Jitendra kumar nagarwal Language: Hindi 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Jitendra kumar nagarwal 20 Mar 2025 · 1 min read रहिमन धागा बहुत संभाला बहुत निभाया हर बार टूटने से बचाया खामियां शायद हम में थी रहिमन धागा प्रेम का टूट गया Hindi · लेख 45 Share Jitendra kumar nagarwal 12 Mar 2025 · 1 min read तुम पूछती हो तुम पूछती हो में कैसी हूं, ये तो आईना भी नहीं बता सकता। क्या बयां करे शब्दों में शब्द भी गढ़े गये है तुम्हारी सुंदरता में कामदेव भी शर्माते होंगे... Hindi · लेख 40 Share Jitendra kumar nagarwal 8 Mar 2025 · 1 min read नारी तुम्हारी समझ नारी तुम्हारी समझ सब पर भारी जो समझा उसके घर खुशहाली जो नहीं समझा उसके घर तंगहाली तुम हो खुशियों की थाली इसलिए हो घर की मलकानी।। Hindi · लेख 55 Share Jitendra kumar nagarwal 8 Mar 2025 · 1 min read नारी नारी तुम बिन सब अधूरा है जो कुछ पूर्ण है तुम बिन अपूर्ण है सर्वेसर्वा है जो आज तुम बिन बेपरवाह है सबकुछ जो अपने को मानते है तुम बिन... Hindi · लेख 1 60 Share Jitendra kumar nagarwal 8 Mar 2025 · 1 min read मेरी हमसफर रूहानियत के इस सफर में हम तुम्हें अपना बना लेंगे साथ न सही सानिध्य तुम्हारा पा लेंगे संस्कार नहीं मेरे तुम जैसे टूटे फूटे गुणों से तुम्हें मना लेंगे मंजिल... Hindi · कविता 48 Share