो, जो कितने दिन से मेरी लिबास में रहा।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 418 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 6 Sep 2021 · 1 min read भुलाया न गया दर्द ऐसा था के भूले से भुलाया न गया । मुस्कान चेहरे पर फिर से लाया न गया। दर्द क्या चीज है ये पूछो न हमसे , आईने को भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 406 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 6 Sep 2021 · 1 min read मेरे हमसफ़र मेरे हमसफ़र तूँ है कहाँ ,मुझे तेरी ही दरकार है। बिन तेरे सूना है आंगन ,जीवन भी मझधार है। एक बार तूँ सुन ले मेरा, मैंने तेरा सुना हर बार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 602 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 1 Sep 2021 · 1 min read तुम भस्मा वाली बाढ़ प्रिये जीवन अब होता जाता है, समय के माफिक गाढ़ प्रिये। मैं राप्ती के रेता सा हूँ ,तुम भस्मा वाली बाढ़ प्रिये। तुम भस्मा के डीह सी सूखी हो, मैं आमी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 957 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 27 Aug 2021 · 1 min read वृंदावन मन कहता है घूम के आएं ,धाम कान्हा का वृंदावन। हो जाएगा इसी बहाने ,उस सांवरे का चरन वंदन। उसकी एक झलक पाने को दिल ये तड़पता रहता है, देख... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 479 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 17 Aug 2021 · 1 min read तन्हाइयों में रात तन्हाइयों में रात गुजरती चली गयी। जिंदगी अपने बात से मुकरती चली गयी। हम सोचते रहे के ये क्या हो गया , कि पाँव के नीचे से धरती चली गयी।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 297 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 28 Jul 2021 · 1 min read न हो रुपैया तो रिश्ते कहाँ हैं। रुपैये ने रिश्तों को बांधा है कस के गर हो न रुपैया तो रिश्ते कहाँ हैं । कंगालों के दामन को छोड़े कभी न, मिलते जहाँ में ऐसे फ़रिश्ते कहाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 262 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 28 Jul 2021 · 1 min read उजाले तुम्हारी यादों के उजाले तुम्हारी यादों के आए। कुछ अपने और कुछ हैं पराए। उजाले तुम्हारी यादों के आए। हटते नहीं है मुसीबत के साए। वक्त है ऐसा की कुछ न सुझाए। उजाले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 229 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 24 Jul 2021 · 1 min read वक़्त! वक्त पर सुबह से शाम होती है ,फिर घना अंधेरा होता है। वक्त! वक्त पर न तेरा होता है ,न मेरा होता है जिंदगी के भागमभाग में वक्त मिलता कहाँ है, अधूरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 464 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 21 Jul 2021 · 1 min read मंगरु भैया कोरोना के सार बना लिहलें मंगरू भैया श्रीबचन कहके ,कोरोना के सार बना लिहले। केहू न जनले कब कोरोना के, बहिन से वियाह रचा लिहलें। कोरोना मंगरु जीजा के ,पांव पखारे आइल बा। हमारे दीदी... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 591 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 17 Jul 2021 · 1 min read ये बे-परवाह जमाना ये मन अक्सर बुनता रहता है ,ख्वाबों का ताना बाना । दिल भी अक्सर छेड़े रहता है ,एक अल्हड़ सा तराना। अभी तो गुमसुम सा रहता हूँ इक छोटी सी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 588 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 6 Jul 2021 · 1 min read सीख जाओगे मेरी गुस्ताखियों से तुम, अकड़ना सीख जाओगे। अपनी गलतियों से फिर, तुम लड़ना सीख जाओगे। कश्ती का भरोसा क्या कभी भी डूब सकती है, तुम्हे फिर कौन रोकेगा ,जब तैरना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 441 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 24 Jun 2021 · 1 min read मशीन और आदमी अब तो आदमी को आदमी से फुरसत हो गयी है। खुशियां न जाने किस ओर रुख़सत हो गयीं है। आखिर आदमी अब आदमी से मोहब्बत क्यों करे, दुनिया को अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 568 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 22 Jun 2021 · 1 min read न तुम ढूंढ पाए न हम ढूंढ पाए यादों के खजाने भरे थे पड़े ,पर लोग उसको कम ढूंढ पाए। जोर जेहन पे हमने डाला कभी ,बमुश्किल किसी का रहम ढूंढ पाए। भावनाओं को ढूंढे जमाना हुआ क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 519 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 17 Jun 2021 · 1 min read पान चबाएं की दाग छुड़ाए चच्चा आँख दबाए पान चबाए ,रह रह कर मन ही मन मुस्काए। चकर बकर देखत हैं चच्चा ,जाने किसपर हैं नजर गड़ाए। सफेद कुरता पर कुछ बूंदे जो चू गयी हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 373 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 4 Jun 2021 · 1 min read एक रुपया एक रुपया में खुश हो जाने वाले ,दिन की बात निराली थी। जेबें तो लिबाज़ में अनेकों थीं,पर सारी की सारी खाली थी। मेरे हमउम्रों को याद हो शायद हर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 415 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 31 May 2021 · 1 min read मुस्कुराया कौन करता है मेरे क्षणिक खुशियों को ,चुराया कौन करता है। मेरे गम को देखकर , मुस्कुराया कौन करता है। मैंने अपनो की फ़ेहरिस्त बड़ी जबरदस्त रख्खी थी, फिर मुझे अपना बनाकर ,पराया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 390 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 30 May 2021 · 1 min read पत्रकारिता दिवस शब्द बयां करते हैं बहुत कुछ, जब कलमकार बोलता है। लोग उसे गलत भी कहते है क्योंकि वह हर बार बोलता है। कथन में वजन आता है और संजीदगी भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 354 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 29 May 2021 · 1 min read नाकामयाब होना बड़ा सताता है ख्वाबों का सिर्फ ख्वाब होना। हसरतों का बरसात के मौसम में आफताब होना। तमाम कोशिशों के बाद भी कुछ हासिल न होना, कितना अजीब होता है न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 464 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 27 May 2021 · 1 min read गाँव की गलियां गांव की गलियां संकरी हैं ,पर चौड़ी सड़कों से बेहतर है। यहाँ प्राणवायु की कमीं नही ,है बहती हवा सरसर है। ऊँची बिल्डिंग के ऊँचे लोगों ,क्या तुमको ये पता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 828 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 18 May 2021 · 1 min read बरसात हो जाये दिमाग दिल की दहलीज पर आये और बात हो जाये। खुद में खुद के नए हसीन रिश्ते की, शुरुआत हो जाये। मैं जब भी उनसे मिलूँ ये ख्वाहिश है मेरी,... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका 3 7 596 Share Page 1 Next